00:00द्रमनगरी कुरुक्षेतर को पूरे विशम में गीता नगरी के तोर पर जाना जाता है
00:22क्योंकि महाभारत का यूद यहाँ पर हुआ था और महाभारत के यूद के दुरान भगवान स्री क्रेशन ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था जो आज पूरे विशो में जाना जाता है
00:32और महाभारत के यूद के दुरान यहाँ पर जो लड़ाई हुई तो 19 से सबंदित यहाँ पर 48 कोस की भूमी चिनीत की गई है जहाँ पर महाभारत की लड़ाई लड़ी गई थी
00:44और वहाँ पर 3500 से जादा तिर्थ बनाए गए हैं जो कुरुक्षेतर विकास बोड़ के निगरानी में काम कर रहे हैं और इस समया हम मौजूद है कुरुक्षेतर के द्यालपूर गाओं में जहाँ पर बान गंगा तिर्थ है
00:58माना जाता है कि महाभारत के यूद के दुरान जब बिशम पितामा बानों की सहिया पर लेटे हुए थे और अपनी अंतिम सांसे गिन रहे थे उस दुरान उन्होंने जब पानी पीने की इच्छा जताई तो बोगवान शिरी क्रिशन के कहने पर अरजुन ने अपने कांडि
01:28जो बानों की सहिया पर लेटे हुए हैं और इसी के चलते इस गाउं का एक अलग ही इतिहास बन जाता है बान गंगा के नाम से पूरे भारत में विदेशों में गाउं जाना जाता है और जो महाभारत से जो मंदी जो जानकारी है उसमें यहाँ भी बताया गया है कि विशम �
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