01:56ये संतोष कुमार जी है, इनके पिता की हायट 6 feet से अधिक है, लेकिन इनकी हायट 3 feet है, लेकिन इनके कत पर आप ना जाएं, बलके इन्होंने अब तक 100 medal जीच चुके हैं, जिसमें 12 gold medal है, ये देश दुनिया में जाकर अपने खेल का परशन कर चुके हैं, और आज गया जी मे
02:26उस मेरा लालाईत रहता था, लेकिन जब हम पटना में रहने लगे, तो उस समय निसक्त लोगों के नाम से जाना जाता था, एक छोटा सा पेपर के कटिंग आया, मैं उस पेपर के कटिंग से ये खेलने के लिए जब देखने गए, तो उसमें अगले जो गेम होने लगा, त
02:56जबाला लेशन शेडियों में मेरा पहला गेम था, राष्टिये गेम, और उसमें मैं तीन पदक लाया, गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉंज, क्या क्या खेलते हैं आप, हम ये रणिंग है, मेरा सौटपूट है, ये 100 मीटर है, 200 मीटर है, आपने गोल्ड मेटर जो आप कहते है
03:26में गोल्ड मेडल और सौटपूट में ब्रॉंज मेडल था, वहां हम लोग का 60 मीटर का रिले दोड था, उस जिसमें हमें 11 सेकंड में पूरा किये थे, ये क्या था सौटपूट है, हम लोग का जो कैटेगोरी और जो ड्वार्फ कैटेगोरी होते हैं, उनको बोला जाता है
03:56वेट का एक गोला रहता है, जिसमें हम लगबाग 7 मिटर के प्रोक्स में हम भीगे थे, आप बता रहे थे कि आपको खेलने का शौक बचपन से था, लेकिन आप बड़े खिलालियों के साथ खेलते थे तो उसमें खेलने नहीं दिया, क्या समस्या होती थी बड़े खिलालिय
04:26और यह लेकिन किसी तरह शान चाते खेल ह ceux कि मेरे भी विलगारी यह समस्या वहता है कि यह हो जाता है काफी समय स्क्राइप अज भी बोलते हैं
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