00:00अब तुमसे रुखसत होता हूँ, आओ सम्हालो साजे गजल, नए तराने छेडो, मेरे नगमों को नीद आती है।
00:30अब शेख सुकला कहते हैं कि फिराग गोरफपुरी को जानने के लिए उनके लेखन और व्यक्तित्त को समाहित रूप से देकर चलना पड़ेगा।
01:00फिराग जी के बारे में मैं कहना चाहूंगा कि उनको देखनी का नजरीया क्या हो और किस दृस्टी से उनको देखा जाया, समझा जाया चुकि वो अपने जीवन में भी जब वो मौजूद थे तब भी और उसके बाद भी एक विवादित शक्सियत के रूप में भी देखे ज
01:30जाया चेंतन को उनके जीवन से मिला करके पाँना चाहिए तब ही मुकम्मल पाथ किया जा सेथा है क्योंकि उनकी शायरी में सिर्फ स्रिजन है बलकि मैं समझता हूं कि उनका गटत तुर्दी उनका एक बहुत ही दुर्लव स्रिजन है जो आज के समय में काफी माइने रखत
02:00So we see that Mahatma Gandhi is a kind of human being.
02:05So this is something that makes them unique.
02:07They are one with their own mind, their own mind and their own mind.
02:10And they are one with their own life.
02:15And Gandhi says this.
02:18If we look at the world of art,
02:23or we talk about the world of art,
02:27उनके सक्सियत की चर्चा ना सिर्फ पूर्पधामंत्री पंडित नहरूप क्या करते थे, बलकि उन्होंने अपने जीवन में जो पलब्दी हासिल की, वह खुद उनके सक्सियत को बया करती है.
02:57उनके स्वाधिक प्रतस्चित परिक्षा, ICS उन्होंने पास किया, जादा दिन तक उसमें टिके नहीं, सिर्फ उन्होंने कॉंगर्स जॉइंट किया, भातिसादिंता अंदोलन जॉइंट किया, उसमें भी अपना जीवन का कुछ महत्पून हिस्सा उन्होंने दिया और उसके
03:27आप बताना चाहिए, कि इसलिए भी बहुत ही वहिद शक्त हो जाते हैं सिर्फ, कि सिर्फ को सिर्फ बसकी English professor थे, और वो अंग्रेजी, उर्दू, हिंदी, संसकत, फार्सी के बहुत ही जहीं किस्प के जानकार थे, और उनकी इतनी भाशाओं पर और उसके साहित्ते पर जो
03:57और उर्दू की दुनिया में इसलिए भी बहुत अलग हो जाते हैं और मुझे लगता है कि ऐसी शक्सियत हैं फिर आपके उनको जितनी बाहर पढ़ा गया, जितनी बाहर जाना जाए, उतनी बाहर जो है, उतने तरह का, कि नई बाते पता चलेगी और अच्छा लिगे ताप
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