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Pallavi Joshi की The Bengal Files 5 सितंबर को रिलीज होने जा रही है। इस फिल्म की रिलीज के पहले West Bengal की Mamta Banerjee की पार्टी TMC ने विरोध करना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं, फिल्म को बैन करने की भी कोशिश की जा रही है। पल्लवी जोशी ने oneindia hindi से बातचीत में इस पर खुलकर बात की है। उन्होंने फाइल्स ट्रिलॉजी बनाने के पीछे की स्ट्रैटजी भी बताई। साथ ही उन्होंने अपने 5 दशक से भी ज्यादा लंबे करियर को याद किया और सुनहरी यादें शेयर कीं।

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~HT.178~ED.104~GR.124~

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00:00जब ये स्क्रिप्ट हमने लिखी, मतलब बिवेक ने जब लिखी स्क्रिप्ट तो पहले तो हमें पसंद नहीं आई
00:10इसकी कहानी आठ बार चेंज होई है
00:12Bengal Files एक ऐसी ही कहानी है, ऐसी ही इतिहास का खुलासा हमारे सामने करने वाली है
00:19तो ताशकन Files में हमने Right to Truth का मुद्दा उठाया था शासरी जी के कहानी बताके
00:24कश्मीर Files में Right to Justice का मुद्दा उठाया था कश्मीरी पंडितों के कहानी बताके
00:29और बंगाल Files में Right to Life हम कर रहे हैं
00:32तो Delhi Files Bengal Chapter and then Delhi Files the next one
00:37तो एक ट्रेलर देखने से या ना देखने से आप पूरे फिल्म का फैसला नहीं कर सकते
00:42Aftermaths जो था Direct Action डेखा कि जब सारी किलिंग्स हुई उसके पाद लोगों की लाशे वैसी ही पड़ी थी
00:50पड़ी थी सवकों पर और गिद्ध आके वो कंकाल पड़े थे अचली और उनका मास नोच-णोच के अगे दखा रहे थे
00:57और यह मतलब फोटोग्राफ्स है टाइम और लाइफ मागजीन की फोटोग्राफ्स अवेलिबल है उसके
01:04मतलब हम अपको human beings कहते हैं मानव कहते हैं हम जानवरों से बगतर हैं इतना खुन खराब अगर हम कर सकते हैं तो हमें इंसान कहलाने के लायक ही नहीं है
01:13आपने बतोर चाहिड आटिस्स शुरुवात कर दो थी थी ने यहाद पहली फिल्म ती हाँ जर्नी मतलब मझे कभी-कभी ऐसे लगता है कि पिछली जनम की बात हो रही है
01:22बहुत सारे लोग अब हैं भी नहीं जिनके साथ मैंने काम किया था जिनके साथ मैंने शुरुवात की थी
01:27कि टेलिविजन क्या है न, एक मॉंस्टर बन गया है, वही सोशल मीडिया के साथ हुआ है, एक ऐसा मॉंस्टर बन गया है, जिसको खाना चाहिए 24 गंटे, फिर आप भले उसको न्यूटिशनल खाना दो या कूडा दो उससे कुछ उसका मतलब नहीं, और ज्यादा तर कूडा ह
01:57आप देख रहे हैं वन इंडिया, आज हमारे साथ हैं पलवी जोशी माम, जिनकी फिल्म आ रही है, द बेंगॉल फाइल्स, आज हम उस पर बात करेंगे, उसके अलावा उनके पूरे जो इतना बड़ा उनका लेगिसी है, उनका करियर है, हम उसके बारे भी बात करेंगे, स्
02:27अगर आप अपने किर्दार के बारे में एलोबरेट कर सकें, तो मा भारती मा है, भारती माता, और आप ऐसा सोचिए कि अगर आज जो भारत मा है हमारी, और हमारी एक ही संस्कृती है, जिसमें हमने अपनी धरती को एक माता की रूप में देखा है, एक छवी बनाई है उनकी
02:57बनाई है, उनकी पूजा की जाती है, तो आपके सामने अगर इस वक्त भारत मा आ के खड़ी हो जाए, तो वो कैसी होगी, और वो आप से आ के क्या कहेगी, और वो किस हालत में होगी, बस यही है मा भारती.
03:14तो जो ट्रिलोजी आपने शुरू करी, यह शैर उसकी लास्ट पार्ट है, तो वो पॉइंट क्या था, जब ऐसा लगा कि हमको या फिर जैसे आपने ताशकन फाइल बनाई, तो वहां तो यह शुरूआत हुई, तो फिर उस बीच वो पॉइंट आया कि हमें यह ट्रिलोजी �
03:44कि नरेटिव सेट करते हैं, प्रपगेंडा फिल्में हैं, यह है वो है, फिर भी यह फिल्में बनाने का जो एक साहस कहूं या फिर आपका जिनून है, वो लोग आप कर रहे हो, तो वो हुक पॉइंट कहा था ट्रिलोजी बनाने का, और कश्मीर फाइल के बाद जितना आप
04:14और तब एक बहुत अंबिशिस सपना था यह, क्योंकि बहुत कम फिल्मेकर्स हैं दुनिया भर में, जिन्होंने ट्रिलोजी पूरी की हैं, या बनाने का भी साहस किया है, तो हम 14-14 साल पुरानी बात हैं, तो थोड़े से जवान थे, और थोड़ी वो अंदर थोड़ा revolutionary भी
04:44तो हमने सोचा हम एक ट्रिलोजी बनाएंगे, हमारी democracy पे बनाएंगे, और हमारे जो तीन मूलभूत अधिकार हैं, truth, justice and right to life, इसके उपर हम बनाएंगे, तो ये decide तो तभी किया था हमने कि हमारे जो तीन share हैं, वो तीन share क्या represent करते हैं, तो ताशकन files में हमने right to truth का मुद्�
05:14हमें ये पता था जरूर कि ताशकन से पहले कि हम इन तीनों में से एक film बनाएंगे partition के उपर जरूर, और जब कश्मीर files की shooting हम शुरू करने वाले थे 2020 की मार्च में, लेकिन तब lockdown हो गया, और उसके बाद एक के बाद दूसरा, जो 6-7 महीने हम सब घर पे बैठे थे, तो shooting �
05:44और direct action day, नुवाखली, genocide, ये दो तो बहुत ही बड़े incidents हैं जो सामने आए, लेकिन उसके साथ-साथ ऐसी research आने लगी सामने कि बढ़ते-बढ़ते-बढ़ते इतनी हो गई वो, कि हमारी research की summary runs into 18,000 pages, तो हमने ये सोचा कि इस पे शायद दो फिल्में बनानी पड़े, तो हम
06:14पूरा कर पाएंगे, तो हमने इसलिए इसका नाम रखा था, The Delhi Files Bengal Chapter, तो सारी चीजे वही से, उसका उगम वही से है, सारा गंगोतरी तो वही है, तो Delhi Files Bengal Chapter, and then Delhi Files the next one, क्योंकि हमें ऐसा लगा था, कि ये बहुत बड़ा research है,
06:44तो इसमें दो फिल्में अराम से निकल सकती है, लेकिन जब ये script हमने लिखी, मतलब विवेक ने जब लिखी script, तो पहले तो हमें पसंद नहीं आई, तो इसकी काफी बार हमने इसकी कहानी लिखी, इसकी कहानी आठ बार change हुई है, आठ बार, मतलब कहानी मतलब पूरी तरह
07:14script लिख कर लाए तो अब हमें लगा कि हाँ ये बहुत, ये सही है अभी, you know, this is a very hard hitting script, और जो हम कहना चाहते हैं, वो सब इसमें बहुत clarity से आ रहा है, फिर उसके बाद खेर उसके भी तो versions बनते हैं, फिर drafts बनते हैं, तो वो भी काफी बनें, 17-18 drafts बनें, लेकिन ये film बना
07:44काफी इसमें right to life बहुत अच्छे से इसमें निकल के आ रहा है, तो फिर हमने सोचा कि फिर Delhi Files Bengal chapter नाम क्यों रखे हम, फिर वो ऐसा कान पकडने वाली बात हो जाती है, और उससे थोड़ा लोगों का misconception भी हो रहा था, बहुत सारे लोगों को, जो हमारी audience है, उनको लग रहा �
08:14तो दिली का नाम आने के वज़े से थोड़ा सा confusion था और किसी भी फिल्म के messaging बहुत clear होनी चाहिए, तो हमने वो Bengal chapter हटा के, दिली Files हटा के, हमने उसका नाम directly Bengal Files रख दिया, Bengal Files तो रखा है, लेकिन अभी जिसे साब से जो महाल है या फिर जो हम भी देख रहे हैं, तो Bengal में
08:44तो यह बोला हुगा है कि मैडम बनेर जी आएं और हम उनको फिल्म दिखाएंगे और जो भी उसके बाद निर्ने लें तो अभी भी क्या टेक है, अभी क्या कोई बातचीत हो रही है, वहां से कुछ रिस्पॉंस आ रहा है या फिर सिर्फ वही हो रहा है कि आप लोग ही को�
09:14यह कैमपेंज चल रहा है या फिर फिल्म ना रिलीज होने लेना, कोई भी फिल्म हो, तो उस पर क्या है और अभी आप क्या टेक लेंगे अगर नहीं भी रिलीज हो रही है फिर उन्हीं तरफ से जो भी चीज़े आ रही है, नहीं तो बस यही याचना कर सकते हैं उनके सामन
09:44देखा होगा डिरेक्ट आक्षिन डे के वक्त क्या हुआ था, नुवा खली जनसाइड के वक्त क्या हुआ था, शायद कुछ उनकी यादें उससे जुड़ी हुई हूँ, और बंगाल की भूमी की इतनी मतलब इतना डिरेक्ट कनेक्शन है उससे, तो वहां उस प्रदेश की
10:14देना चाहिए, तो मैं बस यही कह सकती हूँ कि वो एक बार देखें फिल्म और फिर डिसाइड करें, बिना फिल्म देखें कोई कुछ नहीं डिसाइड कर सकता, देखें फिल्म किसी भी हीरे को अगर परखना हो तो उसको जोहरी के पास तो ले जाना पड़ता है, तो जब �
10:44पहुंचाने के लिए ट्रेडर बनता है, तो आप फिल्म तो देखिये पहले क्या है, पूरी फिल्म बनाने में, मतलब दूसरी ट्रिलोजी में जो दूसरे पार्ट्स बने उनकी नहीं, लेकिन खासकर बेंगॉल यह बना ले थे आप फाइल, इस सब से चुनोदी कून सीन क
11:14शूटिंग करी हैं हमने, वो इतने सारे लोग थे उस वक्त, और बेंगॉल फाइल से ना बहुत crowded फिल्म है, मतलब बहुत स्यादा crowds हैं इसमें, तो हर दूसरे या तीसरे दिन extras हमारे set पे रहते थे, तो on any given day हमारे set पे 300-300 लोग तो रहते ही थे, और किस तरह का scene है, उसके
11:44रहे हैं, कभी 1000 आ रहे हैं, मतलब they were coming in all numbers, तो anything between I say 250-300 to 1200 people, इसके बीच में हमारा आंकडा shift होता रहता था, lunch और डिनर और breakfast वगरा का, तो जो actually aftermath जो था direct action day का, कि जब सारी killings हुई, उसके बाद
12:08लोगों की लाशे वैसे ही पड़ी थी, सड़कों पे, और गिध आके, वो कंकाल पड़े थे actually, और उनका मास नोच नोच के गिध खा रहे थे, और ये मतलब photographs है, time or life magazine की photographs available हैं उसकी, और वो इसलिए हुआ था, क्यूंकि लाशों को जलाने वालों को ही मार डाला था,
12:33सफाई कर्मियों को मारा था, तो कुछ करने वाला कोई बचाई नी था, बस लाशों का धेर पड़ा था वहाँ पे, तो ऐसे में कुछ लोग आगे आके, उन्होंने मास क्रेमेशन किया, कि एक ही चिता में दस दस बॉडियां डाल डाल के, उन्होंने किसी तरह वो सारा, वो
13:03सामने बिल्कुल देखने वाले थे, तो उनके उपर वही वो मेक अप लगाना है, कि आधा मास लटका हुआ है, उनका शरीर काला पड़ा हुआ है, पूरा खून है, सुखा हुआ शरीर पे, ये सब करते वक्तों कर गए हम लोग, लेकिन जब मॉनिटर पे देखा, और जब �
13:33ही हजारों में लाशें बिची हुई थी कलकता की सब्कों पे, तो दो मिनिट के लिए ऐसा दिल दहल जाता है, और ऐसा लगता है कि कितनी कुरूरता भरी है, हमारे ही अंदर, मतलब हम अपको यूमन बिंग्स कहते हैं, मानव कहते हैं, हम जानवरों से बत्तर हैं, इतना ख�
14:03मेरे शायद पेरेंट्स भी आपको बच्पन से देखते आ रहे हैं, तो तकरीवन पांच दशक से जादा का करियर है आपका, और बहुत वास फिल्मोग्राफी है, टेलिविजर में आपने ताम किया है, तभी जब बैठती होंगी खाली यह से चाय के जुसकी लेते हुए, �
14:33हाँ, जर्नी मतलब मुझे कभी-कभी ऐसे लगता है कि पिछली जनम की बात हो रही है, बहुत-बहुत से लंबार सा हो गया है, और उस वक्त के बहुत सारे लोग अब हैं भी नहीं, जिनके साथ मैंने काम किया था, जिनके साथ मैंने शुरवात की थी, कुछ लोग हैं जिन
15:03आप जीवन को देखते हैं, और आपको समझ में आता है कि कभी न कभी आपको भी वहाँ पहुंचना है, आज तो चलिए सब फिल्मों की बारे में बात हो रही है, हम 25 जगे इंटिव्यू दे रहे हैं, कभी न कभी हमें भी घर पे अकेले बैठना है, हमें भी बुला दिया �
15:33कि एकदम से जब वह पहाड तूट पड़ता है, कि जो लोग आने वाले हैं, मिलने वाले हैं, जो घर पे बुकेज आते हैं, चॉकलेट आते हैं, वह एक दिन जब एकदम बंद हो जाते हैं, तो बहुत त्रस्ट्रेशन आ सकता है किसी को, लेकिन अगर आप अपने आपको �
16:03जिस्तों वह NCC कैड़िट बनती थी, वह मतलब उन्होंने जितने भी शोज किये, वह तो एक मुखता शो है, कि जो समय से बहुत आगे का शो था, जब आपने वह शो किया तब शायद कमिशन भी नहीं होती थी लड़किया आर्मी में, पहले पहली बाच होई तो उसने वह �
16:33बहु और यह सब कुछ मतलब वैसे शोज नहीं आ रहा है, चाहिए दूरदर्शन में भी कियाम बात करने हैं पर कहीं भी हो, तो क्या एक ड्रास चेंज है, क्या ऐसा कुछ हुआ कि बदलता ही जा रहा है, मैं ना उन दिनों को गुड ओल दूरदर्शन डेस कहती हूँ, क्य
17:03दूरदर्शन नैंटीज का शो था, लेकिन हाँ, वह वीकली था, उडान था, कविता चौधरी का शो, बहुत सहलाब था, बहुत बहतरी शोज, अर वह इसलिए थे, अलपी विराम था उसमें से, वह इसलिए थे क्युकि जैसे कि मैंने का वीकली शोज थे, तो हफते में ए
17:33तो समय मिलता था तीन साड़े तीन दिन एक एपिसोड के पीछे इतना समय मिलता था आधे गंटे के एपिसोड में तो कभी कई गलत कुछ हो गया तो बैठ के डिसकुशन कर लिया नहीं यह सीम थोड़ा इस तरह से करते हैं यह सारी चीज़े करने की वह क्रियेटिव लिबर्
18:03होते हैं महीने में मतलब साटेडे तक टेलिकास्ट होता है तो आप समझिये कि महीने के 30 दिन अगर हैं तो महीने में आपको 40 दिन की शूटिंग करनी पड़ती है तो यह एक ऐसी ट्रेन है कि जो एक बार निकल गई स्पीड के साथ तो निकल गई बस वो चलती ही जाती है औ
18:33मोमेंटम में फिर भी नहीं रुखती है तो आज कल टेलिविजन का यह हाल है और इतने सारे चानल्स आ गए हैं सब जगे डेली सोप हो गए हैं अब तो न्यूस का भी वही हाल है कि टेलिविजन क्या है न एक मॉन्स्टर बन गया है वही सोशल मीडिया के साथ हुआ है एक �
19:03अच्छा खाना पकाने में समय लगता है अगर कुछ नहीं हुआ अगर दो मिनिट में अगर आपको कुछ बनाना है कि बन सकता है
19:23आपने तो मलियालम कंडल, Gujrati, Marathi तो आप हैं और Hindi और शाहिद तिल्गू में भी किया ने इंग्लिश में किया है और शेह भाषा भाषा भी चल गया है आप बंगाली भी किया है तो जो भाषा भाषा भी बाद चल गया है बतौर आटिस्स क्या लगता है कि मतलब यह होना भ
19:53देखें मैं ऐसा समझती हूँ कि सबसे पहले यह जो हमारे प्रांथ भाषा के आधार पे बने हैं सबसे पहले मुझे वही प्यापति है अब मैं ऐसा बोलूंगी तो कुछ लोग चिड़ भी जाते हैं लेकिन
20:07करता है अगर
20:20कि यह बने ही और बहुत में थो क्या बइकार नहीं है कि अदिधी में घर खरीदू और यहीं बस जाओं मलब अधिकार है क्योंकि दिली मेरी है तो में भारतिय हूं दिली भी तो मेरी है
20:31लेकिन हाँ एक बास जरूर है कि आप जहां जाते हैं आप वहां के जो कस्टम्स हैं वहां के जो रिचूल्स हैं वहां के जो तौर तरीके हैं आप उनकी रिस्पेक्ट करें हम जैसे हमारे बच्चों को हम बाहर भेजते हैं विदेशों में भेजते हैं वह वहां का जो तौर �
21:01आप जहां जिस प्रांत में जाते हैं, उस प्रांत का आप समान करिए, उसका मान रखिए, आप अगर महराष्ट्र में हैं, तो आपको मराथी बोलना अगर नहीं भी आती है, कोई बात नहीं है, लेकिन कोई आपसे मराथी में अगर बात कर रहा है, तो आप खिली ना उड़ा
21:31बहुत short tempered हो जाते हैं हर चीज को लेके और क्यों नहों मुझे बताईए हमारे ट्राफिक की समस्या है सब जगे पुल्यूशन की समस्या सब जगे है हमारे यहां घूस-खोरी की इतनी समस्या है इतना corruption है एक आम आदमी तो इतना इन चीजों से जूचता रहता है पूरा दिन
22:01रिलेटे हैं इसे लेकिन हाँ on a broader level I think if all Indians start respecting each other and all customs और अगर यह सोचे कि यह बंगाल का कस्टम नहीं है यह मेरा भारत का कस्टम है यह महराष्ट का कस्टम नहीं है यह मेरे भारत का कस्टम है तो सारी समस्या है ऐसे सुलच जाएंगी यूटोपिया है पर बोलने में क्या प
22:31सारे लोग हैं अभी आपको जो पता रहा हूं लोग दिखते आ रहे हैं तो उनके लिए ब्यूटी टिप्स क्या है आपकी मतलब कैसे आप इतना अपने आपको अभी भी रिल्वेंट बना के रखे हुई है तो चाह से लेके हर चीज में तो कुछ औरे बापी और जो आपको
23:01है तो उसका भी फाइदा हो जाता है लेकिन हाँ जो चीज आप खा सकते हैं वो आप चेहरे पर जरूर लगाए ये तो मैं टिप जरूर दूँगी और एक सबसे बड़ी चीज मैं बताना चाहूंगी कि जवान रहने का भूत अपने सर पे ना रखे क्यूंकि जैसे जवानी
23:31बढ़ा पावी एक ही बार आता है और सब के मज़े लेने चाहिए और जिस उमर में आपको जैसे दिखना चाहिए वैसे आप अगर दिखें तो आप और ग्रेस फुल लगेंगे तो पचास साल की उमर में पच्छिस का दिखने की कोशिश ना करें आप पचास की ही बनी रहे
24:01ग्रेसित ना हूँ तो एक बार आप जो भी आप कहना चाहें तो
24:04कहां से शुरुआत करूं खेर आप सब जानते हैं कि हम इतिहास के कुछ ऐसे पन्ने खोलते हैं अपनी फिल्मों के जरीए जिनके उपर परदा डाला हुआ है
24:17या जो टैबू सबजेक्ट्स हैं जिसके बारे में लोग अक्सर बात करने से थोड़े हिचके चाहते हैं या कुछ ऐसी चीजें जो हमसे बहुत बेबाकी से आज तक छुपाई गई है बंगॉल फाइल्स एक ऐसी ही कहानी है एक ऐसी ही इतिहास का खुलासा हमारे सामने करन
24:47गेट कालकटा किलिंग्स कहा गया था चालिस हजार लोग एक दिन में मर गए थे उन हमारे भारतिये भाई और बहनों के लिए उनकी उनके लिए एक श्रधानजली समझ लीजे हम अपनी जिंदगी के तीन गंटे तो निकाली सकते हैं और ये देखी सकते हैं कि उनके साथ क्
25:17ठीक तो नहीं कर सकते हैं लेकिन हां एक मेरे ख्याल से हमारे एक मैसज तो जरूर पहुंचेगा उनिवर्स में that we care and that's all we need to do so let's let's just care for each other
25:31as Indians as people of the world and love and respect each other thank you so much ma'am
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