00:00देविका नाम की ये लड़की जैसे ही सुबह सोकर उठती है तो उसे बहुत ठकान महसूस होती है
00:04उसे पिछली रात जो हुआ वह कुछ भी याद नहीं रहता क्योंकि उसके साथ कुछ बुरा हुआ था जो उसे बिलकुल भी याद नहीं है
00:09वह एक स्कूल में फिजिकल टीचर थी
00:10तब ही उसका पती उसे बताता है
00:17कि शयद तुमने अपनी कान की बाली कहीं गिरा दी है
00:19अब देविका की टेंशन बढ़ने लगती है
00:21और वह पूरे घर में अपनी बाली को ढूनने लगती है
00:23लेकिन उसे वह कहीं नहीं मिलती, उसका पती ज्यादा सीरियस न होकर हॉस्पिटल में अपने काम पर चला जाता है
00:27पती के काम पर जाते ही, देविका अपने सारे कपड़े उतार कर, अपने शरीर के निशान को देखकर सोचने लगती है कि आखिर मेरे साथ कुछ तो हुआ है
00:34अब वह स्कूल जाकर वाज्चमैन से बैडमिंटन कोर्ट की चाबी मांगती है
00:37वाज्चमैन उससे कहता है, टीचर, आप कल बैडमिंटन कोर्ट को बंद किये बिना ही चली गई, शायद आप कल नीद में थी
00:42सच में उसके साथ कुछ गलत हुआ था, लेकिन उससे कुछ याद नहीं था
00:45इसी लिए वह बैडमिंटन कोर्ट में जाकर कुछ याद करने की कोशिश करती है, पर उसे कुछ याद आए, तब ना
00:49लेकिन तभी उसे अपनी एक कान की बाली मिल जाती है, अब परेशानी की बात ये है कि पिछले चार सालों से देविका को कोई बच्चा नहीं हुआ था, लेकिन अब अचानक उसकी प्रेगननसी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है, अब देविका की कान की बाली मिलने पर
01:19इसलिए उसने ये बात अपने पती को ना बताने का फैसला किया, लेकिन जब उसने फिर से गीता से बात चीत की, तो गीता ने उसे बताया, यह सब केवल तुम्हारे मन का भ्रम है, और अगर तुम्हें सच में कोई परेशानी है, तो तुम्हें एक साइक्याटरिस्ट के प
01:49कहकर कमरे से बाहर भेज दिया, और टेंशन के मारे वहीं सो गई, अगले दिन देविका ने गीता की मदद से स्कूल के CCTV फुटेज और सारे स्टूडेंट्स के रिकॉर्ड्स मंगवा लिये, लेकिन उसे वहाँ भी कुछ नहीं मिलाता, शाम को देविका का पती और उसका द
02:19जो उसे भी मालूम नहीं है, रात के समय सुझीत अपनी पतनी देविका से बात करने की कोशिश करता है, लेकिन देविका बीमार होने का नाटक करती है, सुझीत को लगता है कि शायद वह उसे सर्प्राइज देने के लिए ऐसा कर रही है, अगले दिन टीचर को उसके ही स्�
02:49अब परिशानी की बात ये है कि सुझीत को डॉक्टर से बता चलता है कि देविका उसके बच्चे का अबॉर्शन कराना चाहती है, अब काफी रात होने के बाद संदीप टीचर को बस स्टैंड पर छोड़ने के लिए जाता है, रास्ते में टीचर उससे अपने बागी दोस
03:19पिता के एक यहरे दोस्त से मिलती, उन से मिलने पर उसे पता चलता है कि उसके पिता पहाड तोड़ने का काम करते थे, जिसके लिए वे बॉंब बनाया करते थे, 18 साल पहले उसके पिता की मौत हो चुकी थी, इसके बाद देविका अपने घर लोट जाती है, घर पहुंचन
03:49के लिए एक कैंडी देता है, टीचर उस कैंडी को खाते ही बेहोश हो जाती है, आगे क्या होगा, ये जानने के लिए नेक्स्ट पार्ट कॉमेंट करें