00:30पूरण कुमार की मजबूरन आतम हत्या ने पूरे देश की आत्मा को जजकोर कर रख दिया है ये एक ऐसी हर्दे विदारक और ऐसी मन तूटने वाली घटना है कि जिसने इसके बारे में सुना पढ़ा देखा जो अमनीद जी को जो वरिश्टाये साधिकारी हैं और वाई प�
01:00उनके आखों से भी आशू के आशू जरूर टपके हर्याना में जिस प्रकार से वाई पूरण कुमार जी जैसे एडी जी पी रैंक के अधिकारी को न्याय नहीं मिल रहा तो आप सोच सकते हैं कि आम साधारन व्यक्ति को न्याय कैसे मिलेगा
01:24एक ऐसे व्यक्ति जो खुद आईजी पोस्टेड हैं एडी जी पी रैंक में हैं आई आई एम एहमदाबाद से निकल कर आए हैं सत्यम जैसी कंपनी में नौकरी पर आने से पहले काम करते थे
01:42और आई एस से जादा रैंक लेकर आई पीएस में आए पत्नी वरिष्ट आई एस अधिकारी हैं अगर उन्हें न्याय नहीं मिल सकता तो न्याय किसे मिलेगा
01:52जाति गत भेदभाव के शिकार होकर विवस्था गत भेदभाव के शिकार होकर अगर एक वरिष्ट एडीजीपी अधिकारी को आतम हत्या करनी पड़े
02:08तो देश के और खास तोर से हर्याना प्रदेश के हालात क्या हैं आप अंदाजा लगा सकते हैं
02:15क्या कारण है कि एक एडीजीपी रैंक के अधिकारी को पुलिस स्टेशन में मंदिर में दर्शन करने की इजाजत नहीं
02:28क्या कारण है कि एडीजीपी रैंक के दलित अधिकारी को पिता की मृत्यू पर घर जाने की इजाजत नहीं
02:39क्या कारण है कि जब वो एडी जी पी रैंक के अधिकारी चिठी लिखते हैं व्यवस्था गत दलित भेदभाव के बारे में तो उसका सरकार के पास जबाब नहीं है
02:52क्या कारण है कि ऐसी यथा स्थिती पैदा कर दी जाए कि वरिष्टम दलित अधिकारी को जो एडिश्टर डारेक्टर जर्नल और पुलिस हैं उनको ये एक्स्ट्रीम कदम उठाकर मजबूरन आतम हत्या का शिकार बनना पड़े
03:09ये प्रशन हैं जो समाज के हर व्यक्ति को अपने जहन में रख कर पूछने पड़ेंगे और आज जो हुआ दोस्तों वो एमान्म यह है वो अनेक्सेप्टेबल है
03:22पी अमनीत कुमार जी उनके बच्चों और परिवार से पूछे बगेर
03:27वाई पूरण कुमार जी की डेड बोडी को सेक्टर 16 से पीजी आई जबरन ले जाना उनकी अनुमती के बगेर उनकी सहमती के बगेर एक अपराद है
03:40क्या उन दोनों बेटियों को पिता के आखरी दर्शन का अधिकार भी अब सरकार नहीं देना चाहती
03:47किस से पूछकर किस से पूछकर आपने वाई पूरण कुमार जी की डेड बोडी को शिफ्ट किया क्या इसका कोई जबाब सरकार और शाशन दे पाएगा
04:02आए दिन आप और मैं पत्रकार और हम लोग आपस में बात करते हैं पर ये बात करने का विशे नहीं
04:08ये दलितों और गरीबों और खास तोर से बड़े से बड़े पद पर आसीन अब दलित साथियों के साथ भी ये दूर व्यवार होगा
04:20तो समाज में क्या विवस्ता है शाशन और सरकार की आप अंदाजा लगा सकते हैं
04:25मैं जहां अपनी शर्दांजली देने आया पी अमनीत कुमार जी ने लंबे समय तक बतोर कलेक्टर मेरे साथ काम किया
04:33कैतल जिले के अंदर इसलिए वो परिवार की एक सदस्या है उनका उनका उनका उनका उनका गुसा भी जायज है और उनका दुख जो है वो बांटा नहीं जा सकता उनका और उनकी दो बेटियों का
04:48मैं केवल ये उमीद करूँगा के कम से कम अब तो सरकार जाग जाए और वाई पूरण कुमार जी और पी अमनीत कुमार जी को न्याय दे
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