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  • 11 hours ago

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Animals
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00:00चंदन के कुरकुरे मुमोस का ठेला बहुत बढ़ियां चल रहा था
00:12शाम के 6 बचते ही उसके ठेले पर ग्राहकों की भीर लग जाते थी
00:16चंदन खुब मैनत से कुरकुरे मुमोस बनाता और ग्राहकों को देता
00:20चंदन की एक खास्यत थी
00:22वो कुरकुरे मॉमोज बनाने के लिए जो भी सामान इस्तेमाल करता था
00:26वो बहुत ही बढ़िया क्वारिटी का होता
00:28उसकी यही खास्यत लोगों को बहुत पसंदाती थी
00:31धीरे धीरे चंदन के कुरकुरे मॉमोज इतने फेमस हो गए
00:34चंदन रोजाना ऐसे ही मेहनत से काम करता
00:57अब उसने अच्छे पैसे कमानी शुरू कर दिये थे
00:59चंदन रोजाना सुबह सुबह ही कुरकुरे बनाने का सामानले ने
01:03बाजार चला जाता था ताजी-ताजी हरी सबसियां, पनीर, तेल, बाकी की सामगरी
01:07जो भी उसे चाहिए होती थी, वो बहुत ही बढ़िया किस्म की खरीद लेता था
01:11एक दिन एक लड़का चंदन की दुकान पर आया, वो बहुत परिशानी की हालत में था
01:16भीया कोई काम दे दो, मैं बहुत बिमार हूँ, मुझे पैसे की बहुत जरूरत है
01:21इस शहर में नया आया हूँ, बहुत लोगों से काम मागा, पर किसी ने भी काम नहीं दिया
01:27तुम्हारे बारे मैं यहां के लोगों से सुना था, भीया मैं महनत से काम करूँगा
01:32तुम्हारे यहां काम करके मुझे दो वक्त की रोटी मिल जाएगी, और मेरी बूरी मा भूखी भी नहीं रहेगी
01:38फटे हाल कपडों में रोते हुए लड़के को देख कर चंदन को दया आ गई, चंदन को वैसे भी किसी लड़के की जरूरत थी, जो काम में उसकी मदद कर सके
01:47ठीक है, तुम मेरे पास काम कर सकते हो, लेकिन काम पूरी इमानदारी से करना, तुम्हारी किसी भी गलती के कारण, मेरे ठेले का नाम खराब नहीं होना चाहिए
01:56नहीं नहीं भीया, आप चिंता मत करो, मैं पूरी महनत से काम करूँगा
02:01चंदन रगु नाम के उस लड़के को अपने ठेले पर काम दे देता है, रगु के आजाने से चंदन को बहुत सहारा मिल गया, चंदन जब बाजार जाता तो रगु को भी अपने साथ ही ले जाता, धीरे धीरे रगु चंदन के साथ रहकर सारा काम सीख गया
02:15अरे वा, रगु तू तू तो बहुत बढ़िया आप कुरकुरे मुमोस बनने लगा है
02:20मास्टर हो गया तू तू अब
02:21चंदन भीया सीखा तो आप से ही है ना
02:24उस दिन जरूरत पर आप मेरी मदद ना करते तो आज मैं
02:27और मेरी मा दरदर की ठोकरे खा रहे होते
02:29रगु जो मेहनत करते हैं इमानदारी से काम करते हैं
02:33उन्हें भगवान कभी भूखा नहीं रहने देते
02:35तुम इमानदारी के रास्ते पर चलोगे तो हमेशा सफलता ही मिलेगी
02:39चल अब जल्दी जल्दी मुमोस की प्लेट लगा
02:41ग्रहक खड़ें हम यूही बातों में लगे रहे तो
02:43ग्रहक वापस लोड जाएंगे
02:45अरे भीया ऐसे कैसे हो सकता है
02:48कि आपके ठेले से कोई ग्रहक बिना मुमोस खाए ही वापस लोड जाए
02:52ये लिजे भीया आपकी दो फुल प्लेट
02:55नमस्ते चंदन भीया कैसे हो
02:57मैंने तुझे मना किया था न
02:59मेरे ठेले के आसपास भी मत फटक न
03:00फिर तु यहां क्या करने आया
03:02अच्छा तो नया लड़का रख लिया
03:05बहुत सही है
03:06मुझे तो तुमने काम से निकाल दिया
03:08जबकि मेरी कोई गलती भी नहीं थी
03:11क्यों तुने कुरकुरे मुमोस बनाने के लिए
03:13पुराना पनीर इस्तमाल नहीं किया था
03:15तेरे कारण मेरे कितने ग्रहक छुड़ गए
03:17बेमानी करने वालों की यहां कोई जगा नहीं है
03:19मैंने तेरे साथ सही किया
03:20अभी काम का टाइम है अभी जायां से
03:22अरे एक प्लेट कुरकुरे मुमोस तो खिला दो
03:25पैसे दे रहा हूं मुफ्त मैं नहीं खा रहा
03:27रगू इसे कुरकुरे मुमोस की प्लेट बना कर दे दे
03:30खा कर चला जाएगा
03:31उस लड़के का नाम रमेश था
03:33वो बहुत बेइमान था
03:35कुछ समय पहले वो चंदन के ठेले पर नौकरी करता था
03:38पर उसने बेइमानी की और चंदन को
03:40बाजार से मिलावटी सामान ला कर दिया
03:42जिस कारण चंदन के मुमोस का स्वाद बदल गया
03:44और उसके काफी ग्राहक छूट गये
03:47चंदन ने एक बार फिर से अपनी मेहनत और लगन से कुरकुरे मुमोस बनाए
03:50आज फिर उसका काम अच्छा चल रहा था
03:53क्योंकि उसके पास रमेश जैसा बेइमान नौकर नहीं था
03:56रमेश कुरकुरे मुमोस खाकर चला जाता है
03:58अगले दिन चंदन काम पर थोड़ा देर से आया
04:01इतनी देर में रगू ठेला तयार कर चुका था
04:04अरे घर में आज गाउं से माबाबुजे आया है
04:05बस इसी चक्कर में सारे काम लेट हो गए
04:07तुनने सब कुछ तयार कर लिया ना
04:09हाँ भीया मैंने मुमोस तयार कर लिये है
04:12बस आपका ही इंतजार कर रहा था
04:14भीया ये सुबा जो सामान लाया था
04:16उसके पैसे बच गए थे ये रख लो
04:18अच्छा अच्छा ला दे
04:19चंदन भीया दो प्लेट कुरकुरे मुमोस लगा दो
04:23अभी लगाता हूँ भीया
04:24तभी ग्राहक मुमोस खाते ही
04:27गुस्से में चंदन पर भड़कने लगा
04:29क्या बात है चंदन भीया
04:30उरकुरे मुमोस बनाने भोल गए हो क्या
04:32कैसा सा स्वाद है ये
04:33मुमोस तो कड़वे है
04:34कड़वे मुमोस ऐसा किसे हो सकता है
04:37मैं देखता हूँ ऐसी गलती तो कभी नहीं होती
04:40चंदन जैसे ही मुमोस का टुकड़ा खाता है वो तुरंट थूख देता है
04:43मुमोस सच में बहुत कड़वे थे
04:45सारी ग्रहक गुसे में वहां से चले गए
04:47उस दिन चंदन का बहुत नुकसान हुआ
04:49रगु आज तो मुमोस तुने बनाए थे ना
04:52फिर ये कड़वे कैसे हो गए ये बात समझ में नहीं आ ली
04:54देख मैं तुछ पर गुसा नहीं करूँगा मुझे सच-सच बता
04:56कि आखरी ये सब कैसे हुआ
04:57चंदन भीया मेरा यकीन करो
04:59मैंने वैसी मुमोस बनाए जैसे आपने मुझे सिखाये थे
05:02मैं तो सब कुछ ठीक से तेयार कर रहा था
05:04पर एक मिनट चंदन भीया
05:05जब मैं मुमोस बना रहा था तभी वो रमेश आया था
05:07उसके हाथ में करे लेगा जूस था
05:09मेरे से पूझ रहा था कि अभी मुमोस बनने में कितना समय
05:11मैंने कहा कि अभी थोड़ा टाइम लगेगा तो
05:13मुझसे गिलास मांगने लगा
05:14बोला कि जूस थैली में लाया हूँ
05:16गिलास में डाल कर करे लेगा जूस पी लूँगा
05:18कहीं ये गड़बड उसी ने तो नहीं की
05:20क्योंकि उसने मेरे सामने जूस पी आ नहीं था
05:22और सच काओं तो मेरा ध्यान भी नहीं गया था
05:24भीया मुझे इसमें उसी की कोई चाल लगती है
05:26मुझे सब कहा नहीं समझा गई है
05:28वो बदमाश अपना बदला ले रहा है
05:29पर मैं ऐसा होने नहीं दूँगा
05:31उसकी तो अच्छे से खबर लूँगा
05:32मैं अभी पुलिस स्टेशन जाता हूं
05:34रमेश पुलिस के सामने अपने आप सच उगल देगा
05:36चंदन भीया मैं भी आपके साथ चलता हूं
05:39चंदन रगु के साथ पुलिस स्टेशन जाता है
05:41और रमेश के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाता है
05:43पुलिस के डर से रमेश सब सच उगल देता है
05:46कि उसने ही मोमोस के मसाले में करेले का जूस डाला था
05:50चंदन भीया एक बात पूछों
05:52जब ग्रहा गुसे में मोमोस वापस करके गए
05:54तो आपने मेरे उपर बिलकुल भी गुस्ता नहीं किया
05:57जबकि वो मोमोस तो मैंने ही बनाये थे
05:59रगु इमानदारी और बेमानी दोनों इंसान के चहरे पर नजर आ जाती है
06:02मैं तुम्हें पिछले दो महिने से जानता हूँ
06:04जब तुमने सुबह मुझे बाकी के बचे हुए पैसे लोटाए तो वो
06:07उतने ही थे लगभग जितने मेरे खुट के लगा करते थे
06:10तुम्हारी इमानदारी तो उसी समय साबित हो गई थी
06:12इसलिए मैं पहचान गया कि बात कुछ और है
06:14खेर चिंता मत करो अब रमेश को सदा मिल गई है
06:17अब दो-तीन महिने जेल में रहेगा तो आराम से सुधर जाएगा
06:21रगु चंदन के साथ वापस लोटता है
06:23ग्राकों को भी ये सच्चाई पता चल चुकी थी
06:25इसलिए फिर से वही भीर चंदन के कुरकुरे मुमोस के ठेले पर लगने लगी
06:30जैसे हमेशा लगती थी
06:31ये कहानी है जग्गी पकोडे वाले की
06:39जग्गी की पतनी सीमा और जग्गी दोनों मिलकर पकोडे बेचा करते हैं
06:44जग्ई के पकोड़े लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध हैं, जो एक बार उसकी दुकान में आता है, वो बार बार आना चाहता है।
06:51राजू और उसके दोस्त दिनकर को आज पकोड़े खाने का मन हुआ, तो वे नुकर के पकोड़ों की सबसे फेमस दुकान, यानि जग्ई पकोड़े वाले की दुकान की ओर बढ़ चले।
07:21राजू और दिनकर भाई, कहीं आज भी हम लोग लेट तो नहीं हो गए, देख रहे हो,
07:50जग्ई की दुकान के बाहर लोगों की भीड, दिनकर दुकान की ओर देखता है, लेकिन एक बात उसे अजीब सी लगती है, उसने देखा कि दुकान के बाहर जितने लोग थे, लगबख सभी के हाथ में डंडे थे, कुछ ने पत्थर भी उठा रखे थे,
08:04अरे राजु भाई, भीड तो दिख रही है, लेकिन भीड में लोगों ने डंडे और पत्थर क्यों उठा रखे हैं, कहीं कोई गड़बर है क्या?
08:11उन्हें कुछ समझ आता, उससे पहले लोगों के जोर-जोर से चिलाने की आवाज आने लगी, और सब ही गुस्से में कह रहे हैं, मारो, मारो, मारो इससे, चोड़ना नहीं है, मार, इसका मार, मार!
08:22उसके बाद दिनकर और राजु ने देखा, कि वहां खड़ी भीर जग्गी को दुकान से खीच कर बाहर निकाल रही है, बाहर निकल, बाहर निकल, आज हम तुम्हें तुम्हारी हरकतों की वो सजा देंगे, कि तु जिन्दगी भर याद रखेगा, ये कहकर भीर में खड़
08:52छोड़ दीजिए, छोड़ दीजिए मुझे, तुम्हें छोड़ दू, हैं, तुम्हारे जैसे बेशर्म पकोड़े वाले को छोड़ना, मतलब तुम्हें गलत काम करने की छोड़ देना
09:02ये कहकर भीर में से ही एक आदमी ने अपने हाथ में लिया पत्थर उठाया और उसकी ओड़ तान दिया, ये देखकर जग्गी दुकान से निकल कर तेजी से भागने लगा
09:10ये लोग तो मेरी जान ही ले लेंगे, मुझे किसी भी तरह यहां से निकलना होगा
09:16जग्गी आगे आगे भाग रहा था और गुसाई भीर उसके पीछे, राजू और दिनकर को अभी भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसा क्या हो गया, कि लोग जग्गी के पीछे पड़े हैं
09:26लोग उसे बेशर्म पकोड़े वाला क्यों कह रहें, लोगों के इस तरह जग्गी पर भड़कने का कारण समझने के लिए कुछ समय पीछे जाना पड़ेगा
09:33अगर इसी तरह कमाई होती रही तो थेरे लिए चांदी की पायल बनवा दूँगा
09:42अजी मुझे पायल बायल नहीं चाहिए
09:44क्यों क्या हुआ, हमेशा तो गहने के रट लगाए रहती है
09:47हाँ, गहने मुझे चाहिए, लेकिन इमानदारी के पैसे से
09:51अरे तो मैं कौन सा स्मगलिंग कर रहा हूँ, इमानदारी से ही तो पैसे कमा रहा हूँ
09:55देखिये जी, ये आपको भी पता है, आप कैसे पैसे कमा रहे हैं, पकोड़ों को बनाने के लिए आप क्या करते हैं, अगर किसी को पता लग गया ना, तो फिर बवाल हो जाएगा, कोई आपको छोड़ेगा नहीं
10:05जगी बहुत ही बेशर्म इनसान था, वो पकोड़े तो बेशता था, लेकिन बहुत ही गंदे तरीके से, वो पकोड़े के गोलों को पहले अपने गंदे बगल के तले दबाता और फिर पकोड़ियां तलता, उसे ये सब करने में बहुत मज़ा आता था
10:24ये क्या कर उसने पकोड़ों को कड़ाई में डाला, कड़ाई से निकलने के बाद उसने पकोड़ों की ओर गोर से देखा और मन ही मन मुस्कुराते हुए बोला
10:42ये लो, ये हो गए मेरे असली पकोड़े तयार, सीमा मुझे और बिसन दे, मुझे पकोड़ों के और गोले बनाने हैं
10:49सीमा अपने पती को हर दिन ये गंदी हरकत करते देखती और उसे टोकती, लेकिन वो अपनी बेशर्मी से बाज नहीं आता था
10:56अरी, ये तो क्या हर दिन चिक्चिक करती रहती है, हैं, क्या करती रहती है, मैं कोई गलत नहीं कर रहा
11:01ये तो किताबों में लिखा है कि पसीने की कमाई का मोल ही अलग है
11:04और मैं तो पसीने की ही तो कमाई कर रहा हूँ मेरे बगल के
11:07यानी मेरे बगल के पसीने की कमाई
11:09अरे वही तो पकोडों में स्वाद भर देते हैं
11:12और लोग बार-बार हमारी दुकान में आते हैं
11:14ले तुभी खा मेरी पसीने की कमाई के पकोड़े
11:17मुझे नहीं खाने आपके पकोड़े
11:19लेकिन मैं अब भी कह रहे हूँ
11:20आप ये बेशर्मी छोड़ दीजे नहीं
11:22तो ये एक दिन आप पर ही भारी पड़ेगी
11:24लेकिन जग्ई पर अपनी बीवी की बातों का
11:26कोई प्रभाव नहीं पड़ता
11:28वो अपनी बेशर्मी जारी रखता
11:30और अपने ग्राहकों को जो इस पर इतना विश्वास करते थे
11:33उन्हें पसीने से सने गंदे पकोड़े देता
11:35समय इसी तरह बीत रहा था
11:37और जग्ई की बेशर्मी भी जारी थी
11:39इस बीच सीमा गर्वती हो गई
11:41सीमा बहुत खुश थी
11:42जग्ई भी एक खबर सुनकर बहुत खुश था
11:45वा सीमा वा देख रही हो
11:46अगवान के कृपा कैसे भर-भर कर बरस रही है हम पर
11:49हाँ देख रही हूँ
11:50तभी तो आपको कहती हूँ अब तो वो काम छोड़ दीजे
11:53अब हमारा बच्चा आने वाला है
11:55एक बार फिर से जग्ई ने अपनी पत्नी सीमा को चुप करा दिया
12:05और अपनी बेशर्मी में लगा रहा
12:06लेकिन वो कहते हैं न कि गलत काम कितनी भी चतुराई से आप करें
12:10एक ना एक दिन आपका भेद खुल जाता है
12:12और फिर उसके बाद आपको उन सारे पुराने गुनाहों का भे हिसाब देना होता है
12:16जो आपने किया होता है
12:18एक दिन की बात है
12:19जगी पकोड़े बनाने के लिए पकोड़ों के गोलों को अपने बगल के नीचे दबा रहा था
12:24और धीरे धीरे कढ़ाई में डाल रहा था
12:26तभी दूर खड़े एक आदमी की नजर उसकी इस हरकत पर गई
12:28उसने चुपके से जगी का वीडियो बना लिया
12:40और फिर उसकी दुकान पर गया
12:41सीमा ने जगी की बात का कोई जवाब नहीं दिया
13:06बस अपना सिर नीचे जुका लिया
13:07वो ग्राहक समझ गया कि जगी इस तरह उसकी बातों को नहीं माने का
13:11उसने जो वीडियो बनाया था वो वीडियो उसने लोगों को भेचना शुरू कर दिया
13:14जिसने भी उस वीडियो को देखा उसे उपकाई आने लगी
13:17जी जी जी बापरे मैंने भी तो इसके यहां के पकोड़े खाये थे
13:23वो ऐसे पकोड़े बनाता है इस तरह से तो वो लोगों की सेहत से खिलवार कर रहा है
13:27वो वीडियो एक से दस, दस से सौ और सौ से फिर लाखों लोगों तक पहुँचकर वाइरल हो गया
13:33उस वीडियो को देखकर सभी को बहुत गुस्सा आया और गुस्से में वे सभी जगी के दुकान पर डंडे और एक पथर लेकर पहुँच गये
13:40आज छोड़ना नहीं इसको हैं इसकी सारी बेशर्मी आज हम निकाल देंगे मार देंगे इसे हैं
13:45आखिरकार लोगों ने उसे पकर लिया एक बर फिर से सभी उसकी पिटाई करने लगे
13:50तब ही उसकी पत्नी सीमा भागती हुई वहाँ आई और लोगों के आगे हाथ जोड़ते हुए उसने कहा
13:55मैं जानती हूँ कि इनकी गलती माफ करने के लायक नहीं है
13:58इन्होंने आप लोगों के विश्वास का खून किया है आप लोगों की सेहत के साथ खिलवाड किया है
14:02लेकिन आप लोग इन्हें मार देंगे तो मेरा बच्चा जो अभी मेरी कोक में है
14:06उसके सिर से पिता का साया उच जाएगा
14:08भगवान के लिए मेरे कोक के बच्चे पर रहम कीजे
14:10और इन्हें छोड़ दीजे
14:12एक गर्भवती औरत की गिर्गिराहट को सुनकर
14:15लोगों का दिल पसीच गया
14:16और उन्होंने इस वादे के साथ जगी की जान बक्षी की
14:19सीमा ने उनसे वादा किया
14:29जगी को वो जगा छोड़नी पड़ी
14:31जगी को बार बार उसकी गलतियों के लिए आगाह किया जा रहा था
14:34लेकिन वो अपनी आदत से बाच नहीं आ रहा था
14:36और एक दिन उसी आदत के कारण
14:38ना सिर्फ उसकी जान पर बनाई
14:40बल्कि उसे अपनी वो जगा भी छोड़नी पड़ी
14:42जहां उसकी दुकान बहुत चलती थी
14:44आज जगी जहां भी अपनी दुकान लगाने की कोशिश करता है
14:47उसके पुराने कर्म उसकी राह में आ जाते हैं
14:50अब उसे अपनी करनी पर बहुत दुख होता है
14:52लेकिन वो कहते हैं न कि अब पश्टाए होत क्या जब चिडिया चुक गई खेत
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15:24देखते रहिए, बेस्ट बाडीज

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