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पूरा वीडियो : क्लाइमेट चेंज का समाधान, न सरकारों न सामाजिक आंदोलनों के पास || आचार्य प्रशांत(2019)
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Transcript
00:00हो सकता है कि 2-4 दशक या 5-7 दशक में ही आदमी सफा चट हो जाए प्रत्वी से
00:05इतना निकट है अंत
00:09सरकारे मिलती है बैठती है पेरिस अकॉर्ड पेरिस अकॉर्ड की बात करती रहती है
00:13क्या फर्क पड़ रहा है
00:14अमेरका के राष्ट्पति तक अभी मानने को तयार नहीं है कि
00:19क्लाइमेट चेंज जैसी कोई चीज है
00:20सामाजे कारे करता रैलिया निकालते रहते हैं
00:24कैंपेन चला दिया है
00:25नो फ्यूचर नो चिल्रन
00:26इनेजर्स उसमें शपत लेते हैं
00:30कहते हैं कि अगर दुनिया का यही हाल रहा तो हम बच्चे ही नहीं पैदा करें
00:33क्योंकि इस दुनिया में बच्चे लाने से लाव के
00:35कई अभियान चल रहे हैं पर उनमें से कोई भी अभियान सफल होता दिखाई नहीं दे रहा है
00:38क्यों नहीं सफल होता दिखाई दे रहा, क्योंकि ये बात आदमी के मन की है, आदमी के मूल पहचान की है, ये समस्या वास्तों में अध्यात्मिक है, आदमी जोर में है, बुखार में है, आंतरिक तरीके से, आदमी के भीतर का बुखार ही टत्वी का बुखार बन गया है
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