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00:00क्राइन सीन गांधी कॉलोनी में मनोज गुपता का घर था
00:12नजारा भेंकर था
00:15ये जुर्म 14 मार्च 2017 की सुभे सुभे रिबोट हुआ
00:18लाशों के पास बैठ कर जो आदमी रो रहा था
00:31हमें पता चलने वाला था कि ये कतल हुए आदमी का छोटा भाई था
00:35जाहिर तोर पर ये एक ट्रिपल मर्डर का केस लग रहा था
00:38पर बहुत जल्द हमें पता चलने वाला था
00:41कि इन तीन लाशों के अलावा एक चौथी लाश भी बिचाई गई थी
00:45उस चौथे कतल तक पहुँचने का रास्ता लंबा होने वाला था
00:49इनस्पेक्टर सत्यान चौथरी
01:12आप पर पहला चार्च ये है कि आपने मानव अधिकार समिती द्वारा भेजे गए
01:17आपके खिलाफ दर्जन और शिकायतों का एक भी जवाब नहीं दिया है
01:19चार्च नंबर टू राजनेतिक राली के दौरान बंदो बस ड्यूटी पर ला परवाही
01:25चार्च नंबर थ्री सबसे कंभीर चार्च
01:28मॉलस्टेशन और सेक्शल हैरस्मित का
01:30एक महिला से अपने नौकरी के बदले सेक्स की मांग की और उसे मॉलस्ट भी किया
01:35अब मैं क्या कहूं सर एक साथ इतने सारे केसिस का यूं अचानक से आ जाना
01:41साफ जाहिर होता कोई साधिश है
01:43सर इसका तालोग कहें गांधी कालोनी के ट्रिपल मुडर केस की इंवेस्टिकेशन से नहीं
01:48साफ सा बोलो सकते हैं
01:50मुझ पर उपली उठा रहा हूं
01:51नहीं सर
01:52मैं सिर्फ पूछ रहा हूं
01:54चार्जिस तुमारे खिलाफे तुम्हे जादा मालूम होना चाहिए
01:57चार्जिस बेबुनियाद हैं सर
01:59बेबुनियाद नहीं है
01:59बंदबस पर लापरवाही और हुमन राइट्स वगरा के चार्जिस से तो मैं निकलवा सकता हूं
02:05और निकलवा हूंगा
02:06लेकिन ये
02:08मॉलस्टिशन चार्ज
02:10लेकिन सर
02:11इस पेचीदा ट्रिपल मर्डर केस के इन्वेस्टिगेशन के पीचो पीच
02:27मुझे पर अचानक से हुए इन आरोपों की बौचार के खिलाफ
02:30मुझे खुद अपना बचाफ पेश करना था
02:33जहां तक हुमन राइट्स कमिशन के भेजे कर लेटर्स का सवाल है
02:36तो मैं कहना चाहूंगो
02:37कि हर दूसरे संदिक्त का परिवार ये हुमन राइट्स वाला पैंतर अपनाता है
02:41ताकि सस्पेक्ट्स को हमारी कस्टडी से अलग किया जा सके
02:45संजे, पुजारी, विने, पंडित, सनी, अरोरा
02:48और दसे किसे थर्ड डिग्री और टॉचर के कंप्रेंट्स है
02:51आपने इन में से एक भी कंप्रेंट का जवाब देना अपनी ड्यूटी नहीं समझी
02:54मेरी ड्यूटी है जुर्मों की इंवेस्टिकेशन करना
02:56जवाब देने का मुझे टाइम नहीं मिला
02:58आपको दिये गए सरकारी पावस को
03:08सिम्मेदारी के साथ निभाने के वज़ए आपने उसका गलत इस्तमाल किया है
03:11सॉरी सर, मुझे असर नहीं लगता
03:13चार्ज नंबर दू, आपके नाग के निचे कोई अग्या टेंपो पाक कर गया
03:17राली के उसी लिन पर, जिस पर से पूरे स्टेट के बड़े-बड़े लीडर्स का काफला गुजरने वाला था
03:22आपके स्टेटमेट में आप कहते हैं, मैंने पूरा इलाका तीन-तीन बार स्कैन किया था
03:29यही टेंपो है, सर
03:39कैसे पोचा यहां पर? मुझे नहीं पता, सर, यहां कैसे है अंदर चेकिया? खाली है, सर
03:45ओके कॉपी, मंतरी जी का काफिला एरपोर्ट से रावना हो चुका है, दस मिनिट में यहां से गुजरेगा
03:50जल्दी से टेंपो के एक तरफ रखेलते हैं
03:53पाइलेट वहेकल वहारी चॉक क्रॉस कर रही है, मैदान पोड की तरफ आ रही है
04:05टेंपो वहां कैसे पहुचा, सर, किसी को कुछ पता नहीं है
04:08लेकिन एक बात है, कि हमने उसकी वज़ा से, रैली या कॉनवोय में कोई भी अर्चन नहीं आने थी
04:13पर आपने तीन-तीन बार स्कान किया था अपना इलाका
04:15कुछ भी हो सकता था, लेकिन कुछ हुआ तो नहीं
04:18पर हो तो सकता था ना?
04:19हाँ, हो सकता था
04:20हमारी गल्ती थी
04:22मैं कुपूल करता हूँ
04:25चार्ज 3
04:28मॉलस्टेशन
04:30मॉलस्टेशन के चार्ज का पूरी तरह से खंड़न करता हूँ
04:42और अगर यह वही और श्रीवानी तो मैं आपको बता दू कि मैं से ठीक से जानता तक नहीं था
04:47उसने एक नागरिक होने के नाते मदद के लिए फोन किया
04:50और मैं एक पुलिस ओफिसर के नाते मुष्से मिलने के लिए राजी को हूँ
04:53That's it
05:18May I come in sir?
05:21Yes please
05:22Complaining की स्टेटमेंट है हमारे पास
05:24आपने उसे अपने कैबन में बुलाया
05:26अश्री प्रस्ताव रखा और उसे गलत तरीके से चुग
05:30शरवात तो करनी वरते है
05:32आप बाते किये जा रहे थे वो अनकमफ़टेबल हो रही थी
05:35फिर भी आप रुके नहीं
05:37और उसके बाद गलत तरीके से उसे चुग
05:39उस औरत को लोपन दिलाने का लालज देकर उसके सामने शर्ते रखे
05:44उस औरत की शब्दों में उसे सेक्षिल फेवर मांगा
05:48आप मुझे शहर के बाहर में लिए
05:50कोई अच्छी थी जगा फिक्स कर दूँगा
05:52उसके बाद आराम से बैठकर सारी बाते करेंगे
05:56आप ही के थाने के कुछ गवा है जिन्होंने ये स्टेटमेंट्स दी है कि जब वो औरत आपके काबिन से निकली
06:06आपके काबिन से निकली तब वो बिखरी हुई हालत मेंटिन इस्पेक्टर
06:11ऐसा कुछ हुआ ही नहीं
06:13मेरे आज तक के सर्वेस रिकॉर्ड में मेरे खिलाफ कभी कोई ऐसी कंप्लेंट दर्ज नहीं हुई है
06:17हर चीज का फर्स टाइम होता है
06:19शहद आपके लिए फर्स टाइम ना हो लेकिन किसी ओरत का आपके खिलाफ कंप्लेंट करना फर्स टाइम हुआ है
06:25और मतलब क्या है आपका वो औरत किसी खुफिया मकसद से ऐसा कर रही है
06:30पूरी संभावना है
06:31क्यों संभावना है एक्स्प्लेंट कीजी
06:34देखिए मैं उसकी कंप्लेंट की तहकीकात नहीं कर रहा हूँ
06:37संभावना क्यूं है मैं नहीं बता सकता
06:39इतना जुरू बता सकता हूँ कि ये खुफियम अक्सत सिर्फ उस औरत का नहीं है
06:44मतलब को ये आपको टार्गिट कर दा है
06:45जी
06:46कॉब कर रहा है
06:47अब क्यों
06:48कवरे सर आपका ट्रांसफ़र हो रहा है
06:58क्यों
07:01चार्ज इस बहुत गंबिर है सत्यन
07:02खासकर मॉले स्टेशन वाला चार्ज
07:05रक्षक बख्षक नहीं बन सकता
07:07मुझे टार्गिट किया जा रहा है सर
07:09कौन कर रहा है तुमे टार्गिट
07:10वो अभी मुझे मालूम नहीं है सर
07:14लेकिन कुछ तो है
07:15सत्यन तुमारे ट्रांसफ़र ओडर्स तो दिस्पेश हो चुके है
07:17पर चार्ज इस खारिज नहीं हुए
07:19इंक्वारी तो फेस करनी होगी
07:21नितिन क्या इस सब का तानलोग गांधी कलोनी के मर्डर्स है
07:25क्या हम मुझेरिम को पकड़ने के लिए
07:28सही दिशा में इंवेस्टिगेट कर रहे थे
07:31पता ने सर
07:31सर क्या ये शरत गुपता वाकई में इतना मासू है
07:35जितना ये पेश आ रहा है
07:36हम को बुछ सूचने ही रहा है
07:38हम रोज की तरह सुबर सारे चाह बजाज उठे
07:44हरोज बाबी पहले सुबर उठकर चाह बनाती थी सब के लिए
07:50पर जब आज हम चाह के लिए के चिन में गए तो
07:55नहीं तो बाबी वहां पे थी और नहीं चाह बनी थी
07:59अब हमको लगा कि शाह दूद फट गया होगा या खत्म होगा होगा तो लेने गई है
08:04लेकिन जब हम भाव जाके देखा तो धर्वासा अंदर से बन था तो सोचा कि शाह चो रही होंगे हमको लगा कि लेट सोय होंगे
08:14तुमारे अपने मां से कोई बात नहीं हुए
08:17तुमारे में रहती है वो टीक से चल फिर नहीं सकती है और हम गये थे उनसे बूछने उनके कमरे बहारे भावी तक नहीं आई है यह आकर वापस लेका यह ज़िए यह ज़िए पता नहीं बेटा हमको तो चाह नहीं दिया अब तक चलिए हम देखता है
08:37अब हमको लगा कि एक बार चत पर जाकर देखा इतने सालों में भावी ने चाह के लिए कभी लेट नहीं किया सब्सक्राइब
08:47यह वहाँ कुछ बियर की बॉडल्स है वो कल की है या उसे पहले की है
08:58कल की होंगी शायद सब्सक्राइब
09:01मनुष भी अपने दोस्त राकेश के साथ बैठ कर पिये थे
09:08कहां में लगा है राकेश अभी आया इसर कवर सुनका
09:13ही नीचे होगा
09:23हम कुछ नहीं सुने बैठे
09:26माजी छत पर तीन-तीन लोगों के गले काटे गए
09:30आपने आवास कैसे नी सुने
09:32अब रात को ठीक से सोते तक नहीं
09:36उठते रहते
09:38कोई आवास हुई होती
09:40तो जरूर सुनते
09:42शरत का आवास लगाते
09:46कि देख बैटा
09:48क्या शोर हो रहा है
09:50हम साम के साढ़े साथ बजे के लगभग यहां पर आया थे
09:53यहां पर आया थे वियर लेकर
09:54मनोज का बढ़ते बनाने
09:56अम मनोज भी उसी वकते लौटा था
09:58अब इसके बाद हम सब लोग मिलके केकेक काटे
10:00केकेक काटे
10:27उसके बाद
10:28हम अरो मनोज यहां चट पर बैटकर वियर भी रहते
10:31अब आते कर रहे थे
10:33नया साइट का ओडर मिला है राकेश
10:37क्या बाद है
10:38बताई हो
10:39कुछ सत्तर मजदूरों का रिक्वार्मेंट है
10:42सत्तर
10:43नितने जारेक जुगाड की से करो
10:45करना पड़ेगा दोस्त
10:46बड़ेगा दोस्त
10:47बड़ा कंस्ट्रक्शन है
10:48और यार अब ना बड़ा गेम की है
10:50यह बाके मस्त है
10:52अज सुनाय ना भावी ने अस्वेसल खाना बनाया था
10:54तो मनोज कहने लगा यही चट पर लगा दे
10:56पर लगा दे
10:57बाकी सबी ने नीचे ही खा लिया
10:59माह शिपर और हम यही खाना खाएं थे सार रात में
11:03फिर शिपर अपने पापा के पाद चट पर चली गया और
11:05और हम अपने कमरे में चमिए
11:08तुम्हारे भाईया भावी और शिपरा हमेशा चट पर सोते थे
11:14अजया गर भी हों सब्सक्राइब तुम क्यों ने
11:20मा के लिए सब्सक्राइब उन्हें कभी भी ज़रुद पढ़ जाती है तो वो
11:26हमें आवाज लगा देती यह राकेश क्या दस बजे घर से निकला था
11:31हम देखे नहीं सब्सक्राइब निकले थे हमें यहां से
11:37तुम जब निकले तो दर्वाजी पर कौन आया था मेरा मतलब कुंडी अंदर से किसने बंद किता
11:46उबर सिप्रस हो गई थी अम अनोज बिस्तर लगा रहा था तो अपको नीचे छोड़ने सुनाए न भाभी आई थी
11:52अरे बादे बॉय रहने दीजिये हम आके करते हैं यह सब अरे नहीं हम करने ना मनोज चलो हम निकलते हैं तर्वेलेंगे यह ठीक है बुड़नाइट तुम याके दर्वाजा बंद कर दो तुमारा नीचे वैसे भी कितना सारा काम बागी है
12:06अर्ष नेचे वाण आपके हैं चलिए शर्त तीन-तीन मढरू है चट पर एक भी आवाज नीचे नीचे यह तो हमें समझ में नी यहा रहा कि तीनों में से ने आवाज की नहीं कि हमको कैसे कुछ पतानी चला से शर्त तुम्हारी माबी यही कह रही है कि उन्हने कुछ नही स
12:36वो राद को बारा बजे फिर एक बजे और फिर सुबह की चार बजे उठी थी
12:41फिरत ये राकेश क्या सच्च मुझ घर से निकला था
12:44उस पर शक करने की हमारे पास हमारे पास कोई वजह नहीं
13:06सर उपर आसाने से चड़ सकता है को बिए पर तीन लोगों को मारा है
13:19तो हमलावर एक से जाद हों गई होगे पकका
13:22तीन तीन विट्टेम्स एक से जाद हमलावर और कोई आवस नहीं
13:28मैडम हम गहरी नीन में थे लेकिन एक बात हजब नहीं होती
13:32तीनों में से किसी न भी आवाज नहीं कि मैडम
13:36वो मनोज का दोस्त है न राकेश हम सुन रहे थे हैं जब उआ
13:40इंस्पेक्टर साब से बात कर रहा था वो कह रहा था कि
13:44डस बजे घर से निकल गया हमका नहीं लगता आप राकेश को जानते
13:51राकेश और मनोज का कोई मसला था क्या या कोई घरेलू मामला दोनों भाईयों मनोज और शरत के बीच में कोई यन बन अफ घर में तो सब कुछ ठीक था की लगता था
14:03ता मेडम और मनोज बहुत महिंती आदमी था लेबर कांट्रेक्टर का काम सीख सीख कर अपने बल पर उपर आया था
14:11और शरत उमानोज का दंदे में हाथ बटाता था इलो बहुत सालों से यहा रहते हैं और जब मनोज और शरत के पिता जी उन्हें चोड़कर चले गए तम मनोज ने बहुत अच्छे से परिवार को संभाला
14:24क्यों चले गया उसकी पिता जी बहुत सालों पहले की बात है मेडम लगभग 18 साल सशिकान जी नाम है उनका उन्होंने दूसरी साधी कर ली थी अब का है वो यहीं मांजी गंज में रहते हैं शरत के पास होगा उनका एड्रेस
14:40जह हम कहरें दस बज हम निकल गए थे तो दुबारा से पोच रहें क्या मतलब ऐसा चुड़ा का चुपाया राकेश हमने बहुत तलाशी ली मेला नहीं तुम भी तो राद भर मनोज के कर पे थे ना सुबह कितने मिज निकले मास है आप जा कि हमाने घरबालों से जा कि पूछ
15:10सुनायना और शेपरा को क्यों मारा अरे हमने नहीं मारा उन्हें सर मनोज हमारा दोस्ता दस साल से हमारा उसका दोस्ती था हम उसको मजदूर लाके देते तो वह हमको कमी संदेता था सुनायना के साथ कुई चक्कर छी है क्या बात कर रहे हैं सर अवाज क्यों नहीं सुनी मत
15:40हमने उसको भाईया के साथ बेर लेकर चट पर जाते हुए देखा था
15:43उसके बाद क्या हुआ हम नी चानते हैं
15:45शरद तुम नहीं तो फिर्फ शरद यह कर सकता है
15:49शरद रुमनोज की कोई अनबंद थी
15:52जहां तक हमें पता है नहीं थी
15:54तुम्हारी और शरद की कोई साथ कार थी तो यह सब कुछ भी नहींता सर कुछ तो था
15:59जो उस घर की चट पर हुआ था जिसका उस घर से तालोग था
16:03क्या माजरा था हमारा अधा परिवार खत्म हो गया है
16:07और आप हम पर शक करे जा रहे हैं कादिल को पता था
16:10इतीनों छख पर सोते हैं अब यह बात यह थो सिर्फ तुम्हें पदा है या राकेश को पता है हम हैं आप से आमें राकेश पर शक नहीं है तो पर कौन
16:18कौन हो सकता है, जिसके मनोच, उसके पत्नी और उसके छोटी सी बच्ची से, इतनी बेहन का तुश्मानी थी।
16:22हमको सच में कुछ नहीं मालूम है, सर।
16:24बापा के छोड़के जाने के बाद, हम दोनों भाईयों ने मा को समाला, इतनी मैनस उन्हों ने एक कारोबार किया थे, क्या कुछ नहीं सिखा नों नहीं हमें, धिखामें नहीं कि दिशादी उन्हों और आप हम भर हिसक किये जा रहे हैं बार-बाद, हमको क्या मिलेगा ऐसा �
16:54इन तीनों के सो जाने के बाद क्या शरद रात को उठा था? वो शट पे गया था? आपने कुछ ऐसा देखा या फिर कुछ भी सुना? क्या राकेश रात को वाकर ही निकला था घर से?
17:08बोल गुरू सर सुपारी हत्या है तो एक ठोस वजय चाहिए कतल की थाकि ठोस एंगल मेरे टटोलने के लिए फिलाल दो एंगल है हमारे पास दोस राकेश और भाई शरद राकेश हमारे रडार पर है तू शरद का पीछा करबा है दैना सर एकि मनुष बिल्डिंग लाइन में
17:38शरशिकान जी अपनी पतनी राधिका और दोनों बेटे मनोज और शरद को अठारा साल पहले छोड़के चले गए थे आप क्यों सर राधिका और हम एक दूसरे के लिए बने ही नहीं थे एक वक्त आया जब लगा कि बस बहुत हो गया और हम एक दूसरे से अलग हो गए पर �
18:08नों बेटों के जादा करीब तो नहीं रहें पर सुनकर धक्का बैठा है समझ में नहीं आ रहा है कि यह सब क्यों होगा चितना हम देखे सुने हैं तोनों भाजियों की बीच बहुत ही प्रेम था दोस्ती थी समझिये और वो रिस्ता हमारे चाने के कारण और भी ज्यादा म
18:38कि अपने बलबूते उसने इतना बड़ा बिजनेस सुरू किया था आपनी कोई जमीन है जो आपके जाने के बाद मनोज और शरत को मिलने वाली हो जी नहीं आप दोनों के अपने बच्चे हैं जी हां हमारा एक बेटा है बंटी पर वो मनोज और शरत से कभी मिला ही नहीं ए
19:08हमारे बेटे को इसमें क्यों गसीड रहे हैं, हम बता चुके हैं हमारा इस मामले से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है
19:14किरंजी, मैं ब्लेम नहीं कर रहा हूं, कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं, मैंने सिर्फ पूछा
19:19इतने सालों में मनुझ भाई का किसी से कोई पंगा ने हुआ
19:26सोना थे वो आदमी सोना
19:28आप चाहें तो किसी से भी पूछ सकते हैं
19:30तो क्या राजदी पंगा दोनों भाईयों के बीच में था?
19:33अरे नहीं मेडम, काम के वकत तो ऐसा कभी नहीं दिखा
19:36बल्कि शरत तो मनुझ भाई की चुपचाप सुनता था
19:39चुपचाप?
19:41चुपचाप माने वो बड़े थे और सारा धन्दा उन्होंने ही सेट किया था
19:44अच्छा ये मजदूरों के सप्लाई में तो काफी कॉमपटिशन होता है
19:47अरे पूछे मत मेडम, बहुत जिग जिग
19:49जाजदीब, मैं पूछ रही हूँ इस लाइन में जहां इतना कॉमपटिशन होता है
19:52किसी से कोई पंगा ना होना ये सोचना थोड़ा मुश्किल लगता है
19:55तो क्या किसी पार्टी से या किसी मसदूर से कभी कोई पंगा हुआ होगा
19:59मनोज का या फिर शरत का
20:01वही तो खाषियती मनोज भाई की
20:03सारा हिसाब किताब ले इन अकदम क्लीन
20:05कुछ तो कारण होना चाहिए
20:06मनोज से कोई नारास था क्या
20:09समझ ही नहीं आ रहा है मेडम, वो भी देखिये न, बर्थडे वाले दिन ही
20:32गुरू, प्रशांद, छोटे बडे सारे गिरो अटोटोले हमने
20:37किसी भी सुपारीन नहीं उठाई इस मनोज और उसकी फैमिली की
20:39बाहर के भी कुछ पंटरों से बात हुआ है
20:41बाहर का कोई भी गैंग मेंबर मांसी गन जाने की खबर नहीं
20:45गुरू, हमें क्या लगता है यह जो कांड है, वो किसी गलत फैमी में हुआ होगा
20:50गलत फैमी में एक आदी मारा जा सकता है
20:52आदमी, और बच्ची, नो चांस
20:55और गलत फैमी कैसी, कि शरत को मार नहीं आए और महरुष को मार गये
20:58फिर तो भाई, इस कांड की नस घर के भीतर ही है
21:00उधर से ही कुछ हुआ होगा
21:02क्या प्रोग्रस ने सत्यन, ये निउस फ्रेंट पेज से कब अठेगी
21:06कोशिश चल रही है सर, बोटे बात नहीं लग रहा है
21:09ये लूट और मडर वाला एंगल रूल आउट कर रहा है तुमने
21:11सर, तीन-तीन मडर हुए हैं और एक भी पैसा नहीं लूटा गया
21:14आइंगल वहीं फेल होता है सर, ये औरा सुने ना, उसका कोई लव अफेर तलाश हो
21:18मेरी फिलिंग ये है कि कोई बाहर से नहीं आया
21:22चट पर जाने का सबसे सेफ और खामोश तरीका है घर के अंदर की सीडियां
21:28इन सीडियों को फॉलो गरो सत्यन तुमें सच तक पहुचाएंगी
21:33तुमारे अपने मा से पुई बात नहीं भी
21:37सर मम्मी कमरे में रहती है ये तीक से चल फिर नहीं सकती है
21:41अब हमको लगा कि एक बार चट पर जाकर देखाएं तिन्हें सालों में भावी ने चाय के लिए कभी लेट नहीं गी है सो
21:46इस केस में अभी तक कोई मकसद सामने नहीं आया था
22:15कुछ तो ऐसा जरूर था
22:16जो हमें बताया नहीं गया था
22:18या हमसे पूछना रह गया था
22:20एक अतीत था इस केस का
22:32जिस तक हम पहुँचे ही नहीं थे
22:34उस एंगल को छुआ ही नहीं था
22:37चट पर सोने वाले परिवार नॉर्मल ही क्या करता
22:39बाहर से दरवासा बंद करता
22:42सर हमारे घर में तो बंद कर दिया जाता है
22:43क्योंकि हवा चलती है
22:45दरवाजा दिवार से टकराता है जिसके विज़े से
22:47डिस्टर्बेंस होती है
22:48और अगर पूरी फैमली अंदर सोती हो
22:51तो जाइड सी बात है सर
22:52टेरिस का दर्वाजा अंदर से बंद किया जाएगा
22:55safety के लिए
22:55तक कि कोई टेरिस के जरीए गर के अंदर ना पाए
22:58लेकिन यहाँ पूरी फैमिली अंदर नहीं सोई थी
23:00मनोज, सुनैना और शिपरा चट पर सोई थी
23:04और शरत ने में बताया कि सुभे जब वो टेरिस पे गया
23:06तो उसने दर्वाजा खोला था
23:08यानि कि दर्वाजा बाहर की तरफ से बंद नहीं था
23:10सर, कुंडी-ुंडी तो तोड़ी नहीं गई
23:11वो मैंने चेक किया था
23:13मनोज या सुनैना ने अगर टेरिस का दर्वाजा बाहर की तरफ से बंद नहीं किया
23:16तो या तो उस रात हवा बिल्कुल चली नहीं
23:18जिससे की दर्वाजा दिवार से टकराया नहीं और कोई आवाज नहीं हुई
23:22या फिर उन्होंने दर्वाजा बंद किया होगा
23:24और हुआ कुछ और होगा
23:25मतलब सर ये सारा कुछ इदिखाव है
23:28दर्वाजा खोला गया, मुडर करने के लिए
23:33लगता है सर
23:34टार्गेट
23:36टार्गेट सिर्फ मनोजगा होगा
23:38हो सकता है कि प्लैन ये था सर
23:41कि इसे एक ऐसा मुडर दिखाये जाए
23:43में कुछ और भी शामिल है
23:45पर उत्रे में ही बच्ची उड़ गई होगे
23:47असरे न गद है
23:50सुनैन को क्यों मारतिया गया होगा
23:53मैं सब श्यायद दिर्वाजा सुनैनने खोला होगा
24:00मैं शयद सुनैनना इस साजिश में शामिल थी
24:03बीच में बच्ची चग गई
24:05जिसकी विज़े से हमलावरों ने कोलैक्ट्रेली मावर बेटी दोनों को माड़ा ले ताकि गवा ना बची
24:11अगर हम इस थोरी से आगे बढ़ें तो सुनेना ने दर्वाजा या तो राकिश के लिए खुला होगा जो घर में ही कहीं छुपा बेटा होगा
24:19और अगर राकिश ने सर तो सुनेना ने दर्वाजा शरत के लिए खुला होगा
24:29ये शरत और राकिश दोनों से सक्ती से पूछताच करनी होगी
24:37सक्ती से पूछताच आपकी परिभाशा में थर्ड डिग्री निती है राइट
24:41केस में परिग्टू नहीं मिलता तो तुरन संदिक दो को टौचर करना शुरू कर दो
24:46कोई भी संदिक दोशी हो तो सिर्फ बातों से अपना जुरू कबूल नहीं करता
24:50और सक्ती से पूछताच का मतलब हमेशा थर्ड डिग्री नहीं होता
24:54और आपके केस में तो दोनों एक ही मालूम होता है
24:57क्योंकि शरत गुपता और राकेश यादव के अलावा एक लंबी लिस्ट है
25:02जो आपके सक्ती का अनुगाव कर चुके हैं
25:04मैं एक सवाल पूछता हूँ आप लोगसे
25:09या या शुरूर
25:10हमें इत्मिनान था कि इस ट्रिपल मर्डर में या शरत का हाथ है या राकेश का
25:20पर सक्ती से पूछताश के दोरां हमें एक नई लीड बिली
25:24पर अब मुश्किल ये थी कि क्या ये एक लीड थी या हमें गुमरा करने का पैंदरा
25:30हां हम जब सुबा शट पर गए तो दर्वाजा चट की तरफ से खुला हुआ था सब
25:34ठीक से याद करो शरत दर्वाजा खुला था सर मको बिल्कुल याद है दर्वाजा खुला था
25:40चुने ना या मनोज कभी चट के बाहर की तरफ से कुंडी नहीं लगाते थे
25:48यह हम नहीं जानते हैं, और हम आज तक ऐसे कभी गए नहीं चत्पर, लेकिन उस दिन गए तो धर्वाजा खुला हो तब अब हमको इतना ही पता है, वो क्या करते थे यह तो वही बता पाते से, अब हो तो है नहीं बताने के लिए, तो तुम उन पर धकेल रहे हैं, और आप, �
26:18कोई नहीं मिला, इसमें हमारी ही गलती है, हमारे माबाप ने आपको सब को सच सच बता दिया, कि हम सवादस मजे पहुच गय थे, आप लोग उस बात को नहीं मानते हैं, इसमें भी हमारी ही गलती है, हम ने उस दिन बी एर पिया था, इसमें भी हमारी ही गलती है, और हम घर
26:48लो तुमने झ़से भी मारती हैं
26:49आप पुलिस वाले नहीं होतें ना
26:50वाइसे हमसे कोई घटिया बात करता तो
26:52वै हूँ भूलिस वाला
26:53और तो महारों पी हो
26:55अब बोलो चुरह कहां से खरीदा था
26:58और उसे कहां ठिकाने लगाए
26:59कभी कहते हैं हमने मारा है
27:00कभी केते हैं सरद नहीं मारा और सची है कि हमने नहीं मारा और सरद के बारे में हमको कुछ नहीं पता है
27:04नहीं मेडम हमारे बिट्टिया ने कभी कभी मनोच की कोई शिकायत नहीं की
27:09क्या सुनेना ने बात-बात में भी कभी आप लोगों से कोई जिक्र किया
27:12पती पत्नी के जगड़ के बारे में या किसी दूसरी औरत के बारे में एक बार भी नहीं बोला हमेशा खुश्टिकते हैं उसकुरा थी और सुनेना क्या शादी से पहले सुनेना को कोई लव अफैर था रहे कैसी बात करिये मेडमा एक काम कीजिये आप हम पर दंडे बरसा ली
27:42हम हर कारण गुटर डोलेंगे सवाल होंगे शरत यह कतल घर के अंदर से वा है और घर के अंदर सिर्फ तुम और तुम्हारी मा मौजूद थे वैसे तुम्हारी मातल जी को खास कोपरेट करने रहे हैं कोई भी सवाल पूछो बस खामोश रहती है क्योंकि उन्होंने भी कु
28:12पिजन्स उनोंने अपने बल्बूटे पर खड़ा किया थे और हम शुरू से उनके अंडर काम करते थे जो भी वो प्यार से देते थे हम ले ले लेते थे खुछी खुछी और हर रही बाले पी पु nhà मं वह उच्सा दिया करते थे इतना प्यार था हम टोनोंके बीच Естьर वह मन
28:42बाल कृष्ण शुकला और देव कुमार सरोज हैं।
28:45ये बाल कृष्ण शुकला और देव कुमार सरोज ये कहा मिलेंगे यहीं मांसी गंज में।
28:49सर रहते हैं वो चौरिपुर में हैं पर मांसी गंज में आते जाते रहते हैं।
28:53इसके जाधा हमें नहीं पता।
28:54राकेश को काफी हिट दी सर, पर ये अपने स्टेटमेंट से टस्यमस नहीं हो रहा है
28:58औस सुनेना की पेरेंट से भी कुछ नहीं मिला, कहते हैं आदर्श पती-पती थे दोनों
29:03सभी के फोन कोड़ से कुछ नहीं मिल रहा सर, सुनेना और मनोश जी, इन दोनों के बाहर किसी और के साथ अफ्यर के आसार भी नजर गया रहा है
29:09असा शराद और राकेश, इन दोनों के कभी भी किसी भी क्रिमिनिट गैंग से कोई भी कनेक्शन नहीं रहा है
29:15मनोच के पिता शेशी कान जी, उनका बेटा बंटी, क्लीन सर्व
29:18सॉली सर्व, मेरी तरब से भी जीरो है, हिस्ट्री शीटर में से कुछ नहीं है, जेलों से भी कोई ख़बर नहीं है, और ना ही सामने कोई मोटीव दिख रहा है मर्डर का
29:27बाल क्रिशन शुकला और देव कुमार सरोच, मनोच के प्रॉपर्टी बिजनस पर्टनर्स, तोनों को हासिर करों, और गुरू, इन दोनों का पूरा बैक्डराउं और इनके इस पार्टनर्शिप का सारा कच्छा चिठा जल से जल चाहिए, कहीं इस प्रॉपर्टी बिजनस म
29:57उजिनों तक आफिश नहीं आएंगे तो, तो मुम समाल लेना है, ठीके सरजी, मैं साब समाल लोगा
30:27और चंदर, मेरे लिए क्या ख़वर लाएं? वो दोनों, बाल कृषण शुकला और देवकुमार सरोज, दोनों हाइबे स्पेसलिस्ट हैं
30:38वो दोनों हाइवे से लगकर छोटी-छोटी जमीने खरीते हैं, फिर बड़ी-बड़ी कंपनियों को उने बड़े दामों पर भेजते हैं
30:45और ऐसे ही किसी जमीन को लेकर मनोज और उनके बीच पंगा हुआ होगा
30:48कुछ लोगों को कुरिदना पड़ेगा, जैसे कुछ पता चलता है, आपका फोन बजेगा
30:52बात सही है सर, मनोज हमारा पार्टनर था, बहुत ही भला आदमी था
30:57और उस भले आदमी का और उसकी पत्नी और उसकी पच्ची का करतल कर दिया गया
31:00समझ भी नहीं आ रहा है कैसे हमें भी समझ में नहीं आ रहा है कि इतना घूंग घूंग कर आने के बाद हमें पता चल रहा है कि मनोज का कोई प्रॉपर्टी का बिजनेस भी था जिसमें आप दोनों पार्टनर्स थे
31:10प्रपर्टी कंगाम सुनते ही लोगों के मन में अलग-अलग खायाल आते हैं
31:12हम सिर्फ इतना कहेंगी कि हमारा काम बड़े ही काईदे से होता है
31:16हिसाब बिरकुल किलिया था सर
31:18हम सब मिलकर पैसा लागा का जमीन खरीदे
31:21ताम बढ़ जाता तो बिच देते
31:23लागत के साब से बराबर कर मुनाफ़ा बढ़ता से पार्टर के बीच अशुष तो पे रहा कोई हो चुछ गुछ वाराबर का की बिच बड़ पढ़ा हो चाहत हो तो हम लोगों को कम से कम हम तू कुछ नहीं बता सर
31:39मनोच के भाई शरत को जानते हो
31:41नहीं, बस नाम सुना था मनोच से
31:44ऐसा एना सब कि हमारे प्रोपर्टी बिजनेस में उसकी छोटी सी लागत
31:47उसका मेंड बिजनेस तो लेवर सब्लाई का सा
31:50जिसमें हमने मदद भी की थी उसकी हमारे चौरीफूर वाले प्रजेक्ट में
31:55तब ही मुलाकात भी थी थी थी ठीक है तो शरत को नहीं जानते
31:58लेकिन कभी मनोच के मूँ से उसके और शरत के बीच हुए किसी जगडे या अन्बन का कोई जिक्र सुना
32:03शरत के बारे में कोई भी बात थी चुछ याद है तुम्हें
32:07जीनिसर, मनोच ने कभी हम से जिक्र नहीं किया कि उसका उसके छोटे भाई शरत का कुछ जगड़ा हुआ हुआ है और वी अन्बन है बीच में
32:21नहीं मेडम, इस ओफिस में कभी प्रॉपर्टी वाले बिजनिस की बात नहीं होती थी, वो तु उनका साइट बिजनिस था ना?
32:27देखो राजदीब, हमें मनोच के मेन बिजनस और परसनल लाइफ से कतल के मकसद के बारे में कुछ नहीं पता चला
32:31तो हमें उस साइट बिजनिस के बारे में बता दो, शायद वहां से मकसद का कुछ इशारा मिले?
32:36देखी, अगर आपको प्रॉपर्टी बिजनिस के बारे में जानकारी चाहिए तो वो आपको शरत दे सकता है
32:41या फिर मनोच भाई के तीन पार्टनर?
32:43तीन नहीं दो पार्टनर्स रास्ती, बाल कृष्ण शुक्ला और देव कुमार सरोज
32:47अरे हा मेडम, अब तो दो ही बचे हैं, एक तो अब इस दुनिया में रहा नहीं
32:51मनोच ये तीन पार्टनर्स थे?
32:53जी हाँ
32:54तीसरे पार्टनर की मौत कब और कैसे हुई?
32:56मेडम, सुना था, कोई हाथसा हुआ था, लेकिन ज्यदा मालूम नहीं
32:59दो घंटे से बाल की खाल निकाल रहे हैं इस के, और तुमने ये बताना जरूरी नहीं समझा
33:03कि तुम्हारा एक और पार्टनर था, जो अब इस दुनिया में नहीं है
33:05है नहीं दुनिया में तो क्या बताता सर, नवीन पटेल नाम था उसका, मनोज के तरफ फस्क रास आदमी था
33:10तो कैसे मारा गया? क्या हाथसा हुआ था नवीन पटेल के साथ?
33:14हाथसा मतलब वो नवीन पर फैरिंग हुई थी
33:17मर्डर हुआ था तो तुम्हारे पार्टनर नवीन पटेल का, जैसे दूसरे पार्टनर मनोज गुपता का हुआ
33:23और तुमने हमें बताना ज़रूरी नहीं समझा
33:25दोनों के मर्डर में कोई लेना देना हो सकता था, ये बात हुआ को कैसे समझ में आता सर?
33:29समझ नहीं आता तो बतातें, नहीं बताया मतलब छुपाया देव कुमार का
33:34अब मनोज और उनके परिवार को मार डाला गया तब जागें आप लोग हमारे पती के बारे में पूछनें
33:59कुले आम गूम रहे हैं उनके कातिल आप लोगों की छत्रचाया में
34:04कौन है उनके कातिल? और कौन, वही तीनों, देव कुमार, बालकृष्ण और मनोज
34:09कहने को तो तीनों पार्टनर्स, इन जान ही ले भी उनकी जमीन के पीछे
34:14क्या कहा था आप लोगों ने हमसे? यही ना कि इन तीनों का हाथ नहीं है हमारे पती के कतल में
34:22कुछ नहीं किया आप लोगों ने
34:25कुछ नहीं किया में नियाए दलाने के लिए
34:29सर अब तो कोई डाउट नहीं है कि दोनों केसेज एक दूसरे से जुड़े हुए है
34:35पेचीदा केस है
34:37यहां संगीता पटेल ने अपने पती नवीन पटेल के मर्डर में
34:41मनोज गुपता की भी इंवॉर्मेंट बताई है
34:44सर यह बिल्कुल सच है
34:49नवीन के पत्नी ने मनोज गुपता का नाम लिया था
34:51लेकिन इन तीनों बाल कृष्ण शुकल, देवकुमार और मनोज गुपता
34:54इन तीनों के खिलाफ हमारे पास कोई सबूत नहीं
34:56किस जमीन की बात करी थे नवीन की पत्नी
34:58सर वो ऐसे ही जनरली बोली थी कि कोई जमीन का मसला है
35:01तो आपने उसे कहा था कि कोई डिटेल दो, कागजात दिखाओ थे, बस दिखाओ
35:05लेकिन वो इतनी बेहाल थी कि सिर्फ आरोप प्यारोप चिलाये आ ली थे
35:08और इधर इन तीनों के खिलाफ हमारे आप कोई सब उठाई नहीं
35:10शूट इस हाथ लगी?
35:14नहीं, अभी तक तो नहीं, छान भी जा रही है
35:16दरसल ये संगीता जो नवीन की पत्नी है
35:18इसने उन लोगों को देखा तो था
35:20लेकिन उनकी चेहरे गंचे से ढखे हुए थे
35:22और इसने उनकी गाली का नंबर भी नोट नहीं किया था
35:25और ये केस जब तक हमारे पास में आया
35:27तब तक इतनी देर हो चुक लिए थी कि
35:28नाका बंदी करने का भी मतलब नहीं
35:30तो सर उसके अलावा कोई संदेद उठाया हूंगे आपने
35:33सुपारी मार्केट से या आप हिस्ट्री शीटर से
35:36हाँ बिल्कुल उठाया है
35:37उनकी काफी तुडाई भी हमने की लेकिन
35:39अभी तक हमारे आथ पूश है उपे ने काम को
35:42हमारे जितने भी तहकीका तब तक की हुई है
35:44उसकी एक केस फाइल बनाकर मुझे तक पहुँचा दो
35:46मुझे लगता है दोनों किसिस चुड़े हुए पर हल भी साथ ही हुए
35:51हलो आप पताने कैसे लेकिन इन लोग को भनक को लग गई है
36:10नहीं कुछ गणित कर रहे हैं यह लोग वर्शा यह बालकृष्ण और देवकुमार जब मरोच के बारे में बात कर रहे थे तो बहुत आराम से बोले जा रहे थे
36:25नहीं कोई चिचक डर नाम की चीज नहीं चहरे पर भशे कर लें और सर नवीन के मर्डर के बारे में भी बताना मिस्स कर गें इतनी एहम बात नहीं बोले
36:35अब इनने दुबारा बोला कर सक पूष्टाश करनी होगा यस सर वो गुरू भी एक खबद लेकर आने पर बता नहीं वो इसके से कितना तालू करती है
36:44सर यह टिपना नवीन पडल मडर केस की है ना ट्रिपल मडर केस की बोल तो गुरू सर वो पाटनर है ना बालकेशन शुकला एप क्या है गुरू सर इस बालकेशन शुकला का दो बहुबलियों के साथ उठना बैटना है
37:14किशनलाल ठाकूर और प्रदीब कनोजिया दोनों भरत खेड़ी के बाहुबलियों और दोनों वहीं से पूरे जीले को रिमोट कंट्रों से उपरेट करते है
37:26किशनलाल ठाकूर और प्रदीब कनोजिया अगर इन दोनों बाहुबलियों का बालकृशन के साथ कनेक्शन है
37:44लग रहा है कि इसमें मनोज के बाई शरत का ही हाथ है शरत मनोज और उसकी बीवी बच्ची को मारे तो समझ में भी आता है लेकि नवीन पटेल नवीन पटेल को शरत क्यों मारे है
37:52जैन सर, गांधी कॉलोनी ट्रिपल मडर केस कहां तक पहुच है सथियन सर, एक तगड़ीग लेट है
38:02मनोज का ऊक बिजनस पार्टनर नवीन पटेल तीन महईने पहले मारा गया था सीमापूर में
38:06सत्यन मेरे पास भी तुमारे लिए एक लीड है, ट्रेपल मडर केस पर, जिसका नवीन पडेल मडर केस से कोई तालुक नहीं है, क्या लीड है सर?
38:15राकेश यादाओ, विक्टिम मनोज गुपता का दोस्त
38:19सर उसे अमने दो बार स्कैन किया है, कुछ नहीं मिला
38:26तुमें एक बहुत एहम पॉइंट मिस कर रहे हो सत्यन, जो मेरे किस सोर्स ने मुझे दिया है
38:31क्या पॉइंट है सर?
38:32अफेर में खटास आ गई थी, उठाओ, तोड़ो उसे
38:36राकेश यादाओ के खिलाफ सबूत का एक दिन का नहीं था
38:40और उसके बावजूद आपने उसे टॉचर किया ताकि वो जुर्म कबूल करे, जो शायद उसने किया ही नहीं था
38:45राकेश यादाओ वो आखरी इंसान था जो उस्रात मनोज के साथ था
38:48जिसके बाद मनोज और उसकी फैमिली का मड़र हुआ
38:51हमें तगड़ा शक था कि राकेश यादाओ ने उस रात घर छोड़ा ही नहीं
38:55तगड़ा शक था तो आपने तगड़ा टॉर्चर किया
38:58और तगड़ा शक, बिना तगड़े एविडेंस के, किस काम कर दो?
39:03हाँ, अब मुझे मकसद समझ में आ रहा है।
39:07क्या कहने वाले हैं आप?
39:08हम सब का कोई खुफिया मकसद हैं?
39:10आपको हैरेस्ट करना पो फसाना?
39:12नहीं मेरा वो मतलब नहीं था
39:13लेकिन सच कहूं तो, एक पॉइंट के बाद मुझे नहीं लगा था कि राकेश यादव किल्टी है।
39:19उसके बाद भी इस हद तक सक्ति कि आपने उसे अद्मरा छोड़ दिया।
39:22और ये कोई ऐसा पहला केस नहीं है आपके खिलाफ।
39:25इंस्पेक्टर सत्यान चादरी
39:55क्या ये सब किसी को बचाने के लिए किया जा रहा था?
40:07क्या ये सब इसलिए किया जा रहा था ताकि इन मॉर्डर्स के पीछे का असली मकसद कभी सामने ही ना है?
40:19जिस दुखती रख पर मैंने उंगली रखी थी, उस रख को फिर से कोई दबाने वादा था।
40:24झाल झाल
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