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  • 6 days ago
ऋषि ने बताया कि आज के दौर में लोग मानवता भूल चुके हैं. अपने माता-पिता तक को बेबस और बेसहारा छोड़कर चले जाते हैं.

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00:00वर्तमान दोर में लोग अपने माबाप की सेवा नहीं कर पा रहें, उन्हें सडकों पर लावारिस छोड़ करके चले जा रहे हैं, किसी को यदि सडक पर भी कोई बेबस दिखता है तो लोग अंदेखा करके आगे बढ़ जा रहे हैं, लेकिन इनी में से कुछ ऐसे लोग भी ह
00:30पूरी की, एक बार वो अस्किताल में अपनी मा का इलाज कराने के लिए आये थे, जहां उनकी नजर लावारिस वाट पर पड़ी, जहां लोग करा रहे थे, अपनों के इंकिजार में बैठे हुगे थे, लोगों की देवसी देख करकी, रिशी ने उनकी सेवा करने की शुर
01:00को नर्वास कराते हैं, आवशक्ता के अनुसार उन्हें रोजगार भी देते हैं, इस बारे में रिशी ने बताया कि 2018 से उनकी इस मुहीम की शुरवात हुई, जब हो अपनी मा का इलाज कराने के लिए अस्पताल में आये हुए थे, इस जोरान उन्होंने लावारिस लोगो
01:30वाट के पीछे वाला जो इससा जिसना जो लोग बेटे हैं, इसमें कुछ लोग ऐसे थे, जो रो रहे थे, करा रहे थे, उनको ब्लड ब्लड निकल लाए था, ड्रेसिंग इसी मेरी, तो ऐसे लोगों को देखें, तुमास मेंड़ा पहना जागरीत हुआ, वहें से इन लो�
02:00समू बना के सहर में ऐसे लोगी सहवा करें, जैसे मलग कभी भी जैसे समय है, सुचना है अगर मिल गई, या फिर में स्वतर सज्ञान लेके, जैसे कहीं ऐसे वक्ति सवड़क पे दिख गयें, जो पड़े हुए हैं, बहुत दिनों से हैं, उनको जाना, उनकी जानकारी लेन
02:30अच्छे कपड़े देकर, उनको एक, मतलब जिस सवस्था में एक साधारन जीवन में लाने के प्रास के लाता है, इसे एक बार एक केस हैसा आया था, उनके तीन लड़के थे, तीनों बहुती अच्छे इस्तिती में थे, और उनको लोगों ने छोड़ दिया, तो उनकी इस
03:00इसी बनास में एक लड़का हम लोग को मिला था कि इस्तिती उसकी सहीने, अभी होगा वो, कभी आप चलेंगे तो में वेट कराऊंगा, तो वो भी क्वीक मांगता था, तो वो कहा कि भई हम येसे से करते हम लोगों ने कहा कि उस और करो तुब को एक बार वजह नोजन करने
03:30अब क्या है कि खर्च की बात जो करी खर्च हम लोग कोई ऐसा बड़ा इंजियो भी ने हम लोग का ना ही कोई डोनेशन वेशन इसा बड़ा है, देख सकती समान लोग जीन लोगों से आप अभी मिली है, कोई चाय वाला हमारे संग है, तो कोई चाय पकोड़ी बेश लिए ह
04:00जैसे बिजय यादोजी है, सत्यम सिंग है, और उसके बाद एक-दो मित्रोहर है, इन लोग से जो घटा-बटा है, जैसे मुझे लगता है कि अभी दिवाली आने वाली है, कुछ इन लोग के लिए करना चाहिए, या फिर इन लोगों कुछ जैसे मतलब दवा, कपड़ा, को
04:30कि दोस्तों का कहना है कि इस कम उम्र में, जहां लोग अपनी जीवन को ठीक तरीके से समझ नहीं पाते हैं, ऐसे मरिशी लोगों की मदद कर रहे हैं, जो मानवता का सबसे बड़ा उभारण है, उनकी दोस्त बताते हैं कि ये ऐसे लोगों की द्रसिन करते हैं, जिने लोग �
05:00ये सोटा भाई की तरह अपना है, ये लगातार आता था, इसकी माता स्री भरती थी, तो उसे पहले से भी हम लोग सेवा करते थे, लेकिन इनकी माता भरती थी उसके बाद भी ये लवारिशों को देखना, जिसका कोई नहों हो, जो पर आ हुआ है, जिसका सेवा नहीं हो पा
05:30सा नम Kennethty में लवारीश वार्ड है
05:32चार नमर में उपर लवारीशुण
05:33सभी ये वाड़ों में जायें, कभी तो महला पढ़ी है, अग् Ila को उठाने वाला कोई नहीं है,
05:39As I mentioned to folks, we what they call for
05:42They keep their hands with their hands
05:43Like if someone's back doesn't they have it
05:46Then they take themselves to everyone
05:50And they dress their hands
05:52We always dress their hands
05:55And they're dressed
05:58And they dress their hands
06:00When they dress their hands
06:02They put their hands into us
06:04And we keep them
06:06foreign
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