00:00मेरी इतनी दहशत थी, चुचा जी, आप यकीन ही मानेंगे कि मैं दराथ, और ऐसा नहीं, बच्चे दरते दे कि सलाब चिलाते चिलाते बुड़ा मरना जाए
00:09एक, दरता हूँ, वाँ, यहाँ तकी नहीं, जी, कबूतर, कबूतरों में दहशत थी,
00:23एक, कबूतर मेरी खड़की पे बैड़िया, मैं किलास ले रहा था, मेरे पाशा के बैड़िया, मैं का, यहाँ क्यों बचा है, आप जानते हैं, इस कबूतर में मुझसे क्या कहा, कहता है, अकबू,
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