Ahoi Ashtami 2025 Vrat Katha In Hindi: हर साल माताएं अपने संतान की लंबी आयु, उज्जवल भविष्य और अच्छी सेहत के लिए अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं. हालांकि, व्रत की पूजा अहोई अष्टमी की कथा पढ़े या सुने बिना अधूरी होती है. आइए अब जानते हैं अहोई अष्टमी के व्रत की सही और संपूर्ण कथा के बारे में.
00:00अहूई अश्टिमी उत्तर भारत का एक महत्व पूर्टे वहारे जिसे अहूई आठे के नाम से भी जाना जाता है।
00:30अहूई अश्टिमी के दिन आहूई माता की पूजा के दोरान आहूई अश्टिमी की कथा सुननी या पढ़नी बेहत जरूरी होती है। इसके बिना पूजा को अधूरा माना जाता है।
01:00अधर को लीपने के लिए मिट्टी की जरूरत पड़ी। जिसके लिए महिला खुद वन में गई। वन में महिला की दृष्टी मिट्टी के एक टीले पर पड़ी। जिसे उसने कुदाल की साहिता से खोदना शुरू किया।
01:10जैसे ही महिला ने मिट्टी को खोदा तो उससे खून आने लगा।
01:14महिला ने मिट्टी को हटा के देखा तो उसे सही अर्थार्थ कांटदार मूशक के कुछ बच्चे रक्त रंजित पड़े दिखाये दिये।
01:20जिनकी कुछ ही शणों में जान चली गई। इससे महिला घबरा गई और मिट्टी लिए बिना ही घर लोटाई।
01:28महिला उन बच्चों की मृत्यों के लिए खुद को दोशी मांग रही थी।
01:32कुछ वक्त बाद साही जब अपने बच्चों के पास आई तो उसे अपने बच्चों को मृत देख बहुत गुस्सा आया।
01:38गुसे में साही ने श्राब दिया कि जिसने भी मेरे बच्चों की हत्या की है, उसे भी मेरे समान, घोर कष्ट और संतान के वियोक का सामना करना पड़ेगा।
01:46साही के शराप के प्रभाव से कुछ ही दिनों में महिला के सभी साथ पुत्र कहीं चले गए जिनकी जानकारी किसी को भी नहीं थी
01:53महिला अपने पुत्रों की याद में हर वक्त परिशान रहने लगी
01:56उसके मन में बार बार विचारा था कि उसके द्वारा साही के बच्चों की हत्या के कारण ही उसके जीवन में ये गोर संकटाया
02:03एक दिन महिला नदी की योड जा रही थी कि जहां उसे एक वरद महिला मिली
02:07वरद महिला ने साहुकार्णी से उसके उदास होने का कारण पुछा तो महिला ने उसको अपनी व्यता सुनाई
02:13वरद महिला ने साहुकार्णी से कहा कि साहुकार्णी यदि तू पून विदिविधान से देवी आहुई की पूजा वरत और गो सेवा करेगी
02:20तो स्वपन में किसी को नुकसान पहुचाने का नहीं सोचेगी
02:23तो तुझे जरूर ही अपने पुत्र मिल जाएंगे
02:26दरसल देवी आहुई देवी पारवती का ही एक अवतार सवरूप हैं
02:29जिनहें समस्त जीवित प्राणियों की संतानों के रक्षक माना जाता
02:33इसलिए वरद महिला ने साहुकार्णी को देवी आहुई के निमत वरत रखने और पूजा करने का सुझाव दिया
02:39साहुकार्णी ने अच्टिमी के दिन देवी आहुई की पूजा करने का निर्ने लिया
02:43जब आईश्टीमी का दिन आया तो साहुकार्णी ने आहुई माता की पूजा की और निर्जलावरत रखा
02:48देवी आहुई साहुकार्णी की भक्ती से काफी खुश हुई थी
02:51इसलिए वो उनके सामने प्रकट हुई और उनके पुत्रों की दिरगायू कवरदान दिया
02:55इसके कुछी दिनों में साहुकार्णी के सभी साथ पुत्र वापस आ गए
02:58इसके बाद से ही आहुई एश्टीमी कवरत रखने की परंपरा का आरब हो गया
03:02इस दिन माताएं अपनी संतान के होशी उजवल भविश्य और लंबी उम्र के लिए ये उपवास और पूजा पार्ट करती है
03:07फलाल इस वीडियो में इतना ही हुए उमेद आपको ये कथा पसंद आई होगी
03:10वीडियो को लाइक करें शरक करें और चैनल को सबस्क्राइब करना बिल्कुल न भूलें
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