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  • 2 weeks ago
खपरैल के कच्चे मकान में रहकर मिट्टी के बर्तनों में खाना खाने वाली सीमा के संघर्ष की क्या है कहानी, सुनिए उन्हीं की जुबानी.

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00:00qehty he har safal purush ke peechhe eek mahila ka hath hota hai
00:05lekin kai bar ye kaaniy ulit bhi nazer ati hai
00:08kyaiki mahila ke safaltaha ke peechhe puri sh ka hath hota hai
00:13kucayis hi kaaniy hai banaras ke sewa puri block me rehnye wali
00:16sima ki
00:17sima 5 wii padhi likhi hai
00:20jadeh dheish duniya ki jan kari nahi hai
00:24lekiin pati ke saath kandhe se kandha mila ka chalne ka junun hai
00:28और इस जुनून नियाज ने हर महिला के लिए एक प्रेणादाई कहाने के तार पर खड़ा किया है
00:34सेवापुरी ब्लॉक की ये रहने वाली है बेहत गरीब परिवार से आती है
00:39संघर्स ऐसा कि घर में खाने पीने के लिए मिट्टी के बड़तन होते थे
00:44लेकिन अपने सफर से सीमा ने अपने संघर्स की कहानी को सफलता की उस दौर में लाकर के तब्ली कर दिया है
00:51जहां हर कोई सीमा जैसा बनना चाहता है
00:54बेहत सामानिसी महिला है लेकिन चहरे पर ये मुस्कान होसला इतना मजबूत कि जो भी देखे इनका मुरीद हो जाता है
01:03छे साल पहने इनोंने दोना पत्तल से अपने कारवार के शिरुवात की
01:09जिन्होंने 10,000 रुपे भी कभी एकठा नहीं किया होगा
01:13उनके सामने इस बिजनस को शिरुव करना अपने आप में बड़ी चिनोती थी
01:18लेकिन वो हार नहीं मानी
01:19स्वेम सहाता समूख से जुड़ करके उन्होंने दोना पत्तल बिजनस को शिरुव किया
01:26कुछ अधार लिया, कुछ लोन पर पहली मशीन लगाई
01:29मेरा सफर बहुत गरीबी से और बहुत आगे मैं निकल चुकी
01:46मैं मटकी के बरतन से पानी पी रही थी और बहुत मुसीवत झेल कर
01:55लेकिन हमने समू के माध्यम से बाहर निकलना शुरू किया
02:01गाव में निकला फिर जो है कि अपने मार्केट में निकला
02:05तो हमें काफी कुछ अजीव का समू से जानने को मिला
02:10हम उसके माध्यम से आगे आएं आज दोना पत्तल का मसीन लगवाया
02:16सोचती थी पहले कि बिजनस के लिए पढ़ाई लिखाई बहुत जरूरत है लेकिन ऐसा कोई बात में है कि जिसमें की पढ़ाई लिखाई की बहुत जरूरते हैं
02:28हमारा कहना है कि अगर बिजनस करना है तो हमारे पास महनत है होचला है और करने का जज़बा है तो हम कुछ भी कर सकते हैं
02:39हैं तो कम से कम नहीं तो 30 से 35 महिलाओं को मैं जोड रखी हूं दी अपने गाओं के छोड़ दीजिए अन्य गाओं में भी मैं बहुत मैं सीने डलवा चुकी हुई जहां की महिला बहुत दुखी थी जिस्तिती यह है कि आज वो अपने बच्चों को पढ़ा लिखा करके आ�
03:09आप आपने बच्चा लोग रखता ही तो प्रेषिए बचल बटाई रहा हुए तो में वीवाम्बे छोड़ तरे यहां आ गया उन्हीं के विवसा में अपना हाथ बटा रहा हूं पहले तो मैं यह मतलब बकड़ी गोरु पालन करके वोका मिलता था ते अधार उधार भटक
03:39So the person who worked on the day,
03:42the one of her working on the day,
03:44and that,
03:46you can find a little Samjha,
03:47some Sabeer,
03:49some type of time,
03:51we've made a lot of work on the day.
03:57When you started this project,
03:59you learned a lot of work that you started.
04:03It was a very wrong idea.
04:06When did you come?
04:07Yes, I gave you a machine for this time.
04:10We were very early, we were able to earn 10,000 rupees.
04:19We were very difficult to live, very early.
04:27We were able to earn 10,000 rupees,
04:30so we were able to earn 10,000 rupees.
04:35We think that our husband will not be able to do so many things, our three daughters, two daughters, and two daughters.
04:41We give ourselves our own money and our husband will be able to do it.
04:47We will be able to do it for three or four days.
04:50This is not the end of the day.
04:53He has also made a work of mushrooms with this.
04:58He has also made a work of mushrooms.
05:00ुणका कहना है कि वो दोना पतल के साथ-साथ
05:03मश्रूम की खेती कर रही है, पश्रुपालन कर रही है
05:06और इसी के साथ इस बिजनस को वो और भी आगे बढ़ाना चाहती है
05:10॥ीमाने अपने बच्चों को पढ़ाया लिखाया भी है
05:12उनके बच्चे अब higher education की ओर aggressor हो रहे हैं।
05:16तो कहा जा सकता है कि यदि आपने कुछ करने की ठानली हो तो हर परिस्तिती आपका साथ देती है।
05:23सीमा की कहाने भी कुछ ऐसी है जहां उन्होंने अपनी गरीवी से आगे बढ़के आगे चलने का सोचा और आज वो हर किसी के लिए नजीर बनी हुई है।
05:33Camera Postman Manoj के साथ प्रतमातेवारी, ETV भारत वारण सी।
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