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Transcript
00:00This is a story of John's name, which is a short story.
00:06It bhaatktay, it's a strange story of John's name.
00:13John's name is a short story of John's name.
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00:52इतने विशाल समुद्र में अकेली और खाली नाव देखकर जौन हैरान रह जाता है।
01:22लेकिन जब वो बाहर आया तो उसकी नाव वहा नहीं थी।
01:26जबकि उसने उसे अच्छे से बांधा था।
01:28उसकी हैरानी और बढ़ गई जब देखा कि अब चारों और फैला कोहरा भी अचानक साफ हो गया था।
01:36और आसमान एकदम खुला था। अब दोपहर का समय हो चुका था।
01:40जौन को समझ नहीं आया कि ये सब क्या हो रहा है।
01:43वापस लोटने का कोई और रास्ता न देख वो उसी खाली जहाज पर लोट आया और नकशे के सहारे रास्ता ढूनने लगा।
01:50जौन अब ये समझने की कोशिश करता है कि वो आखिर है कहा और अपने घर कैसे लोट सकता है।
01:56परिशानी ये थी कि उस रहस्मी नाव का इंजन खराब था। अगर उसे बचना था तो किसी भी हाल में इंजन को ठीक करना ही था।
02:04वो पूरे जहाज में टूल बॉक्स तलाशता है और कड़ी महनत के बाद इंजन ठीक कर लेता है।
02:09उसके लिए ये एक बड़ी रहत थी। अबनाव चालू हो चुकी थी और दिशा भी धीरे-धीरे समझ आने लगी थी।
02:16लेकिन खत्रा टला नहीं था। जॉन कंट्रोल रूम में जाकर फिर से रेडियो से संपर करता है।
02:21मगर इस बार भी कोई जवाब नहीं आता। सब कुछ अब भी रहस्य में डूबा था। फिर वो लड़का उपर आता है और उसे अचानक टॉलेट जाना पड़ता है।
02:29कोई आसपास नहीं था तो वो सोचता है कि समंदर में ही कर लेता हूँ। जैसे ही वो किनारे जाता है। अचानक किसी ने पीछे से उसे धक्का दे दिया। वो सीधा पानी में गिरता है। हालत बेहत खतरनाक थी। लेकिन उसने रील को पकड़ कर किसी तरह खुद को डू�
02:59इस सब के बीच उसका काम पूरा नहीं हो पाया तो वो दुबारा टॉयलेट जाने लगा। जैसे ही वो नीचे पहुँचा अचानक किसी ने जोर से दर्वाजा बंद कर दिया। जौन ने पहले इसे हवा का असर समझा और ध्यान नहीं दिया। लेकिन जब बाहर निकलने क
03:29लगने लगा कि इस जहाज पर वो अकेला नहीं है, कोई है जो उसे परेशान कर रहा है, जो दिखता नहीं लेकिन हर वक्त मौझूद है। उसे लगने लगा जैसे कोई उसके साथ बैर्मी से खेल रहा हो, वो जोर से चिलाया, कृपया, जो भी हो, दर्वाजा खोल दो, मैं
03:59धब्बे थे, डरावना माहौल था, पर उसने डर को नजर अंदास किया, और एक कैंची उठा कर दर्वाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन ताला अब भी नहीं खुला, तभी पूरी नाव जोर-जोर से हिलने लगी, जैसे कुछ बड़ा होने वाला हो, जौन बेहत घबराय
04:29जौन को समझ आ गया कि अगर वो जहास टकराया, तो सब खत्म हो जाएगा, अब उसे हर हाल में अपनी जान बचानी थी, उसने सिगनल देने का सोचा, लेकिन उसके पास कुछ था नहीं, उसने तुरंत अपनी शर्ट उतारी और जोर-जोर से लहराने लगा, ताकि कारगो �
04:59जहास से टकरा कर सब खत्म हो सकता था, तभी उसकी नजर खिडकी के पास लटकी, एक रसी पर पड़ी, उसके दिमाग में तुरंत एक आइडिया आया, अगर वो इस रसी का इस्तिमाल करें, तो शायद जहास को रोक सके, उसने जल्दी से रसी बांधी और बाहर फेंकी, त
05:29दिखाई और एक औजार से खुद को आजाद किया, उसकी गरदन पूरी तरह लाल पड़ गई थी, वो लगभग मर ही गया था, बट आखरी पल में खुद को बचा पाया, रसी इंजन में फसी थी, जिससे जहास की रफतार थम गई, मगर ये काफी नहीं था, भारी कारगो �
05:59तो उसने देखा कि बातरूम पानी से भर चुका था, मगर सबसे हैरान करने वाली बात ये थी, कि वो समुद्र का खारा पानी नहीं, बलकि एकदम साफ और मीठा पानी था, जैसे कोई जानबूज कर उसे डराने की कोशिश कर रहा हो, वो एक बार फिर तूट कर भीख मां�
06:29महसूस हुआ कि पानी खत्म हो गया है, फिर जब उसने सिंख से पानी पीना शुरू किया, तो हैरान रह गया, अब वो पानी खा रहा हो चुका था, उसे तुरंट समझ आ गया कि नाव में कही छेद हो गया है, और समुद्र का पानी अंदर आ रहा है, ये नाव अब ज्या�
06:59कर रही थी, पानी तेजी से बढ़ रहा था, और जॉन थककर सो गया, रात में समंदर में भयानक तूफान आया, जिससे नाव बुरी तरहे तूट गई, और जॉन भी गंभी रूप से घायल हो गया, सुबह जब उसकी आग खुली, तो पानी सिर तक पहुँच चुका था,
07:29पानी का दबाव इतना ज्यादा था, कि दर्वाजा तूट कर नीचे गिर पड़ा, और इसी तरह वो बाहर निकलने में काम्याब हुआ, बाहर निकलते ही वो सीधा नाव की छट पर गया, ताकि ताजी हवा में सांस ले सके, क्योंकि नीचे आक्सिजन लगभग खत्म हो च
07:59कभी भी डूप सकती है, जॉन ने तै कर लिया था, अब वो इस जहाज पर नहीं रुकेगा, तभी उसे एक आइडिया आया, उसने जहाज से एर बैक्स निकाले, और तूटे हुए बातरूम के दर्वाजे को इस्तिमाल करके एक छोटा राफ्ट बना लिया, उसने सब कु�
08:29से उतर गया, और राफ पर सवार होकर धीरे धीरे समंदर में आगे बढ़ने लगा, वो राफ पर था, और उसके सामने वही बड़ी नाव अब भी खड़ी थी, कई घंटे गुजर गये, लेकिन न तो वो ज्यादा दूर जा पाया, और नहीं वो नाव डूबी, जिसे वो स
08:59आराम से सफर कर सकता है, ये सोचकर वो वापस नाव के पास गया, सबसे पहले उसने रिसाव को ठीक किया, फिर पाइप और ओजारों से एक पंप तयार किया, ताकि पानी बाहर निकाला जा सके, उसने जो पंप बनाया था, उसकी मदद से नाव में भरा, समुद्र का पानी
09:29खत्म होने के बाद, उसने फिर से रेडियो से मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन इस बार भी कोई जवाब नहीं आया, मायूस होकर वो वापस लोटा और नक्षा निकाल कर एक बार फिर रास्ता समझने लगा, उसने नाव को आगे बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन जैसे
09:59उम्मीदे खत्म हो रही थी, तभी दूर से उसने एक और जहाज आते देखा, अब उसके पास बस एक ही रास्ता था, अपने छोटे राफ्ट से उस जहाज तक पहुँचना, वो तुरंत राफ्ट पर चढ़ा और तेजी से उस जहाज की और बढ़ा, लेकिन तभी वो जहा
10:29जहाज उसे टकराता, जौने आखरी कोशिश की और अपने बोट से कूद कर उस दूसरी नाव तक तैरने का फैसला किया, जो दूर जाती दिख रही थी, लेकिन जब तक वो वहाँ पहुचा, वो नाव गायब हो चुकी थी, तभी उसे एहसास हुआ कि इस रहस्यमी नाव �
10:59तैर रही थी, पर पानी का तापमान बहुत गिर चुका था, ठंड सहन न हो पाने पर, मजबूरी में वो फिर उसी नाव पर लोट आया, वो इतना ठक और बिमार हो चुका था, कि कुछ सोच पानी की हालत में नहीं था, बस चुपचाप एक कंबल ओढ़कर कमरे में सो गया
11:29नहीं आ रहा था, कि आखिर ये सब उसके साथ क्यों हो रहा है, तभी उसकी नजर कमरे में मौजूद एक छोटी सी केबिन पर पड़ी, उसने जैसे ही उसे खोला, उपर की और एक रास्ता नजर आया, एक वेंटिलेशन, जिससे बाहर निकला जा सकता था, वो उस केबिन मे
11:59करते हुए, आखिर कार वो फिर से उपर पहुचा, और उस वेंट की खिडकी को खोलने की कोशिश की, लेकिन वो टस से मस नहीं हुई, ऐसा लग रहा था, जैसे उसे जानबूज कर सील कर दिया गया हो, अब वहां की ऑक्सिजन भी तेजी से खत्म हो रही थी, सांस लेना म�
12:29जान बिना समय गवाए बाहर निकलाया, ताजी हवा ने उसे थोड़ी रहत दी, बाहर आकर उसने देखा कि नाव एक छोटे से द्वीब की ओर बढ़ रही थी, ये देखकर उसके मन में उम्मीद जगी कि शायद अब वो इस डरावनी नाव से हमेशा के लिए आजाद हो ज
12:59जान की हैरान रह गया, पूरे द्वीब पर इनसान का कोई भी निशान नहीं था, अब जान फिर से गुस से और डर से भर गया था, जैसे ही वो उस द्वीब से बाहर निकला, एक नया द्रिश्य उसकी आंखों के सामने आया, वही रह समी नाव जो उसे यहां लाई थी, अ�
13:29उसकी जिन्दगी अब भी बाकी थी, वो खोजबीन करता हुआ द्वीब की सबसे उंची चोटी पर पहुँचा और वहां से उसने दूर एक और द्वीब देखा, लेकिन वो इतना दूर था कि वहां क्या हो रहा है, ये वो देख नहीं पाया, जैसे जैसे जान द्वीब प
13:59ठीक उसी जगे बंधी हुई, और वही लोग, जैसे कुछ बदला ही न हो, पूरा माहौल पहले जैसा था, जैसे कुछ हुआ ही नहीं, जान एक टक सब देख रहा था, उसे यकी नहीं हो रहा था, कि ये सब एक बुरे सपने जैसा लगने वाला अनुभव, असल में उसके सा
14:29जैसे कुछ भी नहीं बदला, उसे यकी नहीं हो रहा था, कि ये सब असल था, या कोई बुरा सपना, मगर जो कुछ उसने जहला, वो सच्चाई थी
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