Bagram Air Base Row: भारत ने बगराम एयरबेस (Bagram Air Base) पर ट्रंप की मौजूदगी का विरोध करते हुए तालिबान, (Taliban) पाकिस्तान, (Pakistan) चीन (China) और रूस (Russia) के साथ खड़ा होकर अमेरिका को बड़ा झटका दिया है। यह घटनाक्रम अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भारत की नई रणनीति को दर्शाता है, जो अब बदलते समीकरणों में खुद को मजबूती से स्थापित कर रहा है। बगराम एयरबेस, जो अफगानिस्तान में एक संवेदनशील जगह है, वहां अमेरिका की वापसी से तनाव बढ़ा है। भारत की यह चाल अमेरिका के लिए चुनौती बन सकती है। इस मुद्दे पर दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। पूरी जानकारी के लिए वीडियो को अंत तक ज़रूर देखें।
00:00ट्रम्प को भारी पड़ा, भारत से पंगा, बगराम एर बेस तावे पर अकेले पड़े, मोदी ने अफगानिस्तान में अमेरिकी मिलिटरी बेस का खुल कर किया विरूद, भारत ने दिया तालिबान का साथ, पाकिस्तान चीन के धर,
00:18अफगानिस्तान का बगराम एर बेस, एक नाम जो कि अमेरिका के लिए कभी शक्ति का प्रतीक था, अब राश्टपती डोनाल्ड ट्रम्प के लिए भूला हुआ सा गारव है, ट्रम्प जो कि अब लगातार सुर्खियों में च्छाय हुए हैं, वच्छा है, तमाम टैरिफ के
00:48प्रम्प बार बार दोहराते हैं कि बगराम जिसे की वाशिंटन ने बनाया था, उसे तालिबान को अमेरिका को सौप देना चाहिए, रसाधिकार को हांसल करने के लिए उन्होंने एक विशिश दूद तक न्यूक्त कर दिया, जो तालिबान के कानों में यही बात भूलने क
01:18लेकिन कहानी में एक बड़ा और आप कह सकते हैं मजबूत मोड है, प्रम्प का यह महा सपना अवेश्य की महादिवार से टकरा रहा है, रूस की रजधानी मौस्को में मौस्को फॉर्मिट की साधवी बैठक ने एक ऐसा दृश्य पेश किया जिसने ट्रम्प के रादों प
01:48अफगानिस्तान में किसी भी विदेशी सेन्य अड़े की तैनाती आस्वेकार्य है, यह बयान के वले एक कूट नीतिक आपचारिकता नहीं थी, बलकि एक जोड़दार संदेश था कि अब एकला चलो रेकी नीती नहीं चलेगी, प्रम्प इस भू राश्य नहते का खाड़
02:18सद्यों तक पुराना रिष्टा रहा है, उसने स्पष्ट कर दिया कि अफगानिस्तान में किसी भी बाहरी सेन्य शक्ती का दखल, शेत्रिय शान्ती और स्थिर्था के हितों के साफ खिलाफ है, मौस्कों में भारते राज़ दूत विन्यकुमार ने भारत के रुख को दहरा
02:48और शेत्रियों संतुलग से जुड़ा मामला है, पाकिस्तान जो कि कभी अमेरिका का करीबी सहयोगी माना जाता था और इन दिनों काफी ज्यादा अमेरिका से उनका लगाव दिख भी रहा है, अब इस मुद्दे पर भारत के साथ कंदे से कंदा मिला कर खड़ा है, पाकिस्
03:18अमेरिका का बगराम से जाना चीन के लिए एक कूड नीतिक जीत थी, जिसे वो किसी भी कीमत पर पलटना नहीं चाहेगा, रूस जिसका अफगनिस्तान में सेन्या हस्तिक्षिप अपना कड़वा इतिहास लेकर जीता नजरा रहा है, किसी भी बहारी शक्ति को अपने दक्�
03:48और मध्य इश्या गनराजियों के लिए भी उनकी संप्रभुता और क्षेत्रिय और शक्ति संतुलन का सवाल बना है, विशीत युद्ध के युग की वापसी नहीं चाहते जब बड़ी शक्तियां उनकी जमीन पर मनमाने ढंग से इस्तिमाल करे, संसाधनों को लूटें, ब
04:18तालिबान ने साफ कर दिया कि वो किसी भी सूरत में अमेरिकी सैना को बगराम या फिर किसी अन्या एयर बेस पर वापसी नहीं करने देंगे, उनके लिए ये उनकी संप्रभुता और देश पर उनके नियंत्रण का प्रश्न है, ये विडम बना है कि कभी अमेरिका के दु�
04:48प्रश्यों ने अफगानिस्तान को आतंगवात खत्म करने में मदब करने पर जूर दिया, ये एक ऐसा लक्ष है जिस पर सभी सहमत हुए, लेकिन अमेरिकी सैन्या उपस्थिती इस लक्ष को कमजूर कर सकती है, क्योंकि ये तालिबान और शेत्रिय शक्तियों के बीच तना
05:18प्रश्यों के नए समिकर्णों का मामला है, प्रम को ये समझना होगा कि दुनिया बदल चुकी है और उनके अमेरिका फॉस्ट के सपने अब इश्या के एक जुट विरूत के सामने अकेले पड़ गए हैं, ये एक नया महाशत्रंज का खेल है जहां मोहरे बदल गए हैं और
05:48कि शुट विरूत मैं आके कि आपाने अपड़ के शाल अर ऌलिज हो के लिलत मं अदवा
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