00:00कि अनंद कि अरे इस तरह पीट पर हाथ मानने से पहले तुम्हें देखते लेना चाहिए या नहीं मुरारी नाम के किसी आदमी को तुम्हें जानता ही नीं तो तो क्या अरे उसे मिलने कुछ चाहा सु मिल लिया देख वाव मुश्य कभी तुम्हारे साथ ऐसा हुआ है कि किसी
00:30प्रांस्मिटर है और एक रिसीबर यह अपना जग्दिश था ना इसकी बाड़ी में इसे एक वाइबरेशन निकली मैंने फॉराँ रसीब कर ली बस दोस्ती हो गई बड़ी क्रेट थेरी है बाभुशाय इससे करोगे तो नोबल प्राइस मिलेगा यह क्या पागलपन है बा�
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