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  • 2 days ago
दुनिया का नक्शा बदला! 145 देशों ने माना Palestine को देश, America-Israel अकेले? | Geopolitics | Gaza

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00:00Heme में देखते आए हैं, वो अचानक पाला बदल रहे हैं, Britain, Canada, Australia, ये सब अब उस लिष्ट में शामिल हो गए हैं, जिसने अमेरिका और इसराइल की नीन दुडा दी हैं, जी हाँ, हम बात कर रहे हैं फिलिस्तीन की, एक ऐसा नाम जो दशकों से संघर्ष का प्रतीक रहा है, �
00:30अचानक क्यों हो रहा है, कौन कौन से देश फिलिस्तीन के साथ हैं और कौन आज भी खिलाफ खड़ा है, और सबसे बड़ा सवाल, इस मानिता के कागस के टुकड़े का असल में मतलब क्या है, क्या इससे जमीन पर कुछ बदलेगा, आईए, इस पूरे मामले की परत दर पर
01:00हो गया जब हाल ही में ब्रिटेन, केनेडा, आस्ट्रेलिया और पुर्तगाल जैसे बड़े और पश्चिमी देशों ने ऐलान कर दिया कि वो भी अब फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में माननिता देते हैं, ये कोई छोटी मोटी बात नहीं है, ब्रिटेन और केनेडा �
01:30कई और यूरोपियन देश भी लाइन में लगे हैं और जल्द ही ऐसा एलान कर सकते हैं, तो चलिए सबसे पहले ये समझते हैं कि फिलिस्तीन के साथ खड़ा कौन कौन है, यूनाइटे नेशन्स में कुल 193 देश हैं और उनमें से कम आने साथ ही रूस, चीन और भारत जैसे
02:00लिजीरिया ने फिलिस्तीन को माननेता दी थी, अफ्रीका और लेटिन अमेरिका, इन महाध्वीपों के भी ज्यादा तरदेश फिलिस्तीन के साथ हैं, लेकिन असली कहानी बदली है अब, गाजा में पिछले लगभग दो सालों से चल रहे युद्ध ने दुनिया के कई द
02:30से देश हैं जो आज भी फिलिस्तीन को एक देश नहीं मानते हैं, इस लिस्ट में सबसे उपर नाम है खुद इसराइल और उसके सबसे बड़े सहयोगी अमेरिका का, इसराइल की सरकार तो फिलिस्तीनी राजजी के विचार को ही सिरे से खारिच करती है, इनके अलावा एश
03:00पक्ष में नहीं है, पहले लगभग पूरा पश्चमी यूरोप एक साथ खड़ा था, लेकिन अब स्पेन, नौर्वे, आयरलेंड और ब्रिटेन के अलग होने से इस गुट में दरार आ गई है, और बाकी दुनिया में कैमरून, पनामा और ओशीनिया के ज्यादा तरदेश
03:30की अपनी आर्मी होगी, क्या उनकी अपनी करेंसी होगी, क्या वो वर्ल्ड कप खेलेंगे, तो देखिए, अंतराष्ट्रिय कानून के एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि ये एक बहुत ही पेचीदा सवाल है, ये कानून और राजनीती के बीच एक धुन्धला सा एरिया है, इ
04:00देश का अस्तित्व खत्म नहीं हो जाता, यानि ये सिर्फ एक घोशना है, जमीनी हकीकत नहीं, फिलिस्तीन के इलाके, वेस्ट बैंक और गाजा पर आज भी काफी हद तक इसराइल का कंट्रोल है, पॉइंट नम्मर दो, तो फिर इसका फायदा क्या है, तो इसका सबसे ब
04:30आप एक देश के तौर पर देखे जाते हैं, पॉइंट नम्मर तीन, अंतरराश्ट्रीय कानून में बराबरी का दरजा, और यहीं पर असली खेल शुरू होता है, जाने माने कानून विद फिलिप सैंट्स कहते हैं कि जैसे ही आप फिलिस्तीन को एक देश के रूप में मान
05:00या किसी भी विवाद में फिलिस्तीन एक बराबर के भागितार के तौर पर अपनी बात रख पाएगा, उसे इसराइल के बराबर दरजा मिलेगा, यह भविश्य की शांती वारताओं के लिए एक बहुत बड़ा आधार तयार करता है, तो फिलिस्तीन को मिल रही यह माननेत
05:30कई देश मान रहे हैं कि फिलिस्तीन को एक देश का दरजा देना ही टू स्टेट सॉल्यूशन की तरफ पहला और जरूरी कदम है, जहां इसराइल और फिलिस्तीन दो देश शांती से एक दूसरे के बगल में रह सकें, वहीं दूसरी तरफ इसराइल की वरतमान सरकार इसे अ
06:00और हवा का रुख बदल रहा है, आपको क्या लगता है, क्या इतने सारे देशों का फिलिस्तीन को माननता देना शांती की रह को आसान करेगा या और मुश्किल बना देगा, आपकी इस पर क्या रहा है?
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Mohsin Khan
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