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Transcript
00:00दिल्ली की मेट्रो रात की आखरी ट्रेन चला रही थी, डिब्बे लगभग खाली थे, बस कुछ यात्री उंगते हुए बैठे थे, अचानक ट्रेन एक अंधेरी सुरंग में रुख गई, रोशनी बुझ गई, और हवा में अजीब सी गंध भर गई, लोग घबराने लगे,
00:30उसने डिब्बे की छट पर चड़कर अगले कोच में चलांग लगा दी, रास्ते में उसे एक बैग मिला, जिसमें लोहे का रॉड और टॉच थी, रिया ने उसी रॉड से जॉंबीज को पीछे धकेला और अंधेरे में आगे बढ़ी, सुरंग लंबी और डरावनी थी, ल
01:00पीछे से गूंचती जॉंबीज की चीखें उसके कानों में अब भी गूंच रही थी, लेकिन अब वो आजाद थी, उस रात पूरी मेट्रो मौत का स्टेशन बन गई, लेकिन रिया बच गई, क्योंकि उसने डर के बजाए हिम्मत को चुना,
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