00:35देखिए एक तो जब ये राज बना था और राची इस्टेबलिस हो रहा था उस समय जो लोग यहां नोकरी करने के लिए आये थे चाहे वो निपाल हाउस में हो चाहे राजा राजा
00:51चाहे एजी कॉल्नी में हो चाहे वीजी में हो यह सहर के दूसरे राज़ों में हो तो यह एक residential राज़ा और यहां जी लोगों ने काम शुरू किया नोकरी शुरू की उन्हीं लोगों द्वारा यह दुरुगा पुजा का सुवारम किया गया मंदिर बनाया गया आप देख �
01:21जगों पर नोकरी करने उनके बाल बच्चे गये कुछ लोग राची में ही घर बनाके रहते हैं कोई चूटिया में हैं कोई दूसरे जगों पर हैं तो दूसरी पीड़ी के लोग जब यहां पर आये तो हम लोगों ने इसको अपने ठेक ओभर किया और तब से दूजा पु�
01:51अपरिक तरीके से सनातन और जो हमारी धार में कासखा है उसको मानने मानते हुए सभी महिलाएं यहां पर सामुहिक रूप से सुबह साम आरती होता है पुस्पांजली होते हैं उसके बाद आपका अस्ठमी का वरत होगा फिर लगातार तेन दिन पूरी चना हलुआ जो मां क
02:21यहां सभी महिलाएं जो है यहां से निकलती है बटन तलाब जाते हैं तो एक उत्सव का माहौल रहता है इस इलाके में 56 प्रेस कॉलनी भारती कंपाउंड कुसे कॉलनी कुमार्टोली के लोग यहां पर मिल जूल करके इसको दुरदा पूजा को एक उत्सव के रूप में मन
02:51आस्था में विश्वास में भक्ती में परंपरा में सरद्धा में कहीं कोई कमी नहीं है अभी थोड़ी दिर के बाद आप देखेंगे कि बच्चे यहां जो है वो पेंटिंग के प्रत्योगिता होगी जिसमें मां के विभिन रूपों का जो नवरात्री जो नवरूप होते
03:21लेकिन यहां पर पुजा वह
03:23पहले से हो रहा है महीं कि जो लोग सुजा में यह बहुत बड़ी बात है कि कि यहां पर यह मंदीर से जोड़ा
03:30This is a very old man. This is a 65-year-old man.
03:35He was a chief engineer in the village board.
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