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ट्रंप ने अब भारत के फार्मा सेक्टर पर 100% टैरिफ लगाए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि भारतीय फार्मा सेक्टर जो कि अभी तक टैरिफ से बचा हुआ था उस पर 1 अक्टूबर से 100% टैरिफ लगेंगे। अब भारतीय फार्मा कंपनी के लिए अमेरिका एक बड़ा फार्मा बाजार है जहां एक मिलियन प्रति वर्ष का व्यापार होता है उसमें क्या नुकसान होगा। भारत क्या कर सकता है और टैरिफ वार का क्या भविष्य हो सकता है, इन तमाम चीजों को लेकर विदेशी मामलों के जानकार अभिषेक खरे के द्वारा जानकारी साझा की गई।
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Transcript
00:00भारत के फार्मा सेक्टर पे भी ट्रम्प ने ये टरिफ सो प्रेश्ट लगा दिये हैं और एक अक्टूबर से ये लाग हो जाएंगे
00:06एक बहुत बड़ा मार्केट है भारती फार्मा कंपनियों लिए तो निश्चित है उससे असर पड़ेगा और कल असर दिखा भी कि शेयर मार्केट में फार्मा कंपनियों के शेयर में ग्रावर्ट दर्जी भारत इस मामले को डबलुटीय के डिस्प्यूट मेनेजमेंट बॉ
00:36नमस्कार दोस्तों आज बात करेंगे कि ट्रम्प ने एक और टैरिफ वम भारत पर पोड़ दिया है तो आईए इस पर पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं कि ये कौन सा टैरिफ वम है किस सेक्टर में लगाया क्या है और इसका क्या परिनाम होगा भारत इसका कैसे जवाब
01:0635% अइल जो हमा किरे रहे थे उसके कारण पेणल्टी टैरिफ लगे थे तो 50% अलेड़ है लेकिन भारत का फार्मा सैक्टर को इससे छूट मिली उई धी लेकिन अब भारत के फार्मा सैक्टर पर भी ट्रम्प ने ये टैरिफ सोपरिश दै जगा दिये है और एक अक्तूब
01:36एक बिलियन युएस डौर का बेपार करती हैं यूएस के साथ
01:39तो अब हम देखते हैं कि आखिर इस से ठीधं परीड़ाम भारति फार्मा कंपनीओं के ऊपर आ सकता है
01:46परिनाम हो सकता है तो देखिए पहली चीज़ तो यह है कि भारती फार्मा कंपनियों पर जो इस सौ प्रेश्चर टैरिफ लगाया है इसमें कुछ थोड़ी सी कन्फुजन भी है
01:54कन्फुजन यह है अच्छा यहां पर मैं चीज़ ब्लादू को उन्होंने इस टैरिफ में छूट का भी एलान किया है कि वो फार्मा कंपनिया जो यूएस में अपना मैनुफेक्ट्रिंग प्लांट लगा रही है या भविश में लगाने वाली है उन्हें इस सौ प्रेश्चर
02:24क्या API एक्टिव फार्मस्यूटिकल इंग्रिडेंट पर भी एटरिफ लगेगा तो इनको लेकर अभी थोड़ी सी कन्फुजन है फिर भारत पर असर क्या पड़ सकता है तो देखिए भारती है जो मतब यूएस एक बहुत बड़ा मार्केट है भारती फार्मा कंपनियों ल
02:54जो फार्मा कंपनी है जैनिक दवाम मैनिफेक्शनिंग कंपनी है उनके जो लाब है उसमें असर पड़ेगा और इसके अलावा फार्मा कंपनियों के जो निवेश है उसमें भी असर पड़ सकता है उसमें भी गिरावर दर्जिक की जा सकती है तो यह सब चीजे है जो भारत
03:24तो देखिए इसमें सबसे बड़ी चीज है कि WTO के नियम के अंसार जो FMFN होता है,
03:31Most Favourite Nation का दर्जा होता है, जो देश एक दूसरे को देते हैं,
03:35उस दर्जे के हिसाब से कोई भी देश दूसरे देश में एक तरफा तरीके से भेदवाओ कून टरिफ नहीं लगा सकता,
03:41जो की गलत है, फिर भारत इस मामले को WTO के डिस्प्यूट मेनेजमेंट बॉड़ी, DSR में भी ले जा सकता है,
03:52मतब डिस्प्यूट मेनेजमेंट बॉड़ी में ले जा सकता है, अमेरिका को चनौती दे सकता है,
03:56इसके अलावा एक और नियम है WTO का, कि पेटेंट और ब्रांड़ेट दवाओं के व्यापार में बाधा डालना भी जिससे पूरी दुनिया में सस्ती दवाओं के बजार में नुकसान हो, गलत है,
04:09तो वो भी उससे भी कारण भी भारत WTO में अमेरिका पर केस कर सकता है, इसके अलावा अमेरिका को क्या नुकसान होगा, तो देखिए ऐसा नहीं कि इससे भारती फार्मा कंपनी को, भारती एकॉनमी को या भारत को नुकसान होगा, अमेरिकन लोगों को भी इससे परिशानी
04:39पर तीसरी चीज है कि वहाँ पर अधिकांच जो इलाज होता है वो हेल्थ इंशुरेंस के बेस पर होता है चुकि दवाएं महेंगी होगी तो हेल्थ इंशुरेंस भी महेंगा होगा यानि अमेरिकन लोगों को भी इसकी तकलीफ जेलना पड़ेगी फिर अब भारत क्या कर सकत
05:09है फिर इसके बाद यह है कि WTO की विविन संदियों का शहारा लेकर भी अमेरिका पर केस वगरा कर सकता है भारती फार्मा कंपनी भी बहुत सारे केस कर सकती है अमेरिकन कंपनियों के खिलाब या अमेरिका सरकार के खिलाब अमेरिकन कोटों में तो ऐसी कई इस्थितियां है
05:39बारत के साथ अपने संबन्दों को बड़ा व्यक्तियत इस्तर पे लिये हुए हैं, अपरेशन जिंदूर के बाद मना करने के पश्चाज जब भारत ना मना कर दिया था, उनकी कोई भूमिका नहीं है, तब सो ने इसको बड़ा व्यक्तियत तौर पे लिया हुआ है, अपने �
06:09जिसमें अब मुझे लगता है कि भारत को भी अब तक भारत बहुत सौफ्ट तरीके से रिपलाई कर रहा था, लेकिन अब मुझे लगता है कि भारत को भी पलट कर, अब अमेरका पर टंपर वार करना शुरू करना चाहिए, और उसकी शुरुआत हो, जो हमारे रक्षा समझ
06:39झाल
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