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Rambhadracharya on Premanand: जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि प्रेमानंद महाराज चमत्कारी नहीं हैं और अगर वे विद्वान हैं तो संस्कृत श्लोक का मतलब बताकर दिखाएं। Watch Out

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~HT.410~ED.118~

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Transcript
00:00मतुरा के व्रिंदावन में रहने वाले प्रेमनन महराज अक्सर अपने भजनों, प्रवचनों और बयानों की वज़से चर्चा में रहती है।
00:30प्रेमनन महराज उनके वालक समान है और उनके मन में उनके प्रती व्यक्ती नहीं मान सकते हैं।
01:00प्रेमनन महराज समझा दें।
01:28इसे तैख हो जाएगा कि कौन सच में ग्यानी है और कौन नहीं।
01:32हालकि इस पूरे विवात के बीच ये भात भी सच है कि प्रेमनन महराज देश विदेश से लाको फक्तों के बीच बीच बीहद लोगती है।
01:40प्रभावशाली लोग भी दर्शन करने आते हैं।
01:48मेडिया पर उनके प्रवचन और भजनों के वीडियो तेजी से वारल होते हैं।
01:52हमेशा पीले वस्त्रों में दिखने वाले प्रेमनन महराज पीले चंदन का तिलक लगाते हैं।
01:57और पिछले 19 सालों से किर्णे की गंफीर बिमारी से जोज रहे हैं।
02:01इसके बावजूद वो नियमित रूप से प्रवचन देते हैं।
02:04वहीं राम भद्रयाचार्य भी इधार्मिक और शैक्षनिक शेत्र में बड़ा युगता परा।
02:09उचिद्रकोट से तुलसी बीट के संस्थापक हैं और उन्हें देश-विदेश के चार विश्विध्यालों से डॉक्पेट की उपादी मुचकी हैं।
02:16वह अब तक 30 से जादा किताबे लिग चुके हैं।
02:18जन्म से इन्ने तरहीन होने के बावजूद वह बहु मुखी प्रतिवा की धनी है।
02:22और उनके आश्रम में भी देश के नामी हस्यां दर्शन के लिए आती हैं।
02:26अब ये देखना दुल्चस्प होगा कि प्रेमनंद महाराज इस चुनौते पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और ये विवाद आगे कितना मरता है।
02:56प्रतिक्र करना मरता हैं।
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