Donald Trump ने America H1-B Visa पर बढ़ाया आवेदन शुल्क, अब देने होंगे 1 लाख Doller | वनइंडिया हिंदी H-1B Visa Rules: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने 19 सितंबर को अचानक भारतीयों को सबसे बड़ा झटका दिया है। ट्रंप ने एकतरफा आदेश में भारतीयों के ऊपर वीजा बम ( America H1-B Visa) गिरा दिया है। इसका सीधा असर भारतीय टेक्नोक्रैट्स पर होगा। जानिए क्या हैं अमेरिका के नए H-1B वीज़ा नियम और इसका भारतीय पेशेवरों, खासकर टेक इंडस्ट्री पर क्या असर पड़ेगा।
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00:00अमेरिका के राश्टपती डोनाल्ड टरंप ने 19 सितंबर को अचानक एक बार फिर से भारतियों को बड़ा चटका दिया है
00:21पहले टैरिफ वार और अब टरंप ने एक तरफा आदेश में भारतियों के उपर वीजा बम गिरा दिया है
00:27जससे सबसे ज़्यादा प्रभावित आईटी प्रोफेशनल्स होने वाले है
00:31दरसल एक कारिकारी आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए डोनाल्ड टरंप ने साफ कर दिया है कि
00:38H1B वीजा के लिए अब आवेदन शुल्क कई गुना देना होगा
00:43यानि अब इस वीजा के लिए एक लाख अमरीकी डालर यानि लगभाग 88 लाख रुपए का बुक्तान करना होगा
00:50जसका सीधा असर भारतियों पर होगा
00:53और अब कंपनिया इतनी बड़ी फीज दे करके भारतियों को अपनी कंपनी में रिकूरूट करने में बचेंगे
01:13सबसे ज़्यादा भारतियों को ही मिलता है वीजा फीज बढ़ाने के पीछे कोई ठोस वजय तो नहीं सर्फ अमेरिका के लोगों को तवज्य मिले इसलिए डोनल्ड ट्रंप ने मनमानी पायसला लिया है
01:25पहले H1B वीजा के लिए कंपनीयों को केवल 215 डॉलर रेजिस्टेशन शुल्क और 780 डॉलर फॉर्म शुल्क देना पड़ता था अब नया शुल्क सीधे एक लाग डॉलर कर दिया गया है जो की मौझूदा शुल्क से अलग है
01:41ये राशिक कंपनीयों को प्रतेक विदीशिक कर्मचारी को अपने यहां काम देने के एवज में अमेरिका की सरकार को चुकानी होगी
01:49ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इस कदम का मकसद ये सुनश्यत करना है कि केवल अत्याधिक कुशल और ज़रूरी इसकिल वाले विदीशिक कर्मचारी ही अमेरिका में आकर काम कर सके
02:01अमरीकी वाणिज सचीव हावर्ड लुटनिक ने H1B वीजा प्रणाली को एक घोटाला करार देते हुए कहा कि इस सिस्टम अमरीकी नौकरीयों को विदीशी कर्मचारीयों से भर रहा है जो कम वेतन में काम करने के लिए तयार रहते हैं
02:16उनका तर्ख है कि आउसत अमरीकी कर्मचारी के सालरी करीब 75,000 डॉलर है जबकि H1B वीजा के तहत आने वाले कर्मचारी साथ हजार डॉलर के आसपास में काम करने के लिए तयार बैठे हैं
02:29वाइट हाउस के स्टाफ सचीव विल सार्फ ने कहा कि ये नीती अमरीकी नौकरियों की सुरक्षा और केवल उच्च कोशल वाले पेशेवरों को मौका देने के लिए भारती पेशेवरों पर इसका बड़ा प्रभाव पढ़ने वाला है
02:44H1B वीजा का प्रियोग मुख रूप से टेकनलोजी, इंजिनियरिंग और सीटेम छेतरों में होता है जहां भारती पेशेवरों के हिस्सेदारी करीब 70% से ज़ादा होती है
02:56इस भारी भरकम सुलक के पीछे छोटे व्योसाय स्टार्ट अप विदेशी कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए सक्छम नहीं होंगे
03:03जैसे भारती ए आईटी कंपनियों और पेशेवरों पर बड़ा आसर पढ़ने वाला है
03:08कई भारती ए तकनिक कर्मचारी अवतनारा जैसे दूसरे देशों की और रुख करने पर मज़ूर होंगे
03:14और वहां के वर्क परमिट की प्रक्रिया आसान क्योंकि है
03:18ट्रम्प प्रशासन H1B वीजा प्रोग्राम में नियुन्तम वेतन मानक को भी बढ़ाने की योजना मना रही
03:24ताकि कंपनियां वीदेशी कर्मचारी को अमरीकी कर्मचारी के बराबर या अधिक वेतन दे
03:30जिससे दूसरे देशों के आने वाले कर्मचारीयों को मौका कम मिल जाए
03:34इसके अलाव़ ट्रम्प ने गुल्ड कार्ड वीजा प्रोग्राम भी शुरू किया
03:38जसमें असाधारन योगता वाले विदेशिक विक्ति को
03:41वन मिलियन डॉलर या कमपनी प्रायोजक के लिए
03:44दो मिलियन डॉलर देकर अमेरिका में निवास ले सकते हैं
03:48यानि उन्हें सीधी नागरिक्ता मिल सकते हैं
03:52कुछ टेक कमपनियां जैसे अमेरिशन, माइक्रोसोफ्ट और गूगल
03:55जो हर साल हजारों H1B वीजा का प्रयोग करती हैं
04:00वो इस बदलाव का समर्थन कर रही हालां कि ये कदम छोटी कमपनियों के उपर
04:04भारी पढ़ने वाला है और चुनौती भूल
04:06आपको बता दें ये सभी कमपनियों के CEO कुछ दिन पहले ही
04:11डोनाल टरंप के डिनर में शामिल हो चुके हैं
04:13जहां पर सहमती बनाई गई थी
04:15अब दूसरी तर भारती आईटी कमपनियां जैसे
04:19टाटा कंसल्टिंसी सर्विसेज, इनफॉसेज और विप्प्रो
04:22जो की H-1B वीजा पर निर्भर हैं, उन्हें इस नीती से नुकसान हो सकता है
04:27H-1B वीजा एक गैर प्रवासी वीजा है
04:30जो अमरीकी कमपनियों को उन छेत्रों में विदेशी कर्मचारियों को निक्त करने के अनुमते देता है
04:35जहां स्थानी स्रमकों की कमी है
04:37यानि जहां अमेरिका जैसे तमाम देशों के लोगों की बेहत कमी है और इसकिल की भी कमी है
04:43हर साल करीब 85,000 H-1B वीजा लॉटरी सिस्टम के जरिये जारी किये जाते हैं
04:50जिनमें बड़ी संख्या में भारतियों को इसमें वीजा मिलते है
04:53H-1B वीजा के लिए एक लाग डॉलर का नया शुलक अमरीकी सरकार की
04:57अमेरिका फर्स्ट नीती का हिस्सा भले हो
05:00जिसका उद्देश इस्थानिय कर्मचारियों को प्रात्मिक्ता देना हो
05:04केवल अत्याधिक कुशल विदिशी पेशेवरों की अनुमती देना हो
05:08लेकिन इस अनुमती से भारतियों के ऊपर बड़ा उठारग हाथ
05:13इसका लावा वीजा बम से इसे कम नहीं कहा जा सकता है
05:16क्योंकि बड़ी संख्या में भारतिये हर साल IT कंपनियों में चाकर के
05:19अमेरिका में काम करते हैं
05:21लेकिन अब अमेरिका जाना आसान नहीं होगा
05:24क्योंकि उससे पहले ही कमपनिया एक लाग डॉलर चुकाएंगी
05:28और उसके बदले में काम मिलेगा
05:30और ये राश इतनी बड़ी है कि छोटी मोटी कमपनियों के बस की
05:34बाहर की बात इस खबर में फिलाल इतना ही अपडेट्स की लिए बने रही
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