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  • 5 months ago
राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त और 26 जनवरी की असली कहानी सिर्फ अंग्रेज़ी कैलेंडर से नहीं जुड़ी, बल्कि हिंदू कैलेंडर से भी गहराई से जुड़ी है?

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00:00क्या आप जानते हैं कि हमारी राष्टिये पर्व 15 अगस्त और 26 जन्वरी की असली कहानी सिर्फ अंग्रेजी कैलेंडर से नहीं जुड़ी
00:22बलकि हिंदू कैलेंडर से भी गहराई से जुड़ी हुई है और इस कहानी का एक बड़ा हिस्सा छुपा है उज्जेन के पिरसिद्ध बड़ा गड़िश मंदिर में
00:32ये मंदिर करीब 125 साल पुराना है इसे इस्थापित किया था विश्विखियात जोतिशाचार पंडित नारायान व्यास ने
00:41कहते हैं एक बार महराश्ट के पूरे में बाल गंगधर तिलक के अदिवेशन में पंडित नारायान व्यास पहुँचे
00:49वहां तिलक जी ने उनसे एक खास सवाल किया भारत की आजादी का सबसे शुब दिन कौन सा होगा
00:57पंडित जी ने गड़ना की और जवाब दिया श्रवन मास की क्रिशन पक्ष की 14 सिदी सबसे शुब रहेगी
01:05और सन्योग देखिए 15 अगस्त 1947 जिस दिन आजादी मिली हिंदू कैलेंडर में वही तिथी थी
01:13इतना ही नहीं संवीधान लागू करने की तारिख भी पंडित नारायान व्यास ने तैकी माग महीने की शुलक पक्ष की अश्टिमी
01:23जो अंग्रेजी तारिख में 26 जनवरी 1950 बनी महाराष्ट के गणपती उत्सव से प्रेरित होकर उन्होंने इंदोर में एक विशाल गणिश पिर्थीमा की इस्थापना की जो आज बड़ा गणिश मंदिर के नाम से जानी जाती है
01:39मेरे जादा जी थे नाराइन जी व्यास मेरा जन्म उनकी म्रत्यू के बाद हुआ लेकिन वो जन्म अपने नीजी मकान सिंपुरी का छोड़के परिवार का मकान विहीन हो गए
01:52मंदर के पुजारी एवं जन्म नाराइन जन्म परिवार के लिए जमीन में जोपड़ी बना कर दो तिन साल रहे
01:59और उसके बाद न्यापर जो है न्या के चीप जश्टिस थे वो महाभारत काल नहीं करना चाहते थे तो जोतिश और सिद्दान्त पढ़ना चाहते थे
02:09तो उन्होंने दादा जी से सिद्दान्त जोतिश और अपने काल करना के लिए जो जो आवश्ट है के वो सब उनसे सीखा
02:20मंदर के पुजारी एवं जोतिश आनन्त शंकर व्याज बताते हैं
02:25आज भी हर एक पर्व तिथी अनुसारी मनाया जाता है
02:29जैसे राखी हूली दीवाली कभी एक फिक्स तारिख पर नहीं आते
02:34वैसे ही हम हमारे राश्टी पर्व को तिथी अनुसार मनाते हैं
02:39इस वर्ष आजादी का पर्व 15 अगस्त तीथी अनुसार हम 23 जुलाई को मना चुके हैं
02:45वैसे ही 26 जनवरी का पर्व हमने 15 फरवरी को मनाया था
02:50ऐसा हर साल यहां होता है जिससे हमारी प्रांचीन परंपराओं का निर्वहन हो
02:56और उन किरांतीकारी-स सतंतरा सेनानियों की विचारधारा का सम्मान बना रहे
03:02क्योंकि आज के समय में हमारे राश्टी के पर्व अंग्रेजी तारिखों में ही सिम्डे रहे गए हैं
03:08जाले जिन देखा कि गंपति की यह सापना करते हैं और गंपति की उपासना करते
03:14They said that this is true, this is the gift of God, Ganesh, God, Raja, Ganesh...
03:20After coming to the village, they thought that they had to be a small gift of God to be able to do such a great gift to be able to do such a great gift.
03:29So they had to be able to make this a great gift.
03:33First of all the government of the pandemic was made by the chief justice chief of the chief justice and after that it was a long-term.
03:44He had to study the work and to develop the work of the people.
03:51He had to leave the work of the work of the government and to develop the work of the government to do this.
03:59So in that time all the countries have been given to us today.
04:04We have also known as a new generation, Chaitre Shukrekam, Ram Naomi, Janma Ashtami, Dashara,
04:13all these are the ones that we have in our Hindi country.
04:16But after the coming years, our country has been given to us in the English.
04:22In this case, I have a lot of concern that all of these are the two parties, especially August 15 and August 26.
04:36These two parties are also in Hindi.
04:39We have started in Hindi in Hindi.
04:42We have started in Hindi in Hindi.
04:58This story is also in Hindi.
05:03We have started in Hindi.
05:13We have started in Hindi.
05:27Let's pray.
05:29Let's pray.
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