00:00रात के एक बच कर तीन मिनट बजे, अर्जुन की आख हचानक खुली.
00:05पूरे घर में सन्नाटा था, बस पंखे की चर्चराहट सुनाई दे रही थी.
00:11तभी दर्वाजे पर खरोचने की आवाज.
00:14उसने अपने डॉगी रॉकी को आवाज लगाई पर कोई जवाब नहीं.
00:19बाहर देखा तो सिर्फ उसके कुट्टे का तूटा हुआ कॉलर पड़ा था,
00:24जिस पर खून से लिखा था, मैं तुम्हारे अंदर हूँ.
00:27पीछे मुड़ते ही उसने आइने में अपनी परचाई को मुस्कुराते देखा.
00:33आगे की कहानी नेक्स पार्ट में तो हमारे चैनल को सब्सक्राइब करना, शेर करना और लाइक करना ना भूलिएगा.