00:27खासतोर से डोनाल्ड ट्रम्प के टेरिफवार की शिरुवात की बाद
00:30अब कहीं न कहीं बारत भी डोनाल्ड ट्रम्प के टेरिफवार से निपटने के लिए भी कई सारी रन नीतिया अपना रहा है
00:38और इसी बीच देश के प्रधान मंतरी निरंदर मोदी इस महीने के अंत्मयाने 31 अगस्त से एक सतंबर तक चीन की यात्रा पे जा रहे हैं
00:49चीन में S.C.O. समिट में शामिल होने के लिए 6 साल बाद प्रधान मंतरी चीन की यात्रा पे जा रहे हैं
00:55काफी महतपून हैं और बारिकी से अमरीका की नजर प्रधान मंतरी निरंदर मोदी की चीन की यात्रा पर होगी खास तोर से
01:04क्योंकि जिस अंदाल से अमरीका ये मान के चल रहा था कि चीन और बारत के बीच में दुश्मनी चर्म पर है तो उसका वो कुछ फाइदा उठाएंगे
01:13लेकिन उस बीच एक बड़ा जो तुरुप का पता है वो बारत ने खेला है और प्रधान मंतरी जो है दो हजार उनीस के बाद करीब छे साल बाद जो है चीन की यात्रा पर जाएंगे और वहां पर S.C.O. समिट में शामिल होंगे
01:29दरसल 2020 में जब गलवान गाठी में बारत और चीन की सेना आमने सामने हुई थी उसके बाद देश के प्रधान मंतरी ने चीन की कोई यात्रा नहीं की थी लेकिन अब 6 साल बाद प्रधान मंतरी दुबारा चीन की यात्रा पे जा रहे हैं वो भी S.C.O. समिट में पुरा क्य
01:59रिष्टों और रूस के तेल ने चीजों को पेचीदा कर दिया अमेरिका के राश्ट्रपती डुनाल ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ बढ़ाते हुए 50 प्रतिशत टैरिफ का एलान कर दिया साथी साथ ट्रंप ने ये भी कहा कि अगर भारत इस पर जवाबी कार�
02:29जहां वो आज कई अधिकारियों से मुलाकात करने वाले हैं इसके कुछी दिन बाद S.J. शंकर भी रूस जाने वाले हैं और पुतिन के भी भारत दोरे की खबरे हैं ऐसे में एक तरफ भारत रूस से दोस्ती को और मजबूत कर रहा है तो दूसरी तरफ भारत अब चीन के स
02:59खबरों की माने तो चीन में होने वाली S.C.O. बैठक में इस साल P.M. मोदी भी शामिल होंगे ये पिछले कुछ सालों में भारत के प्रधानमंत्री की पहली चीन यात्रा होगी अब भारत का अगला कदम रूस में जीद दोभाल की बड़ी मुलाकाते एस जय शंकर भी जा�
03:29नहीं दूसरी तरफ अब ट्रम को टक कर देने के लिए भारत भी अपनी रणनमीतिक साथ गाट ट्रम के दुश्मनों के साथ बढ़हा रहा है
03:59उस से निपटने के लिए भारत भी अपनी तरफ से तैयारा तेज कर रहा है लेकिन कहीं न कहीं ये बहुत अमरीका को चिंतित में डालेगा और साथी साथ अमरीका की चैन को भी कहीं न कहीं बैचैन कर देगा
04:13क्योंकि सबसे बड़ी महतपून जो रिष्टे अमरीका और भारत की बीच दश्कूं से रहे हैं उसमें अमरीका भारत को बहुत गरीबी देश मालता था खास तोर से तब जबकि उसकी चीन से तनातनी बनी हुई है
04:26जब चीन में गलवान का हादसा हुआ था तो अमरीका ने उस वक्त भी बारत के कंदे पर बंदूग चलाने की कोशिश की थी वो चाहता था कि चीन और बारत के बीच जो है तनाव चीन से लगने वाली सीमा पर ज्यादा बड़े और उस बीच जो है यहां तक कि अमरीका ने
04:56देश का समर्थन उस तरीके से लेता है कि जिससे उस देश का सीधे तोर पर फाइदा होता हो चीन ने उस मिशन को उसमें वो काम्याब नहीं हुआ कि बारत और चीन के बीच तनाव जो है तकरार जो है वो बड़े क्योंकि निरबरता दोनों देशों की एक दूसरे पर है औ
05:26डोनाल्ड टरम्प को निजी तोर पर बहुत ज़्यादा परेशान करने वाला है और जाहिर है कि वो चिड़ेगा भी जरूर और साथ ही साथ अमेरिका में जो बारत को लेकर पालिसियां बनाने वाले हैं उन्होंने पहले ही डोनाल्ड टरम्प की इन जो कठोर कदम उन्हों
05:56टरम्प की चिंता भी बड़े गी और अमेरिका की भी लेकिन सबसे महत्वपून ये बात है कि क्या ये डोनाल्ड टरम्प की तरफ से जो लगातार बार बार हर देश की साथ बारत के साथी नहीं बिल्कि कई सारे देशों के साथ जो मनमानी तरीके से उनके टरिफ को लेकर �
06:26दर्दी पर आया है तब से अलग-अलग हिसों में, अलग-अलग इलाकों में, अलग-अलग देशों में ये व्यापार हुता रहा है तो उस पर क्या असर डानेगा? लेकिन अभी भी करी सारे जानकार ये भी मानते हैं कि डोनाल्ड टरम्प तमकी भी देते हैं, गोश्नाइ
06:56लगी हुई है फिलहाल बारत की तरफ से जो फैसले लिए गए हैं चाहे फिर वो संगसद में विदेश मंत्री की तरफ से अमरीका को जो आईना दिखाया गया कि जब उन्होंने रूस के साथ जो व्यापार है बारत का खास तोर से तेल जो आयात करता है रूस से उस पर जो डो
07:26हो जो उनके नुकलिर प्रोग्रेम्स के लिए अमरीका को ज़रत होता है चाहे फिर वो दूसरे खबत की चीज़ें हो जहां तक कि मैटल भी हो उन सबी चीज़ों को लेकर रूस और अमरीका के भी जो व्यापार है उस पर डोनाल्ड टरम्प की नहीं नजर है और नहीं उस �
07:56जहां और जिस जगह से देश हित में उनका व्यापार होगा वो उस व्यापार को करते रहेंगे और देश हित सबसे परी होगी तेल को लेकर भी कई बार बारत सरकार ने यह साफ किया है दुनिया में जहां से उन्हें तेल सस्ता मिलेगा वो वहीं से अपनी जंता को महगाई
08:26और रूस से भी ये एक लंबा व्यापार बारत का चलता रहा है और आगे भी चलता रहेगा
08:33तो जाहिर है कि अब इस टेरिफवार में डोनाल टरम्प को ही फैसा करना है कि क्या उन्हें बारत के साथ व्यापारिक संब्द बेहतर करने है या बिगाडने है
08:44अमेरिका के राश्ट्रपती डोनाल टरम्प ने आखिरकार भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगा दिया
08:58इसके पहले टरम्प ने 25 प्रतिशत का टैरिफ लगाया था और उसमें अतिरिक्त 25 प्रतिशत और जोड दिया है
09:06इसके पहले ट्रम्प और उनके करीबियों ने भारत पर रूस की मदद करने का भिया रोप लगा दिया था
09:11भारत को रूस से तेल ना खरीदने की भीचे तावनी दी
09:15बेरहाल अब भारत को अमेरिका के इस दबदबे का कार्ट खोजना जरूरी है
09:19और इसके लिए RIC अब जरूरी लगने लगा है
09:23RIC यानि रशिया, इंडिया और चाइना ये एक रूस का मास्टर स्ट्रोक है
09:28और ये मास्टर स्ट्रोक वेस्ट और अमेरिकी प्रभाव वाली वेस्ट के कुछ संगठनों को टक्कर देने का प्लान है
09:35एशिया में चीन, भारत और रूस को साथ लाकर एक नया जियो पॉलिटिकल सिंटर तयार करना
09:41जिसमें इतनी ताकत हो कि वो विश्व से जुड़े बड़े फैसले जो अकसर पश्चिमी देशों के हित में होते हैं
09:48उस प्रभाव को तोड़ सके
09:50रूस का प्लान
09:52रूस का एशिया वाला प्लान फिर से शुरू
09:54रूस लगतार बढ़ा रहा है भारत से हत्यारों के सौदे
09:58कूटनितिक रिष्टों में भी आई है करेवी
10:01अंतराश्य मुद्दों पर भारत का देता है साथ
10:04इसी बीच पश्चिमी देशों को चुनोती देने के लिए
10:06रूस ने फिर से रूस भारत चीन ग्रूप
10:09यानी RIC ग्रूप को शुरू करने की पहल की है
10:12पहले समझ ले कि ये RIC त्रीवपक्षिय समवाद क्या है
10:16RIC है क्या
10:181990 में यूरेशिया में दबदबा कायम करने के लिए बना RIC
10:23भारत चीन और रूस में आपसी मित्रता और व्यापार बढ़ाहना था मकसद
10:27अमेरिका नाटो और पश्चिमी देशों पर हावी होना था लक्ष
10:3120 बार हो चुकी है तीनों देशों में मंत्री स्तर की बैठक
10:35हाला कि 2020 के बाद से बैठक आयोजित नहीं की गई है
10:39भारत हमेशा से न तो दूसरों के मामले में दखल देता है
10:43ना ही ज्यादा दूसरों को अपने मामलों में देने देता है
10:46भारत ना तो कभी अमेरिका पर निर्भर रहा है और ना ही रूस पर या चीन पर
10:52हालाकि भारत ने हमेशा चीन को एक प्रतिद्वंदी देश के रूप पे देखा है
10:56लेकिन मौजूदा हालात ऐसे हैं और रूस की कोशिश है कि भारत और चीन के बीच दोस्ती हो जाए
11:03हालाकि इसमें बड़ा सवाल ये है कि क्या ड्रैगन की हरकतें भारत नजर अंदाज कर पाएगा
11:09चीन की विस्तारवादी नीती से भी भारत पहले से वाकिफ है
11:14भारत कभी भी चीन पर आँख बूंद कर दोस्ती का हाथ तो नहीं बढ़ा सकता
11:18लेकिन अगर ट्रम को टकर देना है तो चीन और रूस की राजनीतिक एक्छा शक्ती आराइसी को सफल बनाने के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी है
11:28ट्रम का टेरेफ़ोर भारत की तरफ से तकड़ा जबाब
11:35ट्रम को जिस रूस से चिड़ है एने से डोबाल वहीं पहुँच गए
11:41ट्रम चीन से चिड़ते हैं और मोधी एसीओ के लिए चीन जा रहे है
11:47भारत जुका नहीं और ट्रम ने खिस्या कर लगाया एक्स्ट्रा टेरेफ
11:53भारत और रूस की दोस्ती डॉनल्ड ट्रम को लगी तेज मिर्ची
12:00जब डॉनल्ड ट्रम को भारत के बीच टेरिफ पठक्तर बढ़ती है और ट्रम की धंकियों का दौर चलता है
12:09तो भारत के एने से अजिड डोबाल रूस दौरे पर कहुँचते हैं
12:12राष्टी सुरक्षा सलाकार अजिड डोबाल रूस के साथ भारत के रक्षा और उर्जा संबंदों को मजबूत करने के लिए मौस्को की यात्रा पर है
12:20तो डौनल्ड ट्रम जिस चीन से खुननस खाते हैं पीएम मोधी एस्सीओ समिट में शामिल होने के लिए अपना चीन का दौरा फिक्स करते हैं
12:30जैसे एपीएम मोधी की चीन यातरा की खबर आई उसके थोड़ी देर बाद डौनल्ड ट्रम ने भारत पर एक्स्ट्रा 25 फीजदी टैरिफ की घोशना कर दी
12:38और इस तरह से अब कुल टैरिफ 50 फीजदी हो गया है ट्रम्प ने उस आदेश पर भी सिगनेचर कर दिये हैं और ये आदेश सब्ताई सगस्से लागो होगा
12:46ऐसा लगता है कि ट्रम्प की ये टैरिफ वाली जिब भारत और अमेरिका के रिष्टों को ले डूबेगी
12:52लेकिन टैरिफ पर भारत ने भी ट्रम्प को जवाब दे दिया है चाहिए कुछ हो जाए जुकेंगे नहीं
12:58और ट्रम्प की इसी रवये ने रूस से तेल आयात को लेकर भारत को नई रणीती अपनाने पर मजबूर कर दिया है
13:04भारत ने जिस तरह से अमेरिका को जवाब दिया है उससे साफ है कि भारत रूस से तेल आयात नहीं रोखेगा बले ही ट्रम्प और नाराज हो जाए
13:12और अजिक डुबाल का मास को जाना ट्रम्प को जवाब है तो पियम मोधी की स्यो समिट के लिए चीन यात्रा से भी ट्रम्प और चिड़ सकते हैं
13:20पियम मोधी का चीन दौरा 31 अगस से 1 सितंबर तक होगा ये 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के 20 सेन जड़त के बाद मोधी की ये पहली चीन यात्रा है
13:32इससे पहले पियम मोधी 2018 में चीन गए थे पता और प्रधान मंत्री मोधी का ये छटा चीन दौरा है जो 70 सालों में किसी भी भारती पियम की सबसे ज्यादा चीन यात्रा है
13:42चीन जाने से पहले पियम मोधी 30 अगस को जापान दौरे पर पहुँचेंगे यहां वो भारत जापान शुकर सम्विलन में हिस्सा लेंगे
13:49आपको बता दें कि पिछले महीने भारत के विदेश मंत्री एस जैशंकर ने चीन की यात्रा की थी जहां उन्होंने चीन के राश्पती शी जिन्पिंग और विदेश मंत्री वौंगी से मुलाकात की थी
14:03जैशंकर ने जलसन सादन डेटा शेयर करने द्यापार प्रतिबंदों एलसी पर तमाव कम करने और आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ कड़ा रोख अपनाने जैसे मुद्दे पर बात की थी
14:14और जैशंकर के चीन दोरे के बाद रूस की तरफ से RIC यानि भारत चीन और रूस का त्रिकोणी ऐलाइंस बनाने का प्रस्ताव आया था जिससे पूरी दुनिया में खलबली मच गई थी
14:26वह इसलिए क्योंकि अगर भारत चीन रूस त्रिपक्षी संबाद फिर से एक्टिव होता है तो दुनिया वर्ल्ड ओर्डर के मामले में कई ध्रुबों में बढ़ सकती है और रूस ने इस तरह कोणी शक्ति के गढ़ जोड की शुरुआत करने की कोशिश की
14:38रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रई रुडेनको ने कहा है कि आराइसी को फिर से शुरू करने को लेकर हमारी भारत तो चीन से बाचीट चल रही है ये तीनों देश ब्रिक्स के संस्थापक है पर दुनिया में इनकी धाक है
14:50बड़ी बात ये है कि पुतिन की तरफ से जैसे ही भारत चीन लूज के फ्रिपक्षी संबात संक्षन को पुनर जीवित करने का प्रस्तावाता है चीन तुरंत इस पर हामी भर देता है
15:01हाला कि भारत की तरफ से इस पर बेहद नपातुला जवाब आया
15:05भारती विदेश मंत्राले की तरफ से इस इस्स्टम लंबे समय के बाद फिर से सक्रिय हो रहा है
15:12जो फ़हर संको दजसंली ये यो ली यू दीकु नैजज़ �全球