00:00दिपावली की रोष्मी के साथ ही जब देश अगर के लक्षवी अराधना का उत्सव चरम पर होता है उसी छन देवगर की धरती पर शरधा और शक्ति का संगम काली पूजा के रूप में प्रकट होता है
00:10बंगरा पंचांग और तांत्रिक विधी के साथ देवगर में काली पूजा मनाई जाती है देवगर के बंगाली समाज में काली पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि पुरवजों की आस्था मात्र सक्ति की अराधना और सांस्कृतिक अस्मिता का उत्सव है
00:40होते रहेगा पूजा और वेस्ता पूजा होता है यहां वली पूजार में काश भी गलाधन पत्तर पूजा मिन लेकिन जो जो बशें अपना कच्छा चला रहे हैं
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