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  • 2 days ago
कल खग्रास सूर्य ग्रहण होगा जो भारत में नहीं दिखेगा. सूतक काल लागू नहीं होगा और सर्वपितृ अमावस्या के श्राद्ध कर्म प्रभावित नहीं होंगे.

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00:00इक्किस सितंबर दो हजार पचीस को इस साल का आखरी सुरे ग्रेण होने जा रहा है जो कि रात दस बच के चालिस मिंट से प्रादम होकर
00:12कि 22 सितंबर की सुबह तीन बच के 22 मिंट तक यह सूरे ग्रहन होगा और यह चुंकि हिंदोस्तान में द्रश्य नहीं है यह केवल आस्ट्रेलिया अंटार्कटेका या नुजिलेंड जैसे देशों में ही द्रश्य रहेगा और जिसका प्राभाव भी उनहीं देशों में देख
00:42मना जाता है जो द्रश्य होते हैं यह जो हमारे देश में दिखलाई पड़ते हैं पच्चुंकि इस बार कन्या राशी में सूरे रहे सूरे का कन्या राशी में होना उत्रा फागुली नक्षत्र का होना निश्यत रूप से वह हमारे भारत के लिए किसी भी प्रकार से अश�
01:12और जो द्रश्य नहीं है उसके लिए सूतक काल मानने नहीं होता है फिर भी अगर हम बात करते हैं अमावश्या के द्वारा या दिन शरादों को लेकर हमारे जो मन में परसर�üप्शन रहता है उसको लिए घबराट करने की जरू сबस्त नहीं क्योंकि दस घंटे पहले भी �
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02:12This means that we are going to take some of the circumstances and we will not be able to take some of the circumstances.
02:18We need to take some of the circumstances that during the night we don't have any kind of a moral and moral,
02:28so if we don't see the circumstances of the circumstances, we will not be able to take some of the circumstances.
02:34In this situation, you can't do any kind of work or any kind of work or any kind of work.
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