00:00पुच्छगान!
00:17आज उन्नीस दिन पूरे होई, मैं आप हां कराँ
00:30साब अपने कर्मों से बनते हैं बलराम, मैं केवल कर्मों का फल दे सकता हूँ
00:47पर कर्म तो सबको स्वयम करने पड़ेंगे, सुस्तमल की सुस्ती ही उसकी सबसे बड़ी दुश्मन है
00:53जिसने सुस्ती पर विजय प्राप्त कर ली, उसने संसार जीत लिया
00:57जगन ये बेचारा तब से रो रहा है
01:00इसका कुछ उपाए करो न
01:03तु कैसा भोला है बलराम, थोड़ी देर पहले ये तुझे खाना चाता था, और तु इसे ही बचा रहा है
01:09इसको बोल कि आगे से ये अधर्म का रास्ता छोड़ के धर्म को अपनाए
01:15लोगों और जीवजनतों की मदद करें और पूरे भक्ती भाव के साथ मेरे नाम का जब करें
01:21ये करने से मैं ठीक हो जाओंगा
01:33शत प्रतिशत जगननात का नाम पूरा करे हर काम
01:37तेरे जगन किधर है मैं उनके पाओं छूना चाहता हूँ
01:42जज जजगना जजगना