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WATCH! Main Manto Nahi Hoon Episode 11 | Digitally Presented By Master Paints ,Lifebuoy Shampoo , Vince & lactogrow | 16 August 2025 | Ary Digital Drama
Cast :
Hamayun Saeed as Manto
Sajal Aly as Mehmal
Azan Sami as Farhad
Sanam Saeed as Maria
Asif Raza Mir as Siraj
Saba Hamid as Zulekha
Saba Faisal as Naseeba
Saima Noor as Suraiya
Babar Ali as Bin Yameen
Usman Peerzada
Musadiq Malik Others.
Writer: Khalil ur Rehman Qamar
Directed by: Nadeem Baig
MAIN MANTO NAHI HOON Every Fri-Sat at 8:00 PM, only on ARY Digital
mainmantonahihoon #hamayunsaeed #sajalaly #arydigital #azansamikhan #sanamsaeed #darama #pakistanidrama #dramaserial #newdrama2025 #familyfeud #LoveStory #RomanticDrama #KhaliurRehmanQamar #nadeembaig #Manto #Mehmal #Pakistanitvdrama
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NOTE :-
This video is only for teaching purposes.
This video has no negative impact on the original work (It would be positive for it).
All images & including videos clips used in this video belong to their respected owners.
It's only a review video and all credit goes to Owner.
Copyright Use Disclaimer-
This video is for educational purposes only. Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for "fair use" for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favour of fair use.
Cast :
Hamayun Saeed as Manto
Sajal Aly as Mehmal
Azan Sami as Farhad
Sanam Saeed as Maria
Asif Raza Mir as Siraj
Saba Hamid as Zulekha
Saba Faisal as Naseeba
Saima Noor as Suraiya
Babar Ali as Bin Yameen
Usman Peerzada
Musadiq Malik Others.
Writer: Khalil ur Rehman Qamar
Directed by: Nadeem Baig
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mainmantonahihoon #hamayunsaeed #sajalaly #arydigital #azansamikhan #sanamsaeed #darama #pakistanidrama #dramaserial #newdrama2025 #familyfeud #LoveStory #RomanticDrama #KhaliurRehmanQamar #nadeembaig #Manto #Mehmal #Pakistanitvdrama
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FunTranscript
00:00हाँ, मैं वो तो नहीं, जो तुम मुझे समझे
00:08नहीं है वो, ना ही डाउन टू अर्थ है, गुंडा है एक नंबर का
00:11वो आग का दर्या है, पार उतरने की आर्जू में तुम चल कर राक हो जाओगी
00:16कभी देखा है उसे वार्स है
00:19कि जो दिन चड़ता है ना लहूर में, उसके जब जाने से चड़ता होगा
00:24कोई, तस बारा गन वालों के साथ रोब जबाने वाला गुंडा बहादर होता है
00:28हम इस मारिया के तानों से डर कर खुली खाने वारा मट्टू
00:31स्ञाने कुम फपो जी
00:34स्ञाने के दो बेटों का हिसाब लिए बगएर कोर्स पूरा नहीं होगा
00:43चाहिए उसके लिए हमारे दो बेटे भी चले जाए
00:45आपके पूरे दो नहीं है सराज साब
00:47जाने कुम फपो जी
01:04अभी देखा है उसे वहरस है यह जो दिन चड़ता है ना लहूल है
01:14है
01:19हम इस मार्या के तानों से डर कर खुली खाने वरा मार्या
01:24है
01:28है
01:33तानों
01:38जानों
01:45जानों
01:50झाल झाल
02:20मेंटू को अब कही न कही मेंटू को अब कही न कही मेमल से महबत हो गई है
02:39वो मिस मारिया से कहते है कि महबत कोई जذبाती की फियत नहीं बलके एक ताकत है एक ऐसी जذبाती शिदत है जिसे किसी भी सूरत में बयान तक नहीं किया जा सकता
02:51मिस मारिया बहुत ज्यादा हीरान होकर मेंटू से कहती है हेर हे सर मेंटू साब आपने तो कभी ऐसी बातें नहीं की थी कही आपको भी महबत तो नहीं हो गई
03:03मारिया मैं तो बस यूही आप से महबत के बारे में बात कर रहा था और महबत और मुझे ये कैसे हो सकता है
03:12लेकिन मिस मारिया जानती है
03:13कि कही न कही सर मिंटो मेमल को पसंद करने लगे है
03:18इसलिए वो उनसे कहती है कि कही वो मेमल तो नही
03:21तब हो हेरत से मिस मारिया की तरफ देखते है
03:25ऐसी बात नही है मारिया
03:27आप गलत सोच रही है
03:29मैं गलत सोच रही हूँ
03:31या आप मुझे कुलकर बताना नहीं चाहते
03:34वैसे तो मैं आपकी दोस्त हूँ
03:36काफी अर्से से आपको जानती हूँ
03:39जब भी मैं मेमल के बारे में आपसे गुफटगू करती हूँ
03:42तो आपके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कुराहट होती है
03:46जिसे देखकर ही मुझे अंदाजा हो गया था
03:49कि आप मेमल से महब्बत करने लगे है
03:52लेकिन आपको इस बारे में मालूम होना चाहिए
03:55कि ये किस कदर हतरनाक हो सकता है
03:58क्योंकि फरहाद तो मेमल को किसी और की जिन्दगी का हिस्सा
04:02बनने की अजादत तक नहीं दे सकता
04:04अगर वो उसके मंगेतर की जान ले सकता है
04:08तो सोचिए अगर उसे ये बात मालूम हो गई
04:11कि आप मेमल से महब्बत करते है
04:13तो वो आपका किया हाल करेगा
04:16तब सरमेंटू काफी ज्यादा गबरा जाते है
04:18लेकिन वो मेमल को कोना नहीं चाहते
04:21दूसरी तरफ ड्रामे में दिकाया जाता है
04:24कि मेमल की मंगनी हो रही है
04:26मेमल का बाप इसे कहता है
04:29कि मेरी बेटी अगर वो इन तमाम बातों से
04:32दूर रहना चाहती है
04:34फसाद, हंगामे लड़ाई, जगडे, कतल वगारत
04:38तो मेरी बेटी, मेरी बात मान ले
04:40और जहां में चाहता हू, वहां निकाह कर ले
04:43मेमल ने अपने बाप की बात मानी
04:45और जहां उसके बाप निकाहा
04:47मेमल ने खुशी-खुशी
04:49वहाँ शादी करने के लिए रजमन्दी जाहिर कर दी
04:52उसकी पुपु भी बहुत ज्यादा खुश है मेमल अपने गरवालों का बरपूर साथ देगी
04:58हाँ लेकिन मिंटु सहाब फिरोज की बात मानते है
05:02फिरोज ने क्या क्या फिरोज ने मिंटु सहाब से मुलाकात की
05:06और मेंटू सहाब से कहा
05:08कि मैं इससे बहुत ज्यादा महब्बत करता हूँ
05:11अगर मेरी और इसकी शादी हो जाती है
05:13तो हमारा हंदान बहुत सारे नुकसानाद से बच सकता है
05:17हमारा हंदान बहुत सारे मुश्किलात का सामना
05:21जो हमारा हंदान करता है
05:22उससे हम बच सकते है
05:24अगर मेमल मेरी जिन्दगी में आ जाए
05:28तो मैं अपनी जिन्दगी में दोसिद
05:30दस लोगों की कतल को मजीद आगे बढ़ने से रोक सकता हूँ
05:36मेंटू सहाब उसकी बाद समझ जाते है
05:38और मेमल की मंगनी पर पहुं जाते है
05:41मेमल کی سारी सहीलिया
05:43मुझूद होती है
05:44हंदानी इजितिमा होता है
05:46लिश्टदार मुझूद होते है
05:47एक बहुत बड़े तकरीब
05:49मुनकत होता है
05:50सब लोग बहुत ज्यादा खुश नज़ आते है
05:53हसुसन मेमल की पुपु
05:55हाँ मेमल को पुपु ने
05:56मेमल को मेंटू सहाब के बारे में बहुत पहले ही अबरदार कर दिया था
06:01कि तुम्हारे मेंटू सहाब तुम्हारे बारे में क्या सोच रखे है
06:05और वो क्या चाहते है अब फिरोज मेंटू सहाब को इस्तिमाल करेगा
06:10इस बात के लिए कि वो मेमल को मंगने को रोके
06:14मेमल की पुपई उसकी हेर हुआई कर रही होती है
06:17वो उसे बहुत प्यार कर रही होती है
06:19एक तो मेमल बहुत प्यारी लग रही होती है
06:23दुसरा उसका हंदान उसे बहुत प्यार करता है
06:26क्योंके वो दो बाईों की लाडली बेहन है
06:29और बाई भी ऐसे है कि एक जो है वो हवलात में बंद है और दुसरा अपनी जिन्दगी से भी बहुत परिशान है
06:37मेमल की मंगनी एक मौज़स हंदान में हुई हंदान में दिकाया जाता है कि उसके उलिदाएं मेमल से बहुत प्यार करते है
06:45मंगनी के मौके पर ही सब लोग मेमल के आगे पीछे गूम रहे थे
06:49मेमल अपने जितदारों के साथ कड़ी हुई तस्वीर बना रही होती है
06:54कि इतने में में मेंटूस सहाब भी वहां मौज़ूद होते है
06:57मारिया बेगम भी मौज़ूद होती है
07:01सब लोग एक दूसरे को देखकर वहा परिशान हो जाते है
07:05लेकिन मेंटूस सहाब मंगने के बहाने मेमल से बात करने जाते है
07:10मेमल से जाकर बात करते है
07:12और उसे समझाते है कि फिरोस तुम से बहुत महबत करता है
07:15वो तुम से मिलना चाहता है
07:17वो तुम से एक मरतबा बात करना चाहता है
07:20मेमल मेंटो साब की बात सुनकर बहुत ज्यादा परिशान हो जाती है
07:24और कहती है कि मैं ये हत्रा कभी नहीं ले सकती
07:28ना ही मैं आपके साथ जाऊंगी
07:30मुझे मालूम है कि लड़कों की बातों में दोखा होता है
07:34अगर मैं यहां से आज चले गई तो मेरे लिए बहुत ज्यादा हत्रनाक हो जाएगा
07:39मैं फिर किसी को मुझ दुकाने के काबिल नहीं रहूंगी
07:42ये तो वही मन्जर हो जाएगा जो मेरी सहेली के साथ हुआ था
07:47मेमल मेंटू सहाब से कहते हैं कि मैंने अपनी सहेली के हादसे से बहुत कुछ सीका है
07:53और मैं कभी नहीं चाहूंगी कि कल उसने मेरा रिष्टा रोका था
07:58और इस बात का बड़ला उस सारे जिन्दगी मुझ से ले
08:01तो आप बराए कराम उसे जाकर ये बात कहे दे
08:05कि मैं उसकी जिन्दगी में खुद को शामिल नहीं करना चाहती
08:09और ना ही वो मेरी जिन्दगी में शामिल हो
08:12मैंने उसके लिए अपनी जिन्दगी के तमाम दर्वाजे बंद कर दिये है
08:17और मैं चाहती हूँ कि वो भी मेरी तरफ से
08:20अपनी जिन्दगी में मेरे तमाम दर्वाजों को मेरे लिए बंद कर दे algun के मैं ना उसकी जिन्दगी में आना चाहती हू।
08:50एक ऐसी जज़बाती शिद्ध है
08:53जिसे किसी भी सूरत में
08:55बयान तक नहीं किया जा सकता
08:57मिस्मारिया बहुत ज़्यादा
08:58हीरान होकर मैंटू से कहती है
09:01हेर है सर मैंटू साहब
09:02आप ने तो कभी ऐसी बाती
09:04नहीं की ती कही आपको भी
09:06महब्बत तो नहीं होगई
09:08मारिया
09:09में तो बस योहीं
09:11आपसे महब्बत के बारे में बात कर रहा था
09:14और महब्बत और मुझे
09:15ये कैसे हो सकता है
09:17लिकिन मिस मारिय Templi जानती है
09:18कि कही न कही सर मिंटू
09:21मेमल को पसंद करने लगे है
09:22इसलिए उनसे कहती है
09:24कि कही वो मेमल तो नहीं तब वो हेरत से मिस मारिय की तरफ देखते है ऐसी बात नहीं है
09:30मारिया अब गलत सोच रही है मैं गलत सोच रही हूँ या आप मुझे कुलकर बताना नहीं चाहते
09:36वैसे मैं आपकी दोस हूँ, काफी अर्से से आपको जानती हूँ, जब भी मैं मेमल के बारे में आपसे गुफ्तगू करती हूँ, तो आपके चीहरे पर एक अजीब सी मुस्कुराहल हो दी है, जिसे देखकर ही मुझे अंदाजा हो गया था, कि आप मेमल से महबत करने लगे ह
10:06सोचिए, अगर उसे ये बात मालूम हो गई, कि आप मेमल से महबत करते हैं, तो वो आपका क्या हाल करेगा, तब सर मेंटू काफी ज़्यादा गबरा जाते हैं, लेकिन वो मेमल को कोना नहीं चाहते हैं, सर मेंटू मेमल की मंगने पर पूंच जाते हैं, मेमल की सारी सहेले म
10:36हाँ, मेमल की पूपई ने मेमल को मेंटू सहाब के बारे में बहुत पहल ही अबरदार कर दिया था, कि तुम्हारे में मेंटू सहाब तुम्हारे बारे में क्या सोच रखे हैं, और वो क्या चाहते हैं, आप फिरोज मेंटू सहाब को इस्तिमाल करेगा, इस बात के लिए, क
11:06बहुत प्यार करता है क्योंकि वो दो बाईों की लाड़नी बेहन है और बाई भी ऐसे है कि एक जो है वो हवलात में बन है और दुसरा अपनी जिन्दगी से भी बहुत परिशान है मिमल की मंगनी एक मौज़स हंदान में हुई हंदान में दिखाया जाता है कि उसके वले दा�
11:36मारिया बेगम भी वजूद होती है सब लोग एक दुसरे को देखकर वहाँ परिशान हो जाते है लेकिन मेंटु सहाब मंगने के बहाने में मेंमल से बात करने जाते है मेंमल से जाकर बात करते है और उसे समझाते है कि फिरोस तुम से बहुत महबत करता है वो तुम से मिलना
12:06ना ही में आपके साथ जाओंगी
12:08मुझे मालूम है
12:09कि लड़कों की बातों में दोका होता है
12:12अगर मैं यहाँ से आज चली गई
12:14तो मेरे लिए बहुत ज्यादा हत्तरनाक हो जाएगा
12:17मैं फिर किसी को
12:18मुदी काने के काबिल नहीं रहूंगी
12:20यह तो वही मनजर हो जाएगा
12:22जो मेरी सहेली के साथ हुआ था
12:24मेमल मेंटु सहाब से कहती है
12:26कि मैंने अपनी सहेली के हादसे से
12:28बहुत कुछ सीखा है
12:29और मैं कभी नहीं चाहूंगी
12:31कि कल उसने मेरा रस्ता रोका था
12:34और इस बात का बदला
12:35वो सारी जिन्दगी मुझसे ले
12:36तो आप बराहि गराम उसे जाकर ये बात कहते
12:39कि मैं उसके जिन्दगी में खुद शामिल नहीं हो
12:41करना चाहती और नहीं
12:43वो मेरी जिन्दगी में शामिल हो
12:45यह नहीं उसके लिए अपनी जिन्दगी के तमाम
12:47बर दर्वाजे बंद कर दिये है
12:48हमें चाहती हूँ
12:49कि वो भी मेरी तरफ से
12:50अपनी जिन्दगी मेरे तमाम दर्वाजों को
12:53मेरे लिए बंद कर दे
12:54क्योंकि यह ना उसकी जिन्दगी में आना चाहती हूँ
12:56और नहीं उसे अपनी जिन्दगी में लाना चाढ़ती।
12:59मेंटू साहब मेंठल की बाते बहुत ज्याद लाजान हो जाते हैं
13:02और मंगने की तकरीब हत्म होती ही
13:05मारिया बेगम के साथ गर रबाना हो जाते हैं
13:09मेंठल को अब कही न कही मेंठल से महबद हो गई है
13:13वो मिस मारिया से कहते है
13:14कि महबत कोई जजबादी की फियत नहीं
13:17बलकि एक ताकत है
13:18एक ऐसी जजबादी शिद्दत है
13:20जिसे किसी भी सूरत में बयान तक
13:23नहीं किया जा सकता
13:24मिस मारिया बहुत ज़्यादा हिरान होकर
13:26मेंटू से कहती है
13:27हیر ہے سر منٹو صاحب
13:29आपने तो कभी ऐसी बातें नहीं कीती
13:32कही आपको भी महबबत तो नहीं हो गई
13:34मारिया मैं तो बस यूही आपसे महबबत के बारे में बात कर रहा था
13:39और महबबत और मुझे ये कैसे हो सकता है
13:42लेकिन मिस मारिया जानती है
13:44कि कही न कही सर मिंटो मेंमल को पसंद करने लगे है
13:48इसलिए वो उनसे कहती है कि कही वो मेंमल तो नही
13:51तब उ हैरत से मिस मारिया की तरफ देखते है
13:54ऐसी बात नहीं है मारिया आप गलत सोच रही है
13:58मैं गलत सोच रही हूँ या आप मुझे कुलकर बताना नहीं चाहते
14:02वैसे तो मैं आपकी दोस्त हूँ काफी अरसे से आपको जानती हूँ
14:07जब भी मैं मेमल के बारे में आपसे गुफटगू करती हूँ
14:10तो आपके चेहरे पर एक अजीब सी मस्कुराहट होती है
14:13जिसे देखकर ही मुझे अंदाजा हो गया था
14:16कि आप मेमल से महबबत करने लगे है
14:18लेकिन आपको इस बारे में मालूम होना चाहिए
14:21कि ये किस कदर हतरनाक हो सकता है
14:24क्योंकि फरहाद तो मेमल को किसी और की जिन्दगी का हिस्सा
14:28बनने की अजादत तक नहीं दे सकता
14:30अगर वो उसके मंगेतर की जान ले सकता है
14:34तो सोचिए अगर उसे ये बात मालूम हो गई
14:36कि आप मेमल से महबबत करते है
14:38तो वो आपका किया हाल करेगा
14:40तब सर मेंटू काफी ज्यादा गबरा जाते है
14:43लेकिन वो मेमल को कोना नहीं चाहते
14:45दूसरी तरफ ड्रामे में दिकाया जाता है
14:48कि मेमल की मंगनी हो रही है
14:50मेमल का बाप इसे कहता है
14:52कि मेरी बेटी अगर वो इन तमाम बातों से दूर रहना चाहती है
14:57फसाद, हंगामे लड़ाई, जगडे, कतल वगारत
15:00तो मेरी बेटी, मेरी बात मान ले
15:02और जहां में चाहता हूँ, वहां निकाह कर ले
15:05मेमल ने अपने बाप की बात मानी
15:07और जहां उसके बाप निकाहा
15:09मेमल ने खुशी खुशी वहाँ शादी करने के लिए रजमन्दी जाहिर कर दी
15:13उसकी पुपु भी बहुत ज्यादा खुश है
15:16मेमल अपने गरवालों का बरपूर साथ देगी
15:19हाँ लेकिन मिंटु सहाब फिरोज की बात मानते है
15:22फिरोज ने क्या क्या
15:24फिरोज ने मिंटु सहाब से मुलाकात की
15:26और मिंटु सहाब से कहा
15:28कि मैं इससे बहुत ज्यादा मुहबत करता हूँ
15:30अगर मेरी और इसकी शादी हो जाती है
15:33तो हमारा हंदान बहुत सारे नुकसानाद से बच सकता है
15:36हमारा हंदान बहुत सारे मुश्किलाद का सामना
15:39जो हमारा हंदान करता है
15:41उससे हम बच सकते है
15:43अगर मेमल मेरी जिन्दगी में आ जाए तुम्हे अपनी जिन्दगी में दोसिद दस लोगों की कतल को मजीद आगे बढ़ने से रोक सकता हूँ
15:53मेंटू सहाब उसकी बाद समझ जाते हैं और मेमल की मंगनी पर पहुं जाते हैं
15:58मेंटू की सारी सहीयलिया मुजूद होती है हंधानी जित्यमा होता है रिश्टदार में वजूद होते हैं
16:04एक बहुत बड़ तकρίевид मुनाक्ट होता है सब लोग बहुत ज्यादा खुश नजर आते हैं
16:09असुसन मेमल की पुपु, हाँ मेमल की पुपु ने मेमल को मिंटु सहाब के बारे में बहुत पहले ही अबरदार कर दिया था
16:16कि तुम्हारे मिंटु सहाब तुम्हारे बारे में क्या सोच रखे हैं और वो क्या चाहते हैं अब फिरोज मिंटु सहाब को इस्तिमाल करेगा
16:39क्योंकि वो दो बाईों की लाड़नी बेहन है और बाई भी ऐसे है कि एक जो है वो हवालात में बंद है और दुसरा अपनी जिन्दगी से भी बहुत परिशान है मेमल की मंगनी एक मौज़स हंदान में हुई हंदान में दिखाया जाता है कि उसके वलिदाएं मेमल से बहुत �
17:09बेगंबी मुझूद होती है सब लोग एक दुसरे को देखकर वहाँ परिशान हो जाते है लेकिन मेंटु साहब मंगने के बहाने मेमल से बात करने जाते है मेमल से जाकर बात करते है और उसे समझाते है कि फिरोस तुम से बहुत महबत करता है वो तुम से मिलना चाता है वो
17:39जड़कों की बातों में दोगा होता है। अगर मैं यहाँ से आज चड़ी गई तो मेरे लिए बहुत ज्यादा हत्रनाक हो जाएगा। मैं फिर किसी को मुध दुकाने के काबिल नहीं रहूंगी। ये तो वही मनजर हो जाएगा जो मेरी सहेली के साथ हुआ था। मैमल मेंट�
18:09किये दे कि मैं उसके जिन्दगी में खुद को शामिल नहीं करना चाहती और नहीं वो मेरी जिन्दगी में शामिल हो। मैंने उसके लिए अपनी जिन्दगी के तमाम दर्वाजे बंद कर दिये हैं और मैं चाहती हूँ कि वो भी मेरी तरफ से अपनी जिन्दगी में मेरे त
18:39मारिया बेगम के साथ घर रवाना हो जाते है
18:41महींटू को अब कही न कही मेमल से मुहबबत हो गई है
18:45हो मिस मारिया से के झे है
18:47कि महबबत कोई जذबाती के इफियत नहीं
18:49बलके एक ताक्त है
18:50एक ऐस्य जख़बाती शिदध है
18:52जिसे किसी भी सूरत में बयान तक नहीं किया जा सकता
18:56मिस मारिया बहुत ज्यादा हिरान होकर मेंटू से कहती है
18:59हेर हे सर मेंटू सहाब आपने तो कभी ऐसी बात नहीं की थी
19:04कही आपको भी महबबत तो नहीं हो गई मारिया
19:07मैं तू बस यहीं आपसे महबबिक के बारे में बात कर रहा था और मुझे यह कैसे हो सकता है
19:14लेकिन मिस मारिया जानती है
19:16कि कही न कही सर मिंटू मेमल को पसंद करने लगे है
19:19इसलिए उन से कहती है कि कही
19:22उन मेमल तो नही तब वो हेरत से मिस मारिया की तरफ देखते है
19:25ऐसी बात नही है
19:26मारिया अब गलत सोच रही है
19:28मैं गलत सोच रही हूँ
19:30या आप मुझे कुलकर बताना नहीं चाहते
19:32वैसे में आपकी दोस हूँ
19:34काफी अर्से से आपको जानती हूँ
19:36जब भी मैं मेमल के बारे में आपसे गुफटगू करती हूँ
19:39तो आपके चिहरे पर एक अजीब से मुस्कुराहत हो दी है
19:42जिसे देखकर ही मुझे अंदाजा हो गया था
19:44कि आप मेमल से महबबत करने लगे है
19:46लेकिन आपको इस बारे में मालूम होना चाहिए
19:49ये किस कदर अतरनाक हो सकता है
19:51क्योंके फरहाद तो मेमल को किसी और की जिन्दगी का
19:54हिस्सा बनने की जाज़त नहीं दे सकता
19:56अगर वो उसके मंगेतर की जान ले सकता है
19:59तो सोचिए
20:00अगर उसे ये बात मालूम हो गई
20:02कि आप मेमल से महबबत करते है
20:04तो वो आपको क्या हाल करेगा
20:06तब सर मेंटो काफी ज्यादा गबरा जाते है
20:09लेकिन वो मेमल को कोना नहीं चाहते
20:11सर मेंटो मेमल की मंगने पर पहुंच जाते है
20:15मेमल की सारी सहेले मौजूद होती है
20:17हंदानी इज्टिमा होता है
20:19रिष्टदार मौजूद होती है
20:20एक बहुत बड़ा तकरीब मुनकत होता है
20:23सब लोग बहुत ज़्यादा खुश नजर आते है
20:25حاصل سن میمل کی پپی
20:26ہاں میمل کی پپی
20:28نے میمل کو منٹو صاحب کے بارے میں
20:30بہت پہل ہی عبردار کر دیا تھا
20:33کہ تمہارے منٹو صاحب
20:34تمہارے بارے میں
20:35کیا سوچ رکھے ہیں
20:36اور وہ کیا چاہتے ہیں
20:38آپ فیروز منٹو صاحب کو
20:40استعمال کرے گا
20:41اس بات کے لیے
20:42کہ وہ میمل کی منگنی کو روکے
20:43میمل کی پپی
20:44اس کی ہر خواہی کر رہی ہوتی ہے
20:46وہ اسے بہت پیار کر رہی ہوتی ہے
20:48ایک تو میمل
20:49बहुत प्यारी लग रही होती है
20:52दूसरा उसका हंदान
20:53उससे बहुत प्यार करता है
20:55क्योंकि वो दो बाईों की लाडली बेहन है
20:57और बाई भी ऐसे है
20:58केक जो है वो हवलात में बन है
21:01और दूसरा अपनी जिन्दगी से भी बहुत परिशान है
21:03मेंल की मंगनी एक मौज़स हंदान में हुई
21:06हंदान में दिखाया जाता है
21:07कि उसके वले दाइन मेंल से बहुत प्यार करते है
21:10मंगनी के मोगे पर ही
21:12सब लोग मेंल के आगे पीछे गूम रही होते है
21:14मेंल अपने रिश्टदारों के साथ कड़ी हुई
21:17तस्वीर बना रही होती है
21:18केतने में मेंटु सहाब भी वहां मौजूद होते है
21:21मारिया बेगम भी
21:23मौजूद होती है
21:24सब लोग एक दूसरे को देखकर
21:26वहां परिशान हो जाते है
21:28लेकिन मेंटु सहाब
21:29मंगने के बहाने मेंल से बात करने जाते है
21:32मेमल से जाकर बात करते है
21:34और उसे समझाते है
21:35कि फिरोज तुम से बहुत महबत करता है
21:37वो तुम से मिलना चाहता है
21:39वो तुम से एक मरतबा बात करना चाहता है
21:41मेमल मेंटु सहाब की बात सुनकर
21:44बहुत ज्यादा परिशान हो जाती है
21:45और कहती है कि मैं यह हत्रा कभी नहीं ले सकती नाही में आपके साथ जाओंगी
21:50मुझे मालूम है कि लड़कों की बातों में दोका होता है
21:53अगर मैं यहाँ से आज चली गई तो मेरे लिए बहुत ज्यादा हत्रनाक हो जाएगा
21:58मैं फिर किसी को मुधी काने के काबिल नहीं रहूंगी
22:01यह तो वही मन्जर हो जाएगा जो मेरी सहाली के साथ हुआ था
22:04मेमल मेंटु सहाब से कहती है कि मैंने अपनी सहाली के हाथसे से बहुत कुछ सीखा है
22:09और मैं कभी नहीं चाहूंगी कि कल उसने मेरा रस्ता रोका था
22:13और इस बात का बढ़ा हो सारी जिंदगी मुझ से ले
22:16तो आप बराहिगराम उसे जाकर यह बात कहिए दे
22:18कि मैं उसकी जिंदगी में खुद शामल नहीं करना चाहती
22:22और ना ही वो मेरे जिन्दगी में शामिल हो
22:25ये उसके लिए अपनी जिन्दगी के तमाम बर दर्वाजे बंद कर दिये है
22:30उन्हें चाहती हूँ
22:31कि वो भी मेरी तरफ से अपनी जिन्दगी मेरे तमाम दर्वाजों को मेरे लिए बंद कर दे
22:37क्योंकि ये ना उसके जिन्दगी में आना चाहती हूँ और ना ही उसे अपनी जिन्दगी में लाना चाहती हूँ
22:43मेंटू सहाब मेमल की बाते सुनकर बहुत ज्यादा हिरान हो जाते है
22:48और मंगने के तकरीब हतम हो देही मारिया बेगम के साथ गर्रवाना हो जाते है
22:54मेंटू को अब कही न कही मेमल से महबबत हो गई है
23:01वो मिस मारिया से कहते है कि महबबत कोई जजबादी की फियत नही बलके एक ताकत है
23:08एक ऐसी जजबादी शिद्दत है जिसे किसी भी सूरत में बयान तक नहीं किया जा सकता
23:16मिस मारिया बहुत ज्यादा हिरान होकर मेंटू से कहती है
23:21हेर है सर मेंटू साथ आपने तो कभी ऐसी बातें नहीं की थी
23:27कही आपको भी महबबत तो नहीं हो गई
23:31मारिया मैं तो बस यूही आप से महबबत के बारे में बात कर रहा था
23:37और मुहबत और मुझे ये केसे हो सकता है
23:41लेकिन मिस मारिया जानती है
23:43कि कही न कही सर मिंटो मेमल को पसंद करने लगे है
23:49इसलिए वो उनसे कहती है कि कही वो मेमल तो नही
23:53तब हो हेरत से मिस मारिया की तरफ देखते है
23:58हैसी बात नहीं है मारिया
24:01आप गलत सोच रही है
24:03मैं गलत सोच रही हूँ
24:05या आप मुझे कुलकर बताना नहीं चाहते
24:09वैसे तो मैं आपकी दोस्त हूँ
24:12काफी अरसे से आपको जानती हूँ
24:15जब भी मैं मेमल के बारे में आपसे गुफटगू करती हूँ
24:20तो आपके चेहरे पर एक अजीब सी मस्कुराहट होती है
24:24जिसे देखकर ही मुझे अंदाजा हो गया था
24:28कि आप मेमल से महबत करने लगे है
24:31लेकिन आपको इस बारे में मालूम होना चाहिए
24:35कि ये किस कदर हतरनाक हो सकता है
24:39क्योंकि फरहाद तो मेमल को किसी और की जिन्दगी का हिस्सा
24:44बनने की अजादत तक नहीं ले सकता
24:47अगर वो उसके मंगेतर की जान ले सकता है
24:52तो सोचिए अगर उसे ये बात मालूम हो गई
24:56कि आप मेमल से महबत करते है
24:59तो वो आपका क्या हाल करेगा
25:01तब सरमिंटू काफी ज्यादा गबरा जाते है
25:05लेकिन वो मेमल को कोना नहीं चाहते
25:08दूसरी तरफ ड्रामे में दिकाया जाता है
25:12कि मेमल की मंगनी हो रही है
25:15मेमल का बाप इसे कहता है
25:17कि मेरी बेटी अगर वो इन तमाम बातों से
25:22दूर रहना चाहती है
25:24फसाद हंगामे लड़ाई जगड़े कतल वगारत
25:29तुम मेरी बेटी मेरी बात मान ले
25:32और जहां में चाहता हू वहां निकाह कर ले
25:35मेमल ने अपने बाप की बात मानी
25:39और जहां उसके बाप निकाहा
25:41मेमल ने खुशी खुशी बहाँ शादी करने के लिए रजमन्दी जाहिर कर दी
25:47उसकी पुपु भी बहुत ज्यादा खुश है
25:50मेमल अपने गरवालों का बरपूर साथ देगी
25:55हाँ लेकिन मिंटु सहाब फिरोज की बात मानते है
25:59फिरोज ने किया किया फिरोज ने मिंटु सहाब से मुलाकात की
26:04और मिंटु सहाब से कहा कि मैं इससे बहुत ज्यादा महब्बत करता हूँ
26:10अगर मेरी और इसकी शादी हो जाती है तो हमारा हंदान बहुत सारे नुकसानाद से बच सकता है
26:18हमारा हंदान बहुत सारी मुश्किलात का सामना जो हमारा हंदान करता है उससे हम बच सकते है
26:27अगर मेमल मेरी जिन्दगी में आ जाए तो मैं अपनी जिन्दगी में दोसे दस लोगों की कतल को मजीद आगे बढ़ने से रोक सकता हूँ
26:41मेंटो सहाब उसकी बात समझ जाते हैं और मेमल की मंगनी पर पहुंझ जाते हैं
26:48मेमल की सारी सहेलिया वजूद होती है हंदानी इज्टिमा होता है रिष्टदार में वजूद होते हैं एक बहुत बड़ा तक्रीब मुनकद होता है
26:59सब लोग बहुत ज्यादा खुश नजर आते हैं असूसन मेमल की पुपु यहां मेमल की पुपु ने मेमल को मेंटो सहाब की बारे में बहुत पहले ही अबरदार कर दिया था
27:13क्या तुम्हारे में बारे में क्या सोच रखे है और वो क्या चाहते है अब फिरोज मेंटो सहाब को इस्तिमाल करेगा इस बात के लिए कि वो मेमल की मेंगनी को रोके है
27:29میمل کی پپی
27:30اس کی حیر ہواہی کر رہی ہوتی ہے
27:33وہ اسے
27:34بہت پیار کر رہی ہوتی ہے
27:36एक تو میمل
27:38بہت پیاری لگ رہی ہوتی ہے
27:40دوسرا
27:41اس کا حندان
27:43اسے بہت پیار کرتا ہے
27:45کیونکہ
27:45وہ دو بائیوں کی لارلی بہن ہے
27:48اور بائی بھی
27:49ایسے ہیں
27:50کہ ایک جو ہے
27:52وہ हوالات میں بند ہے
27:53اور دوسرا
27:54اپنی زندگی سے بھی
27:57بہت پریشان ہے
27:58मेमल की मंगनी एक मौज़स हंदान में हुई
28:02हंदान में दिकाया जाता है
28:04कि उसके उलिदाएं मेमल से बहुत प्यार करते है
28:08मंगनी के मौके पर ही
28:10सब लोग मेमल के आगे पीछे बूम रहे थे
28:14मेमल अपने च्थदारों के साथ कड़ी हुई
28:17तस्वीर बना रही होती है
28:20कि इतने में मेंटू सहाब भी वहां मौजूद होती है
28:24मारिया बेगम भी मौजूद होती है
28:28सब लोग एक दुसरे को देख कर वहां परिशान हो जाते है
28:33लेकिन मेंटू सहाब मंगने के बहाने
28:37मेमल से बात करने जाते है
28:39मेमल से जाकर बात करते है
28:41और उसे समझाते है
28:43कि फिरोस तुम से बहुत महबत करता है
28:46वो तुम से मिलना चाहता है
28:48वो तुम से एक मरतबा बात करना चाहता है
28:52मेमल मेंटो साब की बात सुनकर
28:55बहुत ज्यादा परिशान हो जाती है
28:58और केती है कि मैं ये हत्रा कभी नहीं ले सकती ना ही मैं आपके साथ जाओंगी
29:05मुझे मालूम है कि लड़कों की बातों में दोका होता है
29:09अगर मैं यहां से आज चले गई तो मेरे लिए बहुत ज्यादा हत्रनाक हो जाएगा
29:16मैं फिर किसी को मुध दुकाने के काबिल नहीं रहूंगी
29:20ये तो वही मन्जर हो जाएगा जो मेरी सहेली के साथ हुआ था
29:26मेमल मेंटू साहब से कहते है कि मैंने अपनी सहेली के हादसे से बहुत कुछ सीका है
29:34और मैं कभी नहीं चाहूंगी कि कल उसने मेरा रिश्टा रोका था
29:39और इस बात का बड़ला उस सारे जिंदगी मुझ से ले
29:44तो आप ब्राए कराम उससे जाकर ये बात कहे दे
29:48कि मैं उसके जिंदगी में खुद को शामिल नहीं करना चाहती
29:54और ना ही वो मेरी जिन्दगी में शामिल हो
29:57मैंने उसके लिए अपनी जिन्दगी के तमाम दर्वाजे बंद कर दिये है
30:04और मैं चाहते हूँ कि वो भी मेरी तरफ से अपनी जिन्दगी मेरे तमाम दर्वाजों को मेरे लिए बंद कर दे
30:13क्योंके मैं ना उसकी जिन्दगी में आना चाहती हूँ और ना ही उसे अपनी जिन्दगी में लाना चाहती हूँ
30:20मेंटू सहाब मेमल की बाते सुनकर बहुत ज्यादा हिरान हो जाते है
30:26और मंगने की तकरीब हत्म होते ही मारिया बेगम के साथ गर रावाना हो जाते है
30:33मेंटू को अब कहीं लगही मेमल से महबबत हो गई है
30:38वो मिस मारिया से कहते है कि महबबत कोई जजबाती कैफियत नही बलके एक ताकत है
30:45एक ऐसी जजबाती शिदत है जिसे किसी भी सूरत में बयान तक नहीं किया जा सकता
30:53मिस मारिया बहुत ज्यादा हेरान होकर मेंटू से कहती है
30:58हेर हे सर मेंटू सहाब आपने तो कभी ऐसी बात नहीं की थी
31:04कहीं आपको भी महबबत तो नहीं हो गई मारिया
31:08मैं तो बस यहीं आप से महबबत के बारे में बात कर रहा था
31:14اور محبت اور مجھے
31:16یہ कیسے हो सकता है
31:18लेकिन मिस मारिय जानती है
31:20कि कही न कही
31:22सर मिंटू मेमल को बसंद करने लगे है
31:25इसलिए उन से कहती है
31:28कि कही हूँ मेमल तो नही
31:30तब वो हेरत से मिस मारिय की तरफ देखते है
31:33ऐसी बात नही है
31:35मारिया अब गलत सोच रही है
31:38मैं गलत सोच रही हूँ
31:40या आप मुझे कुलकर बताना नहीं चाहते
31:43वैसे मैं आपकी दोस हूँ
31:45काफी अरसे से आपको जानती हूँ
31:48जब भी मैं मेमल के बारे में आपसे गुफटगू करती हूँ
31:52तो आपके चीहरे पर एक अजीब से मुस्कुराह रोती है
31:56जिसे देखकर ही मुझे अंदाजा हो गया था
32:00कि आप मेमल से महबबत करने लगे है
32:02लेकिन आपको इस बारे में मालूम होना चाहिए
32:06ये किस कदर अतरनाक हो सकता है
32:09क्योंके फरहाद तो मेमल को किसी और की जिन्दगी का
32:13हिस्सा बनने की जाज़त नहीं दे सकता
32:16अगर वो उसके मंगेतर की जान ले सकता है
32:20तो सोचिए
32:21अगर उसे ये बात मालूम हो गई
32:25कि आप मेमल से महबबत करते है
32:27तो वो आपका क्या हाल करेगा
32:30तब सर मेंटू काफी ज्यादा गबरा जाते है
32:33लकिन वो मेमल को कोना नहीं चाहते
32:37सर मेंटू मेमल की मंगने पर पूंड जाते है
32:42हिमल की सारी सहेले मौझूद होती है
32:45हंदानी इच्टिमा होता है
32:47रिष्धधार मौझूद होती है
32:49एक बहुत बड़ा तकरीब मौनकत होता है
32:52सب लोग बहुत ज्यादा खुश नजर आते है, हश्वसान मेमल की पुपई, हाँ मेमल की पुपई ने मेमल को मेंटु साहब के बारे में बहुत पहल ही अबरदार कर दिया था,
33:07कि तुम्हारे मेंटु सहाब तुम्हारे बारे में क्या सोच रखे है और वो क्या चाहते है आप फिरोज मेंटु सहाब को इस्तिमाल करेगा इस बात के लिए
33:19कि वो मेमल की मंगने को रोके मेमल की फुक्पी उसकी हेरखाही कर रही होती है
33:25वो उसे बहुत प्यार कर रही होती है एक तो मेमल बहुत प्यारी लग रही होती है
33:32दुसरा उसका हंदान उसे बहुत प्यार करता है क्योंकि वो दो बाईों की लाड़नी बेहन है
33:40और बाई भी ऐसे है के एक जो है वो हवलात में बन है
33:45और दुसरा अपनी जिन्दगी से भी बहुत परिशान है
33:49मेमल की मंगनी एक मौज़स हंदान में हुई हंदान में दिखाया जाता है
33:54कि उसके वलेदाइन मेमल से बहुत प्यार करते है
33:58मंगनी के मौगे पर ही सब लोग मेमल के आगे पीछे गूम रहे होते है
34:04मेमल अपने रिष्टदारों के साथ कड़ी हुई तस्वीर बना रही होती है
34:09के इतने में मेंटु सहाब भी वहां मौज़ूद होते है
34:13मारिया बेगम भी मौज़ूद होती है
34:17सब लोग एक दूसरे को देखकर वहाँ परिशान हो जाते है
34:22लेकिन मेंटु सहाब मंगने के बहां
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