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  • 15 hours ago
वाणी तो मीठी ही होनी चाहिए, पर कई बार कड़वी और कटु वाणी निकल जाती है, जिस पर हमारा कोई कंट्रोल नहीं रहता और परिणाम स्वरूप दूसरों को दुःख हो जाता है। ऐसा क्यों होता है? आइए जानें, क्या है कटु वाणी के पीछे का रहस्य।

The way of talking should be pleasing. But sometimes, we end up talking rudely or harshly, without any control over our speech, which hurts others. Why does this happen? What is the relation between our speech and inner intent? Let's understand through this video.
Transcript
00:00वानी एकदम कड़क निकल जाती है फिर घर में दुख होने लगता है सब को
00:18तो फिर उसको सम्भालना चाहिए ना दुख हो जाया ऐसा तो हमें किसी को बोलना नहीं चाहिए
00:24तो यवानी के लिए जो निकल जाती है दुख भरी जो सामने वाले को दुख देती है उसके लिए क्या जागरुती में क्या रखना चाहिए क्या करना चाहिए
00:33इंट्रोस्पेक्शन करना चाहिए
00:36जब कभी ऐसा कोई प्रसंग हो गया
00:38ऐसा कुछ आप बोल लेती है
00:40और आपके पती को ही लो ना उसको दुख हो गया
00:44तो फिर एक कोने में बैठके
00:47शांत चिट्चे अपके अकेले में बैठके
00:50कमरे में अंदर इंट्रोस्पेक्शन करो
00:53अपने भीतरी के तलाश करो
00:55कहते हैं नबानी या खुला एहंकार है
00:59और किसी को दुखते ऐसी वानी निकलती है
01:02और तो भावत भयंकर एहंकार है
01:04समझ में आ ना
01:07सामने वाले से हम अपने आप खुद को
01:11बहुत उशार समझते हैं ज्यादा सुपीरियर समझते हैं
01:15बर ज़्य ज्यादा आता है
01:16सामने वाली की गल्तिया होती है
01:19मेरी तो गल्ति नहीं होती है
01:21मैं तो परफेक्ट हूँ
01:22यह सारी जो बिलीफ रहती है ना अंदर
01:24वो belief के आधार से speech निकलती है
01:27मानी निकलती है
01:30तो सामने वाला वो बरदास नहीं कैसा
01:34उसके कलेजे में
01:36खंजर के जैसा घाहो लग जाता है
01:39शबद इतना दुख नहीं देता है
01:44लेकिन उसके पीछे जो एहंकार का force है
01:47हमारा
01:48वो हंकार का force सामने वाले को दुख देता है
01:53वही शबद आप प्रेम से बोलो
01:57भीतर से प्रेम भाव से बनिकलोए
02:01वही शबद और वही शबद द्वेश भाव से निकले
02:05तो शबद तो वही के वही है
02:09लेकिन अंदर भाव में जो फरक पड़ता है बहुत बढ़ा
02:13उसकी कीमत है तो वह भाव को पैचानो
02:19अपने बीतर में क्या भाव थे
02:20शुक्षा में कुछ न कुछ ऐसे ही बिगड़े हुए भाव रहते है
02:24जो यहां सबको दुख दे ऐसा शबद निकालता है
02:33यही शबद है जो किसी को सुक देता है
02:38यही शबत है किसी को दुख देता है
02:41और यही शबत है जो मोक्ष भी देता है
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