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  • 4 weeks ago
US टैरिफ का भारत के निर्यात और निर्यातकों पर कितना असर पड़ेगा? साहिल के साथ देखें दंगल

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00:00नमस्कार मैं हूँ साहिल जोशी दंगल में आपका स्वागत है आज का दंगल कारोबार की दुनिया में अमेरिका की ताना शाही पर है
00:09अमेरिकी राष्टपती ट्रंप ने 6 अगस्त को एक एक एक्जेक्यूटिव ओडर ये कहते हुए साइन किया था कि रूस से अमेरिका को खत्रा है और रूस से भारत तेल खरीद रहा है
00:19इसलिए भारतिय उत्पादों पर अमेरिका में 50 प्रतिशत का टैरिफ लगेगा
00:24उसकी तारीक तैक एगे थी 27 अगस्त जो कल से लागू होगी
00:29ट्रंप सरकार ने वो नोटिस निकाल दिया है जिसमें नई दर से टैरिफ वसूली की बात कही गई है
00:35भारत से ट्रेड डील करने के लिए इस अमेरिकी प्रिशर टैक्टिक्स की भारत में काट ढूंडी जा रही है
00:42पीएम मोदी ने थोड़ी देर पहले एक बड़ी बैठक शुरू की है जिसमें तमाम कैबिनेट पद्री मोजूद थे
00:47इस बैठक में क्या फैसला होता है ये तो हम आपको बताएंगे लेकिन इससे पहले पीएम मोदी ने आज और कल गुजरात में दो दिनों के कारेक्रम के दौरान अमेरिका को खुल कर जवाब दे दिया है
00:59कि भारत के किसानों और छोटे उद्योग धंदों के हितों की कुर्बानी दे कर मोदी सरकार अमेरिका से ट्रेड डील बिल्कुल नहीं करेगी
01:08पीएम मोदी लगातार स्वदेशी उत्पादों के इस्तमाल का आवान करने की कोशिश कर रहे है
01:13ट्रम्प के टैरिक विफेक को कम करने की भी कोशिश इसी के जरिये की जा रही है
01:17हाला कि ट्रम्प ने इस टैरिफ डंड के पीछे ये बहाना बताया है कि भारत उस रूस से टेल क्यों खरीद रहा है
01:25जो यूकरेन में जंग कर रहा है
01:27इस पर भारत का अब तक यही रुक रहा है कि भारत तेल तो रूस से ही लेता रहेगा
01:32उधर पिएम मोदी अब चीन भी जाने वाले है
01:35पुतिन दिसेंबर में भारत आ सकते है
01:37ट्रम के टैरिफ के खिलाफ यूरोप से लेकर इशिया तक चल रही इन तमाम हलचलों के बीच
01:43आज के दंगल में हम यही चर्चा करेंगे कि कल से ट्रम का जो टैरिफ भारती उत्पादों पर लगने वाला है
01:50उससे भारत के निर्यात और निर्यातों को पर कितना बड़ा असर पड़ेगा
01:55रोजगार और अर्थवेवस्ता पर कितना असर पड़ेगा
01:58और क्या भारत रूस चीन मिलकर ट्रम के तानाशाही मनसुबे का बुकाबला कर सकते हैं
02:05क्या उसका रोड़ बैप बना सकते हैं
02:07ऐसे तमाम सवालों पर विशेशोग्यों की साथ हम चर्चा करेंगे
02:10लेकिन पहले यह रिपोर्ट देखते हैं
02:26दुनिया पर दादादीरी की हसरत, जोर की फितरत, जंग की खुनत
02:31और धंदे के खेल में ट्रम्प ने हिंदुस्तान के खिलाब जो टैरिस की तारीख साई की थी हुआ गई है
02:3826 अगस्त की रात गुजरी भी नहीं थी कि अमेरिकी हुकोमत के डिपार्टमेंट आफ होम लैंड सीक्यूर्टी की ओर से भारत के खिलाब 50 पिरसी टैरिफ वाला नोटेस आ गया
02:52इसकी पहली ही लाइन में लिखा है कि रूट से अमेरिका को जो खत्रा है उससे निपटने के लिए 6 अगस्त को ट्रम्प ने जो एक्जिक्यूटिव ओर्डर नंबर 14329 साइन किया था वो 27 अगस्त से लागू होगा
03:06इसमें भारत से आने वाले उत्पादों पर 50 पिरसी टैरिफ लगेगा इससे छूट की 3 शर्ते हैं पहली ये कि अगर शिफ 27 अगस्त से पहले लोड हो गया है दूसरा ये कि अगर माल 17 सेतंबर से पहले अमेरिकी गोदामों से निकल चुपा है और तीसरा ये कि अगर इंप
03:36अमेरिका ने यू तो पहले से भारत पर 25 पिरसी टैरिफ लगा रखा है लेकिन रूस उस्पेन की जंग के बहाने भारत पर 25 पिरसी की एक्स्टर टैरिफ लगाया गया है
03:49इसका असर ऐसे समझें कि अब तक अगर भारत अमेरिका के अंदर कोई सामान एक डॉलर में बेचता था वो अब 1.6-4 डॉलर का बिकेगा
03:58जबकि उसी अमेरिका में चीन वही सामान 1.42 डॉलर में बेचेगा
04:03बांगलादेश 1.32 डॉलर में बेचेगा और वियतनाम 1.20 डॉलर में बेच लेगा
04:09जाहिर तोर पर भारत जैसी बड़ी अबादी और अमेरिका जैसी बड़ी एकोनिमी भारत के उत्पाद महेंगे होगे तो निर्याद घटेगा
04:17अभी जो अमेरिका के साथ भारत के 130 अरब डॉलर सालाना निर्याद है
04:23पचास फीज़ी टैरिस के बाद उसमें 45.5 फीज़ी अरब डॉलर का निर्याद प्रभावित होगा
04:29और उसकी असर का अंदाजा लगाना भी बाकी है
04:32क्योंकि अप्रैल में 25 फीज़ी टैरिस लागू होने के बाद
04:35GDP विकास दर में 0.2 शूनित बेसिस पॉइंट का असर पढ़ने की आशंगा का अनुमान लगाया जा चुपा है
04:41लेकिन रिजर बैंक कहता है कि भारत टैरिफ से मुकाबले के लिए तयार है
04:47अभी भी अमेरिका को होने वाला आधा निर्यात पचास दिज़ी वाली दर से बाहर है
04:52अधर अमेरिके हुकूमत भारते उत्पादों पर पचाश्टी टैरिफ पसूले की तैयारी कर रही है।
05:21इधर भारत की हुकूमत ट्रम्प के टैरिफ प्रॉचर से रिपटने के लिए जतन तलाश रहा है।
05:26दिल्ली में पियम मोदी ने निर्यादकों के साथ बड़ी बैठकी और अमेरिके टैरिफ हमले से होने वाले नुक्तान को कम से कम करने के रास्तों पर मन्खन किया।
05:34हाला कि पियम मोदी ने ट्रम्प के एलान के बाद से कई मौकों पर कह दिया है कि भारत के पास चक्रधारी मोहन से लेकर चर्खाधारी मोहन तक के मन्त्र है।
05:44अमेरिके दबाओ के आगे हिंदोस्तान जुकेगा नहीं।
05:47भारत में साफ कर दिया है कि भारत के किसानों की कीमत पर बाजार में अमेरिकिया नाज बेचने के ट्रम्प के मनसूबे कभी पूरे नहीं होंगे।
06:11किसानों का परशुपालों को का कभी भी अहीत नहीं होने देंगी।
06:25दबाओ कितना ही क्यों आए हम जिलने के अपनी ताकत बढ़ाते जाएगे।
06:32वैसे ट्रम्प से भारत की बादची तभी खत्म नहीं हुई है।
06:36ट्रेट डील पर आखरी उम्मीद अक्टूबर तक बनी हुई है।
06:39फिर भी ट्रम्प की रूसी तेल खरीदने की शकायत पर भारत गौर करने को तयार है।
06:43सूत्रों के मताबिक अमेरिकी शकायत के बाद भारत रूसी तेल खरीद में थोड़ी बहुत कटवती कर सकता है।
06:50हिंदोस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम, नायरा एनरजी, रिलाइन्स इंडिस्ट्रीज जैसी तेल कमपनियां रूस से तेल खरीद रही है।
06:58पहली शमाहिन में भारत ने रूस से करीब 18 लाख बैरल रोज का तेल खरीदा है।
07:02जिसे 14 से 16 लाख बैरल रोज तक किया जा सकता है।
07:07हालकि इससे ट्रम्प खुश होंगे या नहीं कहना मुश्किल है।
07:10लेकिन भारत में ट्रम्प का मुह ताकना छोड़ आत्म निर्भरता का रास्ता अख्तियार कर लिया है।
07:16दुकांदार भाई बहनों को कहना चाहता ह। व्यापारियों से कहना चाहता ह।
07:20बड़े गर्व के साथ बहुत लगाई है कि मेरे हाँ स्वदेशी बिकता है।
07:27दरसल अमेरिका पर निर्यात की निर्भरता कम करने के लिए भारत में दुनिया के और दर्वाजों पर दस्तक देना शुरू कर दिया है।
07:50अमेरिका ने ड्राफ्ट और जारी कर दिया है और कल से ये टारिफ लागू हो सकते हैं।
08:19जिसके वज़े से आज प्रधानमंत्री काराले में एक बड़ी बैठक इस पारे में चल रही है कि भारत का रिस्पॉंस जवाब किस तरीके से होना चाहिए।
08:26तमाम विकल्पुक पर चर्चा भी की जाएगी और उसके साथ-साथ हम यही चर्चा दंगल में भी करने की कोशिश करेंगे।
08:32पारे साथ डॉक्टर सेयर जफर इसलाम भारती जनता पार्टी के प्रवक्ता जुड़ेंगे जो सरकार का पक्ष रखेंगे।
09:02ग्रूप एडिटर बिजनेस टुड़े के वो भी चर्चा में शामिल होंगे।
09:32अमेरिकी राश्नपती डोनाल्ड ट्रम्प दरसल टैरिफ का खौफ दिखा जा रहे है क्योंकि कई बार वो कहते हैं कि दो देशों के बीच समझोता करना है तो टैरिफ से ही वो हो सकता है।
09:42तो क्या वो एक बार फिर डरा रहे हैं अमेरिका की शर्ते भारत को माननी चाहिए।
09:48और तीसरा एहम सवाल क्या रूस चीन भारत मिलकर अमेरिकी टैरिफ और डॉलर एकोनामी का मुकाबला कर सकते हैं।
09:57क्योंकि इस विकल पर भी कई लोग बात करने की कोशिश कर रहे हैं।
10:00हलाकि भारत के तरफ से इसके बारे में अभी तक साफ शब्दों में कुछ नहीं कहा गया है।
10:04चर्चा आगे बढ़ाने से पहले जरा एक बार एक बड़ी खबर इस वक्त हमारे पास आ रही है।
10:08उस पर जरा नजर डालते हैं। प्रधानमंत्री आवास पर प्रधानमंत्री कार्याले में दरहसल एक बहुत बड़ी बैठक इस वक्त चल रही है ।
10:15प्रधानमंत्री खुद इस बैठक पे मौझूद है।
10:17है PMO में चैरिफ को लेकर ये बड़ी बैपक ह викहा पर चल रही है ग्रेमिंस प defini शामिल रही है उसके साथ
10:23वारिज्य भी इस पैटक पे शामिल है उसके साथ साथ साथ और अर्थ विब अवह के विद्ध विवाख के कई आधिकारी भी स्ट ऀस इस
10:34मीटिंग में शामिल हो रहे हैं कल से अमेरिका में भारतिय समान पर
10:38पचास पीस्दी जो टारिफ लगाए जाएगा उससे निपटने के लिए
10:42क्या करना चाहिए उस पर ये मीटिंग होगी प्रदान मंतरी मोदी
10:46के प्रदान सचिव भी इस मैठक में शामिल है
10:49सिदार्थ जराभी मेरे सयोगी मेरे साथ में इस वक्त है
10:52सिदार्थ क्या एक्सपेक्ट कर सकते हैं इस मीटिंग से
10:55क्यूंकि एलान तो पहले ही हो चुका था डोनाल्ड टरम से कि
11:00साहिल दो बड़ी बाते हमें एक्सपेक्ट करनी पड़ेंगी
11:11एक किस प्रकार से भारत अपने एक्सपोर्ट सेक्टर और जो यहां पे
11:15मध्यम जो साइज के यूनिट्स हैं MSMEs हैं और बाकी जो पूरा
11:22जेंज और जूलरी का छेत्र है लगबग 20 प्रतिशत हमारा जो экспorτ अमेरिका
11:26जाता है ये जेंज जूलरी का है finished products का है परल्स का है और भी
11:31जो सारे बाकी products हैं इसका market share कैसे protect हो और आने वाले
11:37कुछ समय के लिए तीन महिने छे महिने के लिए इस साल के
11:40बाकी जितनी अवदी बची है उसमें हमारे एक्सपोर्टर्स को कुछ सपोर्ट मिले आप जानते हैं कि पिछले 15-20 दिनों में इस पे कुछ चर्चा भी हुई है सरकार के अंदर की एक्सपोर्टर्स को किसी प्रकार की रिलीफ पैकेज दिया जाए दूसरी तरफ रिजर्ब �
12:10और इंडियन रूपी की एक्षेंज रेट है इस पे भी हमें कहींना कहीं पे नज़र रखनी पड़ेगी क्योंकि अगर हमारे एक्सपोर्ट कम होते हैं तो डॉलर हमारे ह Advent कम हुते हैं इसका थोड़ा प्रभाव हम एक्षेंज मारकेट पे भी देख रहे हैं तो कई सारे इ
12:40करके जो अमेरिका में समान एक्सपोर्ट करते हैं फिर वो टेक्स्टाइल कपड़ा व्यापारी हो समुद्री उत्पाद के व्यापारी हो और्गानिक केमिकल्स के व्यापारी हो कार्पेट बुनाई कपड़े और अन्य गार्मेंट्स के व्यापारी हो जेम्स और जुएलरी क
13:10सहुलियत दी जाएगी, सरकार के तरफ से इसके बारे में बात की जा रहे थी, आज सरकार ये बात कर रही है, इस मीटिंग से पहले से ही, दो दिन से लगातार ये बात चल रही है, कि हम आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करेंगे, क्या जिस तरीके से अमेरिकी एक्सपोर्ट्स �
13:40चीज है, और मेरे क्याल शायदी कोई ऐसा देश होगा, जो आत्मनिर्भर ना बनना चाहे, और आत्मनिर्भर आज के जमाने में बनने के लिए, बहुत परिश्रम करने की ज़िरू लगता है, और ये मद्यकालीन सुझाव हो सकता है, पर अल्पकालीन में, जैसे कि एक साल,
14:10इसको कहते हैं न, active industrial policy, इसी तरह active trade policy आपको लानी बड़ेगी, ताकि जो लोग आज हमारे वेपारी हैं, जो निर्यात करते हैं, उनको सहुलेते मिले, उनको रिल्ड मिले, short term में, और more important उससे ये है, कि रिल्ड तो एक short term चीज होई, कि आपने किसी का जो करता है, पर अगर
14:40तो NPS बन जाते हैं, तो ये ज़रूरी है, आज recognize करना कि जो हमारा external sector है, ये काफी challenging हो गया है हमारे लिए, क्योंकि मैं ये भी समझता कि सर्कार में कोई गलती की, कि उन्होंने रशिया से तेल खरीदा, क्योंकि हमारा हक है, हम जहां भी जहां हमको सस्ता मिलेगा, हम करीदे
15:10बड़ा कारण बना दिया जाए, कि हमारे और अमेरिका की बीच में संबंद खतम हो जाए, और हमें एक तरफ से punishment दी जाए, क्यों हमने रशिया से खरीदा, तो ये मेरे हिसाब से तो ये कोई बहुत काईदे की बात नहीं है, और Government of India ने ठीट किया, कि उन्होंने सफष्ट क
15:40और राष्ट के दखल नहीं दे सकता है, पर अब किस्से के साथ क्या व्यापार करते हैं, उससे अमेरिका को लेना देना होने की ज़रूत नहीं है, ये कहने कि हम यहां पर कोशिश कर रहे हैं, प्रोफेसर अरुन कुमार भी हमारे साथ में हैं, लेकिन उनके पास जाने से प
16:10दक्षिन आशियाई देश हो सकते हैं, योरोप हो सकता है, अफरीका हो सकता है, जहां पर हम अपना माल बेच सकते हैं, वहां पर इसकी खरीट फरोग हो सकती है, दूसरा विकल्प कहा गया कि रूस के साथ नई व्यापार रंडिती तायर करने की कोशिश करनी पड़ेगी, �
16:40अमेरिका को उसकी भाशा में जवाब दे, अब अमेरिका को कौनसी आँके दिखाते हैं वो मुझे नहीं पता, लेकिन उस भाशा में जवाब दे, ये एक तीसरा विकल्प की बात की गई थी और चौता विकल्प, घरेलू उद्योगो को सबसीडी, जिसका जिक्र आपने भ
17:10युनाइटि स्टेट्स पे रेसिप्रोकल टैर, जैसे उनों ने हमारे पे लगाए हैं, या जैसे चाइना ने उन पे लगाए थे, उसकी हमारी शंता नहीं है, फिला, क्योंकि हमारे और रशिया के, सारी, चाइना के बीच में और हमारे और अमेरे काट बीच में, जो economic differences हैं
17:40तो हमें उसको एक गंगल नहीं बना देना चाहिए, जिसमें हम भी उन से लड़ेंगे, हम उन से अलग होके अपनी विवस्ता करेंगे, क्योंकि कारण यह है कि अमेरे का बहुत बड़ा देश है, जैसे हम सब जानते हैं, सबसे बड़ी economy है, सबसे बड़ा उनका export का volume है, च
18:10जो हमारे वेपारी है ना उनसे मशवरा करना बहुत जरूरी है, कि आप क्या सुझाद जैते हैं, आप किस रास्ते पर चलना चाहते हैं, आप हमें बताइए में जह
18:36वहां से बेचेंगे ताकि वह भारतिय समान दिखे ना जब वह अमेरिका में इंपोर्ट हो वह सब वह दाओ पे जो लगा रहे हैं
18:54वह अपने दमया दिमाग लगा रहे हैं हमारे कोई जो वहपारी हैं वो इतने कमजोर नहीं हैं हमें नहीं सोचना चाहिए कि वह कमजोर हैं उनकी मदद हमको करना चाहिए और उन से पूछना चाहिए कि साथ आज क्या आपको रिंड चाहिए क्या आपको किसी और तरह का सपोर
19:24पादचीत सरकार को करनी चाहिए और उसके बाद ही अपनी स्टैटेजी बनानी चाहिए कही नहीं कहने की कोशिश आप यहां पर कर रहा है प्रोफेसर अरुन कुमार यह भी कहा जा रहा है कि भारती अर्थ व्यवस्ता पर भी इसका असर पड़ सकता है दोजार शब्वीस तक
19:54से का गया है मॉनिटरी पॉलिसी में भी उस तरीके के बदलाव किये जाएंगे यह भी आर्बिया बार बार कहने की कोशिश कर रहा है लेकिन क्या इसके बावजूत अगर यह टारिफ इसी तरीके से बरकरा रहे तो भारती अर्थ व्यवस्ता पर भी उसका असर पड़ सकता
20:24पास कुझी नहीं है और इतना सबसीडी भी सरकार दे नहीं सकती है एक साथ तो इसलिए असर तो हमारे बजार पे पड़ेगा कि हमारा जो एक्सपोर्टर है उसका जो व्यापार है वो कम होगा इसके लिए उनको दूसरे मार्केट जूनने की जूरत पड़ेगी कि वो योर
20:54बजार कम हो तो बजार के थोड़ी बढ़त मिले पर जो एक्सपोर्टर है उनको जी एस्टी का फायदा नहीं पहुंचेगा यह तो जो एक जनरल बजार है उसको बढ़ाने की बात है वो ऐसा नहीं है कि एक्सपोर्टर को उससे जए फायदा मिलने वाला है तो मेरा मानना ह
21:24तो हमारे defense पे उसका काफी बड़ा असर पढ़ेगा दूसरा वो चाहते हैं कि हमारा
21:29क्रिशी है दूद का व्यापार है उस सब को हम खोलें वह हम कर नहीं सकते क्योंकि हमारे
21:34क्रिशी में 46 प्रेश्चत लोग काम करते हैं और अगर वहां पर असर पढ़ा यह दाम गिरे
21:39और वहां पे हाहकार होता है, कि हमारी आमदनी कम है, तो उस पर बहुत ज्यादे असर पड़ेगा, वो हम कर नहीं सकते हैं, तो नहीं हम स्मॉल सेक्टर को
21:48खोल सकते हैं ना माइक्रो सेक्टर को खोल सकते हैं उनके लिए और नहीं अपना खृशी का और जो मिलक का बजार में खोल सकते हैं तो जो ट्रम्प साब चाहते हैं वो हम कर नहीं रहे हैं इसलिए वो हमारे उपर खास महरबान होके इतना जाद है हमारे उपर टैरिफ लगा �
22:18वो अलाव नहीं करेगी और political economy अगर अलाव नहीं करेगी तो फिर जो ruling party है उसको बहुत जादा परिशानी होगी
22:24तो इसने मेरा मानना है कि इसमेरा मंत्री तो कही रहे कि उन्हें नीजे नुकसान भी हो सकता है
22:29संजीब जी ने जो कहा कि हमको medium term में और short term में अलग-अलग नीतियां चाहिए
22:37medium term में हमें अपनी technology बढ़ानी पड़ेगी क्योंकि हमारी जो कमजोरी है वो technology है
22:43क्योंकि हम जो समान बाहर से मताते हैं चीन से जो आता है उसमें technology है
22:48है रूस से जो आता है उसमें टिक्नॉलजी है और हमारी टिक्नॉलजी इतना अभी जे आ अगे नहीं बढ़ पाईए कि हम उसको बदल
22:55दें शौर्ट टर्म में हमें क्या करना चाहिए जैसे कि जे कहा जा रहा है कि हम्हें इंटर्नल मार्केट में उसको बढ़ाना
23:01से यह जिससे कि जो नुकसान एक्सपोर्टर को होगा वो बाकी मार्केट बढ़ने से हो जाए उसके लिए हमें पर्चेजिंग पावर देनी पड़ेगी जो नीचे का तपका है और इसलिए प्रधान मंत्री कह रहे हैं कि हम को नहीं छोड़ेंगे हम स्मॉल और मीडियम सेक्�
23:31ये एक स्ट्राटिजी बनानी पड़ेगी तुरंट जिससे कि शॉर्ट टर्म में डिमांड को हम एक्स्पैंड करें उससे हमारा मार्केट बढ़ने का ज्रूत उम्मीद यही है कि आज जो बैठक होगी उसके बाद किसी स्ट्राटिजी के साथ ही सरकार बाहर निकलेगी क्य
24:01सी भी कही ना कही सरकार को बनानी पड़ेगी क्या सरकार इसके बारे में कुछ सोच रही है क्या स्टेक होल्डर से बाचीत के बारे में भी सरकार के तरफ से कदम उठाये जा रहे है क्योंकि टारिफ डील को लेकर बाचीत तो पिछली साथ मेने से चल रही है अक्तुमर तक �
24:31जी की बैठकें इंडस्ट्री के वेरियस स्टेक होल्डर्स के साथ लगाता चल रही थी और आंतरिक बैठकें सरकार में
24:38फॉर्मल इन्फॉर्मल काफी समय से चल रही है और प्लैन बी के तहत आपने ये भी देखा होगा
24:43कि कॉमर्स मिनिस्टर पियूश गोईल ने पिछले कुछ समय में बाकी देशों में FTAs और जो ट्रेड रिलेशनशिप बढ़ाने के लिए काफी प्रवास भी किया है
24:52और एक बात हमें ध्यान में रखनी पड़ेगी इस सारे संदब में पिछले साथ महिने में भारत ने बहुत प्रयास किया
25:01कि United States के साथ एक अच्छा मुसादा प्रॉपर अग्रीमेंट हो और हमने कई स्टेप्स लिये भी हैं
25:08आपको याद होगा कि फरवरी के बजट में हमने डिजिटल टैक्स जो हम लगा रहे थे उसको भी हटाया था
25:14और वो United States की कंपनी गूगल हो बाकी लोग कंपनियों हो उन्हीं के लिए था
25:18परंतु मेरा ये एक बात यही पर होती है रहा सिधर
25:22एक बहुत बड़ी बात है ये जो एडिशनल 25 परसंट कल सुबह साड़े नो बज़े आ रहा है
25:27इसका ट्रेड से कोई लेना देना नहीं है ये केवल केवल प्रेशर है
25:32ये रश्या को लेके प्रेशराइज करने के लिए
25:36यही बात है जो पहली बार टारिफ लगा गया था उस वक्त यूएस अडिमिनिस्टेशन के तरफ से या डॉनल्ड टरम्प के तरफ से यह कहा जा रहा था
25:45कि आपके देश में, अमेरिकी माल पर जो टारिफ लगा जाता है, उसके बदले में, हम यह टारिफ यहां पर लगा रहा है, हमसे बाचीट करिए
25:53और उसको थोड़ा सा टीक करते हैं
25:54उसके बाद अब जो टारिफ लगाए गया है
25:57वो तो ये कहने की कोशिश चल रही है
25:58कि रशिया के साथ जो आप तेल खरीद रहे हैं
26:01उसके वज़े से हम टारिफ लगा रहे हैं
26:02क्यूंकि उसका फाइदा रशिया यूकरेन वार में यहाँ पर करने की कोशिश हो रही है
26:06जो टूब बात कहनी चाहिए
26:07साहिए है ना
26:07कि अमेरिका चाइना के सामने घुटने टेक कर खड़ा हुआ है
26:12डानल्ड टरंप की आज की डेट में ये हैसेत ये ताकत नहीं है
26:17कि वो चाइना से एक्सपोर्ट बंद कर दें
26:19अमेरिकी अर्थ विवस्ता ठप हो जाएगी
26:21इसलिए एक प्रकार की दबंगई और गुंडागर्दी की जा रही है भारत के साथ
26:26हमारा कोई लेना देना नहीं है अमेरिका का रशिया से तेल के लिए
26:31क्या हमने अमेरिका की स्ट्राटेजी को समझने में पढ़ने में गलती की जिसके वज़े से कल से जब ये टैरिफ लागो हो रहा है आज प्रधान मंत्री को ये बैठक करनी पड़ रही है
26:46सईद जपर इसला
26:47देखे साहिल जी हमने कोई समझने में गलती नहीं की ये जरूर है कि हमने अपने अपने इंट्रेस्ट को सेवगाट किया है अपने हितों की रक्षा किया है
27:04आज मैं गर्फ से कह सकता है कि हमारा देश आर्थिक मामलों में इतना मजबूत है दुनिया के नजरों में और खुद इतना मजबूत अपने मजबूत अपने आपको महसूस कर रहे हैं
27:13कि चाहे वो पचीस परसेंट हो पचास परसेंट का टैरिफ का इंपक्ट जो हमारे एकॉनमी पड़ेगा वो सच पूछे तो उससे ज्यादा कुछ हम अपने डमेस्टिक कंजम्शन को बढ़ा के वो कमी पूरी कर पाएंगे अब देखे दो तीन चार आकड़े में आपको द
27:43तो अगर आप पिछले 6 में में जैसा सिदार जी कहा रहे थे कि जो हमने इनिशियेटिव दिये चाहा अर्बिया ने गवर्मेंट ने टैक्स पर छुटकारा दिया अर्बिया ने जो है टैक्स के एंट्रेस रेट कर्ट किये और अब जो आधरनिया प्रधान मंतरी जो ने र
28:13तो अपने आप में जो साड़े 6 जो हमारा प्रोजेक्टेट जो है साड़े 6 परसेंट जो ग्रोथ रेट है हम शायद आराम से कमफिटिबली रेटेन कर पाएंगे लेकिन जो कि बहुत एहम बात कह रहा हूं इस कौर्टर में हमारा जो है ग्रोथ डिफिनेट्टि साड़े 6
28:43फिर आपको पूछता हूं जो इक्तर पार दोएकोनस्त आपसे पहले बात करश one और दोनों इकोनामिस्त ने यह बात करिये व्याकिए उस
28:55में सबसे पहले तो उनोंने कहा है कि स्टेक होलडर से बात करनी पड़ेगी नंबर एक
28:59नंबर दो उनोंने कहा कि purchasing power बढ़ानी पड़ेगी यानी अब तक
29:03purchasing power लोगों की इतनी नहीं है कि जिस से अमेरिकी टारीफ लगने
29:09के वज़े से जो नुकसान होगा वो भारतिय पर्चेसिंग पावर से भरा जा सकता है
29:14तो ये दोनों बाते आपको ध्यान में रखनी पड़ी गए और आखिर में सिद्धार ज़रा भी जो कह रहे थे
29:18क्या अमेरिका पंगा नहीं ले सकता चीन से इसलिए भारत को डराने की कोशिश हो रही है
29:23साहिल जी देखे मैं अब कुछ आकड़े इसलिए दे रहे थे कि लोगों को इस जानकारी हो
29:29कि हमारी देश की अर्थ ववस्ता मजबूत इस्तिती में है
29:33हम बहुत सारे पचीसों आकड़े देंगे जिससे आपको एसास होगा
29:36कि देश की अर्थ ववस्ता मजबूत है लेकिन मैं आपके छोटी सी बात बोल रहा हूँ
29:40जब रेटिंग एजिंसी अपग्रेट करती है ठारा सालों को बात तो ऐसे नहीं करती है
29:44कि जब तक कि उस पे स्टेबिलिटी, कंटिनुटी, सस्टेनिबिलिटी यह नहीं देखती है
29:49कि यह सब सारी चीज़े हैं तभी अर्थ ववस्ता बजबूत रहेगी
29:53इसलिए अपग्रेट किया और मैं आर आख दो तीन बाते और को होगा
29:56जरा सलमान सोस के पास मुझे जाना है
29:58लेकिन हम जब बात कर रहे हैं तब देखें कैसे असर पढ़ना शुरू हो चुका है
30:03अमेरिकी टारिफ का भारत पर असर पढ़ना शुरू हो चुका है
30:06तिरुपूर नोइडा सूरत में
30:09दिरुपूर नोईडा सूरत में एक बार फिर मैं बता रहा हूँ
30:12टेक्स्टाइल प्रोडक्शन ठप पड़ गया है
30:15भारतिय निर्यात संग FIEO ने चिंता जाहिर की है
30:20FIEO ने सरकार से फॉरन दखल देने की अपील भी की है
30:24प्रभावत निर्यातकों को राहत दी जाएगी
30:27ये भी FIEO कहने की कोशिश कर रहा है
30:30लेकिन FIEO कह रहा है कि प्रभावत निर्यातकों को तुरंत इसमें राहत मिले
30:37ये भी कहने की कोशिश की है
30:38सबादता करिश्मा असुदानी हमारे साथ इसमक जुड़ी हुई है
30:45करिश्मा, यह तो बहुत बड़ी खबर है, असर तो पहले दिन से पढ़ना शुरू हो गया, टेक्स्टाइल प्रोडक्शन थप पढ़ गया, सूरत तिरुपूर और नोएड़ा में।
30:54करिश्मा, यह बहुत ही एक्सेक्टिर लाइंस पर खबर आई है, क्यूंकि हम यह एक्सेक्ट कर रहे ठेक्स हमें और अउगुस्ट 7 को लगा था, उसने ही बहुत सारे लॉस्से अब्सेर्टी अब्सेर्व होने शुरू हो गये, बहुत सारे इंडस्ट्री और सेक्टर्स में
31:24कार का एक्पोर्ट मेजर तुरंत निकाला जाए जैसे कि हमें पता है पीमो अभी भी एक्पोर्ट मेजर पे काम कर रहे हैं लेकिन और तचिस सथेंड जो कल से लगने वाला है इसको लेने की शम्ताय शायद बहुत नारे सेक्टर्ज में नहीं है और यह मेजर ली टेक्टाइ
31:54किया है और समझे एक रेग लाइन रहा की है कि आप गवर्मेंट को कोई ना कोई एक्सपोर्ट मेजर निकालना ही पड़ेगा नहीं तो यह इंडस्ट्री फॉर एवर शॉट हो सकती है
32:04जो एक्सपोर्टर से उनकी भी हालत काफी खराब है अब तक जो है 10 प्रतिशत तक टैरिफ उस पर लगता था वो ईस एक्सपोर्ट पर अब 60 प्रतिशत टैरिफ उस पर लगेगाestruct सावसेे और
32:28करने की कोशिश करनी चाहिए और सबसे बड़ी बात प्रदान मंतरी गुजरात में थे कल और आज और आज सूरत से खबर आ रही है कि यहां पर जो प्रोडक्शन है वो ठब पर चुका है आपर सलमान सूज आपको जवाब देना चाहेंगे जो सेयद जफर इसलम कहने की कोशि
32:58अब मैं क्या बूल सकता हूं आप पूरी बात करने दे रहे हैं आप एक मिनिट रुख जाएए ने जवाब आपको मिल जाएगा उसके बाद दोबर आपके पास आता हूं आप चाहिए उतने नंबर रख सकते मैं थोड़ी कह रहा हूं कि आपके पास दोबरा नहीं आएंग
33:28मैं यह नहीं कह रहा हूं ना सलमान सोज देखिए साहिल साहब देखिए जो पहले मैं यह बताओं कि जो संजीव जी ने बोला और प्रोफेसर अरवन कुमार ने बोला मैं उनसे बहुत सहमत भी हूं क्योंकि यह कोई ऐसी बात नहीं है कि हम दो मिनिट में सब ठीक कर सकते है
33:58करीब जॉब्स का खत्रा अलरी है और बाइदबर यह सिर्फ पचास हजार या लाक लोगों की बाती हैं उनकी फैमिलीज होती है और जब वो खरीदते हैं कुछ चीज़े उससे बाकी एकॉनमी पर असर पड़ता है तो यह तो अलरी इसका असर हो चुका होगा यह नहीं कि �
34:28कि यह ड्रामा बाजी इसी से हिंदुस्तान का इतना नुकसान हो रहा है अब यह बात जफर बाई ने क्या कहा जफर बाई ने कहा कि हम पॉइंट वन प्रसेंट इदर से लेंगे यहां फिर फिर कंसंप्शन का बूस्ट होगा तूफान होगा अगर इतना ही बूस्ट होना �
34:58इन्हों नहीं कहा ना कि बहुत अची एकॉनमी है तिर लेकिन सिदार अगर आपने सिदार की बात सुनी होती उन्हों ने यह कहा कि चाइना के साथ नहीं लड़ पा रहे हैं ट्रॉम्प उस तरह से मैं नहीं कहूंगा कि चाइना के सामने गुट्टे टेक दिये लेकिन उतन
35:28को इन्होंने बहुत खराब कर दिया बहुत मुसीबत में डाल दिया डी मॉनटाइजेशन से जी एस्टी से लेकर बहुत चीज़ अब यह बात कर रहे हैं कि हम पॉइंट वन ही हासल आंगे पॉइंट वहां से लेकर वैसे नहीं होता है लेकिन एक चीज़ जो हम बिलकुल जो
35:58की वज़ा से तो मुझे यह बताईए कि रशन ओयल जो तकरीबन यहां पे पचास बिलियन डॉलर साट बिलियन डॉलर इंपोर्ट हो रहा है क्रूड ऑयल उसके बाद जो आप उसको एक्सपोर्ट करता है ने हाँ लेकिन जहां हम रिफाइन करते हैं याने कि अगर आप रि
36:28कमसकंट गवर्मेंट को एक्सपोर्टर जो जिनको नुखसान है लिए मदद इस वक्त होनी चाही है पहले से रही होनी चाहीní थी लेकिन गोरॉबeze मिला कर कॉंग्रिस भीए ही कहने के कोशिश कर रहा है
36:47फाइव सेकंड, जल्दी से, चली होगा हुआ, जो यह एकस्पोर्टर्स हैं, अगर इनके एकस्पोर्ट बिजनसेश हैं, इनको वापस लाना बहुत जाएगा,
36:58उसको स्कारिंग कहते हैं, एक्रामिक स्कारिंग कहते हैं उसको, वो फिर वापस आने वाली चीज नहीं है, इसने बहुत जरूरी है, उनकी मदद अभी हो, अरे भाई ठीक है, समझ लिया, यही स्नोबॉल इफेक्ट की कही न कहीं, कहीं न कहीं डर है उस बात का, कि एक बार ए
37:28अगर नहीं समझ में आती हो बात, तो मैं समझ सकता हूँ, लेकिन सलमान सोज जी को एकॉनमी समझ में आती हैं, फिर भी इस तरह की टिपनी करते हैं, कि हमने कुछ किया नहीं, अरे भाई, स्टिमिलस देने का काम नहीं किया, क्या हमने इंट्रेस रेट कट नहीं किया, क्या
37:58एक्सपोर्ट करते हैं वह अमेरिका के लिए 2% जो उसका अवराल इंपॉर्ट है उसका 2% भाराज से एक्सपोर्ट होता है उसमें भी लगबग 1.05 बाकी जो है अब 1.05 के लिए अमेरिका जो है कितने धीन यह खीश सकता है वह
38:17आज देखने की बात है लेकिन हमारी अर्थोस्ता इस तरह कि है हमारे पास जो strength है हमारी पास जो हमारा जो
38:23domestic consumption 57 58% है हमारा क्या ट्रुपिशन अब आज देखिए जिस तरह से
38:29export का contribution GDP में है क्या हमें वाके इतना बड़ा
38:34नुकसान होने जा रहा है लेकिन कुछ सेक्टर में नुकसान होगा यह
38:37बात मैं मानता हूँ और इसलिए परधान मंत्री जी ने उसके
38:40संकेज भी दिये हैं कि उन सेक्टरों को के लिए जैसा अर्थ
38:43रक्षास्त्री लोग भी कह रहे थे उन सेक्टरों की रक्षा के लिए जाहिर
38:47कोई policy measures लेंगे policy initiatives लेंगे जिससे उन सेक्टर को कहीं न कहीं
38:53रहात देने का काम करेंगे लेकिन overall अगर आप देखे तो आज मैं कह सकता
38:57कि देश की अर्थ वश्ता अगर किसी को अर्थ वश्ता समझ में आती है तो उनको समझना
39:01चाहिए सारे parameters macro economic parameters या global perspective में देखिए आज
39:07हमारा incremental जो contribution जो global GDP में लगवाग 18% है बताए किस देश का
39:1318% है और अगर वाके impact होगा अगर इस तरह के 25% का 30% का अगर जो
39:19tariff लगाएंगे तो जिस जो export oriented economy है उनको ज्यादा impact होगा ना के जो
39:26domestic consumption पे निर्वर है जैसे भारत जिसका 57% 58% और जीस्टी में लाए और इसके
39:32मिलस्दिया domestic के नजर से देखे सल्वान सोज तो बहुत ज्यादा impact नहीं होगा कई ऐसे
39:40एक शेतर है और सरकार उस पर उतर आएगी सल्मान सोज मैं एक चीज में तो मैं खूश हूँ कि जफर बाई जो है यह इस वक्त की मदद
39:50करें कि इनको शायद economy का पता नहीं क्योंकि यह सिर्फ सेक्टर की बात करें इस सेक्टर में अगर ऐसा वह बस उस तक लिमिटिड रहेगा वैसे economy नहीं काम करते हैं क्योंकि economic sector जो होते हैं वो लिंक्ट होते हैं आप अगर लेधर इंडिस्ट्री में काम करते हैं उसका मतल�
40:2045-50 billion dollar का surplus है वहां से लड़ाई होगी अब किनके पास जा रहे हैं जो हमारे गल्बा जो नोंने हम पर हमला किया जिनके जिनके साथ हमारा 100 billion dollar का trade deficit है अब चाइना के साथ गले मिलने जा रहे हैं इनको कहिए गले मिलना बंद करो थोड़ा serious काम करो
40:37option क्या है option क्या है option क्या है option क्या है Сейчас几व जवाब देता हूँ option क्या है option पहली बात है कि हमें इसा नहीं सोचना चाहिए कि जो अमरीकी trade policy है यह हमेशे के लिए ऐसी रहे ही आज ट्रम पे यह बात करें कल कुछ और बात कर सकते हैं लेकिन हमें
40:56इस वक्त हमें हमारे हाथ में क्या है? हमारे हाथ में यह है कि हम trade policy कुछ ऐसी बनाएं short term के लिए
41:03कमस्करं ताके हम उन industries की मदद कर पाएं, उन sectors की बाद मदद कर पाएं, खास तोर से जो small and medium enterprises हैं, उनकी मदद कर पाएं
41:13ताकि वो इस मुश्किल हालात से निकल पाएं, ताकि वो आगे को हमारे काम आ सकते हैं, जो यह ट्रंप trade policy है, मुझे नहीं लगता है कि यह कोई permanent policy है, इसने हमें ऐसे नहीं सोना चाहिए, वही तो बात कहने कि वो कोशिश कर रहे है ना, वही तो बात करने कि वो कोशिश कर र
41:43चलिए, जल्दी से सेज़ जफरेस, देखे, क्या है, सल्मान साहिब को सुने गा लो, तो हसने के लावा कुछ नहीं काम करते हैं, एक ही चीज़ को रिपीट कर रहे हैं, जबके बार बार इस बात को दोरा रहा हूं, कि economy को overall perspective में देखते हैं, यह कोई हमारे isolated economy नहीं, इंट
42:13नहीं सिर्फ isolated Indian economy नहीं, यह degraded global economy से भी, लेकिन हमें यह भी देखना है कि क्या हमारी अर्थववस्था में होल है क्या, जो कॉंग्रेस पार्टी ने जिस तरह के होल छोड़ रखे थे, नहीं है, हमने अर्थववस्था को इतना मजबूत बनाया है, इसलिए मजबूत बनाय
42:43छोड़ दिया, ग्यारवी अस्तान पे छोड़ दिया था, आज चौती अस्तान और तीसरे अस्तान अंग के लिए खटखटा रहे, यह पूरे दुनिया कह रहे है, एक्सेप्ट या तो कॉंग्रेस पार्टी या उनके यहां जो एकॉनमी समझने वाले, उनको समझ में नहीं
43:13की स्लाब्स बदली जा रही है, तो सरकार के तरफ से यह कहा जा रहा है कि देखिए हम तो तैयार है, जो भी इस टैरिफ के वज़े से दिक्कते होंगी, उसके लिए हम तैयार है, इस इट इनफ, क्या इसके वज़े से जो दिक्कते होगी, वो ठीक हो सकती है, उस पर हम काब
43:43कि आज नॉर्मल टाइम से हम लोग नहीं हैं अब ये एक किसम से वार है हमारे ये शॉर्ट टर्म वार है वही बहुत लंबी वार नहीं है अगले एक साल डेट साल के लिए क्योंकि आप कोई साथ ने खाया भी जिक्र किया कि साथ हम और कहीं और बेच लेते हैं हम FTA कर लेते ह
44:13आपका दंगल है अगर पता लग जाएगा कोई आदमी वीक हो गया है क्योंकि उसका मेल सपोर्टर नाराज हो गया उससे तो बाकी सब लोग भी आप से ले राश हो जाएंगा तो यह जो सवाल मैंने संजीव जी से प्लूचा था वही सवाल आपके पास जिए ऐसा है कि जो
44:43से नहीं तो यह जो बूस्ट हमें देना है अनौग नाई सेक्टर को माइक्रो सेक्टर को स्मॉल सेक्टर को अग्रिकल्चर को उनसे नहीं आने वाला है उसके लिए हमें अलग से नीतिया बनानी पड़ेंगी जिससे की वहां पर इंकम बढ़े दूसरी बात यह कि सारे दे�
45:13तो उसका भी असर ग्रोथ पे पड़ेगा तो हमें अपने जब प्राइवेट सेक्टर का ग्रोथ को कैसे बूस्ट दें वहां पर कैसे ज़्याद है डिमांड क्रियेट हो उसके लिए बहुत ज़्याइब करना पड़ेगा
45:22सिदार जराबे क्या सरकार इसके लिए तैयार है देखिए सरकार की तैयारी बिल्कुल है और तभी 15 अगस्त को प्रधान मंतरी ने जीस्टी को लेके घोशना की जीस्टी की घोशना क्यों की गई ताकि कही न कहीं डोमेस्टिक कंजम्शन बढ़े और साहिल जाते जाते एक
45:52तो अमेरेका हमसे तेल और उससे ड़ोड़ाक्ट्स पेड्रोलियम और रिलेटेड प्रोडॉक्ट्स का करता है करीब 18 billion डॉलर का
46:01जेम्स एंड जूल्री और बाकी टाइप का जो करता है ऐसा नहीं है कि उनके इस डेसिजन में कोई लॉजिक है इसलिए कोई भी लॉजिक
46:11इंतजार रहेगा खर्कार उत्तक क्या गदब उठाती है आप सबका बहुत बहुत शुक्रिया लेकिन जाते जाते एक बड़ी खबर इस वक्त हमारे पास आ रही है कि माता वैश्णो नेवी मार्क पर भूस कलन हो गया है यह तस्वीर आप यहां वहां की देख रहे हैं और हा
46:41त्यूजर नेगा
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