केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को घुसपैठ और डेमोग्राफिक चेंज पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने इसे देश के लिए खतरा बताते हुए कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है। घुसपैठियों पर ‘डिटेक्ट-डिलीट-डिपोर्ट’ वाली कार्रवाई की जाएगी। अमित शाह के इस बयान के बाद विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
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