00:00ब्रम्हांड में अंगिनत रहस्य है और हर एक रहस्य है अद्भुत और विश्वस्निय और कल्पनिय
00:06नमस्कार मैं हूँ श्वेता सिंग और आप देख रहे हैं आज तक
00:09आज जो अद्भुत हम आपके सामने लेकर आए हैं वो आपको तै करना है कि एक भौगोलिक रहस्य है
00:16एक आध्यात्मिक रहस्य है एक वैग्यानिक रहस्य है या एक धार्मिक रहस्य है
00:22क्योंकि प्राचीन काल से भारत में शिव मंदरों का निर्मान कैसे इस तरीके से हो रहा है
00:29कि वो एक कतार में एक ही लॉंगिट्यूड पर स्थित रही
00:35इसके पीछे की सोच क्या है इसके पीछे के सूत्र क्या है
00:39आज इन सभी सवालों के जवाब अद्भुत और विश्वस्निये और कल्पनिये में
00:45उत्तर में आकाश की सीमाओं को चुनोती देता हिमाले जहां स्थित है
00:59सबसे प्राचीन तम जोतिरलिंग के दारना
01:09दक्षिन में धर्ती के गहराईयों को मापता युगों की कथा सुनाता हिंद महासागर
01:22जहां स्थित है जियोतिरलिंग रामेश्वरा
01:25इन्हें एक सूत्र में जो शक्ति बांध रही है
01:37वो है आदी अनंत के देवादी देव महादेव
01:40त्रिकाल दर्शी जगत पालक संहारक महादेव
01:46एक ऐसी पड़ताल जो आज तक कोई नहीं कर पाया एक ऐसा चमतकार जो आज तक आपके सामने नहीं आया दुनिया का सबसे आलोकिक रहस्से प्रित्वी का सबसे प्राचीन चमतकार आज हम दिखाएंगे उत्तर से देवादेव
01:47जाया नामा एक ऐसी पड़ताल जो आज तक कोई नहीं कर पाया एक ऐसा चमतकार जो आज तक आपके सामने नहीं आया
02:07दुनिया का सबसे आलोकिक रहस्से प्रित्वी का सबसे प्राचीन चमतकार आज हम दिखाएंगे उत्तर से दक्षण को बांधने वाली 2383 किलोमीटर लंबी अद्भुत शिव शक्ति रेखा वो रेखा जो आखों से ओजल है पर आपकी जेतना में बसनी चाहिए
02:29अब उसी रेखा पर आयाईटी रूड़की की अद्भुत रीसर्च में ऐसा कुछ सामने आया है कि एक ही लॉंगिट्यूड पर बने शिव मंदिरों को भारत के विकास मॉडल का लाइट हाउस माना जा रहा है
02:46आज हम आपको बताएंगे इस शोध का अद्भुत और विश्वस्निय अपक्ष आज हम दिखाएंगे आकाश और पाताल को एक करने वाले दो जोतेर लिंगों के बीचों बीच प्राण तत्व जल अगनी वायू प्रित्वी आकाश का प्रतिनिधित्व करने वाले पाथ श
03:16इसी कि द्वरा स्थापित शुविलिंग है कोई स्वयम्भू है कोई बान लिंग है कोई नर्वदेश्वर लिंग है इस प्रकार से अन्यान स्वीलिंग जो है वो भारत में बरस में प्रतिष्ठीत है
03:28हम आज ये खोज करेंगे कि हजार साल के अंतराल में अलग-अलग काल खंड में अलग-अलग लोगों द्वारा स्थापित ये सातों शिव मंदिर एक ही सीधी रेखा में कैसे बन सके
03:44हजारों साल पहले जब साटिलाइट नहीं थे, स्पेस टेक्नॉलजी नहीं थी, स्पेस स्टेशन नहीं थे, देशांतर रेखाओं का कोई स्वरूप नहीं था, फिर कैसे तै हुआ कि सभी मंदिर एक सीध में बनेंगे, फिर ये भी कैसे और किसने तै किया कि हर शिव मंदिर �
04:14ये देखा जाता था कि सूर्य और चंद्रमा का संयुक्त प्रभाव किस बिंदु पर जादा बेहतर तरीके से पड़ रहा है और कहां पर सूर्य चंद्रमा के प्रभाव से जादा फाइदा हो सकता है इसलिए उस गती के आधार पर और उस इस्थिती के आधार पर भारत वर्�
04:44यह महादेव की किसी शक्ती का अविश्वस्निय विस्तार है या यह है महादेव पर विश्वास से जुड़ा कोई ऐसा अकल्पनिय सच जिसे आज तक कभी कोई खोज नहीं पाया
04:57श्री महाकालेश्वर मंदर उज्जैन में इसकी महिमा प्राचीन काल से चलिया रही है
05:05यहाँ पर महाकाल में काल के अर्थ को भी समझना बहुत आवश्चक हो जाता है
05:10शिवजी के जिस रूप की आराधना यहाँ पर की जाती है और उज्जैन की जो महत्ता है
05:16वो बहुत ही अद्वित आस्था श्रद्धा और भक्ति भाव के अलावा महाकाल एक ऐसे रहस्य की ओर भी हजारों वर्षों से संकेत दे रहे हैं
05:27जो हर काल में हर किसी के लिए अद्वुत और विश्वस्निय और कल्पनिय बना रहा है
05:32और आज भी एक अबूज पहिली एक बार फिर इस सीधी रेखा को देखिए
05:44जिस पर आश्चर ये जनक रूप से दो जोतिरलिंग के बीच पाच शिव मंदर स्थापित हैं
05:51और सातों शिव मंदर 89 डिगरी इस्ट लॉंगिट्यूड यानि देशांतरपन
05:56IIT Roorki और Amrita Vishwa Vidyapeet के साथ
06:03Sweden की उनिवर्सिटी ने सत्तर अक्षांश पर शिव मंदरों की पड़ताल की
06:08और गहन रीसर्च के बाद जो रिपोर्ट दाखिल की वो अद्भूत है
06:12This study we published in Humanities and Social Sciences Communication
06:18It's a Nature Portfolio Journal
06:20The study region that we selected is a stretch
06:25which starts from the Kedarnar and runs over till south Rameshwaram
06:31And mainly we wanted to see our analysis in align with how much this study area contributes
06:38for the water availability, renewable energy potential and agricultural yield
06:41Our findings suggested that the ancient Shiva temple selected is having
06:47they have the key awareness of the environmental concerns
06:55भारत की आध्यात्मिक चेत्ना में शिव और शक्ति को जोड़ कर देखा जाता है
06:59यानि शिव और शक्ति एक है जो उन्हें सर्वशक्तिमान बनाता है
07:04वैज्यानिक आधार में भी जो शक्ति यानि उर्जा का सन्रक्षन और नियंत्रन कर सकता है
07:13उसे ही शक्तिशाली समझा जाता है
07:15शक्ति के दो ब्रमुख रूप है अन और उर्जा
07:19IIT रूडगी की रिसर्च ने भी शिव मंदिरों के माध्यम से शक्ति के इसी रूप की पुष्टी की है
07:25भारत के नक्षे पर ये संक्री पट्टी जो दिख रही है
07:29इसे शिव शक्ति अक्ष रेखा यानि SSAR कहा जाता है
07:33ये वो क्षेत्र है जो भारत भूमी का साड़े अठारा प्रतिशत हिस्सा है
07:38रिसर्च का दावा है कि इतने से हिस्से के अंदर
07:41चावालीस मिलियन टन चावल और 697 गीगाबाइट उर्जा उत्पादन की क्षमता है
07:48कि मंदिर सिलेट वहा इसके पाद इसके आसपास की जो भी जगा है उसको चेक कहिए गया वर इसमन जिसाछा में उसको
07:58SSR में टीया गया है वे तिया़ क्या गया में ब्लट के बोध साइड में से मुह 본 के और दो ब्लट तैयार किआ गया
08:06करने के लिए कि पोटेंशियल किपना ज्यादा है कमर ज्यादा है तो हम लोग यह मिला कि SSR में ज्यादा पोटेंशियल है in term of water, energy and food
08:16अत्यादुलिक उपकरणों से इन स्थानों पर ग्यहन रीसर्च की गई और इस निश्कर्च पर पहुंचे कि अब तक जो शिव संगहारक समझे जाते थे उनके मंदर अन्न के सबसे बड़े फ्रोथ हैं साथ ही शिव मंदर अक्षय उर्जा के भी अग्धुत भंडार है
08:34So this study gives a tremendous a powerful reminder that India's heritage not only has a cultural depth but also it has a strategic environmental insights
08:45अक्षरेखा पर बना हर शिव मंदर एक विशेश वैग्यानिक विशेशता रखता है
08:54उत्तर में केदार नात पानी और जल वित्युत विकास के लिए श्रेश्त स्थान है
08:59तो दक्षण में शिव मंदर सोलर और विंड एनजी के लिए सर्वश्रेश्ट गुण रखते है
09:05यानि अक्षरेखा पर बना हर शिव मंदर पंच तत्व, आकाश, जल, सूर्य, वायू, पृत्वी का प्रतनिधित्व करते है
09:15प्रत्वी अन्नका और बाकी उर्जा के स्त्रोथ
09:18यही तो वो अध्भुता ध्यात्मिक शिव शक्ति का संतुनन है
09:22जिसे हिंदू मान्यताओं में स्रिष्टी का संचालग माना जाता है
09:26आखिर एक ही सीधी लाइन पर क्यूं है सध्यों पुराने साथ शिव वंदर
09:33कैसे तई की गई बिना आधूनिक तक्नीक के इतनी सटी गणना शिव मंदरों के निर्माण के लिए
09:40क्या रहस्य छिपा है उन्यासी डिगरी इस्ट लॉंगिट्यूट पर हर मंदर के स्थापित होने की सोच ले
09:48निश्चित रूप से देखिए आधूनिक विज्ञान को मैं न करता नहीं हूँ
09:52आधूनिक विज्ञान का श्वागत है लेकिन अगर हम अपनी सनातनी परंपरा को देखने के लिए जाएंगे तो जिस बिग बैन थिवरी की बात आधूनिक विज्ञान करता है उसी से मिलती जुलती चुकि यह अभीन का आधा धूरा ज्यान है बिग बैन थिवरी उसी से म
10:22जहां भगवान शिव से जुड़ा कोई रहस्य न मिलता हर रहस्य का सिरा किसी न किसी वैज्यानिक कारण से न जुड़ता हो
10:31ऐसा भी नहीं होता उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर का तो कड़ कड़ अध्भुत कथाओं का सार है
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