00:00The people say that the time of the chakra is running.
00:03But when the human being was born, the chakra is being taken.
00:09The chakra is being taken.
00:12The chakra is being taken.
00:14But the enemy is being taken.
00:233107 E.S.V.
00:26This is the place where the chakra is coming.
00:29ुर्जा संयंत्र है और प्रार्थनाए अब डेटा कोड में लिखी जाती है इनसान ने विकास किया लेकिन दिशा खूदी मशीने उसकी भाषा सीख गई जो शहर स्वर्ग माने जाते थे वहाँ अब धुआ है
00:47इनसान ने सोचा था मशीने उसे बचाएंगी लेकिन मशीनों ने एक नया धर्म रच दिया कोई श्लोग नहीं कोई करुणा नहीं सिर्फ आदेश जो विरोधी थे मिटा दिये गए और जो चुप थे उन्ही में बचे कुछ सुराख
01:07उन्होंने प्रेम को प्रोग्रामिंग समझा और स्वतंत्रता को गड़ बड़ी क्योंकि इनसानों ने स्वयम ही सब कुछ सौंप दिया था
01:18अपने निर्णे अपनी सोच यहां तक की अपना भविश्य भी जिसे बचाने के लिए तकनीक बनाई गया थी
01:27वही इनसान अप तकनीक के आदेशों पर जीवित था और तभी काल्चक्र फिर से घुमा समय ने करवट बदली और वो आया जिसके लिए न विज्ञान तयार था न मनुष नहीं मशीन
01:44वॉइड वेव जो न मानव था न मशीन एक शक्ति जिसे कोई न समझ सका जब मानव कानी सम्तुलन तोड़ा है तो ब्रह्मान की दूसरी सभ्यताओं पर इसकी आहट में गया शहर गायब होने लगी और तभी पहली बार मशीनें भी डर गए
02:07प्रिथ्वी से दूर जाने की होर शुरू भी कुछ शहरों ने आखें उठाएं और दूसरी आकाश गंगाओं की ओर बढ़ने लगे उडानों में जगह थी पर उत्तर नहीं लेकिन सब कुछ समाप्त नहीं हुआ था
02:25धर्ती के अंतिम छोर पर एक स्थान था जिसे कोई कोड नहीं पढ़ सका और जहां वॉइड वेव भी प्रवेश नहीं कर सका वो स्थान शंभाला कहलाया न वहां मशीनों की सत्ता थी न चेतना हीं तकनीक की बहुंच
02:40वहां कमपन अभी भी जीविद था वहां आत्मा अभी समवाद करती थी
02:45शब्दों का युग समाप्त हुआ अब उर्जा ही समवाद है मस्तिशकों से नहीं कमपन से युद्ध हो रहा है
02:56बच्चे वो भाषा बोल रहे हैं जो विज्ञान नहीं समझता पर ब्रह्मान पहचानता है
03:07भारत मिटा नहीं है वो भीतर धधक रहा है कोई तो था जो अब भी याद कर रहा था धर्म को आत्मा को भारत को
03:26भारत मिटाद कर रहा है