00:03In His life there were many waves of the Bhraghat and the people in the Bhraghat.
00:15The place where Bhraghat was found where the base of Bhraghat was.
00:22लेकिन पानी नर्वडा में इतना ज़्यादा है कि कई दूसरी सिलाओं
00:29से होते हुए छोटे-छोटे धुआधार नर्वडा बना रही है
00:33जबलपुर में बीते 30 दिनों में 30.2 इंच बारिश तरज होई है
00:39कहीं कहीं पर तो 30 इंच से भी जादा बारिश तरज की गई है
00:44कुंडम में 38 इंच तक बारिश तरज की गई है
00:47जबलपुर में 1930 में जुलाई महिने में 44 इंच बारिश हुई थी
00:54उसके बाद से ऐसा मौका कभी नहीं आया जब इतनी अधिक बारिश हुई हो
00:58बीटे 10 सालों में भी 2016 में 25.8 इंच बारिश हुई थी और पिछले साल 19.5 इंच बारिश हुई थी
01:10कुछ मौके ऐसे भी आये जब जुलाई के महिने में मात्र 7 इंच बारिश दर्ज हुई यह साल 2020 का था
01:19लेकिन 2025 में बीटे 95 सालों का रिकार टूल गया
01:24मैं इस समय जबलपुर के गवारी घाट में खड़ा हुआ हूँ
01:29हम जहां पर खड़े हुए हैं ये नर्मदा का सामा निजल इसतर नहीं है
01:33बलकि नर्मदा लगबख 30 से 40 फेट उपर है क्योंकि बर्गीबांद के लगबख 15 गेट खोले हुए हैं
01:38और उनसे लगातार पानी आ रहा है जबलपुर में पिछले 95 सालों में 30 इंच बारेस केवल जुलाई महने में दर्ज नहीं की गई थी
01:49इस साल अभी तक 30.2 इंच बारेस दर्ज हो चुकी है इसके पहले 1930 में 30 इंच से ज़्यादा बारेस हुई थी केवल जुलाई महने में
01:59ये जो अचानक से ज़्यादा बारेस हुई उसकी बज़े से नदी और तमाम चोटी दूसी नदियां हैं उनमें भी उफान है
02:07जबलपुर में केवल नर्मना में ही नहीं गौर और हिरन जैसे जो दूसी चोटी नदियां हैं उनमें भी काफी अधिक जल रासी है जबलपुर का जो संपर्क है वो नर्सेपोर और दमो जैसे जलों से भी तूटा हुआ है क्योंकि बीच की कई नदियों में उफान है
02:21तो ये जो आकड़ा है ये लगबक 95 साल बाद आया है जब जुलाई महने में 30 से ज़्यादा वारिस हुई है इसकी वज़े से नदिनाले उफान पर है और जन जीवन भी अस्त वेस्त है
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