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  • 1 week ago
रांची में रावण दहन हर साल भाईचारे का गवाह बनता है. यहां मुस्लिम कारीगर रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले बनाते हैं.

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00:00राजधानी राची का मुरहावादी मैदान इस बार दसहरे पर केवल रावन दहन का गवा नहीं बनेगा बलकि अब हाईचारे और समाजिक सोहार्थ की अनोखी मिसाल भी पेश करेगा
00:10आयोजन की सबसे खास बात यह है कि यहां रावन मेगनात और कुम्भकरन के पुतले मुस्लिम कारिगर तयार कर रहे हैं
00:18Kariib 70 feet Uche Ravan, 65 feet ke Meghnaath
00:21और 60 feet ke Kumbhakaran ke Nirmahan
00:23में जुटे कारिगरों का
00:24कहना है कि यह काम
00:26उनके परिवारों में
00:27पिड़ी-धर-पिड़ी चलता आ रहा है
00:29दसकों से वे इसी तरह
00:31हिंदु परब दसहरा पर
00:33पुतले तयार करते हैं
00:34और इसे के बल काम नहीं
00:36बलकि समाज में भायचारे का
00:38संदेश फैलाने का जर्या मानते हैं
00:40हमारा नाम परवेज आलम है
00:55गया जीला साय है
00:56हम यहाँ पर मुरवादे का
01:0120 साल से काम कर रहे है
01:02कारीगरों ने कहा
01:18हमारे लिए यह तवार केवल हिंदुओं का नहीं है
01:20हम सब मिलकर इसे भारतिय संस्किती का
01:23हिस्सा मानते हैं
01:24जब हम पुतले बनाते हैं
01:26तो हमें गर्व होता है
01:27कि हमारे हाथों से तयार है काम
01:29हजारों लोगों को
01:31अच्छाए पर बुराय के जीत का
01:33संदेश देगा
01:34जो मुहमद मुस्लिम है
01:36जो बना रहे हैं रावन
01:37यह आज से नहीं कई वर्षों से
01:40रावन का मेखना तौरकुम करन के
01:43पुदले बनाते आ रहे हैं
01:45यहां कहीं कोई भेदभाव नहीं है
01:47और कहीं भी कुछ नहीं
01:49आदमी सोचता ही नहीं है
01:50और उन्होंने बिल्कुल ठीक संदेश दिया
01:52कि हिंदू मुस्लिम सी किसाई
01:54सब आपस में भाई भाई
01:56बिल्कुल सही दिया
01:57क्योंकि सभी जाती के लोग
01:59इसमें सयोग करते हैं
02:01ऐसा कुछ नहीं है
02:02कि मुसलमन भाई हमारे
02:04सयोग नहीं करते हैं
02:06और हर तरह के लोग
02:10अच्छी खासी बिल्ड आती है
02:16जो कि किसी भी जात धर्म
02:19यह साब से नहीं होती
02:20सभी धर्म को लोग आते हैं
02:21इस आयोजन पर करीब 20 लाख रूपिय
02:24खर्च होने का अनुमान है
02:26खास आकर्षन के रूप में
02:28मुंबई और कोलकाता से आये
02:29कलाकार आतिसबाजी प्रस्तूत करेंगे
02:31जबकि उत्तर प्रदेश से आये
02:33कलाकार सांस्कृतिक कारेक्रमों से
02:35समा बांधेंगे
02:36आयोजन समीति का कहना है कि
02:39मुसलीम कारिगरों की यह भागिदारी के बल परंपरा
02:41आही नहीं बलकि गंगा जमुनी तहजीव की जिबन तश्वीर है
02:45अधधक्ष ने कहा जब अलग-अलग धर्म और समुदाय के लोग एक साथ मिलकर
02:50किसी आयोजन को सफल बनाते हैं तभी तेवहार का असली अर्थ पूरा होता है
02:55यही भारतिया संस्कृति की ताकत है
03:11और जिस तरह के हर वर्ष हम लोग आतिश बाजी करते हैं
03:17इस वर्ष भी भवे आतिश बाजी, पायरो आतिश बाज़ी हो गई है
03:21जिसके कलाकार आपको मुंबई और कलकटा से आ रहे है
03:25जो कि रंगा-रंग इस बार आयोजन है पायरो आतिश बाजी का
03:32We will continue to work with other people from the Uttar-Purdish.
03:41We will continue to work with four people from the Uttar-Purdish.
03:51We will continue to work with the Uttar-Purdish.
03:57We will continue to work with the Uttar-Purdish.
04:20We will continue to work with the Uttar-Purdish.
04:27We will continue to work with the Uttar-Purdish.
04:34We will continue to work with the Uttar-Purdish.
04:41We will continue to work with the Uttar-Purdish.
04:48We will continue to work with the Uttar-Purdish.
04:55Chandan Bhattacharya, ETV, Bharat, Rachi.
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