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Mission Bhagavad Gita Day 46 | Arjuna’s Surrender | Chapter 1, Shloka 46 | Hare Krishna Bhakti Vibes

Hare Krishna 🙏
"Mission Bhagavad Gita श्लोक दिवस 46 – अध्याय 1, श्लोक 46"
इस श्लोक में अर्जुन अपने करुणा और मोह के चरम पर पहुँच चुके हैं।
वह कहता है — यदि कौरव योद्धा शस्त्र लेकर मुझे निहत्थे मार भी डालें,
तो भी वह मेरे लिए अधिक कल्याणकारी होगा।

यह श्लोक हमें सिखाता है कि जब मन मोह और द्वंद्व में फँस जाता है,
तब हमें कृष्ण की शरण लेनी चाहिए।
यहीं से प्रारंभ होती है श्रीकृष्ण की अमर गीता — कर्म, भक्ति और ज्ञान का मार्गदर्शन।

रोज़ एक श्लोक, रोज़ आत्मोन्नति ✨
जुड़िए Hare Krishna Bhakti Vibes के साथ –
जहाँ हर दिन गीता हमारा जीवन बदलती है।

जय श्रीकृष्ण 🙏 जय धर्म की विजय!

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Transcript
00:00हरे कृष्ण दोस्तों, मेरा एक ही लक्ष्य है श्रीमत भगवद गीता के साथ सो श्लोकों को हर दिल तक पहुचाना अगर यह ज्यान आपको छू जाएं तो इसे साजा कीजिए और जुडिए मेरे साथ इस मिशन में
00:13मिशन भागवद गीता श्लोक दिवस 46, अध्याय एक श्लोक 46, यद्यप्य में प्रतिकार्म शस्त्र शस्त्र पानय, धार्तराष्ट्रा रणे हन्युस्तन में क्षिम्तर भवेत, भावार्त, यदि कौरव योध्धा, हाथों में शस्त्र लिये हुए मुझ निहत्थे को यु
00:43अपने बंधुबांधवों को मारने की कलपना से वह इतना व्याकुल था, कि निहत्थे मारे जाने को भी अधिक शुभ मान रहा था
00:52अब यहीं से शुरू होती है श्री कृष्ण की गीता, कर्म, भक्ती और ज्यान का अध्धुत उपदेश और रोज एक शलोक समझने के लिए जुड़े
01:01हरे कृष्णा भक्ती वाइब्स के साथ
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