00:00शेहडोल जिला मुख्याले से लगभग 15 किलो मीटर दूर है एता जरगाओं जहां जंगल में अलग-अलग जगाँ पर दो बे जुबान मवेशी पिछले कुछ दिनों से आस लगाए जिंदगी और मौत की जंगल अड़ रहे थे जिनें कोई भी सहारा नहीं दे रहा था
00:22पैरों में रस्सी से बेडियां बंधी हुई थी जहां रस्सी बंधी थी वहां घाव बन चुका था जिसमें कीडे लग चुके थे पैर कटने की स्थिती में पहुँच रहा था कई दिनों से भूके प्यासे लग रहे थे उन्हें देख ऐसा लग रहा था मानो जिंदगी जीन
00:52अपने साथ ले गई जहां उसका इलाज और देखरेक शुरू हो चुका है
01:20तो वहीं दूसरे गउवन्स का रेस्क्यू रवीवार की सुबह किया गया
01:24इसका रेस्क्यू भी अटल कामधेनु गौसेवा संस्थान की टीम नहीं किया
01:27जहां एता जहर गाओं के कुछ युवाओं ने भी इसका रेस्क्यू करने में मदद की
01:32और उसे सुरक्षित अटल कामधेनु गौसेवा संस्थान भेजा गया
01:36अटल कामधेनु गौसेवा संस्थान का लानपुर सेड़ोल से हूँ
01:40हम एक एंता जहर में एक बैल की सुचना मिले थी कि उसके कुरूता पुरबा के रस्ची बादा हुआ था
01:45जहां हमने रस्ची देखा खोला तो उसके घौव इतना था कि जिसकी परिकपला आप लोग उसके दर से कर सकते हैं
01:53अभी क्या तुरंट आप ने कुछ इसको इसको इसको प्रात्मिक टीटमेंट दिया है क्या इस्तिती बहुत गंबीर है उसके जहां पास रस्ची बंदी हुए थी वहां कीड़े भी लग चुकिया और लबग रस्ची देखकर आसा लग रहा कि लबग 15-20 दिन होगा रस्च
02:23अठल कामधेनु गौसेवा संस्थान के संस्थाफ़क गौरव राही मिश्रा बताते हैं कि यह संस्थान पिछले 9 सालों से चल रहा है और इस दौरान करीब 20,000 प्लस रस्क्यू कारे उनकी टीम कर चुकी है इसमें से कई बड़े और कठिन दुरलव रस्क्यू भी किये ग�
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