Skip to playerSkip to main content
  • 3 months ago
#dailymotion#admd#crimepetrol#new#admd2025

Category

📺
TV
Transcript
00:00साथना के कतल़ से मीरा कुछ लेना देना नहीं है
00:03अगर हो सच में मरी तो
00:06सर आइथिंग घर में कुछ हुआ होगा
00:10हाी लेकिन किस के घर में? रवी के शच भारध बाज़ी नौतारी को भरत दलवी के घर में गई वारदात के बारे में
00:14मैंने जितना पता किया
00:15और भरत दल्वी और उसकी वाइब, मांसी ने जो बयान दिया, वो दोनों मैस तो हो रहे हैं
00:20सर ये भरत और मांसी, शैद ये दोनों जूट बोल रहे हैं, ऐसा जूट जो सच लगे
00:25तो कि रवी की फेमिली भी जूट बोल रहे हैं रॉसके बच्छपन के चार-चार दोस्त वोबी जूट बोल रहे हैं
00:29अगर रवी और साधना का कि इस रुमी और जूलिय ऐप का है, दोनों में बराबर का प्यार, दोनों के परिवारों में बराबर गवर्यवात।
00:34तो कुछ तो सुराग दिखने शगी है थे बच्चों की बगावाद के लिए पत्तोर सुराग हमारे पास एक फोन का उने उस बिल्डर विक्रम वर्तक पर इतना बिल्कुल काफू नहीं है
00:42तो फिर तोनों हवा कैसे होगे सोलापूर से और सिफ साधना पंडरपूर के फूल वाले को दिखिया और किसी को नहीं लिए
00:47क्या गुमावदार खबर लेकर आ है गुरू खबरी काफी घुमावदार है सर बूर पंडरपूर से रिटर्न टिकेट आपकी साधना यहां सोलापूर में देखी है क्या कब दिखी किसने देखा एक गुरू अब यह मत कह देना कि देखने मारे को यादी निया कि उसने कब दे
01:17इने कितने दिर बात बोला तुने यभी उसते पूचा तब ही बताया मैं थोड़ी पेपर पड़ता हूँ मेरे को क्या मालूब यह लड़की गायब हो गही है अचा देखा कब था इन मालूम नहीं लेकिन दूपर के टाइम वह ऐसे मेरे सामने ऐसे फास-फास निकल के चली
01:47दोनों दोस्त थी और दोनों की फोन पर बात होती थी
01:49सर मुझे लगता है कि आपने पुराने केसिस के अनुभवर के अनुसार इन दोनों केसिस को भी लव स्टोरी के दागे से मांगते है
01:56साब सोचिए यह लड़की दिखी पंधरपुर में जहां उसके फूफा रहते हैं संजय खोटे
02:00और यहां सोलापुर में उसकी पूरी फैमिली रहती है खुद की
02:04तरह मुद्दा क्या गरू?
02:06मुद्दा यह ऐसा कि सोलापुर में संभजी कॉल्ली में साधना की बुवा रहती है
02:10संगीता कोटे
02:11जिनके साथ साधना के दोनों छोटे भाईवें
02:14खुसुम और राहूल रहती है
02:15हो ना हो इस दलवी और खोटे परिवार के बीच में
02:18उस तो खोटा चल रहा है
02:36झाल रहती है
02:39किन दो जाओ़ में साधना की?
02:42झाल उसे बडռर है
02:45कि वाल, रहा है
02:47यही है
02:48झाल, रहा है
02:49यही है
02:50यही है
02:51यही है
02:52यही है
02:54यही है
02:57और जही है
02:59अजब कर शोटे
03:01लुवा
03:04भरत
03:17वहाँ क्या कर रहे हो
03:19साधना
03:20मैंने साधना को फिर से देखा
03:23क्या
03:24वहाँ अगेली खड़ी थी
03:27मेरी तरब देख रहे थी
03:29भरत
03:29साधना को किसी ने संभाजी कॉलोनी के बाहर देखा है
03:32पुलिस संगीता ताय के घर तलासी ले रहे है
03:36ये क्या कर रहे हैं ये क्या कर रहे हैं ये क्या कर रहे हैं ये क्या कर रहे हैं ये क्या कर रहे हैं ये क्या कर रहे हैं ये क्या कर रहे हैं ये क्या कर रहे हैं ये कुसुम के कपड़े हैं आपको क्या लग रहे हैं
03:54मैंने साथना को यहाँ पर छिपा के रखा हुए
03:56और मेरा भाई भाहाँ जूथी काहनिया बुन रहे
03:58साथना के गायवोने का थावा कर रहे
04:00संगीता जी साथना आपके घर के काफी करीब देखी गई है
04:03तो कहा है वो
04:04आपको क्या लगता है
04:06कि हम शामिले साथना के गायवोने में
04:09बिटा कुसूम
04:10पाहुल
04:11आपके साथना ताही आई थी?
04:13नहीं
04:14नहीं सर
04:16गणिश
04:17अगर साथना यह आई होते हैं आपको सबसे पहले पून कर देते ना
04:20आपको क्या लग रहे
04:22कि मैने इन मासूम बच्चों को जूट बोलने की पट्टी पढ़ाई है
04:25जबकि साथना और रवी शिंदे को पट्टी पढ़ाने वाला वो विक्रम वर्तक बाहर खुला गूम रहा है
04:30उसका तो बाल भी बाका नहीं कर पाया
04:32उसके बाल को चूने के ज़रत भी नहीं संगीता जी
04:34वो इस केस में शामिल नहीं है ये बात पक्की
04:36संगीता जी
04:37साथना के सौते लीवा मान सी
04:39क्या उसे परिशान करती थी
04:40आप लोग मन गढ़न कहनिया बुन रहे है
04:43बेटा कुसूम
04:45राहुल
04:46आप लोग याद करो ना
04:48और बिना डरे बे जिजग बताओ
04:50आपकी साथना ताइने आप दोनों को कभी भी
04:53ऐसा कुछ बताया है कि उस घर में उनके साथ कुछ बुरा बुरा था
04:56नई माम
04:58साथना अगवा हो गई है
05:02उसकी जान को और उसकी इज़त को खत्रा है
05:05और आप यहाँ इन बच्चों से बाप करके अपना कीमती वक्त बरबाब कर रही है
05:09अरे अरे बढ़ी को पानी से बाहर निकार के चेक करूँ
05:11एलान करूँ लाश मरी हुई है जिन्दा नहीं है
05:14मंगेश तु जब यह मजाक सूच है
05:16वहाँ पर भरतभाव को साधना देखने लगी है
05:18स्कुरू डेरा हो गया उनका
05:20अरे भाव जब मैं उसकी लाश को उठा के ले जा रहा था न तो
05:24मैंने कोई आवाज भी नहीं सुनी उसकी
05:26कोई हलचल भी नहीं हुई
05:28मानो किसी भारी पत्थर को उठा की ले जा रहा हूँ मैं
05:30बिलकुल जान ही नहीं बची थी भावू उसमे
05:34पर वो मर चुकी थी ने
05:36कितनी बार कहा चुका हूँ वो पूरी तरह मर चुकी थी
05:38जब मैने उसकी लाश को पानी में फीका ना
05:40पानी में फेका ना तो एकदम नीचे गई पत्थर की जैसे
05:42बिल्कुल फड़ पड़ाई भी नहीं वो
05:44जिन्दा रहने का कोई चांस ही नहीं ये भाव
05:46मानो अगर गला दबाने के बाद भी वो जिन्दा होती
05:48या फिर बेहोश होती तो पानी में डूपके
05:50मरी गई होगी ना फिर मुझे क्यों दिखाई देती होगो
05:53वहम है आपका वहम हो रहा हो आपको
05:55वही तो मैं भी कह रही हूँ
05:56वहम है आपका और अगर यहां सम्भाजी कॉलने में
05:59अगर किसी ने उसे देखा होगा तो पहले कभी देखा होगा
06:02साधना का संगीता बुआ के घर जाना कई बार होता था
06:06और संजेबाव साधना को पंडब्र में कई भार लेके गए होगे
06:09आठ तारीक को उसी टाइम किसी ने देखा होगा
06:12आपने पूचा संजेबाव से
06:13आखिरकार तुमने मुझे फोन तो किया संगीता
06:15लेगिन तुमने मुझे अब तक यह नहीं पूचा
06:18कि मैं चुप क्यों हूँ
06:20संजेब जो हो चुका सो हो चुखा
06:22ऑर जो हुआ है वो जो तुमने और
06:24तुमने और तुम्हारे भाई ने जो कुछ भी किये
06:26अउसका क्या
06:26तुम्हारे साध साथ तुम दोरों ने
06:30मुझे भी मुसिबत में डाल दिया है
06:31चानती हो, पुलिस अब तक दो बार पुस्ता कर चुकी है
06:35कैसे तो भी संभाला है मैंने पुलिस को अब तक
06:37और तुमें क्या लगता है
06:38ये तुम्हारा सद किसी के सामने नहीं आने माना
06:40ये वक्ते में बातों का नहीं है
06:41साद्धा को किसी ने पंडरपूर मार्केट में देखा है
06:44तुम आठतारी को उसको बाहर लेकर गए थे क्या अपने साथ
06:46या आठतारी के बाद देखा होगा किसी ने उसे
06:49हाँ मैं आठतारी को उसको अपने साथ लेकी गया था
06:51मार्केट में एक dispariin मेरे को काम था
06:53मैने साध्दां को एक जगापे रुखने के लिए बोला था मार्केट में
06:59साध्दा तू इधर 10 मिनिट रुख
07:01में यह तो आता, हा? इधर रुख
07:05भरत आल रहा
07:06इप जीसनें भी देखा सिर्फ साध्दां को देखा
07:08मुझे नहीं देखा।
07:09शुकर है।
07:11मतलब भरत को वो जो साधना की आवाजे सुनाई दे रही है और जो दिखाई दे रही है।
07:15और फिर उसका वहम ही है।
07:17और ये वहम उपर से नहीं टपकता संगीता।
07:19अंदर से आता है।
07:21जब इंसान अपने आपको बुसूरवार समझने लगता है।
07:24उसे अपने अपरात की घिन्नाने लगता है।
07:26और ये अपरात की घिन्न है न संगीता।
07:29वो जिन्दगी भर भरत की चाती पर भूद बन कर रहेगा।
07:32तुम्हारी चाती पर भी और मेरी चाती पर भी।
07:36विश्णुजी, जैन जी, आप लोग सही कह रहे हैं, हमारे पास एक भी ठोज सबूत नहीं है ये साबीद करने के लिए, कि आपके रवी का मिसिंग केस साधना दल्वी मिसिंग केस से सीधे सीधे जुड़ा हुआ है, अरे तो फिर आप हमारे रवी को ढूंग क्यों ने रहे ह
08:06यहां बैठे रहने से क्या होने वाला है? विल्कुल भी बैठे वे नहीं है विश्णुजी, हमारे लोग भरत और उसके आद्मियों पर नजर रखे वे हैं, सही वक्त आने पर सही कतम उठाया जाएगा, और एक बात और कहना चाहूँगा आप लोग से, हमारे लिए आपके
08:36रोहित, यह नंदु कहा रहे गया अप, क्या हूँआ, काम पे नहीं आए? नहीं, और फून भी बन करके बैठा है मूरक, रोहित, तू उसके घर जल दी जा,
09:06नंदु, नो तारीकों तेरे मालिक भरत दल्वी के घर कोई चोरी नहीं हुए था, नहीं साब, मैं जब बाजार से घर लटा तो दर्वासा पहले से खुला हुआ था, सब चीज़े बिखरे हुए थी और साधना बेबी भी भी घर पे नहीं थी, अबे वो तोता राम, हमें �
09:36आपढ़ी बेहर नहीं, ना पंदरा साल के साधना के साथ, ना सोरा साल के रवी शंदे के साथ, इसलिए जो भी सचा है, फटा फट बोलते है, साथ तारीकों रवी शंदे तेरे मालिक भरत दल्वी के घर आया था ना, कहीं ऐसा थो नहीं कि तेरी गंदी नधर पढ़ गे थ
10:06साथ तारिक को क्या हुआ था ये बोल और नो तारिक के असले को नहीं जानता जब मैं बाजार से घर लोटा तो दर्वाजा पेले से खुला हुआ था
10:23सब चीजे बिक्रिवी थी और साथना भी घर पर नहीं थी
10:26क्या तेरे मालिक भरत दल्वी ने साथना और रवी शिंदे को कहीं चुपा का रखा है या फिर मार डाला सच बोल नंदू सच क्या है
10:41ये विक्रम वर्तब वाली बात जान बूच कर उच्छा ली थी ना भरत अपने दुश्मन को भसाने के लिए
10:46ये तो तो सोच मत कित रोध हो कि आराबसे निकल जाए गाए सब्कुष तेरे ही सराइवा और फासी भी तुझे ही ओगी
10:51अ अरे माडम मैं क्यो फोसुगा और मुझे क्यो फासी होगी मैंने तो पोछ नहीं किया तो पिर करने वाले का नाम बोल कौन
10:57साधना की सोतेली मा मांसी
11:00मांसी भई नी तो एक सेकंड के लिए भी सोतेली नहीं रही
11:02कितने नोट फूसे गये तेरे मूँ में
11:04जो इतना बड़ा जूर तो इतनी असानी से बोलता रहा है
11:06देख नंदू
11:07हम जानते हैं कि साधना घर से भागी नी थी
11:09पुसर जुबरदर्श तो नी चुपागे रखा गया
11:11और यह भी जानते है कि कोई चोरी नी हुई
11:12इसे जो भी साचे बोल तो नंदू
11:14साभ हुई थी
11:15हुई थी चोरी
11:17क्यो हुई कैसे हुई कुछ और हुआ नहीं हुआ
11:19मुझे कुछ नहीं मालूम साभ
11:21तो जी से मालूम है उसका नाम बोलन तू
11:22किसका नाम बोलनू मैडमजी से
11:24मैं किसी को नहीं जानता मुण
11:26मैंने कुछ नहीं किया
11:27मैं जब गर पर पहुंचा तो दरौदा पहले से खुला वहथा
11:30सब चीज़े बिक्रे हुई थी और साथने में भी घर पर नहीं थी
11:33यही हुआ
11:34यही हुआ साफ
11:41वहनी
11:42वहनी वहनी नंदू को पॉलिस ने उठा लिया
11:46देगा
11:47ताही
11:49मैंने मंगेश को रखा है उसके गर के सामने
11:51आहो नंदू को पॉलिस उठा के ले गई
11:54तब कुछ बुग दे उसने
11:57सब को तब
12:00मत बोलो ऐसा कुछ
12:02जो सोचेंगे वही होगा
12:05अच्छा सोचेंगे
12:07अच्छा ही होगा
12:09बहुत मार रहे क्या उसे
12:13पता नहीं
12:15अभी तो वही ही है वो
12:16सब अच्छा होगा
12:19गुरू इस नंदू पड़ से एक सेकंड लिए भी नजर नहीं इठनी चाहे
12:28समझा साइब
12:29साइब के तरह पीछे रहोगा
12:3024 गट्टे
12:31तुम दोनों संभालो अपने आपको
12:45नंदू अपनी जुबान कभी नहीं खोलेगा
12:47क्या ये करना जरूरी था
12:50तो मुझसे पूछ रहे
12:52ये सब करना जरूरी था है नहीं
12:54तू अपने आप से पूछ भूल गया
12:56या महसूस कर रहा था इस वाक्त
12:57सब
13:08अबी मत बोलना की नंदू भाग साइब नहीं
13:09लेकिन कल पुलीशेसंसा निकला है घर के लिए
13:17मेरे को लगता है कि भरत दल्वी और उसकी फैमिली पूरे कान के पीछ नंदु तो कल काम पर ने आया था और आज भी ने आया कल शाम से तो हम भी उस तक पहुशने की कोशिश कर रहे हैं
13:28कल शाम तक तो नंदु हमारे पास था तो यहा को पता होना चाहिए कि नंदु कहा है हमसे क्यों पूछ रहे हैं क्योंकि यह सब आपका क्या करा है
13:35अभी यह हम पर लागे है यह हम इस सोच में है कि कहीं यह सारा तांट नंदु का क्या करा नहीं है
13:41सुन भरत, पुलिस आएगी तहकीकात करने, तुझसे सवाल पूछले, यही वक्त है, सारा इल्जाम नंदु के ओपर डाल देना, बोल, क्या कहेगा पुलिस को?
13:49बोल दूँगा कुछ में, कहें बोल तो तुमें, ताई, मुझे पुलिस से जादा इन से बड़ार है, कब टूट जाएंगे, कब सारा कुछ कबूल करनेंगे, कुछ परोसा नहीं इनका, और कितना, ताई, और कितना, और कितना, पर्व सुकून मिलेगा तुझे, यह मैं अप
14:19पर्व पट, और तोता वही बोलता है, जो से सिखाया जाता है, पर नंदू तोतों से अलग एक इंसान भी, जिसका दिल है, दिमाग है, एन मौके पर कुछ भी बोल सकता है, लेकिन अब नंदू बोलने के लिए हैं नहीं, कायब, नंदू कहां है मानसी जी, अब नंदू का
14:49अब आप हमारी पूष्टाश कर रहे हैं, सर्फ, तो रॉफ चान बाला, नंदू कहीं नहीं, बाएम, वो यहां था ही नहीं, तो कैसे मिलेगा, तो बर कहा है उसकाटिका, कहां चुपाया उसे, हम क्यों चुपाएंगे नंदू को, मतलब डारेक मर्डर, मार डाला नंदू
15:19फून भाओ को नंदू नहीं किया था, और आपने � Hijय पूच्थाज की, तो वो सिधा गाय पो गया, जब तक आप हिन लोगों को नंदू नहीं मिल जाता, यह लोग चैन से नहीं बैठेंगे, मैं कुछ बोल रहे हूं, जब तक आप हिन लोगो को नंदू नहीं मिल जाता, �
15:49अगर नंदू को जिन्दा रखके छिपाई रखा, तो हम सब के लिए बहुत महंगा पड़ेगा
15:54और अगर वो पुरिस के हाथ लगिया, तो वो उसकी ऐसी खाल उधेड़ेगी, जो उसका अपब भी सब सच-सच बोल देगा
16:00अब हमारी कहानी खतब
16:02है, प्रौईद भूलते हैं, मैंने लाइल लाइन पे फॉन की आपना है, जो रौईद?
16:21क्योंकि पुलिस की नजर में आचुके है, मेरे उपर मंगेश उपर पुलिस की नजर यवाँ, शायद उन्हेंने हमारा मोबाईल फॉन टैप किया हूँ
16:28इसलिए रोहित, अभी काभी नंदू को मार कर कहीं दपना दो.
16:31कैसे भाव कैसे, बाहर कौन पॉलिस का बंदा है, कौन नहीं है, यहीं नहीं पता चल रहा है हमें.
16:37लेकिन उनके बंदे आसपास जरूर है भाव.
16:39भाव, मेरी बात मानो, अभी कुछ करने में बहुत खत्रा है.
16:43सबसे बड़ा खत्रा नंदू को जिन्दा रखने में है, वही सबसे बड़ा खत्रा है.
16:46भाव मेरी बात मानिये, एक दो दिन जाने दीजी प्लीज.
16:50और अगर उससे पहले पूलिस ने उससे धुन लिया तो हम लोग तो गये काम से
16:53पर भावन नंदू जब थाने से निकला था तब मंगिश उसे मिला था
16:57उसी समय आप बताते ना तो उसी के उसी टाइम उसे मार देते
17:00अब लेड हुचो कहा हूँ
17:02लेड बिट कुछ नहीं पुछ कर रोहित पुछ कर
17:20चली चली डरी नहीं पंडीजे जो हुआ वैसे का वैसे सफफ़ बता दीजे
17:25भरत जी के हां कल पूजा थी साब इसलिए मुझे बुलाया थावा
17:28क्यों भरत जी शांती चाहते हैं नहीं साब इसलिए शांती हवन रखा था
17:33हवन क्यों मैंने पूछा भी कि तकलीफ क्या है उसके अंसर खास पूजा करूँगा
17:39तो क्या बोले भरत जी को बहुत बुरे बुरे सपने आ रहे हैं ऐसा खुद बोले
17:43और इन सपनों को दूर करने के लिए भरत जल्वी ने अपने घर पर हवन और शांती पूजा करवाई
17:48जी साब और मैंने बार बार उनसे पूछा कि किस किसम के बुरे सपने आते हैं
17:53वो कुछ बता ही नहीं रहेते
17:55देखिए पंडी जी मेरे छोटे भाई को लगता है कि घर में कोई प्रेतात्मा है
17:59प्रेतात्मा देखिए सब कुछ खुलकर विश्तार पूर्वक हमें बताईए ताकि उसके हिसाबस में विधी कर सको
18:05यह सब इनके मन का वहम है और कुछ नहीं है आप जादा मसोचिए बस इस घर की शांती के लिए कोई पूजा कोई हमन कर दीजे
18:12सबसे जादा शांती की ज़रूत इनके दिमाग को है
18:14फिर मैंने भी चुप-चाप शांती रखते हुए शांती हमन कर दिया साब
18:18साब ये प्रितात्मा अवेतात्मा सब अकवास है ये जो वहम हो रहा ना भरत दल्वी को उसे अपने ये का कहीं लकी पस्तावा हो रहा है डर रहा है वो
18:29सर दोनों पती पत्नी को तोड़ते हैं सब उगलते हैं शायद ना उगले काफी गैंडे की खाल वाली फैमिली लगती है इतने दिन तक ढूंड करते हैं हमसे इतना कुछ छपा कर रखा अब एक बात तो तो तह है
18:40साधना दल्वी और रवीशिन ले इन दोनों के केसे जुड़े जो लोग इतने शाधित तरीके से इतने दिनों तक बाते चुपा सकते हैं वो साथ और नो तारीके बीच में प्लैनिंग भी कूप कर सकते हैं हाज आवेद बोल गुरु भाई ये रोवी दल्वी तो बड़ा
19:10साला दावे में गुसा उसका इंतेजार करता रहा करता रहा लेकिन वो बाहर निकला है उसका गाली भी पड़ा है पक्का पीछे से भाग गया होगा मेरे को लगता ये वही गया होगा जहां उन्होंने नंदू को चुपा के रखा होगा मेरे को लगता ये दल्वी परिवार
19:40अब हमारे एक नौकर कहा है उसके लिए भी आप हमें परिशान करें यह ठीक नहीं चलेगा
19:48पर मुझे तो कुछ पता ही नहीं है आप मुझे क्यों नेकर जाने हूँ या बात करें आप
20:01रोईदभव मुझे यह से भाग जाने दो आई शपत में वापस कभी नहीं लोटूँगा
20:11यसले तो मैं आए हूँ तुझे दूर भेज रहें जहां से तो कभी वापीस नहीं आएगा
20:16रोईदभव
20:18अन्दा
20:19अरे वात्वा बला वात्वा
20:25वात्वा
20:27पचाव
20:28पचाव
20:30पचाव
20:32पचाव
20:34पचाव
20:42तुझे
20:44अँआ
20:46देखिए
20:48आप जबरदर्सित जो हमसे बुलवाना चाहते हैं
20:50हम कभी नहीं बोलेंगे
20:52नंदू तो आपके हाथ पे था आपकी नापके नीचे
20:54आप हमसे के पूछने है कि वो कहाँ है
20:56पचाव नंदू कहा है
20:58वो वही है ना
21:00जहां रोहित गया है नंदू का कटल करने
21:06भरत एक और कटल
21:08मतलब एक और प्रेता आत्मा सताएगी
21:10इतना वो छेलना ही पाऊँगे तरह
21:14इसलिए कह रहा हूं फटाफट बता दो
21:16नंदू कहां है रोहित कहां गया है
21:18और एक बत याद रखो तुम तीनो
21:20इस बार कोई हवन या फिर शांती पूजा नहीं होगी
21:22इस बार सिर्फ लाठी पूजा होगी
21:24तुम तीनों की
21:26मालो मुझे मालो
21:28इस दो जित्ना मारना है मारो लेकिन
21:29मुझे कुछ पता ही थे तुमें किया बोल पामंगए
21:31तुझे पता है मंगइश
21:50पूरा दोन नंदू का
21:56हम नंदो को छोएंगे तक लिए नंदो हमें सब कुछ अपने आप बताने के लिए तयार हो लिए पर वो तयार तब हुआ जब रोहित नोस पर अटेक किया और वो समझ गया कि रोहित उसका कटल करना चाहता है आप लोगों के कहने कर आइज मैं जोना दोस्तों के साथ बाहर �
22:26रवी शिंदे और साधना दलवी ने भरत दलवी के घर मिलने का प्लान कब बनाया ये कोई नहीं जानता और शायद कभी कोई नहीं जानेगा
22:40पर इतना पका था कि दोनों 7 नवंबर को भरत दलवी के घर पर मिले ज़रूर थे
22:45साधना को पता था कि उस दिन शाम सारे 6 वजे के पहले उसके मावाब खर नहीं लोटने वाले
22:59साधना और रवी ने शायद मिलके कोई प्लैन बनाया होगा
23:02पर दुर्भाग्य वास जो हुआ वो मनें सूचा भी नहीं होगा
23:09साधना बेबी
23:10साधना बेबी
23:14साधना बेबी
23:23साधना बेबी दरुवादा खुलो
23:44साधना बेबी कोई इस तरब इस तर पर देखा उस लड़के के साथ मालिक को बतना तो मेरा फर्स था
23:53क्या पक रहा है नंदू
23:55मैं क्या वो लुग हो
23:57मैंने खुद अपने आंखों से देखा
23:59वो तुनों अंदर
24:01मतलब
24:03क्या विस्तर पर है
24:05विस्तर पर है
24:15भाव भाव दरुवादा चावी से खुल नहीं रहा अंदर से बंग है
24:17अंदर से बंग है
24:18अंदर तु सच बोल रहा है ना
24:19हाव मैंनी
24:33अंदर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्तर विस्
25:03आप शान्त हैं, माफी बांग रही है अब
25:24भाउ, वो बेहोज है
25:26को नहीं है?
25:27कोई द्रवी है, बोल रही है उसके ट्यूशन क्लास पर पढ़ता है
25:30उसे यहां से लेकर जाओ
25:31किसी रास्ते पर फ्यक दो, मेरी नजर के सामने से उसे हाटा दो
25:34तेरी नजर के सामने से हाटाने से जरूरी नहीं कि जमाने की नजर से भी हट जाएगा
25:38जब उसे होश आएगा ना, तो वो अपना मुंग खोल सकता है
25:42देंडोरा पिट सकता है
25:44पारत गळवी की बीटी के साथ सौया था उसी के घर में
25:48साथिना बोली है, ऐसा कुछ नहीं कुछ नहीं उनके पीछ में
25:51कुच नहीं है
25:52एक कुछ नहीं है
25:52दो थपड़ लगा है, थप्चा कर बोली वह
25:55पहल उसी की तरफ से होए ताय
25:57क्योंकि ये लड़का उसे पसंद था
26:00तो उसका मन कर रहा था
26:04तब उससे बुला इस लड़के को
26:06ये सब गद्दा का
26:07अगर तो और भी कत्रा है हमें उस लड़के से
26:09उथा हम सब को बदनाम करेगा
26:12साधना को
26:14तुम्हें हमें
26:16और विरादरी में हमारी क्या हिज़त रह जाएगी परत
26:20तो मैं क्या करू ताई मैं क्या करू
26:22और ये लड़की बेशरम
26:26ओ लड़का बेशरम
26:27दोनों ने मिलके ये क्या कर दिया
26:29ये लड़का बोलेगा
26:33ये लड़का बाहर जाकर सारी दुनिया में बोलेगा
26:37नहीं बुलेगा, कुछ नहीं बुलेगा, मैं तो कहती हूँ, खदम कर दो ही से, सब की तदाई, खदम कर दो ही से,
27:07पंदरा साल की बटी थी मेरे, सिर्फ पंदरा साल, और ऐसे बिस्ते बिस्ते हैं,
27:37पंदर पर, सारे कपड़े जमिन पर, देखती ही, देखती ही, सुन पड़ गाया था मैं, वो लड़का, हमारे खांदान का नाम बरबाद कर सकता था सर, परे खांदान की इजद वगरा वगरा के नाम पर रवी शिंदे को मार ड़ा, फिर सोचा की एक तीर से दो निशाने लग
28:07तुम लोगों ने गुस्से में या हडबढ़ाट में आकर मटर नहीं किये, बल्कि भूत सोच समझ कर मटर किये, तुम लोग शातर मुझरिम हो, बेरहम और बहत चालाक, चल बस लो कर, बस बस बस लो,
28:26हमने साधना को बताया नहीं था, कि हमने रवी को मार दिया है, उसका फोन चिंकर उसे पंड़प्र भेश दिया, मेरे जीजे जी के पास, संगीता खोटे, क्या तुमारा पदी संजे खोटे भी इस प्लान में शामिल है, नहीं, उन्हें नहीं पता था कि हम रवी को मार चु
28:56वो बहुत जित कर रहे थी, सोला पुराना है, तो रवी से मिलना है, अरे साधना कब से रवी के नाम का जाब चप रही है, सोला पुराना अचाती, कब से एक ही रट लगाए है, रवी, रवी, रवी, एक बरबाद करा दूसकी रवी के साथ, यह, मरत, इको बच्ची है, ब�
29:26वो तो हमारा लग बहुत अच्छा है भाहू, अब तो कुल लोगने कुछ कनेक्शन नहीं जोड़ा है साधना के साधना के साधना को यहां सोलापूर लेकर आएंगे, वो खत्रा हो सकती है हम सबके लिए, लेकिन वो वहां बहुत हंगामा कर रही है, उसे वापस आना है, अरे
29:56अरे, यह मेरे मेटे होगा, फोने लिए, अरे, उसे उना राहूल भी तो तेरा ही खून है, तेरे बच्चे हैं ना, उनके बारे में कुछ सोच बड़ा थी, और जब साधना वापस आईगी ना, वो जरूर अपना मूँखो लेगे, और हम सब सलापन के बीचे होगे, कोई �
30:26मुझे अपने गलती का है, मुझे उस लड़के को नहीं मारना चाहिए, परी बेटी को नहीं मारना चाहिए, कतल को गलती कह रहे हो, दो-दो बच्चों के कतल को, और गलती का एहसास कैसे जता रहे हो, एक शाधिर साजिस सचकर, खर में चोरी का ड्रामा करना, विक्रम वर्
30:56कुछ सा था तो तो थपपट लगा कर ले आते रवी को अमारे सामने
31:18हम सजा देते उसे
31:26मार डाला मेरे भाई को सच में मार डालका मिनोंने हमने साथ तारी को युनोंने उन्होंने को मार दिया था
31:34अगलितिया बच्चे ही तो करते हैं बच्चा ही तो था हमारा रवी
31:44अर उनकी बेटी भी तो बच्ची है ना
31:49उन्होंने अवनी बेटी साधना को भी मान दाला है
31:51कहा है हमारा रफी
31:55मडर करने के बाद रफी की बोड़ी को उनने नदी में फैंक टिया था
32:00लेकिन अचीब बात ही है कि बोड़ी अभी तक उपन नहीं आई है, लेकिन हमारी तलाश जा रही है, साधना को भी मानने के बाद उन्होंने पंडरपुर की नदी में फैंक दिया था, उसके तलाश में जा रही है, इस जुर्म में शामिल सभी लोगों को ब्रिफतार कर लिया
32:30किया गया, हमें जानी नहीं पाई कि आपको फसाया जा रहा है, जब तक रवी के अंजाम की उसकी मा को खबर नहीं थी, वो मीद की सांसों पर जीवित थी, अब जब सच्चाई सामने आई है, गीता शिंदे दर्द की सांसों में खुटने लगी है, हमारी टीम्स दोनों न�
33:00पर उसने एक संगीन चुर्म को छुपाया था, और वो अपने आप में एक संगीन चुर्म है, उसी तरह नंदू ने भी सिर्फ तब मुखोला जब उसकी जान खत्रे में आ गई, उसे भी ग्रफतार किया गया है चुर्म को छुपाने के चार्च पर
Be the first to comment
Add your comment

Recommended