00:00शारातिल आगाराम देवी नगर देवी मनोन प्रख्या तसली तरी भक्तान साथी नाव साला पाउनारी मनोकांगना पुर्ण करनारी आणि या मंदिराच वैशिष्ट मंजे है भोसले कालीन मंदिरा है
00:21255 वर्च दुनी परंपरा या मंदिराल आप लेलिया है अपन बगुश अक्तों कि सुरेक अशी नवरात्र निमित्ते सदावत करना ता लेलिया है
00:32पुलांची पानांची सदावत इते अपलेला बगायला में इता मोठा प्रमनाथ भाविक भक्त इथे एत अस्ता दर्रोज आणि नवी दिवास इते अखंड जोत तेवत अस्ते त्यान अंतर अबन बग्तों कि केरी चा पानांचा सुन्दर आसा इते डेकोरेशन करना ता �
01:02अब भक्तान करता इति करना तलेले आए मंदिर प्रशासना करना अपले खोबत के इश्रद्धारू आए भक्त करना है जे दूर दूरून यह मंदिरा ये तस्ता आख काय संगल तुम्ही कुठू नाले काय नावे
01:13मी लेउटगरून आले है माजना निश्या संजे पटकोटवार आड़ी मी लहांट पड़ा पासनों जेते है मी नाकुर्ची असलिया मुणे मला यहां मंदिराचा खुप ओड है
01:24खुप शान वेट्टे की दर आधीतर आमी नेमीच दोपन आतला मसलिया मुणे मी दर नवरातरात मातेला नमशकार कराला ये ते चेते ओटी भराला ये ते बही
01:34खुब चाणे आणे आपनी लहांड बना मसला ये तसले आमोले आमा वी आप देवी वर भरकुर्ष रता है और सर्वान ची मोणा कामना खुर्णा करनारी ही देवी आपना पुर्च्या अग्याराम देवी मंदिरात यंदा चा नवरात रोत सवात भक्तीचा सोया अधिकच भ
02:04मंदिर समिती अध्यक्षान नी सांगितल की अंदा भक्तान साथी अतिरिक्त पानेची व्यवस्ता सुरक्षा और महाप्रसाद योजने वर विशेश लक्ष दी लगेले
02:34प्रपार्त यावैस नियोजना है अध्यना रामचंद्र पिल्लारे मी प्रथम आग्याराम देवी मंदिरात चाद्ध्ष ले अत्यांता जूने अचुन चार्षे ते सवा चार्षे वर्षे या मंदिरा दालेला है
02:51आमी काई सामाजिक लोकान नी या मंदिरा मदे पूर्वी ट्रस्ट नौतर ट्रस्ट बना जाए जया प्रथम आग्याराम शेउंती आमाले ते अचिप अलस्तृति मियाली
03:02त्या माध्य माध्य माध्य दोन हजार सातला या ट्रस्ट बनला तेवा पासुन आमी लोको सतत इथे प्रहत्ना चांगले वाओ मंदिर सा भिकात होओ या करिता आमी प्रहत्ना करा प्रहत्नी शिल आहोड
03:18त्या माध्य माध्य मातूल आमी प्रथम जोत लवना जा प्रहत्न किछ 스�्ट प्रहत्न कहिंअगला तेवा आमी प्रथम जोत 31
03:25प्रवात्न सुर्वत के लिए आज आमते मंदिरा मासे हैं अशी है कि लोकर्न्ली इथे जोत नहीं आहिए अनि इतनला
03:34ये दर्शन आरत्या था तानी लिक्त के लिऌनी हिली सिरीत भी और अधर गिर्रभ सक्माल हे दाक्ताइए
03:57आणि सांगितल कि दिवैंची सजावट आणि अखंड जोत या मुळे मंदिर परिसरात अध्वितिय भक्ति मैं वात्तावर निर्माण चाले
04:05नवरात्री मदे अपन भक्तो की भाविक भक्ता अगरं देवी मंदिरात मोठ्या प्रामालात असताथ नगर देवी मनुन या देवीची ख्याती आए अपले जोबत आशेज काई भक्ता है तंचेशी आपन आज बाच्चित करना रो जानून गेना रो नवरात्री उत्सा चा
04:35मंजप्रात के आता है का संगालाच खुब संगलाच वाटते हैं कि नौ दिन एक तम हम बच्पन से मंदिर आते हैं और बच्पन से आने के बाच जो अपनी जो नौ दिन का एक उक्सा रहता हम में हम पुरी फैमिली को लेके आते हम वैसे रोज मंदिर में दर्शन के लिए �
05:05आज की जन्रेशन में बहुत अच्छा लगता है यंग जन्रेशन हो गया ओल्ड जन्रेशन गंटो-गंटो लाइन में लगते हैं और काफी हमको भी एक उप्सा रहती है कि दर्शन करना चीए लोगों से मिलना चीए हो माता की सेवा करने चीए
05:21अज नौरात री सा दूसरा दिवास है और आगारम देवी ही प्रख्यात अशी सुप्रसिद्ध नाकुरातील एक प्रसिद्ध शी देवी सदेवी आए अड़ी आपन बगतों की इला प्राचिन अशी परंपरा देखिल लाबलेलिया है और आखीन श्रद्धार्ण आपन ब
05:51क्या सुप्रसे मतं मानों कामने अंड़ी क endeavor लिए जान फूरत अनि काई ऒथतना सुप्रसिद्ध लेलिया
06:15तर आपन मगितले की शर्वान ची मनो कामनाथ पूर्ण करना रही देविया है।
06:22अपन बगुशक तो आत्म देजा है।
06:23सांधी चाह थी तिला बसलेला है, सांधी चाह मखर दो महन्तोना तो इथे बनो लेला है।
06:34आणि या मंदिरा बद्दल जर सांगय जरता राजे रगुजी बोसले पहिले यानि मंदिरा देवीची प्रांत प्रतिष्टा केली जावेज बंगाल बर स्वारी करना साथी गिले राजे रगुजी बोसले यानि तेतुना सीही मुर्ती नाकपुरा तांडी आणि नवरात्र
07:04लाखोंचा संखेने भावी कियाना रशिया पिक्षा व्यक्त होती है।
07:34अगे थड़े मन्दिरा थे उन चान वट्ट, प्रसन्न वट्ट, काय संगल मन्दिरा तुम्हे आले ला हाथ, काय वट्ट थे?
07:40भरपूर वर्षा पसुन है मन्दिर, चान वट्टे, प्रत्यक मननत पूर्न होते, आनी 14-15 वर्षे साने जुनी मैंधूना मन्दिरा है।
07:52मन्दिरा थे मुर्टी जी आहे। बंगवालवर जे महा राजे रगुजी भोसले पहले अनिस्वारी की लुटी ती त्या वड़ी की थे मुर्टी जी आहे।
08:06अपन बगुशक्तो की प्रखन से तेज या मुर्टी वरा है और त्या मुर्टी ची स्तापनात अनि नावरात्र उत्सवाचा पहिला द्यूशी के लिए।
08:16गटस्तापना करूण, महा रती करूण, मंदिर जी आहे। त्या पाई भक्तान साथी खुले करनात अलोता अनि अपन बगुशक्तो की आज देखिल या देवीला मोठा प्रमानात मानना रा भाविक भक्त वर्दा आहे।
08:30अनि 255 वर्षान ची परंपरा या मंदिरा ला आप ले लिया हे। जुन प्राचिन असह मंदिरा सुन मुर्ती अतिशे सुन्दर आहे।
08:42अनि सजावट मनाल तर सजावट ही नौरातर निमित्त आकर्शक विद्यूत रोष्नाई असेल फुलांची सजावट असेल संपूर्ण मंदिरा ला सजावट करनात अले लिया हे।
08:52अनि मोठा प्रमानात दूर दुरून भक्त जाये। इथे ये ताहे।
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