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Satya Pal Malik Passes Away : जम्मू-कश्मीर, गोवा, बिहार और मेघालय के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक का 5 अगस्त 2025, मंगलवार को देहांत हो गया. वह कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे और उनका इलाज चल रहा था. सत्यपाल मलिक ने दिल्ली स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली.सत्यपाल मलिक के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर उनके निधन की जानकारी दी गई. सत्यपाल मलिक बिहार में भी राज्यपाल थे. आधिकारिक जानकारी के अनुसार सत्यपाल मलिक को किडनी की समस्या थी.

(((Satyapal Malik, who was the Governor of Jammu and Kashmir, Goa, Bihar and Meghalaya, died on Tuesday, 5 August 2025. He was admitted to the hospital for several days and was undergoing treatment. Satyapal Malik breathed his last at Ram Manohar Lohia Hospital in Delhi. Information about his death was given on Satyapal Malik's social media account x. Satyapal Malik was also the Governor of Bihar. According to official information, Satyapal Malik had kidney problems)))

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Transcript
00:00नहीं रहे सत्यपाल मलिक
00:03आज दुनिया को कहा अलविदा
00:06राजनीती में कैसे हुई थी एंट्री
00:10जम्मो कश्मीर के पुर्व राजपाल सत्यपाल मलिक का निधन हो गया
00:14एक वक्त बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार पार्टी के उपाध्यक्ष रहे सत्यपाल मलिक अब हमारे वीच नहीं है
00:22वह चार राज़ों के राजपाल भी रहे लेकिन पिछले कुछ सालों में उनके विष्टे मोधी सरकार से लगातार बिगड़ते चले गए
00:44कई पार्टियों में उन्होंने अपना राज़नितिक ठोर तलाशा था उन्होंने बीजेपी में भारी ब्रश्टचार का दावा किया था
00:51पचास साल के लंबे सियासी करियर में उन्होंने कई पार्टियां बदली लेकिन हमेशा खुद को जाट समाज और किसान नेता के तौर पर ही बताते रहे
01:00वो खुद को लोहियावादी मानते थे और अपना राजनितिक गुरू चौधरी चरन सिंग को बताते थे
01:06बात अगर सत्यपाल मलिक के निजी जीवन की करें सत्यपाल मलिक का जन उत्तरपरदेश में बागपत के हिसाओदा गाओं में
01:1324 चुलाई 1946 को हुआ था और उन्होंनी महज 2 साल की उम्र में अपनी पिता को खो दिया था
01:20उनकी राजनीती में एंट्री भी 76 जीवन में ही हो गई थी
01:24उन्हीं सक्रिय राजनीती में लाने का श्रे चौधरी चरन सिंग को चाता है
01:281974 में चौधरी चरन सिंग की भारत एकरांती दल की टिकेट पर बागपत विधान सभा का चुनाब उन्होंने लड़ा था
01:36और महज 28 साल की उम्र में विधान सभा पहुँच गए थे
01:401980 में लोगदल के टिकेट पर वह राज्यसभा पहुँचे थे
01:43एमरजेंसी के दौरान कॉंग्रेस का पुरजोर विरोध किया था और जेल भी गए थे
01:48हलांके 1984 में उन्होंने पाला बदल लिया और कॉंग्रेस में शामिल हो गए
01:53कॉंग्रेस छोड सत्यपाल मलिक ने जन्मोर्चा पार्टी बनाई और साल 1988 में अपनी पार्टी का जन्ता दल में विले कर दिया
02:011989 में वह अलेगड से सांसत भी बने थे
02:05मुलायम सिंग यादव की राजनितिक उभार के दिनों में समाजवादी पार्टी में विश्वामिल हो गए
02:11और 1996 में सपा के टिकट से अलिगड से चुनाब लड़े लेकिन हार गए
02:162004 में बीजेपी में शामिल हुए लेकिन बागवत से चुनाब नहीं जीत पाए
02:21हलांकि पार्टी ने उन्हीं 2012 में राष्ट्रिय उपाध्यक्ष का पद जरूर दिया था
02:272017 में उन्हीं बिहार का राज़पाल बनाया गया
02:302018 में उन्हीं जम्मू कश्मीर का 2019 में गोवा और 2020 में में घाले का राज़पाल बनाया गया था
02:38सत्यपाल मलिक और बीजेपी के साथ रिष्टों में खटास किसान अंदोलन के बाद शुरू हुई
02:43मलिक 2022 में मेगाले के गवर्नर थे और इस दोरान उन्होंने कहा था कि दिल्ली की सीमाओं पर 700 किसान मर गए
02:51कुता भी मरता है तो दर्ध होता है लेकिन किसानों के लिए समवेदना की एक चिठी दिल्ली से नहीं आई
02:57उन्होंने पुलवामा हमले को लेकर भी आरोप लगाया था कि केंदर सरकार की अंदेखी की वज़ह से ये हमला हुआ
03:04इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा था कि बीजेपी ने पुलवामा का चुनाबों में फाइदा उठाया था
03:10तो कुछ ऐसा था जम्मो कश्मीर की पुर्व राजयपाल रहे सत्यपाल मलिक का राजनीतिक सफर
03:18इस वीडियो में फिलहाल इतना ही आप इस पूरी जानकारी पर क्या कहना चाहते हैं अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें
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