00:00नमस्कार विशेश देख रहे हैं आप साथ आपके मैं हूँ अर्पितार है
00:03बहराइच में ठीक एक साल के बाद आदम खोर भेडिये का आतंक एक बाद फिर से लोटा आया है
00:08आपको याद होगा पिछले साल इन्ही दिनों की बात है
00:11यानि कि अगर सितंबर के महीने में बहराइच में भेडियों ने एक किबादे कई ऐसे शिकार किये थे
00:18कुल दस लोगों को मार डाला था तब भी बहुत हाय तौबा हुआ बहुत हंगामा हुआ
00:24अब भेडियों को पकड़ने का काम लगाता चल रहा है या उनको मारने का प्रयास भी चल रहा है
00:29कुछ भेडिये पकड़े भी गये हैं लेकिन फिर सब कुछ शान्त हो गया
00:33और अब एक बार फिर से भेडियों का आतंक मचा है
00:36सिर्फ पांच दिन में तीन लोगों को उन्हों ने शिकार किया जिसमें दो छोटी बच्चियां भी है इस बीच कुछ लोग ये भी दावा कर रहे हैं कि धेडिये नहीं तेंदू है पुरी रिपॉर्ट देखे
01:06क्या बहराइच में आदम खोर भेडिये फिर से वापस आ गए एक साल बाद फिर से शोग बहराइच में लौट आया आदम खोर
01:29एक साल पहले भेडिये ने दस लोगों का शिकार किया था इस बार क्या होगा
01:35ठीक एक साल के बाद उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेडिये का आतंक शुरू हो गया है
01:42सिर्फ पांच दिनों में आदम खोर ने तीन लोगों को अपना निवाला बना लिया है जिसमें दो बच्चियां भी शामिल है
01:49ये बुदूर्ग महिला भी ऐसे ही एक आदम खोर के हमले का शिकार बनी है
01:58और इसके अलाबा दो बच्चियों को भी भेडिये ने शिकार बना दिया
02:12इसमें एक तीन महिने की मासूम बच्ची भी शामिल है जो अपनी मा के पास सो रही थी
02:17तब ही रात को आदम खोराया और उसे उठा कर ले गया
02:21हम आपको आर्टिफीशल इंटेलिजन्स की मदद से दिखा रहे हैं कि उस रात को क्या हुआ होगा
02:26ये तीन साल की मासूम बच्ची अपनी मा के पास सो रही थी
02:31कभी भेडिया आया और हमला कर दिया बच्ची को उठा कर लेकर भाग गया
02:36बच्ची का शव तक नहीं मिला सिर्फ कपड़े ही मिले अब बहराईच के कैसरगंज के इलाके में लोग इसी तह से लाठी डंडे लेकर घूम रहे हैं
02:49रात को भी लोग ऐसे ही पहरा दे रहे हैं
02:52लोगों को जागरू किया जा रहा है लोग जुन्ड बना कर निकल रहे हैं
02:58हम इस वक्त जिस तहसील में है वो कैसरगंज तहसील है और आप मेरे इड़गीर्द आप देखेंगे तो तमाम गाउं वाले इस तहसील में खटा है पबन पुरुआ गाउं है
03:08यहां हम इस वक्त इसलिए आये हैं क्योंकि दो दिन पहले लगभग यहां पर एक आदम खोर ने हमला किया
03:15और उस आदम खोर के हमले में पचपन वर्षिये एक महिला बुरी तरीके से घायल हो गई
03:19उनके घाव इतने गहरे थे कि यहां जरास्पताल में कुछ ना हो पाया तो उन्हें बहराईच शहर भेजना पड़ा
03:26वहां Medical College भेजना पड़ा अब क्योंकि हालात नाजुक हैं गाउंवालों ने खुद अपने हाथों में लाठी और डंडे ले लिये हैं
03:34किसी तरीके से वो इन लाठी डंडों से अपनी सुरक्षा कर पाएं और भेडिया या तेंदुआ जो भी आदम खोर इनके परिवार खास कर जो छोटे-छोटे बच्चों को इस वक्त टागेट बना रहा है उनसे बच्चों को बचाया जा सके
03:49तो क्या बजर्ग, क्या युवा और क्या बच्चे हर किसी ने अपने हाथ में आज इस तरीके से ये लाठी ली हुई है
03:56चार दिन पहले रात को वो अपनी गाय को चारा देने के लिए गई थी
04:04जादा रात भी नहीं हुई थी, साड़े आठी बजे थे, तभी एक आदम खोर ने हमला कर दिया
04:09गाम वाले ये सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं, कि हमला भेडिये का था, क्या फिर तेंदवे का
04:14क्या हुआ था, कितने बज़े हुआ था, क्या करने गही निश्चित
04:34वो उठा लाठी एक हाद में, एक हाद में टार्च, और दवरें तो उसको देखे, डेर तो बहुत गहें
04:39क्या दिखा? हमने देखा उसको पकर-पकर की ये गर्दना नोच-नोच के खीचे अपने तरफ
04:46और हम चिलाए नहीं पायें, आ, आ की आवाज निकली, तब पतो है हमरी पीछे चिलानी की दवरो दादा गाउं वालियो भड़ा खाए लिए
04:54तब लोग दवरे, तब हम बड़ा लड़का और दो भाई और दो लड़के दवरें वहाँ तब कोई बस नहीं चली, जब और पीछे गाउं से लोग दवर के आये हैं, जब यहाँ, जब देखे ज्यादा जन था, तब वो हटा
05:08इतने लोग आये लगभग, अरे लगभग, वो यह सुखा तो नव दस पहुंचे, उके बाद तो सव डिलर सव आदमी पहुंचा, जी ओ, काट करके खेंच रहा था उधार, आपर काट रहा था, यह गरदन का है, जी, ठीक है, फिर, बस जी उसको मारने लगे लगे लो ला�
05:38समस्या सिर्फ यह नहीं है, कि आदम खोर फिर से लोट आया, या उसने हमले शुरू कर दिये, समस्या यह भी है, कि रात में इदे लागे लाइट ही नहीं रहती, वरसात और गरमी के मौसम में लोग घरों के अंधर नहीं सोते, बाहर सोते हैं, और जब बाहर सोते हैं, तो �
06:08इस इलाखे में तीन लोगों की जान चली गई है
06:26दो-दो मासूम बच्चिया इन आदम खोरों का निवाला बन गई है
06:29लेकिन अभी भी जिला प्रशासन जागा नहीं है
06:32बताय जा रहा है कि गाउं में जागरुपता की विवस्था भी प्रधान ने अपने से की है
06:36गाउं में ऐसे ही लोगों को जागरुप किया जा रहा है
06:39बहराईज की तहसील कैसर गंज में लोगों को जागरुप करने के लिए
06:47जिससे बच्चे अपने घरों पर रहें लोग इखटा ना रहें
06:51इस तरह की तमाम जिस तरह से आप देख रहे हैं
06:54अनॉंसमेंस किये जा रहे हैं जागरुपता के लिए
06:56गाउं अपने इस तरह पर बोलैरो चला रहा है
07:00और लगातार इस तरह के माइक्स के जरीए जागरुप कर रहा है
07:05आप सुने अगर ध्यान से इसको वो बार-बार ये दोहरा रहे हैं
07:08कि छोटे बच्चों को बाहर ना निकलने दें
07:12आप देखें इसको वैन को इसके उपर दो आपको बड़े-बड़े
07:17लाउड स्पीकर्स नजर आएंगे जो लगातार एनॉंसमेंस कर रहे हैं
07:21अगर कोई हमला हो जाते हैं तो बहुत बड़ी समस्थे हो जाते हैं
07:49अगर डाक्टर की टीम अगर यहां गठित रहे तो आदमी का उपजार के लिए हो सकता है
07:53बहराईच के इन गाओं में अगर बिजली की विवस्था हो पूरी रात लाइट आए
07:59तो शायद आदमखोर इस तरह के हमले करने से डर जाए
08:02फिलाल तो डर इस बात का है कि अगर यह हमले ऐसे ही जारी रहे तो फिर आगे क्या होगा
08:06बहराईच से समर्थ श्रिवास्तव की रिपोर्ट
08:10बहराईच में लगातार वन विभाग का कॉम्बिंग ओपरेशन चल रहा है
08:16वन विभाग ने दूसरे प्रदेशों से एक्सपर्ट भी बुला लिये हैं जो ड्रोन की मदस से इन आदमखोरों को तलाश रहे है
08:22समस्या ये है कि खेतों में गन्ने की फसल बहुत घनी है
08:26गन्ने के खेतों में अंदर जाना बहुत मुश्किल है
08:29और आशंका है कि भेडियों ने अपना ठिकाना इन्हीं खेतों को बनाया हुआ है
08:34इसलिए ड्रोन की मदस से भेडियों की तलाश की जा रही है
08:38हेराइच में आदम खोर जानवर को पकड़ने को लेकर बन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है
08:45भोपाल और बंगाल से भी अब टीमें मंगाली गई है जिनकी मदद से ड्रोन्स उड़ा कर ड्रोन्स के जरिये आखिर वो भेडिया या तेंदुआ कहा है इसका पता लगाया जा रहा है
08:57पूरी टेकनोलोजी का प्रयोग किया जा रहा है इस तरह के जो ड्रोन्स आप देख रहे हैं इनका सहारा यानि कि इन रिमोट्स के जरिये लोकेशन पता की जा रही है कि आखिर कहा पर वो भेडिया या तेंदुआ चिपा हुआ है
09:10क्योंकि इतनी घनी बस्ती में वहां तक पहुँच पाना इतना आसान नहीं है तो इन घनी बस्तियों में जो आम इनसान है वो नहीं पहुँच सकता इस तरह कि जो आप देखेंगे तो गन्ने की तमाम खेती यहां पर आपको दिखेगी और यहां पर किसी इनसान का जाना प
09:40त्रोल मिलाकर पहुंच जाते हैं।
09:43दो टोन लगे हुए हैं।
09:44हमारे दो आप्रेटर बाहर से बुलाए गए हैं।
09:46कलकटा से हैं दूसरा जो पर हमिन रात मेंस से लगे वह लेकिन अभी तक हमको मिल रहा है क्लूव।
09:54वह काम काम फीयूजन है।
09:56इसलिए कि उसमें कभी हमारी जो फेसिंग कैट की मिल रही है या आपके सियार क्या बोलते हैं इसको सियार को उन्हेंने भेडिया नहीं जैकाल की मिलती है या फिर भेडिये की अभी तक कोई सूचना उस नहीं मिल पाई हमको इना कुछ दूद्ध कि बहराइच में वहीं पि�
10:26खासतोर पर घर के मर्द और युवा जो राद भर पहरे दे रहे हैं ताकि कहीं किसी आदमखोर का हमला ना हो जाए
10:33रात को आदम खोर का जादा खौफ है
10:47जिन गाओं में रात को नौ बजे तक लोग सो जाते थे
10:50वो आधी रात को इसी तरह से रत जगा कर रहे हैं
10:54पहरा दे रहे हैं
10:56रात के बारहे बजे हैं
10:57और लोग लाकी डंडे और टॉर्च लेकर गाउं की रखवाली कर रहें।
11:27पूरा अंधेरा यहां आपको हार्डली कोई लाइट नजर आ रही होगी।
11:33इन ही जंगलों से इन ही खेतों के भीच से वो आदम खोर भेडिया या वो आदम खोर तेंदुआ निकल कर आता है।
11:41और आज तक इस वक्त ग्राउंड जीरो पर है रात के समय इसी जगा पर रिपोर्ट कर रहे हैं जिससे आप तक एक खबर एक एक पात पहुँच पाए।
11:48हम यहां यह दिखाने आए हैं कि रात के बारा बजे कभी समय उसके बाद दी जुगाओं वाले हैं वो यहां पर आपको जगते हुए नजर आ रहे हैं हाथ में आप लोगों ने टॉर्च वगरा ले रखा है यह क्या आप लोग किस चीज़ के अब कभ है अरे हम लोग चाहत
12:18हम लाना कर दे कितने लोग हैं दो पीछे से बाइक से आगए एक दो तीन चार पांच छे साथ आट लोग यहां पर हैं उनका कोई रास्ता तो है नहीं कि इसी रास्ते से आएंगे क्या पता कभी धर आ जाए हैं हमारे ओपर भी बार्दात हो सकते हैं इसे लिए ज़्या से �
12:48गांबानों के शिकायत हैं कि अगर बिजली रहे तो शायद इन आदम खोरों का हमला नहों
13:18लोग आकरमन कर देते हैं आदम खोर अरे भेडिया है तेंदुआ हैं तो आकरमन करेंगे जब बिजली नहीं रहेगी अंध्याले में इसलिए हम लोग टार्च है मुबाईल है जला कर रोग रहते हैं कि हम लोग घर्ला मचा सके बोल सके
13:28रात का एक बजग गया है लेकिन लोग इसी तरह से जग रहे हैं घर के मर्द और नौजवान घर के बाहर पहरा दे रहे हैं
13:38इसका साथ उशेश में आज के लिए बस इतना ही लेकिन देश दुनिया की वाखी ख़बरों के लिए आप देखते रहे हैं आज तक
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