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Malika defies all odds for love, walking away from comfort, tradition and the safety of the family. But what she found wasn’t the fairytale she imagined. With Raza, stability turns into restraint as her spirit begins to fade. Pamaal is a story of love, loss, and rediscovery, where the end of one journey becomes the beginning of another.

#pakistanidrama, #viraldrama,#DRAMA2025, #global drama

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Transcript
00:00ओ हर जाही तामन में क्यों आगे लगाई मधानिया
00:11शादी के बाद आरत के लिए उसके सारे काइनात उसका शोहर ही बन जाता है
00:27अब पता है शादी के शुरु शुरु के दिनों में शोहर के मूझ से निकली हुए एक एक बात असरतर जैसे आसमान से कोई फर्मान उतरा है
00:35लेकिन शादे के कुछ हरसे के बाद वही बाते वही फर्मान खुशियों मेरे रुकावत पढ़ने लगते हैं
00:47क्या कर रही है मलका बेटा
00:51अमी मैं अपनी सारी किताबें और डायरीज लेके जा रही हूँ
00:55कल मैं इतना दिल चाहा था लिखने को और को डायरी नहीं थी मेरे पास
00:59पेता अब ये लिखना विखना छोड़ो शादी हो गई है तुम्हारी अपनी शादी शुदा जिंदगी पर तबज़त हो
01:05वो तुम्हें दे रही हूं मैं और रजा को मेरा लिखना अच्छा लगता है
01:12और जबता हुने मेरी कहानिया बहुत पसंद ले
01:15अब मुझे नहीं लगता कि वो मुझे कभी लिखने से मना करेंगे
01:19जाते वे मुझे याद करवा देना तुम्हारे अबबा की घड़ी मिकाली थी
01:24पॉलिश और सर्विस करवा दिया
01:26क्यों?
01:28ये रजा को दूंगी
01:29हाँ वैसे है तो वो बड़े संभालो
01:33तुम्हें तो संभाल के रखा वा ना?
01:37ऐसा वैसा
01:38मैं आपको बता नहीं सकती हूँ कि मेरे मामने में कितने पुझेसे वे है
01:43क्यों?
01:46तस ऐसे ही है
01:47उनका बस चाहिए तो साथ पर्दों में छुपा कर रखी है मुझे
01:50और तुम्हें उनकी यादत अच्छी लग रही है
01:55हाँ
01:56मुझे त अच्छा लगता है उनका मेरा ख्याल लखना
01:59देखो मलका बिटा
02:05मर्ट के इस रविये से औरत बहुत जल्दी बेजार हो जाती है
02:11अम ही मैं नहीं होंगी
02:13मैं तो इस प्यार को तरसी हुई थी
02:16अल्ला करे ऐसे ही हो
02:19मेरी तो दुआ है कि तुम हमेशा खुश और मुतमेन रहु
02:24हामेन
02:25डरे ने
02:37डरना कैसा
02:39जो होना ता हो तो हो गया
02:41क्या हो गया
02:43कुछ ने
02:44तुम बताओ
02:46कैसी गुज़री है तुम्हारी और अज़ा भाई की
02:49मेरी और अज़ा की
02:50बहुत अच्छी
02:52बहुत प्यार करते हूं मत से
02:54मेरे इतना खयाल लगते हैं किसी चीज की कमी महसूस नहीं होने देते हैं
02:58लिख रही हैं या भी भी
03:01लिखना चोड़ दिया
03:02क्यों छोड़ना है लिखना रसा को तो मेरी लिखाई इतनी पसंद है तारीफ करते हैं मेरी लिखाई की
03:07तुर्फ लिखाई की तारीफ करते हैं तुम्हारी भी
03:10यह क्या बात है मेरी भी करते है
03:13तुम्हें आदे मेरा दोस्त उसके पास हम गये तो तुम्हारी कहानी लेकर
03:20यह से हमें बेट करायेगा, किसे भूल सकती हो से मैं?
03:23क्या हो से?
03:24अब वो हमें बेट न weeks करायेगा, तुम्हारी कहानी पक्का छापेगा
03:27सची ?
03:29तो मुझे अपनी कहानी देदे ना मुझे देदुआ
03:31मैं लियाओंगी
03:33नहीं
03:34मैं पहले रजा से पूछूँगी तो फिर
03:40ठीक अबर
03:42पूछ लेगे रजा भाई सा
03:45कोई बात है अन्नी
03:59नहीं कोई बात नहीं
04:03हम
04:04तो खुछ रहा करो
04:06पहले जैसे अन्नी बन जाओ
04:09वो अन्नी जो मझे तंग करता था
04:11हसी बजाग करता था
04:13तो कोई बैसा नहीं
04:14बक्त
04:18गुजर चुका है वो
04:20आप बैसा नहीं राओ
04:22हाँ यह सचे गुज़ावा वद कभी वापिस से यहाता लेकिन
04:28जो वक्त हमारे पास है हम उसे तो खुशियों से भर सकते हैं ना
04:33अनी दुनिया पहली बहुत दुखी है
04:39दिखती भी अच्छो और बोलती भी अच्छो
04:48पूरी कोशिश करने मा खुश नहीं
04:51पका
04:54एक दोस्की खादे उत्ता तो कर सकते हैं
04:59तेंक यू
05:02अलिकम
05:04उसकी आँखें जब मुझे देखती हैं तो मुझे लगता है कि मैं किसी महफूज हिसार में हूँ
05:26मुझे अपना आप महफूज लगने लगता है
05:30मैं चाहती हूँ मैं उनकी तमाम खुआशों को अपनी गरिफ्ट में कर लो
05:36क्या तम वाकई चाहते हो कि मेरी सारी खुआशों को अपनी खुआशे बना लो
05:47आप पचाशा अपनी खुआशे बता है
05:51मैं उनकी पूरा करोगी
05:53सोच लो
05:54मेरी खुआशों की लिस्ट बहुत लंबी हो सकती है
05:58इस राट से भी ज़्यादर लंबी है क्या
06:03मैं चाहता हूँ के तुम सुनो तु सिर्फ मुझे
06:14बोलो तु सिर्फ मेरा जिक्र
06:18तुम देखो तु सिर्फ मुझे सोचो तु सिर्फ मुझे
06:24जानो तु सिर्फ मुझे
06:26तुमारा कल्म लिखे मेरी कहानी
06:31मेरा नाम
06:33मेरा जिकर
06:34मुझे लोगों की कहानिया लिखना पसंद है
06:46मुझे से ज़्यादा पसंद है
06:50तो बस
06:56तुम मुझे अपनी कहानिया में रुखिए
06:59तुम्हारी कहानि में हर जगा में नजर आना चाहिए
07:22हीरो नड़की के साथ रात के पहर छट पर बैठा है
07:25उसे वक्त हीरो नड़की से कहता है
07:28तुम मेरे लिए क्या कर सकती हो
07:31लड़की कहती है वो जो तुम सोच भी नहीं सकते
07:35हीरो कहता है अच्छा
07:38मेरे खायल में ये दिन का वक्त है सूरज निकल रहा है
07:42लड़की कहती है बेकुल दिन की राश्णी में हम दोनों बैठे
07:47हीरो चांद की तरफ इशारा करके कहता है वो सूरज है
07:52लड़की कहती है हाँ ये सूरज है मेरे महभूप का बनाया हुआ सूरज
07:58क्या ये क्या है ये कहानी है और क्या है ये कहानी तो नहीं है वो तो उसे अपना गुलाम बना रहा है
08:10महभबत में कोई किसी को गुलाम नहीं बनाता नहीं महभबत में तो बस महभूप से अकीदत होती है
08:17इसलिए महभूब का हुक्म हुक्मे आखिर समझा जाता है
08:21क्या समझाए
08:23यह क्या बकवास महभबत है
08:25मैं तो कभी ना करूँ ऐसी महभबत
08:27हुक्मे आखिर
08:30बलके अगर मेरी बीवी दिन को रात बोलेगी
08:36तो मैं तो उसको बताओंगा कि दिन है
08:38तो में महभबत नहीं हुए ना
08:42जब कोई तुम्हारा महभूब होगा
08:45तो मैं फिर तुम से पूछूंगी
08:46फिर पताचलेगा
08:49तुम्हारा हुक्म
08:52तुम्हे हो खेश
09:04चाहुद
09:04आप ने कशोनूट किया
09:07क्या नोट किया
09:10शादी के बाद रजा में काफी चेंजिजिस आ गए
09:13आँ तो अच्छा है ना क्यूं तुम खुश नहीं हो गया
09:17ये तुम बहुत खुश
09:18अगर मुझे पता होता ना कि शादी के बाद रजा ने इतना बदल जाना है
09:22तो बहुत पहले ही शादी करा देती है
09:24पर भी ठीट तो हो शुरू से था बस
09:29वो अपनी चीजों को ले कर इतना पुझेसर हो जाता है
09:32वागर रहा भी तो इतने साल अकेला है
09:36हाँ
09:39मैं भी यही सोच के चुप हो जाती थी
09:42कभी कभी मुझे लगता है कि उसको बोर्डिंग स्कूल लहीं भेजना चाहिए था
09:47लेकिन आपने उसके बाले के लिए भीजा था था ना
09:53हाँ भीजा तो था अब बामा की देट करवा मुझे लगा कि वो बोर्डिंग स्कूल में सही रहे गा
10:00कि अपनी चीज़ों को लेकर इतना पॉसेसिव हो जाता है मुझे तो डर सा लगता है
10:05इसकी चीज़ों की वज़ाए से मलाजिम तो क्या मैं उसके कमरे में जाती था
10:09ने ने वो देखना काफी उसके अंद बाजिटिव चेंज आएगा खुश होगा
10:30कितने सोहने सोहने सपने मन ही मन में लेके अपने
10:51तिरे संग चल दी मैं सोची इक पल न मैं दिल तरह हो गया सोनाई
11:21मैं तो सुबह से उठके हूँ आपकी सारी शेट्स प्रेस कर दी मैंने शूज भी पॉलिश कर दी हैं और आपकी किसी भी चीज़ को मैंने किसी को हाथ नहीं लगाने दिया
11:34सारे काम खुद की हैं
11:37किसी बाते कर रहे हैं लेकियो आप से दूर चाहले लगी
11:49चले हैश्टा तायार है और किस रेशनाद हो जाए
11:55कर कुछ चाहिए है हूँ आजाएगा
12:07गेती चाय बन गई जी जी भाबी बस ते यार है डाल रही हूँ
12:12मलका से बात हुई कैसी हो जी बात हुई हला कर शुकर है बता रही थी बहुत खुश है
12:19अच्छा भाबी एक बात करनी थी आप से
12:25मलका ने बात की थी मुझसे
12:29वो बात मेरे दमाग में फसके रह गई है
12:32लाग कोशिश के बावजूद ने निकाल पा रही
12:35वो तो मैं जानती हूँ
12:37कोई बात ना भी हो तो तुम बढ़ा लेती हो
12:40अपनी इल करके गोड़े दोड़ा के
12:41अब ये बताओ कि बात क्या है
12:43बस बात ही कुछ ऐसी है
12:46मुलका कह रही थी
12:49हसा है तो बह fundament अच्छे
12:51लेकिन बहुत पुझी से में इसके मामने में
12:56और ये बात उसे अच्छी भी लगती है
12:58तो इसमें परिशानी की क्या पहसी है
13:01परिशानी की तो बात है भावी
13:03आप तो जानती हैं
13:06मुहबबत में
13:07शदीद मल्कियत का एसास
13:09शरू शरू में तो बाद अच्छा लगता है
13:12लेकिन आगे चलके
13:14घुटन होने लगती है
13:15तो तुम कह रही हो कि उसे अच्छा लगता है
13:18तो फिर
13:18मैं भी तो अच्छा लग रहा है
13:22लेकिन आपी चलके घुटन होने लगी
13:25तब हम क्या करेंगे
13:26कुछ नहीं होता
13:28अच्छा भी चाय के साथ ना
13:30बिस्के पिले हैं तुमारे भाई का दिल कर रहा है
13:34जी जी बिस्केट मैंने रखी हैं टेबल
13:52मेरी कहानियो में कई करदार आए और चले गए
13:56वगर मेरी जंदगी में आने वाला करदार चाहता है
13:59कि मैं सिर्फ उस पर लिखो
14:01सोचो तो उसको
14:04मैं बूलो तो उसका जिखर
14:07मैं सुनो तो सुर्फ उसकी बाते
14:12मैं अपने लिखने का दाइरा सर्व उसके गिर्द खींच लो
14:16क्योंकि ये उसको अच्छा लगता है
14:19और उससे ज़्यादा मुझे अच्छा लग रहा है
14:26मुझे कहानिया लिखना बहुत पसंगा है
14:31बल्के था
14:33क्योंकि आज से मैं अपनी सोच का
14:37अपनी कहानियों का दाइरा रजा के जिन्दगी के गिद खीचने जा रहे है
14:42जहां बात होगी तो सिर्फ रजा की
14:46जहां सोच होगी तो सिर्फ रजा की
14:49आज से ये कल्म रजा का गुलाम है
14:53वो मेरी कहाने की अब्तदा
14:56और वो ही मेरी कहानी का आखिर होगा
15:07साम अधो बाभी बाले को सालाम कहीं जारे है हाँ शोपिग पर तुम बिस्यों मैं कुछ भी नहीं कर रही है चल ला मेरे साथ को कौन का क्यों पूछ जो कर रहा हुछ रहा है और वैसे भी हम रजा के आने से पहले आज़े शेलें पब पूछ लेती है तो अच्छा पर तो
15:37बाबी ये शर्ट कैसी है अच्छी है अगे किसके लिए ले रही हो रजाट ये ले और किसके लिए है ले जाओ लेकिन वो पहने का नहीं वो क्यों उसकी शुरू से आदित
16:05वो अपनी हर चीज़ खुद पसंद करता है उसको देख लो मुझे लगता है मैं लोंगी तो ज़रूर पहनेंगे देख लीजेगा कोशिश करके बैखें
16:35हर लड़की जब अपने जोबन को पहुंचती है तो उसके कुछ हर्मान होते हैं कुछ खाब होते हैं
16:53कुछ अपकी एहमियत का एहसास होता है फिर एक अजनभी अभी अभी नया नया उसके जिंदगी में शोहर के रुत्वे पर फायज हुआ हो आके उसके आर्मानों को तोड़ दे तो पहें दिल पे क्या गुज़रती है यह सिर्प दिली जालता है
17:16मेरी जिंदगी का एक इम्तिहान था उन्हें टूटे वे अर्मानों को समेटना उन्हें जोडना और
17:31वो मुझे खुद अकेले ही करना था
17:37वहां मल्का आते जादो करते है रिजा पर पहले देर से आता था जल्दी आने लिए
17:50चला
17:52मल्का
17:56अरे रिजा आज जल्दी आगए
18:01कहां दे तो
18:02मैं लेके गई थी
18:04आपको किस ने कहा कि मेरी बीवी को मेरी इजाज़त के बगार घर के बार लेके जाएं
18:08हां
18:09ठीक है
18:11आइंदा से नहीं लेके जाओंगी तुम्हारी बीवी को तुम्हारी इजाज़त के बगार
18:15घर बठाके रखो डेकोरेशन पीस बनाके
18:18हाँ रखोंगा डेकुरेशन पीस बना के किसी की मश्वर हैं नहीं चाहिए मुझे
18:22है साब
18:23क्या हुआ
18:25क्यों गई मेरी इजाज़ के बगार गर के बार
18:27बच्ची ओ समझ नहीं आती
18:29कितनी कॉलें की तुम्हें
18:31बाबी नो अच से पूछा तुम्हें ने का
18:33ठीक है वो फोन उपर रही है
18:39शादी की दूसरी है गलती
18:45खैर दूसरी है गलती भी माफ़ तुम्हें
18:52स्वार्ण
18:53मैं परिशान हो गया था यार
19:04मैं तर गया था कि एक नहीं जगा है
19:08तुम कहीं खोना जाओ
19:09अगर कहीं खो जाओंगी
19:13तो आप मुझे ढूनी भाएंगे
19:16मैं तुम्हें खोना दूंगा ही नहीं
19:19आप शाकम सा तो अतनों गुस्से वाली नहीं लगते है
19:29अज मैं आपका गुस्सा देखे डेवी यहीं
19:32मामी ने गलती कि और और अब उस्साग है सांप्स्राइब
19:39और अगर मैंने गलती कि होती तो
19:43तुम ने भे तो गलती किए
19:47मॉबाइल ना ले जाके
19:51जल्दी में निकल के ना उनने यहां बार पूछा मुझे
19:54में भूल के मुझे पाए ना
19:56आइंदा मत करना प्रीज
19:58तुमसे दूरी मुझे कमजोर कर देती
20:01मेहम होता है डर जातो
20:08इतने बाद हो रहां
20:12क्यों डर जाते हैं
20:15इंगती चीज़ों पर अक्सर तौर कर लोगों की नजर होते हैं
20:19कम मेरा सबसे केंथी असास आओ
20:22हर आप मेरी सबसे खेंग थी
20:34सुनें
20:36भाबे नाराज होगी है
20:38अले उन्हें अच्छा नहीं लगता
20:40काम के बात
20:42क्या मतलब ऑफिस वापस जा रहे हैं
20:44मैर ऑफिस टाइम में निकला फाफिस आप पर जाओंगा
20:47क्या
20:49अच्छा मलेका यालिया नहीं जाता
20:54हम कही बाहर जलते हैं और वापसी पर तुमारी अमी से में लिए
20:57पत्का
20:59परे भावी को मेना लूँ
21:02मैं कपड़ बदल दते
21:04अच्छा सुनें
21:05पर आपके लिए कुछ लाईए
21:07इसमें आपकी शर्ट है
21:09बेख ले ना
21:10और ये बैगों पर अखे में भावी से लिए थे
21:13मैं ये पहला पाँ
21:14ओके है
21:22बाजी
21:25सल्मा मुझे कुछ नहीं चाहिए जाओ यहां से
21:30जाओ
21:32जी
21:45मलिका
21:46तुम जाओ यहां से सब मेरा बहुत बुड़ा ख़र है
21:49भवी
21:51मैं रजा के तरफ से आप से सौरी करने आई हो
21:54उन्हें आप से ऐसे बात नहीं करने चाहिए थी
21:56कोई ज़रूरत नहीं इसकी तरफ से सौरी करने की
21:58वो शूरू से ही ऐसा है
22:00भवी वो सच में बहुत शर्मिंदा है
22:02मुझे खुद नहीं आपके पास
22:04मुझे शर्मिंदा नहीं होता मलका
22:08मैं उसे तुमसे बहुत पहले से जानती है
22:10उसे लगता है कि सिर्फ वो ही ठीक है हम गलत है
22:13ऐसा नहीं होता
22:15इस सफ़ आप मेरी वज़ा से माफ करते हैं
22:23पता गलती मेरी थी
22:25मुझे मोबाइल साथ लेकर जाना चाहिए था
22:27अगर इसी तरह हर काम में अपनी खलती मानती रहोगे मलका
22:35तो सिंदगी बहुत मिश्कल हो जाएगे
22:38इस सफ़ मेरी वज़ा से माफ करते हैं
22:50प्लीज जाने देख
22:56ठीक है
23:00थीक है
23:02थैक्यू
23:03थैक्यू सोच
23:05नेकिम तुम उसकी बीडी हो
23:07उसे संचाओ
23:09इस तरह सिंदी नहीं कुजरती
23:13जी
23:14ट्यारो के आप?
23:27एंँ
23:27आप ने मेरी वाली शर्ट नहीं पहने?
23:32I didn't like the fit
23:33आज के बाद जब मेरी शर्ट लेने जाओ या कुछ भी इसे पूछे नो
23:39जाओ
23:42ट्यारो
23:44है
23:45एंँ
23:45पहनो होगी?
24:02हाँ अमी ने दिया था अबिदक नी पहना सूच्छे वाज पहल ने तियो
24:05तो तो रही नाइस
24:07और उस और कोई कपने लिए?
24:11फिलाल तो ये मने हैंग किया में बाग क्यो बन
24:13अम्हाँ
24:14अम्हाँ
24:15अम्हाँ
24:16अश्री
24:17कोमने शादी कप्ड क्यों ये पहलती?
24:19शादी वेरा सूट
24:21या
24:22हम उजा करे
24:23अम्हाँ
24:24लेकर ये वो तुमसे नाद कप्सुरूद लेक्ट ने
24:27और कोई कप्रेनी है तो मैंने बाग क्यों ये तो मैंने बाग क्यों
24:30अम्हाँ
25:00और अंटी कैसे हैं?
25:02नहीं बिलकुल थीक.
25:03आपकी बेटी का बाहर गूमने का मूड था,
25:05तो मैंने सोचा आपसे हैं याप.
25:06असलाम अलेकूम ब्रदभाई, कैसे हैं आप?
25:11अज कही बहार जाने का प्रोग्राम तर नहीं है रहार?
25:13नहीं नहीं याज आपकी नहीं साथ.
25:14ऐसे अनी?
25:15अनी वैसा गाव ऐसे ये, जैसा थाथ तम बतावा याद नहीं करती मुझे.
25:20तो नहीं वह इसकावब तुम्हें याद किया रहा है?
25:21हम भी शुकर्विया सास लेते हैं कि साथ चड़ी गई याँ से वैसे.
25:24मुझे शुबिना, और अंकल कैसे हैं आप?
25:27वस्याप मेरे साथ तो एक अजीव लतीफ पर वाएज.
25:54वादी वादी देखने हैं वादी देखने हैं वादी दो मही गूम हो गया है.
26:11खेले तो है, आज बड़े खुश हो तुम.
26:18आप तो तुमने का अदा खुश होने के लिया?
26:23व्याद नहीं तुमने का था पहले जैसे हो जाओ जैसा मैं खुश होता था, तो मैं खुश हूँ. ठीक ही लग रहा है?
26:30अच्छा है? ऐसी रहना. खुश है अच्छी लगती है तुम्हें चेरे पर.
26:37फिर क्या हुआ? बच गया वो? फिर तो तरबूद ऐसा लाल हो गया. तुम होती नहीं वहाँ पर. तो बहुत मज़ा आता. बहुत मिश्किया तुम्हें.
26:47बहुत चा रहेगा मूसूद क्या था.
27:13मलेका, उस दिन तुमने मुझसे एक बात की थी. कुन सी बात? कुहीं. कि रजाबात पुजेसे रहा तुमारे मामने में. हाँ. वो तो है.
27:27वो मुझे अपना कीमती असासा समझते है. अब वो कहते हैं कि दुनिया के कीमती चीज़ों पर रज़र होती है.
27:37कीमती चीज़ें तो पर छुपा कर रखने बढ़ती है. हाँ. तो वो मुझे छुपा कर रखना चाहते है. लेकिन बेटा, मर्द की यह आदत बाद में और ओरत को कहर लगने लगती है.
27:49शोहर का प्रोटेक्ट करना कैद कब से हो गया हमी? मुझे नहीं लगता. शुरू शुरू में ओरत यही कहती है. बाद में.
28:01मुझे तो तुमने जब से बताया, मैं परिशान हो गया हूँ. एक डरसा दिल में बैट कया है. जानती हो, जब मर्द दुनिया से डरने लगता है, तो अपनी ही औरत को कहदी बना लेता है.
28:17ऐसा कुछ नहीं है. आप परिशान नहीं हो. खयाल रख रही है अपना? लेकित नुम्हारे बगएर बहुत उतास हो जाती हूँ. आती तो हूँ मैं हर दूसरे दिन. खुश रहूँ.
28:36मलिका को बुला देंगे अंकल? इतनी जल्दी क्या बेटा? खाना खाकी जाना? देर ओरी है, फिर कभी.
29:06मैं रजाच जाना दूसरे नहीं है तो है रजा अन्य और मैं बच्पन से दोस्ते हैं. अच्छा, अन्य और मैं बच्पन खतम नहीं होगा. आप शक करें मुझ के? शक नहीं गिला कर रहू. जिस भाहा तुम उसके साथ थी, मुझे लगा मुझे बून भी यह. रजा? बदर
29:36मर्द जब दुनिया वालों से डरने लगे तो आरत को कैदी बना लेता है
29:45हमी शायद इसी फीलिंग की बात करी थी
29:51यह जो टूट फूट है
29:55यह जो कटैरे में खड़े होने की नौबत आ गई है यह तो
30:00यह तो मेरे करदार पर खीचड है
30:06रजा आप मेरे करदार पर शुक करें और यह बात मुझे बिल्कूल पसंद नहीं है
30:21दोवाजा खोले
30:22मुझे अच्छा नहीं लगता जब कोई मेरे केरीक्टर पर उ�ть लिए उड़ा दो रजा दोवाजा खोले
30:30दोवाजा खोले दोब
30:31मा दिमाग तो नहीं खराब हो गया?
30:33हाँ, होगया खराब
30:34आपके हिमक कैसे हुई है?
30:36मेरे करदार पंगले उठाने की?
30:38पंगले नहीं उठारा
30:39तुम्हें एक बात की ती
30:40जोके मैं समझ नहीं आई
30:40क्या करूँ मैं?
30:42तुम्हारा मिया हूँ, तुम्हारा शौर हूँ, अगर कोई चीज पसंद नी आगी तो रोकूँगा ना?
30:47हाँ तु शौरा खुद जो मर्जी करता फिरे
30:48एको, मैं जोग करूँगा, तुम्हारी भलाई के लिए करूँगा
30:52अगर कोई चीज पसंद नहीं आगे तो तो मैं रोकूंगा
30:54तो मैंने क्या किये?
30:55अन्नी से सब्सक्राइब मिली हुँ ना?
30:57क्या लगता है आपको?
30:59कि मैं अपने शौहर को इग्णोर करके
31:00बात दूसरे लड़कों के साथ नेन मताका करते भी रही है
31:02अगर बीवी को हद में रखने का मतलब यह के शौहर शक कर रहा है तो कल आए
31:13जब बीवी गलती करे और उसे एहसास हो जाए कि उसने गलती की है तो वो माफी मांग लेती है
31:26लेकिन अगर शौहर गलती करे तो वो उल्टा बीवी को कसूरवा ठहराता है और एहसान जिताता है कि उसने इससे माफ किया
31:36मुझे आज तक अभी किसी ने इहसा नहीं कहा था मेरी माने नहीं मुझे कभी कहा क्योंकि मैंने मौकर नहीं दिया
31:43मेरा शौहर रजा उसको मेरा अनी से बात कहना पसंद नहीं था
31:50रजा ने उसी मेरे करदार पर सवाल उठा के अपने करदार को में नजरों में मश्कुक बना दिया था
31:56मैं जिसे अपनी मर्जी रजा की मर्जी के साथ बान दी थी उसी रजा ने इतनी बड़ी बात कर दी
32:05और मेरे घरवाले कितने मासूम हैं और मैं कितनी मौत अबर्त ही उनके लिए
32:14क्या मसला है चालो कमरे में चले मालिका लेक्स को
32:21आज के बाद हमारे कमरे की कोई भी बात कमरे से बाहर नहीं आएगी
32:27रजा अब बार बार मेरे किरदायर पे सवाल उठा रहे हैं
32:32सवाल जब बनते हैं तो उटते भी हैं
32:51तो लगता इस वजर के बाद तुम सो ही नहीं हो
33:06बस भाईजा नींद नहीं आ रही थी
33:10खेरियत तबियत तो ठीक है
33:12बस ऐसे ही
33:15कल मुझे तो बहुत अच्छा लगा नेसर मलिकों के फिर से वैसे देखकर
33:20जी
33:22देखा मैंने
33:24मेरी तो दुआ है हमारे बचे ऐसी हसते मुस्कुराते
33:28कुछ और आपाद रहे हैं
33:31आमीन
33:31भाईजान
33:32कोई काम है
33:34वो आप जाते वे रजा को फोन कर देंगे
33:38उसे कहीं कि मलिका को छोड़ जाए
33:41देखो
33:44रोज रोज फोन करके उसे बुदाना ठीक नहीं रखता
33:48मैंने इसे कहता हूँ और तुमें छोड़ाएगा
33:50हाँ ये ठीक रहेगा
33:53ठीक है वो उटता है तो मैंसे कहता है तुम इसके नहीं हो तुम इसके नहीं हो तुम इसके नहीं हो अच ठीक
34:23पाभी गाड़ी फ्री है तो मैं मीटव चली जा हूँ तुम तयार हो जी मैं बस तयार हूँ ठीक है सलीज हो लेकिन बारा बचे गाड़ी पेश देना क्योंकि उमर को स्कूल से लेना जाना है मुझे पदा है तुम अधर में स्रेप मुझे दॉप करके वापस आज रहे हैं थ
34:53जा चलें फपो बस दो मिनिट असा में कुछ फ़र नहीं है पताने किस आद मी को मैंने चुन लिया हर चीज से उसको मसला है यह ना पहनो यह ना करो यहां ना जाओ उससे ना मिलो उसको तो मेरा अनी से बात करना पसंद नहीं है शक कर रहा है वो मुझे
35:23कोई उस बेवकूफ को जाके बचाए कि उसको चुलने वाली मैं हूँ
35:26अच्छा, तुम उदर अराम से पिए वह मानी कौन शोहर ऐसे करता है
35:30मैठा मिया बीवी में ऐसे जगड़े हो जाते हैं
35:33वक्त के साथ साथ सब ठीक हो जाता है
35:34आओ शाप
35:53अच्छा
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