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  • 7 weeks ago
झारखंड में मौसम का मिजाज लगातार बदलता रहता है, लेकिन जानकारी मिलने में देर हो जाती है. वजह अपना रडार नहीं होना है.

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00:00जहारखन देश के उन खास प्रदेशों में से एक है जहां वजरपात काफी अधिक होता है
00:06तो बंगाल की खारी से बनने वाले सिस्टम की वज़े से इस राज में लगतार मौसम का मिजाज बदलता रहता है
00:14एसे में धर्ती के ठीक उपर वाले मौसमी हलचल को सटीक तरीके से अबजर्ब करने में रडार की भूमिका काफी बर जाती है
00:24लेकिन हैरत की बात यह है कि मौसम के द्रणाची के पास अपना कोई रडार नहीं है
00:30ऐसे में ततकालिक मौसम चेताबनी जारी करने के लिए मौसम के द्रणाची के बगानिकों को परोसी राज पच्छिम बंगाल, बिहार और उरिशा के रडार पर निर्भर रहना परता है
00:42वरिये मौसम पुर्वानवान बेग्डानिक, एससी मंडल के अनुसार, पटना, कोलकता या पारा ड्रीप से जारकन की दूरी इतनी अधिक है कि रडार से मिलने वाले संकेत असपष्ट नहीं होते हैं
00:56वहीं निदेशक ने भरोसा दिलाया कि इस वर्ष के अंत तक राची मौसम केंदर के पास अपना अत्याधुनिक रडार होगा
01:05इसके लिए एक ट्राइल भी हो चुका है
01:09ये जो मौसम के अबजर्वेशन के लिए रडार कई बहुत बड़ी दूनिका है
01:17और ये रडार कई तरह के होते हैं सबका अपना अलग अलग डोर है तो अभी जो लेटेस्ट जो हम लोग के अगल वगल में लगा हुआ है
01:26मितलब अलग परोसी राज्यों में राची में तो नहीं है जैसे पतना में है और कॉलकाता में है
01:33तो इसी जडार से हम लोग मदद लेते हैं तो वहां डॉपलर वेजर राडार है इसका है 200 किलोमेटर रेंज कमें पकड़ता है अट्मोसफेर को स्कैन करके बताता है तो इनका बढ़िया से वह सारा प्रोफाइल जो है अट्मोसफेर का बताता है तब रही बुम का कि किस त
02:03कव किया उसके डेवलोपमेंट के शुरुवात से लेकर के और डिकेइंग स्टेज तक मतलब खतम होने तक वह पूरा वह करता है और बताता है तो उसको देख करके हम लोग यह आपका थंडर स्टॉर्म आंधी वगरार का जो है चताबनी जारी करते हैं ओला ब्रिस्टी का �
02:33बड़ा साहयक होता है तो अपने यहां जब नहीं है रडार तो कैसे काम चलाते हैं तो जैसा कि अभी पटना और कलकता के रडार से जो मदद ले रहा हैं लेकिन बढ़ियां से हमारा जो रीजन है जारखन का वो बढ़ियां से पकर नहीं पाता है लेकिन फिर भी इंडिके�
03:03अपने अपने अडार है तो हम सटटा से जो है थंडर स्ट्रम सेल का जो पुर्वानमान है
03:33the economic development of the two months,
03:36the development of the living model,
03:42forecasting model,
03:45and the rest of the policy of the regimen,
03:48we are doing the work of them.
03:51Actually, the regimen of the regimen
03:55will be required to come this year.
03:57The process is under process.
04:00We have done some testing in this year, so in this year our radar will come.
04:12So, after that, our now casting will come.
04:20निदेशक डॉक्टर बावु राज पीपी ने यह भरोसा दिलाया है कि इस वर्ष के अंत तक राची मोसम केंदर के पास भी अपना अत्याधुनिक डॉपलर रडार हो जाएगा
04:31तब केंदर और भी सटीक तरीके से आंधी, वजरपात, ओला विरिष्टी और हैवी रेन का दातकालिक मोसम चतावनी जारी कर सकेगा
04:42ETV भारत के लिए राची से उपेंदर कुमार की रिपोर्ट
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