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  • 2 months ago
क्रांतिकारी संगठन हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के काकोरी ट्रेन एक्शन प्लान में मेरठ के वैश्य अनाथालय और विष्णु शरण दुबलिश की भूमिका.

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Transcript
00:00This is the city's first day to come to Kakori Kanthi.
00:05It's a living form of a place called Rannathashram and the world.
00:15This is from the place where this is the object.
00:19This is the object of the object of the object.
00:21This object is the object of the object.
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00:51काले पाने की सजा सुनाई गई थी नेलसन मंडेला जहां 39 वर्ष तक जेल में रहे थे वहीं विस्नू शरन डुबलिस एक ऐसे सक्स हैं, जो 17 वर्ष तक सलाकों के पीछे सिर्फ और सिर्फ देश की आजादी के लिए अपने जुनून
01:10ड़ कि दिवारा ने सदय भी कि उच्च कोटि के क्रांतिकारी पैदा किये हैं
01:21ना कि वले ठाट्वान की क्रांति में मेरठ ने अग्रणी भूई का निवाई बल्की
01:269 अगस्त 1925 को लखनौ से पहले जो काकोरी रेलवे स्टेशन पड़ता है उस पर क्रांतिकारियों
01:35ुपाइब द्रेन कांड से धावा बोला और काकोरी कांड के द्वारा सरकारी खजाना डूटा
01:40इस काकोरी कांड की मेरट से जड़ें जुड़ी हुई है
01:45मेरट के लोगों को तो ये भरिवाती पता है लेकिन ये हमें सभी को जानना चाहिए
01:52कि मेरट में एक प्रसिद्ध करांतिकारी हुए जिनका नाम था विश्णू सरन दुबलिष
01:58विश्णू सरन दुबलिष जी इस काकोरी ट्रेन कांड से सीधे सीधे जुड़े हुए थे
02:06मेरट के अंदर वैश्यरामानुज अनाथाल्य चलता था
02:12जिस अनाथाल्य के बारे में ये अनुशूती है कि इस वैश्यरामानुज अनाथाल्य में ही विश्णू सरन दुबलिष, रामपरसाद बिस्मिल, राजेंद्र लाहडी, ठाकुर रोसन सिंग और अर्षफाक खुला जैसे लोगों ने बैठ कर इस काकोरी ट्रेन कांड की प
02:42बिर्टिस सरकार ने 40 आरोपी बना कर उन पर मुकदमा चलाया जिसमें विश्णू सरन दुबलिष भी मुखे धूमिका में थे और इनको टोटल आठ वर्स की अंडमान निकोबार में काले पानी की सजा दी गई और क्रांतिकारी के रूप में या सतंतरता अंदुरन कारी के
03:12और 1957 से लेकर 1962 तक वो लोग सभाके सांसत रहे हैं 17 नवंबर 1986 को इस वीर सेनानी क्रांतिकारी का निधन हो गया और वे अपने पीछे देशित बलिदान सत्यनिष्ठा की प्रेड़ना छोड़ गया
03:31इसकी इतियासकार बताते हैं कि काकोरी कांट को लेकर पूरा जो रोड में तैयार किया गया था क्या कुछ खटना होनी है किस तरह से अंजाम दिया जाना है क्रांतिकारियों ने जो रननीती बनाई थी वो मेरट के इसी स्थान तो रनाई थी यह वही चबूतरा है जब यहा
04:01कि मेरा सुभाग है कि मैं ऐसे परिवार में पैदा हुआ जहां पर स्वर्गेश्री विश्यू श्रंदुब्ली जीन ने जन्म लिया और बहुत ही
04:13कि छोटी अवस्था में बाले काल में 17-18 साल की थे वो वो इस अंदोलन में पूट पड़े
04:21कि इस कॉलेज में भी पड़े हुए थे लेकिन उस वकद यह कॉलेज अंगरेज लोग चलाते थे तो इस कॉलेज को भी भहिश्कार किया और काला पानी का
04:36कि 9 अगस्त 1925 में पाकॉरी ट्रेन एक्शन का वह इंसिडेंट हुआ था जिसमें
04:42प्रेन के अंदर जो असला था और जो कैश था उसको उन्होंने लूट लिया था देश की अजादी के लिए कि इससे वह उस पैसे को इस्तमाल करेंगे
04:58कि उसमें उन्होंने पार्टिस्पेट किया था और जब
05:04सब की धर पकड़ हुई तो वह भी गिर्फतार किये गए और चुकि वह कम उम्मर के थे बाकियों के तो आपको सब पता ही अतिहास में कि उनको पासी के सजा दे दी गई थी लेकिन उनको काला पानी के लिए
05:21कि वहां पे उनको भेज दिया गया था कम से कम जिस तरह से सरक्ट बनाया जाता है कि महावारत सरक्ट है एक इस सरक्ट है तो एक
05:31फ्रीडम फाइटर जो यहां से जो कि मेरे तो फेमस है प्रथम संद्शनान करते हैं संग्राम यहीं से हुआ था तो जो हमारे लोग आना चाहते हैं इस सरक्ट को देखना चाहते हैं तो उनके पास वह होना चाहिए कि वह
05:45कि वह उस चीज को कि ब्रमड कर सकें उसके बारे में जान कर सकें तभी तो उसके हम आगे हम इस हिस्ट्री को आगे ले जाएंगे लोग उस पर पिएज़ी करेंगे लोग उस पर और निसर्च करेंगे जो बाते अभी भी छुपी हुई है वह बाते समाज के सामने आएंगी
06:15चौधरी चरण सिंग जी के रूप में स्थापित हुए और मुख मंत्री बने आगे जाके हमारे प्रधान मंत्री बने और हमारे मेरेट कॉलिज के चात्र भी रहे हैं
06:27तो कहते थे कि जो वो डिसाइड कर ले थे थे उस बात से वो पीछे कभी नहीं हटते थे
06:34लेकिन जहां अगर कोई लेटर या कोई ऐसी बात आ जाती थी जहां पर चौधरी जी के पास यह आता था कि विश्णु चरण दुब्लिज जी यह चाह रहे हैं
06:43तो उसका वो महत्वक सबसे जादा देते थे और यह डॉक्मेंटेड है तो सच में कहते हैं सरफरोश्य की तमन्ना हमारे दिल में हैं तो यह सच्चाई है
06:54युनिवस्टी के अंदर कई चात्र हैं जो इस पर दुब्लिज जी के नाम पर रिसर्च भी कर रखिए किताबी भी छपी हैं तो देख सकते हैं किस तरह से यह जो इस मारक है यह जो जगह है आज भी यहां पर मौजूद है वह चबूत्रा भी अंदर मौजूद है और आज
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