Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 2 days ago
कल महालया के साथ शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो जाएगी. खबर में जानें महालया का महत्व.

Category

🗞
News
Transcript
00:00कि महालया का क्या महत्व है और क्या इसके पीछे की कहानी है बबाब पहले तो ईटीवी भारत की और से आपको सुबकामना है आपको रिव मापके सभी दरसकों को हमारे तरफ से आगामी
00:21नौरात्र का बहुत सुभकामना, बधाई, मा जगदंबा सब पे कृपा करें, शुखी रखें, शम्रिद रखें, महाल्या से ही हमारा एक तरह से नौरात्र का सारा कारेकरम प्रारंब होता है, शुरुआती है, महाल्या के दिन ही हम लोग वेदी इत्यादी का निर्मान करते ह
00:51और फिर नेक्ष्ट से दिन से पुजा प्रारंब करते हैं, इसके पीछे की कहानी क्या है, हमारी जो धार्मी करीती रिवाज है, उसमें कैसे इसकी सुरुवात हुई, देखी महाल्या, एक्चिवल, अमावस्या, जो पित्री पक्ष के दिन शमाप्ती होती है, उसको महाल्य
01:21जाता है, और कुछ इसका विशेस नहीं, तैयारी की रूप में इसको देखा जाता है, और दूसरे दिन से हम लोग नौरात्र करते हैं, एक कुछ लोगे भी काते हैं, कि महाल्या के दिन जो भक्त हैं, वो माको धर्ती पे आने के लिए आगरह करते हैं, अनुनाय विने का का
01:51आएंगे और हम इस पिधान से पुजा करेंगे, महाल्या के मलब संपुर्ण तयारी करके हम प्रतिक्षारत हैं, आगामी दिन माता आएंगे और हम पुजन प्रारम्भ करेंगे, इस बार माता कैसे आ रही हैं, और कितने दिनों का इस बार इशार्दिया नौरात्र है, दे�
02:21किसी किसी दिन तिथी ब्रिधी होने से किसी किसी समय, तो नौरात्री दस दिन का हो जाता है, तो इस बार चतुर्थी तिथी का ब्रिधी है, तो इसलिए नौरात्री दस दिन का होता है, सास्त्रों में ऐसा वर्णन है कि तिथी ब्रिधी होना शुब का परिचायक है, बड�
02:51ज्यादा वर्षा होना ऐसा लक्षन दिखाईए देगा आगामे दिनों में और इसका फल है अतिवरिष्टी हाथी प्याना मतलब ज्यादा वरिष्टी कारक है बिदाई है धोलायाम नर्वाहन
03:05नर्वाहन का मतलब होता है जिसको मानवों के द्वारा ठोप करके ले जाया जाया धोना समझ रहे हैं मानवों के द्वारा तो उसको भूला जात है दोली पर माता का विदाई है और उसके अनुसार सास्त्र Y articles फल है
03:18foreign
03:24foreign
03:32foreign
03:46
04:16
04:17
Be the first to comment
Add your comment

Recommended