00:00बिहार का एक शहर राजगीर यहां का बसे स्टेंड और उस बसे स्टेंड में श्रवन कुमार की चाई की दुकान
00:12यहां पर हर कप चाई के साथ 18 महिने तक के बच्चों को मुफ्त में दूध उपलब्ध कराने का वादा मिलता है
00:21यह सफर 35 साल पहले शुरू हुआ श्रवन कुमार गुजर गए उनके जाने के बाद आज उनके भाई इस नेक काम को आगे बढ़ा रहे हैं
00:51दरसल यह कहानी 1990 से शुरू होती है जब राजगीर बस स्टैंट पर श्रवन कुमार अपनी दुकान पर चाई बेज रहे थे
01:01तभी उन्होंने एक बच्चे की रोने की आवाज सुनी उनसे रहा नहीं गया एक ग्लास में दूध लेकर बच्चे की मा को दिया और कहा कि बच्चे को पिला दो उसे भूख लगी है
01:13दूध पीकर बच्चा चुप हो गया यह बात श्रवन के दिल में घर कर गई और तब से उन्होंने 18 महीने तक के बच्चों के लिए मुफ्त में दूध बातना शुरू किया
01:43शालिनी कुमारी को दिल ली जाना है दो साल का बेटा गोद में है उसे भूख लगी थी शालिनी बताती है कि
01:52समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे तब ही इस बोड़ पर नजर पड़ी दूध मांगा तो इन्होंने बिना कुछ पूशे बोतल में दूध भर कर दिया छोटे बच्चों के लिए मुफ्त में दूध उपलब्द करा रहे हैं अच्छा काम कर रहे हैं
02:07राजगीर बस स्टेंट पर यह निस्वार्थ सेवा 1990 से आज भी जारी है फिलहाल श्रवन कुमार तो दुनिया में अब नहीं है लेकिन उनकी यह कोशिस बताती है कि एक छोटा सा काम भी बड़ा असर छोड़ सकती है
02:25आखिर में रंजीत कहते हैं कि बड़े भाईया ने जो यह काम सुरू किया था जब तक मैं जिन्दा हूँ वो जारी रहेगा बच्चों को हर हाल में दूध मिलेगा
02:38ETV भारत के लिए नालंदा से महमूद आलम की रिपोर्ट
Be the first to comment