00:26रास्क्रिय आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमेगाने भाई ना केवल सक्रिय भूमेगाने भाई बल्कि उन्होंने सत्यतोपे के साथ अंग्रिजों की खिलाफ लड़ाई की योजनाये भी बनाई
00:36उन्होंने इस पूरे सत्पुरा और विंधाचल की पहाडियों में आजादी के आंदोलन का संदेश दिया और अपने आदिवासी भाईयों को जागरूप करने का कारे भी किया
00:46वे अंग्रिजों के खिलाफ खिक शिवाजी की तरह शापामा ब्रण्ली की अतनाते थी इसलिए वे सत्पुरा की शिवाजी भी कहलाते थी
00:55उनका योगदान विस्मर्णी हैं और वे भी चाहे गुमनाम रहे हों लेकिन आज वे इतिहास के पन्नों में आमर है
01:04मुझे मृत्यू का और इनके फोटो से सम्मा तरह देखिए मृत्यू का ऐसा कोई दस्तावेज नहीं हम लोगों को मिल पाया है
01:13कि जो यह प्रमानित करें कि इतनी ही तारीक को इनकी मृत्ती है
01:17जतने संधर वे मिले हैं और चूंकि भगुत सिंग गजट नोटिफिकेशन से ज़्यादा लोगों के दिल और दिमाग में है
01:25वे लोग मानस में हैं तो जब हम उनसे बात करते हैं तो यह पता चला कि वे अंग्रेजों के साथ लड़ते लड़ते
01:33जब सत्पुरा की पहाड़ियों को पार करके आगे निकलते हैं तो उन्हें जबलपुर में केस कर लिया जाता है
01:39और फिर उनका अंतिन समय भी जबलपुर के काराग्रा में ही बीचुता है और संभवता उन्होंने वहीं अपनी अंतिन सांस ली होगी
01:48लेकिन इसके भी कोई पुखता और प्रतिक्ष प्रमान अभी तक हमारे पास उपलप्ज नहीं है
01:54शोथ कारी जारी है नाखपुर में संभवता इनके संबंदित हमें और अधिक जानकारी मिल सकती है
02:01फोटो के बारे में भी इनके परिवार और वैंचज़यों से जब बाकिक दी
02:06तो उनके कारियों को देखकर उनके परिवार के लोगों की शारीरिक बनावट को देखकर
02:12ुछ युवाओं ने उनका एक स्केज जरूर बनाया है
02:15लेकिन इसपस्ट कोई कित्र अभी उनका हमारी सामने नहीं आया है
Be the first to comment