वरिष्ठ हनुमान जी पुणे बांध गार्डन रोड के यहां सिद्ध स्थान है जहां संपूर्ण मुफ्त हर तरह के समस्या का समाधान महाराज श्री द्वार हर रविवर को होता है. दैविक भौतिक समस्याओं का समाधान किया जाता है.
यहा भगवंत कथा, रामायण, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण को बधावा दिया जाता है नकी अंधविश्वास और पाखंड को , भक्ति ज्ञान सत्संग भजन कीर्तन करना है और समस्या का समाधान लेना है वही आये , 5 से 21 पेशी में आराम लगता है.
*पूजा, पाठ, यंत्र के नाम पर किसी तरह की फीस नहीं है सम्पूर्ण निशुल्क सेवा है (अंधविशवास और पाखंड का कठोर विरोध )
Only WhatsApp- 9404207197
location- Near Rubby Hall Metro Station, Bund Garden Road, Pune 411001 (not available on Google map please whatsapp for full address)
00:00वरिष्णमान कीज़े, सितरामभगवान कीज़े, अपने अपने माता पिता गुरु जरुम कीज़े
00:06बहुत से लोगों का प्रश्ण होता है कि क्या कोई नकरात्म कुर्जाय होती है
00:10जैसे उनका सिधा प्रश्ण है कि भूत प्रेत होते हैं
00:14एक कधा से हम आपको बताएंगे, उससे आपको अंदाजा आ जाएगा
00:17कि लादेव जी नाम के एक बहुत प्रसिद्ध संत थे
00:20उनके बहुत शिश्यगन थे
00:23उसमें से एक शिश्य थे चतुरदास जी
00:26ये चतुरदास जी हमेशा यहाँ बहुत ब्रह्मन क्या करते थे
00:44एक गाउ में वहाँ पेड़ था, पेड़ के नीचे रुख गए
00:47सोचा आज हम यही पेविश्राम कर लेंगे
00:50जैसे अपना पूरा डेरा उन्होंने वहाँ पे लगा दिया
00:55गाउं के कुछ लोग आए, बोले
00:58कि संत जी आप यहाँ पे कृपागर के ना रुखे
01:01आप किसी और स्थान रुखे
01:03तो चतुरदास जी ने पूचा कि क्या हुआ, ऐसा क्यूँ
01:07गाउं के लोगों ने बताया कि यह जो पेड़ है, यह श्रापी थे
01:12और यहाँ पे एक भयंकर प्रेत रहता है
01:15जो भी वेक्ति यहाँ पे रुखता है
01:19इस पेड़ के नीचे विश्राम के लिए आजी रुखता है
01:22उस वक्त तो पेड़ के नीचे ही रुखा करते थे लोग
01:24तो उन सभी लोगों को यह पीडा देता है
01:28कुछ लोगों को तो इसने मार भी डाला है
01:31उन्होंने पूचा चतुरदास जी ने कि कैसे
01:35मतलब यह कैसे करता है
01:36कैसे यह संभव होता है
01:38लोगोंने बताया कि कभी यह भेंसा का रूप लेता है
01:42कभी बाग का रूप लेता है
01:44ऐसे भेंकर जानवर जो है उनका रूप लेके
01:48वो लोगों को कभी-कभी पटक-पटक के भी मारता है
01:50और अन्यतरुकूंस भी मारता है
01:52आप रिख्त्रिपा करके यहाँ पे ना रुके
01:55आप किसी और जगह पे चले जाए
01:57लेकिन चतुरदास जी को अपनी भक्ती पे
02:02बहुत विश्वास स्री राम जी की भक्ती किया करते थे
02:05उपर से शिश्य किसके हैं किलादेव जी के शिश्य थे
02:09गुरू के उपर अपना विश्वास तो वही पे रुके है
02:13जैसे वही पे रुके रात होने लगी अंधेरा हुआ
02:18अंधेरे के समय प्रेथ ज़ादा घूमते हैं ऐसा हम हमेशा सुनते आये हैं प्रेथ का समय हुआ आने का जो जतुर्दाष जी वहां पे बैठे ते पेड़के ने चे़ अपना भजन किरतन शुरू किया उस प्रताप से प्रेथ उनके आसपास भी नहीं आ पाया
02:36THE GUSSHA HOKE CHWDKE, WHOOH GAUKE BAHAAR SEMAAKY OR GHOUMTAH RHA KIE YIE COOI INSAN MERI JGGAH PERE BÄTHA HAY MERE JGGAH PERE BÄTHA HAY
02:49JAB SUBHAOI, SAB LOGON COO THROUGHDA BHAI LAGA KIE KIA HUBAOGA UNKKE PAS SANTH KE SAAT PETA NAIN
02:57पेड की नीचे जाके देखते हैं
03:00तो चतुरदास जी तो बड़े आराम से
03:02अपनी जो भक्ती थी वही करते रहते थे
03:04करते रहे बेटे थे कुछ हुआ नहीं था उनको
03:07वहां से चतुरदास जी चले गए
03:11जाते से मुने ने बता दिया
03:12कि अब चिंता मत करो
03:13ये प्रेत जो है किसी को
03:15तकलिफ नहीं देगा आज के बाद
03:17और हुआ वैसे कि उस प्रेत ने
03:19उसके बाद किसी को तकलिफ नहीं दी
03:21इस प्रसंग में एक और घटना आती है
03:25कि कुछ दिनों बाद रहाँ पे
03:27एक संथ आये थे
03:28कोई और संथ
03:30तो गाव� bathrooms ने
03:31कि हुँ संत भी वहाँ पर रुके गाववालों नहीं सारा वर्तान्त उनको बता जिया कि
03:39ऐसे चतुरदाश जी नाम के कहां पर संत रुके थे और फिर प्रेथ उनने उस दिन श्युक्त वहीबी उपस दित था,
03:47But it didn't give a chance to give him
03:51His brothers told him that
03:52The man who was telling him
03:55That was the way he was telling us
03:58Because he was telling him
04:00That was the way he was telling us
04:04That one of the people started doing
04:05His brothers started seeing that
04:08That was the way he was telling us
04:10He was telling us
04:12So the youth were telling us
04:14And that he was telling us
04:17So, as he heard, his mind will be a little bit more than just,
04:21he says, if you have heard of an anger,
04:24he says, if you have heard of an anger,
04:26he says, he says,
04:30he says,
04:36he says,
04:39I think it's a bit more.
04:42He says,
04:44I am curious how to say that this is a beautiful thing,
04:49but I think that's what I want to say.
04:52If we are going to be able to say that we're going to be able to do this with the
04:57power of the faith.
05:00It's just not the belief that we have.
05:04I want to say that we want to say that we are going to be able to do this,
05:09तुम ही उस नकरात्म कूर्जा का उद्धार करो,
05:11अगर तुमारे अपने गुरू के उपर शर्दा विश्वास है तो,
05:14जिनको वरिष्ठ हन्मान आना है,
05:16हर अभिवार ठीक 12 वज़े से पहले 5 मिनट आपको यहां पे
05:19किसी भी हलत में पहुंचना आनिवार्य है,
05:21कोई भी हो नया हो, पुराना हो, शिश्य हो, पेशी वाले हो,
05:25कोई भी हो, यहां पे 5-21 पेशिया होती है,
05:28जो लोग यहां पे पहुंच सकते हैं, आना जरूर है,
05:31जो नहीं पहुंच सकते हैं, वो दुनिया के किसी भी कोने में बैटे हो,
05:34देश विदेश में बेटे हो, उनके लिए अर्जी का विधान है, वो अर्जी लगा सकते हैं, अपनी जो भी जीवन के समस्या है, इस बात को आपको द्यान रखना है, सारा निशुल्ट प्रक्रिया है यहाँ पे, अर्जी जब आप लगाएंगे, अर्जी लगाना मतलब क्या
06:04भक्ती की तरफ नहीं बोल रहे हैं, भक्ती की तरफ, हम ऐसा नहीं बोल रहे हैं कि दिन बर हाथ में माला लेके 24 गंटे वेठो, बिल्कुल नहीं, अपना काम करो और काम करते करते कुम अपने अंदर भक्ती और शर्दा विश्वास जागरूत रखो, दुनिया की कोई भी �
06:34भले सो अपने की माध्यम से, लोगों की बातों की माध्यम से, खुद अपने विचारों की माध्यम से, किसे ना किसे माध्यम से आपको समझ आता है कि आपको समस्या क्या है, अगर समझ नहीं आया, तो भी कोई चिंता नहीं, उसी दिन से, उस इक्षन से अरजे लगाने के �
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