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  • 15 hours ago
Transcript
00:01जब शहर की गल्यां सिर्फ डर और घून की कहानी सुनाती है
00:05और कानून की हिम्मद भी वहाँ हार जाती है
00:10तब पैदा होता है
00:13जो खुद कानून से भी बड़ा है
00:18बस, जो भी तुम्हारे खिलाफ उटता है
00:23उसकी आकाद यही खत्म होती है
00:26आप ही इस शहर के राजा है
00:30तुम समझते हो कि ये गल्या सिर्फ तुम्हारे लिए वनी है
00:35जो भी मेरे खिलाफ उठेगा
00:38उसका आखरी ठिकाना यही होगा
00:43मैं वो हूँ जो खुद कानून लिखता है
00:47और जो भी मेरी दुनिया में घुसा
00:50उसकी कहानी
00:53खुद से ही खत्म होगी
00:56मैं वो हूँ जो अंधेरे में चलता है
00:59जो नियम तोड़ता है
01:01और जो डर पैदा करता है
01:03मुझसे मत खेलो
01:06मैं वही हूँ जो अपने दुश्मन के अंदर का डर देख सकता है
01:12जो भी मेरे रास्ते में आएगा
01:15उसका अंध सिर्फ खून में लिखा जाएगा
01:20मैं वो हूँ जो अंधेरे में चलता है
01:23जो नियम तोड़ता है
01:26और जो डर पैदा करता है
01:29वो खुद मुझसे डरता है
01:32जो खुद मुझसे अंदर करता है
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